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अरावली भूमि अधिग्रहण पर NGT ने मांगा जवाब
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal- NGT) ने अरावली में 180 पेड़ों को अवैध रूप से काटने और अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र का विस्तार करने के लिये वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण करने के आरोप में फरीदाबाद नगर निगम को नोटिस जारी किया है।
मुख्य बिंदु:
- आरोपों की जाँच के लिये ट्रिब्यूनल/अधिकरण द्वारा नियुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में निगम द्वारा किये गए उल्लंघनों को उजागर किया गया है।
- यह विवाद प्रतापगढ़ गाँव में 50 एकड़ भूमि को लेकर है। हालाँकि इस भूमि में से 47 एकड़ भूमि नगर निकाय के पास है, शेष अभी भी वन और स्वास्थ्य विभाग के पास है।
- NGT पैनल की सिफारिश:
- नगर निकाय को साइट पर परिचालन शुरू करने से पहले हरियाणा प्रदूषण बोर्ड से अनुमति लेनी होगी।
- उन्हें एक लीचेट उपचार संयंत्र भी स्थापित करना होगा और आस-पास के क्षेत्र में एक हरित क्षेत्र बनाना होगा जो अरावली तथा अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई के बीच एक बफर ज़ोन के रूप में कार्य करेगा।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal- NGT)
- यह पर्यावरण संरक्षण एवं वनों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी व शीघ्र निपटान के लिये राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम (वर्ष 2010) के तहत स्थापित एक विशेष निकाय है।
- NGT की स्थापना के साथ, भारत ऑस्ट्रेलिया व न्यूज़ीलैंड के बाद एक विशेष पर्यावरण अधिकरण स्थापित करने वाला विश्व का तीसरा देश बन गया और ऐसा करने वाला पहला विकासशील देश बन गया।
- NGT को आवेदन या अपील दायर करने के 6 महीने के भीतर अंतिम रूप से निपटान करने का आदेश दिया गया है।
- NGT की बैठक के 5 स्थान हैं, नई दिल्ली बैठक का प्रमुख स्थान है और भोपाल, पुणे, कोलकाता व चेन्नई अन्य चार हैं।
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