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छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन
चर्चा में क्यों?
15 जनवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य शासन ने राज्य में आगामी पाँच वर्षों में 12 से 15 लाख नए रोज़गार के अवसरों का सृजन करने के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता वाले छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन के गठन का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन इसके उपाध्यक्ष तथा प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी होंगे। लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक सहित विभिन्न वरिष्ठ अधिकारी इसके सदस्य होंगे।
- मिशन के अन्य सदस्य संचालक उद्योग, संचालक तकनीकी शिक्षा, रोज़गार एवं प्रशिक्षण, संचालक मत्स्य पालन, प्रबंध संचालक ग्रामोद्योग, हस्त शिल्प विकास बोर्ड, खादी बोर्ड, प्रबंध संचालक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी गोधन न्याय मिशन होंगे।
- मिशन के माध्यम से नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कौशल विकास कार्यक्रमों के साथ उक्त नवीन कार्यक्रमों का समन्वय स्थापित किया जाएगा। साथ ही राज्य में स्थित आईआईटी., ट्रिपल आई.टी. आई.आई.एम., एन.आई.टी. जैसे अन्य संस्थानों की विशेषज्ञता का रोज़गार के नए अवसरों के सृजन में लाभ लिया जाएगा।
- राज्य में विगत 3 वर्षों में सभी ज़िलों में रोज़गार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनेक अभिनव कार्यक्रम आरंभ किये गए हैं, जिनसे बड़ी संख्या में रोज़गार के स्थाई अवसरों का सृजन हुआ है तथा लोगों की आय एवं जीवन स्तर में सुधार हुआ है।
- छत्तीसगढ़ हर्बल्स की पहल के साथ ही गोधन न्याय मिशन, टी-कॉफी बोर्ड, मछलीपालन एवं लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा देने, रूरल इंडस्ट्रियल पार्क, मिलेट मिशन तथा वाणिज्यिक वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन से राज्य में रोज़गार के नए अवसरों के सृजन की असीमित संभावनाएँ हैं।
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ई-पंचायत छत्तीसगढ़ वेब पोर्टल का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
15 जनवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने पंचायत विभाग द्वारा तैयार किये गए ई-पंचायत छत्तीसगढ़ वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल प्रमुख रूप से चार मॉड्यूल पर कार्य करने के लिये बनाया गया है।
प्रमुख बिंदु
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने वेब पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि ई-पंचायत छत्तीसगढ़ वेब पोर्टल प्रदेश को ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में डिजिटली सशक्त बनाने में कारगर साबित होगा। इससे प्रदेश राजनीतिक-सामाजिक सशक्तीकरण की दिशा में आगे बढ़ेगा। साथ ही पंचायती राज के उद्देश्यों को भी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 11 हज़ार से अधिक ग्राम पंचायतें हैं। ऐसे में पंचायत विभाग द्वारा तैयार ई-पंचायत छत्तीसगढ़ वेब पोर्टल राज्य एवं केन्द्र शासन की योजनाओं के पारदर्शिता के साथ बेहतर क्रियान्वयन, मूल्यांकन, मॉनिटरिंग और प्रशिक्षण के लिये प्लेटफॉर्म की तरह काम करेगा।
- इस पोर्टल के माध्यम से ही पंचायत विभाग द्वारा लर्निंग वीडियोज की ब्रॉडकॉस्टिंग, ग्राम पंचायत सचिवों के वेतन भुगतान, सर्वे एवं डाटा पुनरीक्षण के साथ ही विभागीय आदेश, अधिसूचना व अधिनियमों से संबंधित दस्तावेज़ों के संकलन और संधारण के लिये चार मॉड्यूल उपलब्ध होंगे।
- पोर्टल के माध्यम से पंचायत विभाग के एचआरएमएस (Human Resource Management System) सॉफ्टवेयर द्वारा प्रदेशभर की ग्राम पंचायतों में कार्यरत् पंचायत सचिवों के वेतन का ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा। एलएमएस (Learning Management System) द्वारा राज्य एवं केंद्र शासन द्वारा जारी पंचायतीराज संस्थाओं से संबंधित लर्निंग वीडियोज की ब्रॉडकॉस्टिंग की जाएगी।
- पंचायत संचालनालय द्वारा विभागीय आदेशों, अधिसूचनाओं एवं अधिनियमों से संबंधित दस्तावेज़ों के संकलन के लिये केएमएस (Knowledge Management System) तथा ग्राम पंचायतों में ग्रामसभा के आयोजन के पहले 100 बिंदुओं पर आधारभूत जानकारियों के संकलन के लिये सर्वे (Survey) मॉड्यूल भी विकसित किया गया है।
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जांजगीर-चांपा ज़िला सीएमआर में चावल जमा कराने में प्रदेश में अव्वल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मार्कफेड के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार सीएमआर में चावल जमा कराने के मामले में जांजगीर-चांपा ज़िला प्रदेश में अव्वल है। ज़िले में सीएमआर के अंतर्गत नान सेंट्रल-नॉन स्टेट और एफसीआई में कुल 1,01,277 मीट्रिक टन चावल जमा कराया जा चुका है।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा ज़िले में उपार्जन केंद्रों से 285 राइस मिलरों द्वारा धान का उठाव किया गया है। इन मिलरों को 3,96,313 मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है। साथ ही 1,20,163 मीट्रिक टन के लिये परिवहन आदेश जारी किये गए हैं।
- जांजगीर-चांपा ज़िले में नॉन सेंट्रल में 10515 मीट्रिक टन, नॉन स्टेट में 9375 मीट्रिक टन, एफसीआई में 80,785 मीट्रिक टन, इस प्रकार कुल 1,01,277 मीट्रिक टन चावल जमा किया गया है।
- इसी प्रकार धमतरी ज़िला सीएमआर में चावल जमा करने के मामले में दूसरे स्थान पर है। धमतरी ज़िले में नॉन सेंट्रल में 16,722 मीट्रिक टन, नॉन स्टेट में 15,868 मीट्रिक टन तथा एफसीआई में 49,414 मीट्रिक टन, इस प्रकार कुल 82 हज़ार 03 मीट्रिक टन चावल जमा किया गया है।
- रायपुर ज़िला सीएमआर में चावल जमा कराने के मामले में तीसरे स्थान पर है। रायपुर ज़िले में नॉन सेंट्रल में 2885 मीट्रिक टन, नॉन स्टेट में 2738 मीट्रिक टन एवं एफसीआई में 75373 मीट्रिक टन, इस प्रकार कुल 80,996 मीट्रिक टन चावल जमा कराया गया है।
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