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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Dec 2021
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बुनकरों के हित में बड़ा फैसला

चर्चा में क्यों? 

  • 15 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के हज़ारों बुनकर परिवारों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए स्कूली छात्रों के गणवेश वस्त्रों का क्रय छत्तीसगढ़ हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित के माध्यम से करने के निर्देश दिये।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री के इस महत्त्वपूर्ण फैसले से हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ से जुड़े हज़ारों बुनकरों को नियमित रोज़गार मिलेगा और उन्हें आर्थिक लाभ पहुँचेगा। 
  • मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षण सत्र 2022-23 के लिये गणवेश वस्त्रों के क्रय के संबंध में छत्तीसगढ़ हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित को सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। 
  • स्कूल शिक्षा विभाग के प्राथमिक-माध्यमिक विद्यार्थियों को नि:शुल्क और हाईस्कूल-हायर सेकेंडरी स्कूलों में अध्ययनरत् आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों के विद्यार्थियों को मात्र 10 रुपए में गणवेश वितरित किया जाएगा।  
  • गौरतलब है कि राज्य में 292 बुनकर समितियाँ कार्यरत् हैं, जिनमें से 250 बुनकर समितियाँ हथकरघा संघ में 59 प्रकार के शासकीय वस्त्रों के उत्पादन में संलग्न हैं। राज्य सरकार द्वारा विगत तीन वर्षों में राज्य में कार्यरत् 651 महिला स्व-सहायता समूहों की 7812 महिलाओं को भी गणवेश वस्त्र सिलाई में अतिरिक्त रोज़गार उपलब्ध कराया गया। 
  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हथकरघा बुनाई रोज़गार को अपनाने के लिये इच्छुक 1346 हितग्राहियों को नवीन बुनाई प्रशिक्षण हेतु तथा 3100 परंपरागत बुनकरों के कौशल प्रशिक्षण हेतु लगभग 10.02 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की है। 
  • इसके साथ ही हथकरघा संघ द्वारा बुनकरों के बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिये कक्षा 10वीं एवं 12वीं में 60 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण होने वाले 885 विद्यार्थियों को 36.19 लाख रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है।

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‘छै कोरी, छै आगर तरिया अऊ बूढ़ा नरवा’पुस्तक का विमोचन

चर्चा में क्यों? 

  • 15 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में गोविंद पटेल के द्वारा लिखित किताब ‘छै कोरी, छै आगर तरिया अऊ बूढ़ा नरवा’का विमोचन किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस पुस्तक में दुर्ग ज़िले के धमधा विकासखंड में गोंड राजाओं के शासनकाल में खुदवाए गए 126 तालाबों की जानकारी प्रकाशित की गई है।
  • पुस्तक में उन तालाबों के नाम, निर्माण वर्ष, खसरा नंबर, क्षेत्रफल व जलभराव का उल्लेख किया गया है। 
  • इस किताब के ज़रिये प्राचीन काल से चली आ रही जल संरक्षण की परंपरा को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया है।

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ई-श्रम कार्ड बनाने में गरियाबंद ज़िला प्रदेश में पहले स्थान पर

चर्चा में क्यों? 

  • 14 दिसंबर, 2021 तक कुल 2 लाख 8 हज़ार 308 ई-श्रम कार्ड पंजीयन कर गरियाबंद ज़िला पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर है एवं लक्ष्य के विरुद्ध 169.8 प्रतिशत् की उपलब्धि प्राप्त कर चुका है। 

प्रमुख बिंदु 

  • गरियाबंद कलेक्टर द्वारा निर्धारित समयावधि में शत-प्रतिशत् पंजीयन हेतु निर्देश दिया गया था, जिसके तहत श्रम विभाग, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर एवं अन्य विभाग के सहयोग से समय से पूर्व ही निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है। 
  • इसके साथ ही समिति के सदस्यों के सहयोग से विकासखंडवार तथा ग्राम-पंचायतवार पंजीयन हेतु शिविर लगाकर गरियाबंद ज़िला को प्राप्त लक्ष्य 122692 को निर्धारित तिथि 31 दिसंबर के पूर्व ही पूर्ण कर लिया गया है। 
  • उल्लेखनीय है कि कलेक्टर द्वारा पंजीयन के संबंध में विशेष संज्ञान लेते हुए दिन में पोर्टल में हो रही समस्या को देखते हुए विशेष रूप से सभी ग्राम पंचायतों में रात्रिकालीन शिविर लगाने के निर्देश दिये गए थे, जिस पर अमल कर प्राप्त लक्ष्य को पूर्ण करते हुए समय पूर्व ही यह उपलब्धि हासिल की गई है।

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