बिहार Switch to English
बिहार में जाति गणना के दूसरे चरण का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
15 अप्रैल, 2023 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में 2 करोड़ 59 लाख परिवारों की जाति आधारित गणना की शुरूआत बख्तियारपुर स्थित अपने पुस्तैनी घर जाकर परिवार के सभी आँकड़े दर्ज करवाकर की।
प्रमुख बिंदु
- जाति गणना का यह दूसरा चरण 15 मई, 2023 तक चलेगा। इस गणना के लिये पूरे राज्य में 5 लाख 19 हज़ार कर्मचारी लगाए गए हैं।
- इस चरण में राज्य के समस्त परिवारों से 17 प्रकार की जानकारी मांगी जा रही है। प्रत्येक जानकारी के लिये एक कोड निश्चित किया गया है, जिसे एप पर दर्ज किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है बिहार में जातीय गणना का प्रथम चरण 7 से 22 जनवरी के मध्य चला, इसमें लोगों के मकानों की जानकारी एकत्रित की गई।
- गौरतलब है कि बिहार में कई राजनीतिक दलों द्वारा लंबे समय से जातीय गणना की मांग की जा रही थी। जिसके चलते 18 फरवरी, 2019 और फिर 27 फरवरी, 2020 को बिहार विधानसभा और विधान परिषद् में जातीय गणना कराने से संबंधित प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे समस्त दलों ने समर्थन दिया था।
- भारत सरकार ने भी वर्ष 2011 की जनगणना में जातीय गणना की थी लेकिन आँकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया था।
- बिहार की इस जातीय गणना पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट राज्य की विधानसभा और विधान परिषद् में पेश की जाएगी और फिर इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
- इस जातीय गणना से राज्य में जातियों की संख्या, उनकी आर्थिक स्थिति का पता चल सकेगा जिससे सरकार को आरक्षण का प्रावधान करने एवं विभिन्न योजनाओं के सही क्रियान्वयन में मदद मिल सकेगी।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान में श्री गुरु नानक देव सिक्ख कल्याण बोर्ड का गठन
चर्चा में क्यों?
14 अप्रैल, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैशाखी पर्व के अवसर पर अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय के सिक्ख समुदाय के विशिष्ट सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक उन्नयन एवं सर्वांगीण विकास (कल्याण) के लिये श्री गुरू नानक देव सिख कल्याण बोर्ड के गठन को मंजूरी दी है। अल्पसंख्यक मामलात विभाग द्वारा बोर्ड के गठन के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार द्वारा गठित गुरुनानक देव सिख कल्याण बोर्ड में कुल मनोनीत 7 सदस्य होंगे, जिसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष एवं 5 सदस्य होंगे। साथ ही, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि इसमें सदस्य के रूप में शामिल होंगे। बोर्ड के सचिव पद पर अल्पसंख्यक मामलात विभाग के उपनिदेशक स्तर का अधिकारी कार्य संपादित करेगा।
- इस बोर्ड के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का रहेगा।
- इस बोर्ड का उद्देश्य सिख समुदाय के विभिन्न वर्गों के लोगों के उत्थान के लिये योजनाएँ प्रस्तावित करना और रोज़गार को बढ़ावा देने के संबंध में सुझाव देना है।
- यह बोर्ड सिख समुदाय के लिये संचालित कल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर भी सुझाव देगा। इसके साथ ही बोर्ड सिख समुदाय की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और समुदाय के परंपरागत व्यवसायों को आधुनिक रूप देने के लिये भी सुझाव देगा।
- अधिसूचना के अनुसार बोर्ड सामजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक योजनाओं में सिख समुदाय की भागीदारी, समुदाय के लिये नवीन योजनाओं की प्रगति और इनके क्रियान्वयन में आ रही कठिनाईयों और समाधान हेतु निरंतर समीक्षा करेगा।
- इस बोर्ड का कार्य सिख समुदाय के विभिन्न वर्गों की समस्या की पहचान करना, सर्वेक्षण करना तथा उनके समग्र विकास के कार्य करना है। सिख समुदाय के विभिन्न वर्गों के लोगों के आर्थिक अभिवृद्धि, उन्नयन, उत्थान के लिये विभिन्न योजनाएँ प्रस्तावित करना तथा रोज़गार को बढ़ावा देने के लिये उपाय सुझाना है।
- इसके साथ ही बोर्ड का कार्य सिख समुदाय के विभिन्न वर्गों के विकास से संबंधित योजनाओं का प्रारूप तैयार कर राज्य सरकार को अपनी अभिशंसा के साथ प्रेषित करना, सिख समुदाय की सामाजिक बुराइयों, कुरीतियों के विरुद्ध ठोस उपाय करने के लिये राज्य सरकार को अभिशंसा के साथ सुझाव देना, सिख समुदाय के लिये संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिये विभिन्न विभागों से समन्वय कर सुझाव देना है।
- इसके अतिरिक्त बोर्ड के प्रमुख कार्य सिख समुदाय के परंपरागत व्यवसाय की वर्तमान स्थिति, हालात में बदलाव के तौर तरीकों में आधुनिक दृष्टिकोण से उन्नयन के लिये सुझाव देना, सिख समुदाय की कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के उपाय सुझाना, सिख समुदाय की धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं तथा ट्रस्ट में बतौर कार्मिक कार्य करने वाले ग्रंथी/सेवकों तथा कर्मचारियों को रोज़गार के बेहतर अवसर/सुविधाएँ उपलब्ध कराने की दृष्टि से अध्ययन कर राज्य सरकार को सुझाव देना है।
- श्री गुरू नानक देव सिख कल्याण बोर्ड का प्रशासनिक विभाग अल्पसंख्यक मामलात विभाग होगा।
राजस्थान Switch to English
राज्य स्तरीय अंबेडकर पुरस्कार वितरण समारोह
चर्चा में क्यों?
14 अप्रैल, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में ‘बजट घोषणाओं को आमजन तक पहुँचाने हेतु कार्यशाला’के अंतर्गत राज्य स्तरीय अंबेडकर पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न लोगों को पुरस्कार वितरण किये।
प्रमुख बिंदु
- इस दौरान मुख्यमंत्री ने नत्थूलाल वर्मा को अंबेडकर सेवा पुरस्कार, सुनीता छाबड़ा को अंबेडकर महिला कल्याण पुरस्कार एवं एडवोकेट हरिलाल बैरवा को अंबेडकर न्याय पुरस्कार से सम्मानित किया।
- इस अवसर पर विभिन्न श्रेणियों में प्रथम स्थान लाने वाले प्रदेश के स्कूली बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया।
- मुख्यमंत्री ने कार्यशाला में महात्मा गांधी के जीवन से संबंधित साहित्य, संविधान से संबंधित पाठ्य सामग्री, डिजिटल लाइब्रेरी, ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता के प्रसार हेतु साहित्य, विद्यार्थियों द्वारा संचालित पुस्तकालय, संविधान के प्रावधानों से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में आमजन को जागरूक करने हेतु नवाचारों का अवलोकन किया।
- इस अवसर पर लोक कलाकारों द्वारा राज्य सरकार की योजनाओं पर आधारित गीत की प्रस्तुति एवं जनहितकारी निर्णयों पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
मध्य प्रदेश Switch to English
डॉ. अंबेडकर के जीवन से जुड़े पंच तीर्थों को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना से जोड़ा गया
चर्चा में क्यों?
14 अप्रैल, 2023 को मध्य प्रदेश धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़े पंच तीर्थों, उनकी जन्म-भूमि महू, शिक्षा-भूमि लंदन, दीक्षा-भूमि नागपुर, महापरिनिर्वाण-भूमि दिल्ली तथा चौत्य भूमि मुंबई को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना से जोड़ा गया है।
प्रमुख बिंदु
- बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर की जन्म-भूमि महू आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये महू में सर्व सुविधा युक्त धर्मशाला का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिये अब सेना से साढ़े तीन एकड़ भूमि के लिये अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त हो गया है।
- यह भूमि डॉ. बाबा साहब मेमोरियल समिति को लीज पर देकर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये धर्मशाला तथा अन्य आवश्यक व्यवस्थाएँ की जाएंगी।
- उल्लेखनीय है कि धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग द्वारा जारी अधिसूचना से अंबेडकर जन्मस्थली महू, शिक्षा-भूमि लंदन में 10 किंग हेनरीज रोड स्थित स्मारक, दीक्षा-भूमि-डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर ग्रंथालय एवं शोध केंद्र नागपुर, महापरिनिर्माण भूमि- डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक नई दिल्ली, चौत्य-भूमि डॉ. अंबेडकर स्मारक मुंबई को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना नियम 2012 में जोड़ा गया है।
- विदित है कि अधिसूचना में उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित संत रविदास मंदिर को भी तीर्थ-दर्शन योजना में शामिल किया गया है।
हरियाणा Switch to English
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किया भीम डिजिटल लाइब्रेरी का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
14 अप्रैल, 2023 को हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पंचकूला सेक्टर 12 ए के अंबेडकर भवन में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती पर आयोजित समारोह में भीम डिजिटल लाइब्रेरी जनता को समर्पित की और अपने स्वैच्छिक कोष से 21 लाख रुपए देने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अंबेडकर भवन में डिजिटल लाइब्रेरी खोलने और उसमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु किताबों की पूर्ति करने और शिक्षा के लिये सॉफ्टवेयर लगवाने में भी हर संभव मदद की जाएगी।
- उन्होंने कहा कि शिक्षा की अलख जगाने के लिये डिजिटल लाइब्रेरी के विजन से समाज आगे बढ़ेगा और युवाओं का भविष्य उज्जवल और सुखमय होगा। इसके साथ ही वास्तव में बाबा साहब की सोच को भी मूर्त रूप दिया जा सकेगा।
- इस लाइब्रेरी में कंप्यूटर की व्यवस्था के अलावा लिफ्ट लगवाने का कार्य भी करवाया जाएगा। इसके अलावा यदि कुछ कार्य रह भी जाएंगे तो हैफेड के सी एस आर फंड से करवाए जाएंगे।
- इस अवसर पर निदेशक आईसीएस परिमल कुमार ने कोचिंग सेंटर में टीचिंग फैकल्टी उपलब्ध करवाने एवं जेजेपी सचिव रणधीर सिंह ने लैपटॉप देने की घोषणा की।
- उल्लेखनीय है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर स्थित महू (डॉ. अंबेडकर नगर) में हुआ था। 6 दिसंबर, 1956 को इनका देहांत हो गया था।
- डॉ. भीमराव अंबेडकर पेशे से मुख्यत: विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे।
- डॉ. भीमराव अंबेडकर ने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) के साथ हाने वाले सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। उन्होंने श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री तथा भारतीय संविधान के जनक थे।
छत्तीसगढ़ Switch to English
पीएम फसल बीमा योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिये छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित
चर्चा में क्यों?
14 अप्रैल, 2023 को भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग द्वारा राजधानी रायपुर में आयोजित 9वीं राष्ट्रीय समीक्षात्मक कार्यशाला में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बेहतर एवं सफल क्रियान्वयन के लिये छत्तीसगढ़ को उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग द्वारा राजधानी रायपुर में आयोजित 9वीं राष्ट्रीय समीक्षात्मक कार्यशाला में भारत सरकार के सचिव मनोज आहूजा ने छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादन आयुत्त डॉ. कमलप्रीत सिंह को उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित करते हुए प्रशस्ति पत्र सौंपा।
राष्ट्रीय समीक्षात्मक कार्यशाला में जानकारी दी गई कि भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल की स्वचलित गणना और निपटान के लिये डिजीक्लेम मॉड्यूल का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। साथ ही पोर्टल दर्ज करने और बीमा का लाभ किसानों तक पहुँचाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की गई है।
छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 6 लाख 77 हज़ार 558 पात्र किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाया गया है। किसानों को बीमा राशि के रूप में 192.41 करोड़ रुपए की राशि दी गई है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश भर में अग्रणी राज्यों में शुमार है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
उप स्वास्थ्य केंद्र खजुरी को प्रदेश भर में मिला प्रथम स्थान
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव की उपस्थिति में रायपुर में ‘कायाकल्प योजना’वर्ष 2022-23 के अंतर्गत पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया, जिसमें हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, उप स्वास्थ्य केंद्र खजूरी को प्रदेश भर में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- ‘कायाकल्प योजना’के तहत स्वास्थ्य विभाग तथा सहयोगी संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारिओं की ओर से स्वास्थ्य संस्थाओं में उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं के आधार पर अंक प्रदान किये जाते हैं।
- इस क्रम में ज़िले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर उप स्वास्थ्य केंद्र खजुरी को पूरे छत्तीसगढ़ में पहला स्थान प्राप्त करने पर मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कायाकल्प अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- इसके अलावा ज़िले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रनहत को भी सराहना पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
कायाकल्प योजना के अंतर्गत सूरजपुर ज़िले को मिला प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित कायाकल्प स्वच्छ अस्पताल योजना अंतर्गत राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में वर्ष 2022-23 में उप स्वास्थ्य केंद्र की श्रेणी में उप स्वास्थ्य केंद्र जूर विकासखंड भैयाथान को प्रथम पुरस्कार तथा उप स्वास्थ्य केंद्र डेडरी विकासखंड सूरजपुर को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 81 स्वास्थ्य संस्थाओं को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया।
- उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाले अस्पताल को 1,00000 एवं द्वितीय पुरस्कार के विजेता अस्पताल को 50,000 की राशि प्रदान की गई।
- वहीं वर्ष 2021-22 में राज्य में प्रथम स्थान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर नवापारा कला विकासखंड प्रेमनगर को एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बसदेई को पुरस्कृत किया गया था।
- यह पुरस्कार बेहतर प्रबंधन बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को आम जनता तक पहुँचाने एवं साथ ही अस्पतालों में स्वच्छता के आधार पर प्रदान किया जाता है।
- इसके अतिरिक्त उत्कृष्ट कार्य करने पर ज़िले से सुश्री शुभम श्रीवास्तव को राज्य में सर्वश्रेष्ठ आरएमएनसीएच ए का पुरस्कार दिया गया। वहीं डॉ. तेरस कंवर नेत्र रोग विशेषज्ञ, डॉक्टर दीपक मरकाम डेंटल सर्जन को भी उत्कृष्ट कार्य करने हेतु पुरस्कृत किया गया।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर ज़िले का सीएचसी जनकपुर स्वच्छता व बेहतर प्रबंधन में प्रदेश में अव्वल
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्वावधान में रायपुर में आयोजित समारोह में मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर ज़िले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जनकपुर को स्वच्छता व बेहतर प्रबंधन हेतु राज्य में पहला स्थान हासिल करने पर प्रमाणपत्र व शील्ड से सम्मानित करते हुए पुरस्कार स्वरूप 15 लाख रुपए का चेक प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- यह पुरस्कार कायाकल्प योजना अंतर्गत 2022 -23 हेतु प्रदान किया गया।
- नवगठित ज़िला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जनकपुर को शासकीय अस्पतालों में सफाई प्रबंधन, रोग नियंत्रण, भवन एवं परिसर सौंदर्यीकरण, रोग सेवा में सुधार, स्वच्छ भारत मिशन का क्रियान्वयन, स्वच्छ अस्पताल योजना में किये गए कार्यों के आधार पर वर्ष 2022-23 के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जनकपुर की अधोसंरचना प्रदेश के निजी अस्पताल के अनुकूल है। एमसीबी ज़िले के अलावा अन्य राज्य जैसे एमपी के मरीज भी इस अस्पताल मे सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।
- यहाँ मरीजों को गुणवत्तापूर्ण ईलाज तो दिया ही जाता है साथ ही मरीजों के लिये गुणवत्तापूर्ण नि:शुल्क आहार, जैव अपशिष्ट का त्वरित निपटान, ज़िले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के लिये एक प्रेरणा का स्रोत है।
- यहाँ मरीजो एवं स्टाफ को संक्रमण से बचाने के लिये अस्पताल प्रबंधन द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली बेहतरीन है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
कबीरधाम ज़िले के पाँच स्वास्थ्य संस्थानों को मिला कायाकल्प पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्वावधान में रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में कबीरधाम ज़िले के पाँच स्वास्थ्य संस्थानों को कायाकल्प योजना का पुरस्कार प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- कायाकल्प स्वच्छ अस्पताल योजना 2022-23 के अंतर्गत ज़िले के पाँच स्वास्थ्य संस्थान ज़िला अस्पताल कबीरधाम, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरिया, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कवर्धा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इंदौरी एवं मडमड़ा उप स्वास्थ्य केंद्रों (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) को कायाकल्प पुरस्कार से पुरस्कृत किया है।
- कबीरधाम ज़िले को यह पुरस्कार वर्ष 2022-23 में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के विभिन्न मापदंडों में छत्तीसगढ़ में प्रथम स्थान हासिल करने और कायाकल्प अभियान के अंतर्गत प्रदेश में संचालित स्वास्थ्य संस्थाओं में सफाई प्रबंधन, रोग संक्रमण नियंत्रण, भवन एवं परिसर, सौंदर्यकरण, रुग्ण सेवा में सुधार, के लिये समयबद्ध कार्यक्रम, घोषित आंतरिक मूल्यांकन, सहकर्मी मूल्यांकन एवं बाह्य मूल्यांकन की कसौटी को पूरा करने पर प्रदान किया गया है।
उत्तराखंड Switch to English
मुख्यमंत्री ने गंगा समग्र ‘अविरल गंगा निर्मल गंगा’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया
चर्चा में क्यों?
16 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन में आयोजित गंगा समग्र अविरल गंगा निर्मल गंगा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रुप में प्रतिभाग कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- अविरल गंगा निर्मल गंगा अभियान के तहत गंगा को स्वच्छ रखने के लिये कार्य किये जा रहे हैं जिसमें गंगा को साफ सुथरा रखने के साथ-साथ जल स्रोतों का संरक्षण एवं संवर्धन भी शामिल है।
- गंगा के मूल स्वरूप को बचाए रखने के लिये केंद्र व राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। गंगा के साथ साथ उसकी सहायक नदियों पर भी कार्य किया जा रहा है।
- प्रथम चरण के तहत गंगा में मिलने वाले 132 गंदे नालों के पानी को एसटीपी के माध्यम से स्वच्छ किया गया है, जबकि दूसरे चरण के लिये प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है।
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