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इन्वेस्ट राजस्थान-2022
चर्चा में क्यों?
- 15 दिसंबर, 2021 को इन्वेस्ट राजस्थान-2022 का आरंभ संपूर्ण प्रदेश में मैनचेस्टर के रूप से पहचान बना चुके भीलवाड़ा ज़िले से हुआ।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने जयपुर से वर्चुअल माध्यम द्वारा समिट में आए अतिथियों एवं उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विज़न राजस्थान के प्रत्येक क्षेत्र में विकास करना व प्रगति के नए आयाम स्थापित करना है।
- राजस्थान देश का प्रथम राज्य है जहाँ उद्योगों को बढ़ावा देने, निवेश का बेहतर वातावरण बनाने व रोज़गार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इन्वेस्ट समिट कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जिसकी शुरूआत भीलवाड़ा से हुई है।
- कार्यकम का केंद्रबिंदु् एमओयू सेरेमनी रही, जहाँ सभी क्षेत्रों के प्रमुख निवेशकों के साथ भीलवाड़ा ज़िला कलक्टर शिवप्रसाद एम. नकाते ने एमओयू निष्पादित किये।
- समिट के दौरान राज्य सरकार की उद्योगों से जुड़ी जानकारी एवं सरकार द्वारा किये जा रहे सहयोग के प्रति उद्यमियों ने उत्साह दिखाया एवं कार्यक्रम के दौरान ही 10 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा के निवेश हेतु एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किए।
- ज़िलास्तरीय समिट में 700 से अधिक उद्यमियों ने प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया, वहीं अमेरिका, दुबई, कतर, ऑस्ट्रेलिया, युगांडा, इंग्लैंड, जापान आदि से अप्रवासी भारतीयों के 26 संगठन ऑनलाइन जुड़े।
- लगभग 200 औद्योगिक इकाइयों एवं निवेशकों द्वारा टेक्सटाइल, एग्रो फूड प्रोसेसिंग, मेडिकल, टूरिज्म, मिनरल्स एंड केमिकल्स, फर्नीचर, सीमेंट प्रोडक्ट सहित अन्य विभिन्न क्षेत्रों में 10 हज़ार करोड़ रुपए से भी ज़्यादा के निवेश करने पर समझौता हुआ।
- समिट में भीलवाड़ा ज़िले के संपूर्ण उद्योग एवं वाणिज्य परिद्वश्य को दर्शाती हुए टेक्सटाइल, एग्रो फूड प्रोसेसिंग, मेडिकल, मिनरल्स व माइनिंग, बैंकिंग, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइज़ेशन, एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर, ज़िलास्तरीय सिंगल विंडो वन स्टॉप शॉप, वूडन व स्टोन कार्विंग की आकर्षक स्टॉल्स में उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।
- समिट में अतिथियों द्वारा उद्योग से जुड़ी जानकारियों के ब्रोशर का विमोचन किया गया एवं ज़िले में उद्योग की संभावनाओं की जानकारी शार्ट फिल्म द्वारा दी गई।
- भीलवाड़ा ज़िला कलेक्टर शिवप्रसाद एम. नकाते ने बताया कि 10 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश होने पर ज़िले में 25 हज़ार से ज़्यादा लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- समिट में यूआईटी की ओर से आज़ादनगर में प्रस्तावित मेडिसिटी योजना का प्रजेंटेशन दिया गया। इसमें सुपर स्पेशिएयलिटी हॉस्पिटल, फॉर्मा कंपनियाँ, पार्क आदि सुविधाएँ होंगी।
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राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में महत्त्वपूर्ण नीतिगत निर्णय
चर्चा में क्यों?
- 15 दिसंबर, 2021 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में संविदा नियुक्ति के लिये नियम बनाने, चरागाह भूमि पर बसी सघन आबादी के नियमितिकरण हेतु नीति के प्रारूप के अनुमोदन सहित कई अन्य महत्त्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिमंडल ने राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के उद्देश्य से एक निश्चित अवधि के लिये रखे जाने वाले कार्मिकों की संविदा नियुक्ति हेतु ‘राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल अपॉइंटमेंट टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2021‘ बनाए जाने का अनुमोदन किया। इस निर्णय से मैनपावर की आवश्यकता की पूर्ति के लिये ऐसे कार्मिकों को संविदा पर नियुक्त करने के नियम बनाए जाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
- मंत्रिमंडल ने चरागाह भूमि पर बसी सघन आबादी के नियमितिकरण के लिये प्रस्तावित नीति के प्रारूप का अनुमोदन किया। चरागाह भूमि का वर्गीकरण परिवर्तन व्यापक जनहित में ही अन्य राजकीय भूमि की अनुपलब्धता होने पर किया जाएगा। नीति के तहत चरागाह भूमि पर कम-से-कम 30 वर्ष से घर बनाकर रह रहे परिवारों में से प्रति परिवार अधिकतम 100 वर्गमीटर का पट्टा दिया जाएगा। आयकरदाता व्यक्ति को इसका लाभ नहीं दिया जाएगा। इस नीति से चरागाह भूमि पर बसे निर्धन परिवारों को पट्टा मिल सकेगा।
- मंत्रिमंडल ने राज्य में 1500 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क की स्थापना के लिये राज्य सरकार तथा मैसर्स अदाणी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क राजस्थान लिमिटेड की हिस्सेदारी की जॉइंट वेंचर कंपनी को जैसलमेर के भीमसर एवं माधोपुरा, सदरासर गांव में 1324.14 हेक्टेयर तथा बाटयाडू एवं नेडान गाँव में 276.86 हेक्टेयर राजकीय भूमि सशर्त कीमतन आवंटित करने की मंज़ूरी दी।
- इसके अतिरिक्त करीब 30 मेगावाट विंड सोलर हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिये केरालियां गाँव में 64.38 हेक्टेयर राजकीय भूमि को लीज़ पर सशर्त कीमतन आवंटित करने की मंज़ूरी दी गई। इससे सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
- बैठक में प्रदेश में इथेनॉल उत्पादन इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राजस्थान इथेनॉल प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी-2021 को मंज़ूरी दी गई। यह नीति स्थाई एवं वैकल्पिक ईंधन के रूप में इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देगी।
- इस नीति के तहत लगने वाली इथेनॉल उत्पादन इकाइयों को रिप्स-2019 के प्रावधानों के तहत इंसेंटिव देय होंगे। इससे राज्य के भूजल सुरक्षित क्षेत्रों (सेफ ब्लॉक्स) में इथेनॉल प्लांट नियमानुसार स्थापित हो सकेंगे, जिससे औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही किसानों, उद्यमियों एवं कामगारों के लिये लाभ के अवसर उत्पन्न होंगे।
- बैठक में राजस्थान नगर नियोजन सेवा नियम-1966 में संशोधन को मंज़ूरी दी गई। इससे सहायक नगर नियोजक की सीधी भर्ती के लिये आवश्यक अर्हता में बैचलर ऑफ प्लानिंग तथा मास्टर ऑफ प्लानिंग को सम्मिलित किया जा सकेगा। इस निर्णय से नगर नियोजन विभाग में टाउन प्लानिंग से संबंधित उच्च योग्यता, विशेषज्ञता एवं अनुभव रखने वाले अभ्यर्थी उपलब्ध हो सकेंगे, जिससे आमजन के नगर नियोजन संबंधी कार्यों को सुगमता से संपादित किया जा सकेगा।
- मंत्रिमंडल ने राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम, 2012 तथा राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम, 2013 के तहत जारी अधिसूचना में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गेनाइज़ेशन को जोड़ने का निर्णय लिया है। इससे राज्य के सभी विभागों एवं विकास प्राधिकरणों, यूआईटी, नगर निगम, नगर परिषदों, नगर पालिकाओं आदि को शौचालय निर्माण, रखरखाव एवं संचालन का कार्य समयबद्ध तथा त्वरित रूप से किये जाने के लिये एक विकल्प उपलब्ध हो सकेगा।
- बैठक में राजस्थान फाइनेंशियल सर्विसेज डिलीवरी लिमिटेड का गठन करने की मंज़ूरी दी गई। इस संस्था के गठन से राजकीय विभागों तथा स्वायत्तशासी संस्थाओं को लोक उपापन, अनुबंध प्रबंधन, कराधान, सेवा नियमों आदि क्षेत्रों में आवश्यक विशेषज्ञता, परामर्श एवं सहयोग मिल सकेगा।
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ज्ञानदूत 2.0
चर्चा में क्यों?
- 15 दिसंबर, 2021 को राजस्थान कॉलेज शिक्षा आयुक्त शुचि त्यागी ने महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में विषयपरक ज्ञानवर्द्धन, अकादमिक समस्या समाधान एवं उनके समय का रचनात्मक सदुपयोग सुनिश्चित करने के लिये ज्ञानदूत कार्यक्रम का दूसरा चरण ज्ञानदूत 2.0 आरंभ करने की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- इसके अंतर्गत दिसंबर के अंतिम सप्ताह से स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की ऑनलाइन कक्षाएँ आयोजित करवाई जाएंगी, जिनमें राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत् संकाय सदस्य पूर्णत: स्वैच्छिक आधार पर व्याख्यान देंगे।
- शुचि त्यागी ने बताया कि ज्ञानदूत के इस दूसरे चरण में फिलहाल 14 विषयों में ऑनलाइन कक्षाएँ आरंभ करवाई जाएंगी, जिनकी संख्या में विद्यार्थियों की मांग अनुसार बढ़ोतरी की जा सकती है।
- विषयवार अध्यापन व्यवस्था के लिये महाविद्यालयों के चयन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। प्रत्येक विषय को सप्ताह में 3 दिन तथा प्रत्येक दिन 30 मिनट का समय दिया जाएगा। मांग अधिक होने पर इन कक्षाओं का समय बढ़ाया जा सकेगा। इसमें कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकायों का समय अलग-अलग रहेगा।
- उन्होंने बताया कि पहले की तरह ये कक्षाएँ सभी राजकीय, निजी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिये नि:शुल्क होंगी। प्रत्येक रविवार को इन कक्षाओं का प्रॉब्लम सॉल्विंग विशेष सत्र आयोजित करवाया जाएगा।
- कार्यक्रम के संचालन के लिये आयुक्तालय स्तर पर नवाचार एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ के समन्वय में एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें डॉ. विनोद भारद्वाज को समन्वयक एवं डॉ. ललिता यादव को सह-समन्वयक नामित करते हुए 12 सदस्य और जोड़े गए हैं।
- इन कक्षाओं को दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में आरंभ करवाना प्रस्तावित है। ये ऑनलाइन लाइव कक्षाएँ नियमित अध्यापन के अतिरिक्त केवल एक सहायक शिक्षण व्यवस्था है, जो नियमित कक्षाओं का प्रतिस्थापन नहीं है।
- उल्लेखनीय है कि पिछले सत्र में कोविड-19 महामारी के कारण विद्यार्थियों की अध्ययन निरंतरता के लिये यह कार्यक्रम आरंभ किया गया था, जिसमें लगभग डेढ़ माह तक कक्षाओं का संचालन कर महत्त्वपूर्ण विषयपरक बिंदुओं पर अध्यापन करवाया गया।
- पहले चरण में 22 विषयों में 12 राजकीय महाविद्यालयों को केंद्र बनाकर 621 सत्र आयोजित करवाए गए, जिनके वीडियो कॉलेज शिक्षा राजस्थान के ज्ञानदूत चैनल पर उपलब्ध हैं, जिन्हें अभी तक 4 लाख 36 हज़ार से अधिक व्यूअर्स ने देखा है। इस कार्यक्रम में 48 हज़ार विद्यार्थी पंजीकृत हुए।
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