छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में लिये गए कई महत्त्वपूर्ण निर्णय | छत्तीसगढ़ | 17 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
16 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में रायपुर में हुई छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- इस बैठक में छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण (संशोधन) विधेयक-2022 और छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) विधेयक-2022 के अनुमोदन की अनुशंसा की गई।
- गौरतलब है कि उक्त आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये 32 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इसका अनुमोदन न होने पर विभिन्न वर्गों के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति वर्ग को भी नौकरियों में भर्ती तथा शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश संबंधी कठिनाइयाँ आ रही हैं। इसके मद्देनज़र छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में इसके अनुमोदन की अनुशंसा की गई।
- बैठक में नगरनार इस्पात संयंत्र का निजीकरण नहीं करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने का भी निर्णय लिया गया।
- मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि अनुसूचित क्षेत्रों में सामुदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने की गौरव गौर-लाटा को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा | छत्तीसगढ़ | 17 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
16 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के बलरामपुर ज़िले के उत्तरी छोर पर स्थित सबसे ऊँची चोटी गौर-लाटा को पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि गौर-लाटा पर्यटन के लिहाज से अविश्वसनीय स्थान है। स्थानीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये ज़िला प्रशासन द्वारा यहाँ लगातार प्रयास किया जा रहा था।
- विदित है कि 1225 मीटर ऊँची गौर-लाटा छत्तीसगढ़ की सबसे ऊँची चोटी है और भौगोलिक संरचना के अनुसार यह पाट प्रदेश से संबंधित है। इस चोटी से छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित बड़े वन क्षेत्र की अद्भुत खूबसूरती नज़र आती है।
- इस पहाड़ी पर कई गुफाएँ और प्राकृतिक जलस्रोत भी हैं। वतर्मान में यह स्थान स्थानीय लोगों के पर्यटन के लिये पहली पसंद है, लेकिन अब पर्यटन स्थल क्षेत्र घोषित होने से यह क्षेत्र बेहतर रूप में उभरकर सामने आएगा।
- छत्तीसगढ़ की सबसे ऊँची चोटी गौर-लाटा की पहाड़ी फिलहाल स्थानीय पर्वतारोहियों के लिये ट्रैकिंग के लिये भी प्रसिद्ध है। यहाँ अक्सर प्रशासनिक टीम और स्थानीय ग्रुप्स क्षेत्र को विकसित करने का संदेश लेकर गौर-लाटा की चढ़ाई करते हैं। हालाँकि कठिन रास्तों के कारण पर्यटकों की अभी भी यहाँ से दूरी बनी हुई है। इस कठिनाई को आसान बनाने के लिये बलरामपुर ज़िला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा पहले से ही प्रयास किया जाता रहा है।
- मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अब गौर-लाटा बलरामपुर के गौरव के रूप में विकसित हो सकेगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोज़गार के नए अवसर मिलने के साथ ही पर्यटकों को भी प्रकृति का प्यार मिल सकेगा।