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16 ज़िलों के 8 हज़ार 108 ग्राम अभावग्रस्त घोषित
चर्चा में क्यो?
16 मार्च, 2023 को राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर 16 ज़िलों के 8 हज़ार 108 ग्राम अभावग्रस्त घोषित कर दिये। यह अधिसूचना 31 मार्च, 2023 तक लागू रहेगी।
प्रमुख बिंदु
- ज़िला कलेक्टरों से प्राप्त खरीफ फसल 2022 (संवत 2079) नियमित एवं विशेष गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर बाढ़ से फसल खराब होने पर किसानों को राहत प्रदान करने के लिये इन ज़िलों के ग्रामों के लिये के लिये अधिसूचना जारी की गई है।
- आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार झालावाड़ ज़िले के 1597 ग्राम, बारां के 1231, भरतपुर के 957, कोटा के 766, बाँसवाड़ा के 717 तथा टोंक ज़िले के 716 ग्रामों को राहत प्रदान की गई है।
- इसी प्रकार प्रतापगढ़ ज़िले के 625, बूंदी के 517, नागौर के 347, उदयपुर के 274, अजमेर के 227, धौलपुर के 58, जोधपुर के 47, सवाई माधोपुर के 14, करौली के 13 तथा श्रीगंगानगर के 02 ग्रामों को राहत प्रदान की गई है।
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राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा देने हेतु समिति का गठन
चर्चा में क्यो?
16 मार्च, 2023 को राजस्थान के शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने विधानसभा में कहा कि राजस्थानी भाषा को राजस्थान की द्वितीय राजभाषा घोषित करने के संबंध में भाषा राज्यमंत्री ने एक समिति के गठन का अनुमोदन किया है।
प्रमुख बिंदु
- शिक्षा मंत्री ने बताया कि यह समिति छत्तीसगढ़ एवं झारखंड के मॉडल का अध्ययन कर वहाँ की तर्ज पर राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
- विदित है कि शिक्षा मंत्री विधानसभा में शून्यकाल के दौरान सदस्य राजेंद्र राठौड़ द्वारा राजस्थानी भाषा को राज्य की राजभाषा बनाने एवं तृतीय भाषा के रुप में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में जोड़ने के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।
- उन्होंने कहा कि वर्तमान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत पाठ्यक्रम में राजस्थानी भाषा साहित्यिक विषय के रुप में शामिल है। उन्होंने कहा कि सक्षम स्तर से अनुमोदन के बाद इसे तृतीय भाषा के रुप में शामिल किया जाना संभव होगा।
- डॉ. कल्ला ने बताया कि राजस्थानी भाषा को मान्यता देने एवं संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के संबंध में राज्य विधानसभा के सभी सदस्यों द्वारा दिनांक 25 अगस्त, 2003 को सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया था।
- राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किये जाने के लिये केंद्र सरकार से समय-समय पर आग्रह किया जाता रहा है। इस संबंध में वर्ष 2009, 2015, 2017, 2019, 2020 व 2023 में मुख्यमंत्रियों द्वारा केंद्र सरकार को निवेदन किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रकरण भारत सरकार के स्तर पर विचाराधीन है।
- शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के ध्यान में आया है कि विभिन्न राज्यों में अलग-अलग भाषाओं को राजभाषा बनाया गया है। वर्तमान में राज्य में राजस्थान राजभाषा अधिनियम-1956 लागू है। राजस्थानी भाषा को राजभाषा में सम्मिलित करने के लिये उक्त अधिनियम में संशोधन हेतु प्रकरण का परीक्षण करवाया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि महापात्रा समिति ने भी राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिये पात्र माना है। डॉ. कल्ला ने कहा कि इस संबंध में पक्ष-विपक्ष के सदस्यों को एकजुट होकर प्रधानमंत्री से मिलकर आग्रह करना चाहिये।
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