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‘दि इनक्रेडिबल जर्नी ऑफ कोसा’ पुस्तक का विमोचन
चर्चा में क्यों?
15 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष में कोसा सिल्क की पौराणिक काल से लेकर अब तक की यात्रा, कोसे की साड़ियों और पोशाक सामग्री पर संपादित पुस्तक ‘दि इनक्रेडिबल जर्नी ऑफ कोसा’ का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- यह पुस्तक वरिष्ठ पत्रकार के. एन. किशोर एवं डॉ. राजेंद्र मोहंती द्वारा संपादित है।
- यह पुस्तक ‘कोसा’ रेशम के पीछे की पौराणिक कथाओं, इसकी ऐतिहासिक उत्पत्ति, भारत में रेशम के आगमन और विकास के बारे में बताने वाले साहित्यिक साक्ष्य और छत्तीसगढ़ में इसके आगमन के संबंध में चर्चा करती है।
- इसके अलावा यह रेशम के उत्पादन की पारंपरिक प्रक्रिया, धागा बनाने की प्रक्रिया के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के रेशमी कपड़ों, जैसे- साड़ी, ड्रेस सामग्री, फर्निशिंग आदि की प्रक्रिया पर भी चर्चा करती है।
- यह पुस्तक छत्तीसगढ़ के बेशकीमती हथकरघा कोसा उत्पाद पर एक संक्षिप्त जानकारी देगी और नई पीढ़ियों के लिये ज्ञान के भंडार के रूप में उपयोगी होगी।
- के. एन. किशोर ने बताया कि यह पुस्तक रेशम की बुनाई के पारंपरिक रूपों के साथ-साथ कोसा की यात्रा, रूपांकनों, रंगों और बुनावट के दस्तावेज़ीकरण तथा कोसा के इतिहास को संरक्षित करने का एक प्रयास है।
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छत्तीसगढ़ के 6 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण-पत्र
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीज़ों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले छत्तीसगढ़ के छह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही जगदलपुर ज़िला अस्पताल और मुंगेली ज़िले के लोरमी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रसव कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर की उत्कृष्ट सुविधाओं तथा प्रसूताओं एवं गर्भवती महिलाओं की अच्छी देखभाल के लिये ‘लक्ष्य’ प्रमाण-पत्र (LaQshya Certification) प्रदान किया गया है।
- राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र पाने वाले छह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पाँच शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक ग्रामीण अंचल का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जशपुर ज़िले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेलवा, फरसाबहार को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।
- वहीं राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र पाने वाले पाँच शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रायपुर ज़िले के तीन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंगोरा भाठा, उरला व भनपुरी, कोरबा ज़िले का ढोढीपारा तथा दुर्ग ज़िले का चरोदा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।
- उल्लेखनीय है कि ‘राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक’ प्रमाण-पत्र और ‘लक्ष्य’ प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का कई मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।
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