गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र | मध्य प्रदेश | 17 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र, केरवा भोपाल में पाले गये 6 गिद्धों को पहली बार उनके प्राकृतिक आवास ‘हलाली डेम के वन क्षेत्र’ में छोड़ा गया।
मुख्य बिंदु
गिद्धों की मुक्ति:
- सभी गिद्धों पर सोलर पॉवर्ड GPS-GSM ट्रैकर (Ornitrack-25) लगाए गए हैं।
- जिससे उनके आवागमन के पैटर्न और आवास उपयोग की निगरानी की जा सके।
- मध्य प्रदेश में गिद्धों के संरक्षण के लिये वन विहार एवं बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के संयोजन से गिद्ध सरक्षंण प्रजनन केंद्र की शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी।
गिद्ध के विषय में:
- यह मृत जानवर खाने वाले पक्षियों की 22 प्रजातियों में से एक है, जो मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में रहते हैं।
- ये प्रकृति के कचरा संग्रहकर्त्ता के रूप में एक महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं और पर्यावरण से कचरा हटाकर उसे साफ रखने में मदद करते हैं।
- गिद्ध वन्यजीवों की बीमारियों को नियंत्रण में रखने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- भारत गिद्धों की 9 प्रजातियों यथा- ओरिएंटल व्हाइट बैकड (Oriental White Backed), लॉन्ग बिल्ड (Long Billed), स्लेंडर-बिल्ड (Slender Billed), हिमालयन (Himalayan), रेड हेडेड (Red Headed), मिस्र देशीय (Egyptian), बियरडेड (Bearded), सिनेरियस (Cinereous) और यूरेशियन ग्रिफॉन (Eurasian Griffon) का घर है।
- इन 9 प्रजातियों में से अधिकांश के विलुप्त होने का खतरा है।
- बियरडेड, लॉन्ग बिल्ड और ओरिएंटल व्हाइट बैकड वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act), 1972 की अनुसूची-1 में संरक्षित हैं। बाकी 'अनुसूची IV' के अंतर्गत संरक्षित हैं।
खतरे :
- डाइक्लोफेनाक (Diclofenac) जैसे विषाक्त जो पशुओं के लिये दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- मानवजनित गतिविधियों के कारण प्राकृतिक आवासों का नुकसान।
- भोजन की कमी और दूषित भोजन।
- बिजली लाइनों से करंट।
बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS):
- BNHS एक अखिल भारतीय वन्यजीव अनुसंधान संगठन है, जो वर्ष 1883 से प्रकृति संरक्षण को बढ़ावा दे रहा है।
- उद्देश्य: BNHS का उद्देश्य अनुसंधान, शिक्षा एवं सार्वजनिक जागरूकता के आधार पर कार्रवाई के माध्यम से प्रकृति का संरक्षण मुख्य रूप से जैवविविधता का संरक्षण करना है।
- BNHS आम जनता के लिये प्रकृति ट्रेल्स और शिविरों का आयोजन और संचालन भी करता है।
अमोनिया गैस का रिसाव | मध्य प्रदेश | 17 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के रतलाम में एक आइस फैक्ट्री में अमोनिया गैस के रिसाव से निवासियों की चिंताएँ बढ़ गईं।
मुख्य बिंदु
अमोनिया के बारे में:
- अमोनिया (NH₃) एक तीखी गंध वाली रंगहीन गैस है, जिसका व्यापक रूप से उद्योग में उपयोग किया जाता है और यह पर्यावरण और मानव शरीर में प्राकृतिक रूप से पाई जाती है।
- इसे उत्प्रेरक की उपस्थिति में उच्च तापमान और दबाव में हैबर-बॉश प्रक्रम (N₂ + 3H₂ → 2NH₃) द्वारा निर्मित किया जाता है।
- इसका सांद्रित रूप संक्षारक होता है और उच्च ताप पर जलने या विस्फोट का कारण बन सकता है। इसे संपीड़ित तरल के रूप में संग्रहित किया जाता है।
- यह जल में अत्यधिक घुलनशील है और जल के संपर्क में आने पर अमोनियम हाइड्रॉक्साइड बनाता है।
- इसमें ली-आयन बैटरियों की तुलना में 9 गुना अधिक ऊर्जा घनत्व है तथा संपीड़ित हाइड्रोजन की तुलना में 3 गुना अधिक है, जो इसे एक आशाजनक कार्बन-मुक्त ऊर्जा वाहक बनाता है।
प्रमुख अनुप्रयोग:
