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राज्य सरकार ने डॉल्फिन सफारी परियोजना के लिये दो स्थलों का प्रस्ताव रखा
चर्चा में क्यों?
15 मई, 2022 को झारखंड के साहिबगंज संभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) मनीष तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार ने देश के राष्ट्रीय जलीय जीवों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिये साहिबगंज ज़िले में गंगा नदी पर दो स्थलों को डॉल्फिन सफारी के लिये प्रस्तावित किया है।
प्रमुख बिंदु
- डीएफओ मनीष तिवारी ने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मांग के अनुसार राज्य सरकार ने परियोजना के लिये राजमहल में सिंघीदलन और साहिबगंज में ओझाटोली में दो स्थलों की पहचान की।
- उन्होंने कहा कि दोनों स्थलों को केंद्र की डॉल्फिन जलज सफारी परियोजना से जोड़ा जा सकता है। दोनों स्थलों के बीच की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है।
- गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से दो स्थानों साहिबगंज और राजमहल के लिये ईको-पर्यटन परियोजना के लिये प्रस्ताव मांगा था। राज्य सरकार ने अप्रैल के अंत तक अपनी योजना प्रस्तुत की थी।
- मनीष तिवारी ने कहा कि स्थलों का चयन करते समय डॉल्फिन की मौज़ूदगी और आर्थिक एवं पर्यटन संभावनाओं पर विचार किया गया। प्रस्तावित स्थल इन प्रजातियों की बेहतर निगरानी में मदद करेंगे और पर्यटन के माध्यम से स्थानीय रोज़गार को बढ़ावा देंगे।
- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने अक्टूबर 2020 में देश में छह स्थानों- उत्तर प्रदेश में बिजनौर, बृजघाट, प्रयागराज और वाराणसी, बिहार में कहलगाँव और पश्चिम बंगाल के बंडेल में सफारी परियोजना शुरू की थी।
- उल्लेखनीय है कि वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची एक के तहत संरक्षित डॉल्फिन झारखंड के साहिबगंज ज़िले में गंगा नदी के 83 किलोमीटर के हिस्से में पाई जाती हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) ने इस साल जनवरी में झारखंड में गंगा के हिस्से में एक सर्वेक्षण किया था, जहाँ 81 डॉल्फिन मिलीं।
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