बिहार Switch to English
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का किया उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
- 14 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास भवन में स्वास्थ्य विभाग के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का उद्घाटन तथा निरीक्षण किया।
प्रमुख बिंदु
- निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का यह देश में पहला कमांड एंड कंट्रोल सेंटर है। इसके माध्यम से सभी स्वास्थ्य केंद्रों की मॉनिटरिंग, मेडिकल उपकरणों सहित डाटा की निगरानी एवं उनके विश्लेषण किये जाएंगे।
- पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मुज़फ्फरपुर एवं नालंदा में इसकी शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से ज़िला अस्पताल मुज़फ्फरपुर की ओ.पी.डी. में डॉक्टर और मरीज़ से बातचीत कर वहाँ इलाज और सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। साथ ही नालंदा अस्पताल की ओ.पी.डी. का भी निरीक्षण किया।
- इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई काम किये गए हैं। पहले लैंडलाइन टेलीफोन के माध्यम से मुख्यमंत्री सचिवालय एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अस्पतालों में चिकित्सकों से बातकर जानकारी ली जाती थी। अब नई तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों को और प्रभावी ढंग से क्रियान्वित एवं नियंत्रित किया जा सकेगा।
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मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं का किया लोकार्पण, कार्यारंभ एवं शिलान्यास
चर्चा में क्यों?
- 14 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के ‘सभागार’में 1919 करोड़ 95 लाख रुपए की लागत वाली 772 विभिन्न योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास, कार्यारंभ, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने जमुई में भी लगभग 500 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संस्थान के परिसर में टेलीमेडिसिन स्टूडियो (ई-संजीवनी) का शुभारंभ कर निरीक्षण किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कॉफी टेबल बुक ‘मीमांशा-2021’ का विमोचन भी किया।
- मुख्यमंत्री ने 9 स्वास्थ्यकर्मियों (चिकित्सक, ए.एन.एम., लैब टेक्नीशियन एवं कोल्ड चेन टेक्नीशियन) को सांकेतिक रूप से नियुक्ति-पत्र प्रदान किया तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बेहतर कार्य करने वाले ज़िलों को भी सम्मानित किया। इसमें प्रथम डोज के लिये पूर्णिया, सहरसा, गया, पटना एवं सिवान को, जबकि दूसरी डोज के लिये सहरसा, गोपालगंज, सिवान, पूर्वी चंपारण एवं पश्चिमी चंपारण को सम्मानित किया गया।
- कोरोना काल में बेहतर कार्य करने के लिये मुख्यमंत्री ने विशेष सचिव सह कार्यपालक निदेशक राज्य आयुष समिति अरविंदर सिंह, अपर कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति अनिमेश कुमार पराशर, ओ.एस.डी. स्वास्थ्य विभाग रेणु देवी, असिस्टेंट डायरेक्टर राज्य स्वास्थ्य समिति मनीष रंजन, स्टेट प्रोग्राम मैनेजर, राज्य स्वास्थ्य समिति विवेक कुमार सिंह तथा पी.एम.यू. हेल्थ डिपार्टमेंट की धन्या शशि व सना जैन को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया।
- मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के ‘डिजिटल ब्लड डोनर’कार्ड रक्तदाता मुंगेर के पत्रकार त्रिपुरारी कुमार मिश्रा तथा सीतामढ़ी की चिकित्सक डॉ. प्रतिमा आनंद को वितरित किया।
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इन्वेस्ट राजस्थान-2022
चर्चा में क्यों?
- 15 दिसंबर, 2021 को इन्वेस्ट राजस्थान-2022 का आरंभ संपूर्ण प्रदेश में मैनचेस्टर के रूप से पहचान बना चुके भीलवाड़ा ज़िले से हुआ।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने जयपुर से वर्चुअल माध्यम द्वारा समिट में आए अतिथियों एवं उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विज़न राजस्थान के प्रत्येक क्षेत्र में विकास करना व प्रगति के नए आयाम स्थापित करना है।
- राजस्थान देश का प्रथम राज्य है जहाँ उद्योगों को बढ़ावा देने, निवेश का बेहतर वातावरण बनाने व रोज़गार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इन्वेस्ट समिट कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जिसकी शुरूआत भीलवाड़ा से हुई है।
- कार्यकम का केंद्रबिंदु् एमओयू सेरेमनी रही, जहाँ सभी क्षेत्रों के प्रमुख निवेशकों के साथ भीलवाड़ा ज़िला कलक्टर शिवप्रसाद एम. नकाते ने एमओयू निष्पादित किये।
- समिट के दौरान राज्य सरकार की उद्योगों से जुड़ी जानकारी एवं सरकार द्वारा किये जा रहे सहयोग के प्रति उद्यमियों ने उत्साह दिखाया एवं कार्यक्रम के दौरान ही 10 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा के निवेश हेतु एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किए।
- ज़िलास्तरीय समिट में 700 से अधिक उद्यमियों ने प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया, वहीं अमेरिका, दुबई, कतर, ऑस्ट्रेलिया, युगांडा, इंग्लैंड, जापान आदि से अप्रवासी भारतीयों के 26 संगठन ऑनलाइन जुड़े।
- लगभग 200 औद्योगिक इकाइयों एवं निवेशकों द्वारा टेक्सटाइल, एग्रो फूड प्रोसेसिंग, मेडिकल, टूरिज्म, मिनरल्स एंड केमिकल्स, फर्नीचर, सीमेंट प्रोडक्ट सहित अन्य विभिन्न क्षेत्रों में 10 हज़ार करोड़ रुपए से भी ज़्यादा के निवेश करने पर समझौता हुआ।
- समिट में भीलवाड़ा ज़िले के संपूर्ण उद्योग एवं वाणिज्य परिद्वश्य को दर्शाती हुए टेक्सटाइल, एग्रो फूड प्रोसेसिंग, मेडिकल, मिनरल्स व माइनिंग, बैंकिंग, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइज़ेशन, एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर, ज़िलास्तरीय सिंगल विंडो वन स्टॉप शॉप, वूडन व स्टोन कार्विंग की आकर्षक स्टॉल्स में उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।
- समिट में अतिथियों द्वारा उद्योग से जुड़ी जानकारियों के ब्रोशर का विमोचन किया गया एवं ज़िले में उद्योग की संभावनाओं की जानकारी शार्ट फिल्म द्वारा दी गई।
- भीलवाड़ा ज़िला कलेक्टर शिवप्रसाद एम. नकाते ने बताया कि 10 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश होने पर ज़िले में 25 हज़ार से ज़्यादा लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- समिट में यूआईटी की ओर से आज़ादनगर में प्रस्तावित मेडिसिटी योजना का प्रजेंटेशन दिया गया। इसमें सुपर स्पेशिएयलिटी हॉस्पिटल, फॉर्मा कंपनियाँ, पार्क आदि सुविधाएँ होंगी।
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राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में महत्त्वपूर्ण नीतिगत निर्णय
चर्चा में क्यों?
- 15 दिसंबर, 2021 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में संविदा नियुक्ति के लिये नियम बनाने, चरागाह भूमि पर बसी सघन आबादी के नियमितिकरण हेतु नीति के प्रारूप के अनुमोदन सहित कई अन्य महत्त्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिमंडल ने राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के उद्देश्य से एक निश्चित अवधि के लिये रखे जाने वाले कार्मिकों की संविदा नियुक्ति हेतु ‘राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल अपॉइंटमेंट टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2021‘ बनाए जाने का अनुमोदन किया। इस निर्णय से मैनपावर की आवश्यकता की पूर्ति के लिये ऐसे कार्मिकों को संविदा पर नियुक्त करने के नियम बनाए जाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
- मंत्रिमंडल ने चरागाह भूमि पर बसी सघन आबादी के नियमितिकरण के लिये प्रस्तावित नीति के प्रारूप का अनुमोदन किया। चरागाह भूमि का वर्गीकरण परिवर्तन व्यापक जनहित में ही अन्य राजकीय भूमि की अनुपलब्धता होने पर किया जाएगा। नीति के तहत चरागाह भूमि पर कम-से-कम 30 वर्ष से घर बनाकर रह रहे परिवारों में से प्रति परिवार अधिकतम 100 वर्गमीटर का पट्टा दिया जाएगा। आयकरदाता व्यक्ति को इसका लाभ नहीं दिया जाएगा। इस नीति से चरागाह भूमि पर बसे निर्धन परिवारों को पट्टा मिल सकेगा।
- मंत्रिमंडल ने राज्य में 1500 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क की स्थापना के लिये राज्य सरकार तथा मैसर्स अदाणी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क राजस्थान लिमिटेड की हिस्सेदारी की जॉइंट वेंचर कंपनी को जैसलमेर के भीमसर एवं माधोपुरा, सदरासर गांव में 1324.14 हेक्टेयर तथा बाटयाडू एवं नेडान गाँव में 276.86 हेक्टेयर राजकीय भूमि सशर्त कीमतन आवंटित करने की मंज़ूरी दी।
- इसके अतिरिक्त करीब 30 मेगावाट विंड सोलर हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिये केरालियां गाँव में 64.38 हेक्टेयर राजकीय भूमि को लीज़ पर सशर्त कीमतन आवंटित करने की मंज़ूरी दी गई। इससे सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
- बैठक में प्रदेश में इथेनॉल उत्पादन इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राजस्थान इथेनॉल प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी-2021 को मंज़ूरी दी गई। यह नीति स्थाई एवं वैकल्पिक ईंधन के रूप में इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देगी।
- इस नीति के तहत लगने वाली इथेनॉल उत्पादन इकाइयों को रिप्स-2019 के प्रावधानों के तहत इंसेंटिव देय होंगे। इससे राज्य के भूजल सुरक्षित क्षेत्रों (सेफ ब्लॉक्स) में इथेनॉल प्लांट नियमानुसार स्थापित हो सकेंगे, जिससे औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही किसानों, उद्यमियों एवं कामगारों के लिये लाभ के अवसर उत्पन्न होंगे।
- बैठक में राजस्थान नगर नियोजन सेवा नियम-1966 में संशोधन को मंज़ूरी दी गई। इससे सहायक नगर नियोजक की सीधी भर्ती के लिये आवश्यक अर्हता में बैचलर ऑफ प्लानिंग तथा मास्टर ऑफ प्लानिंग को सम्मिलित किया जा सकेगा। इस निर्णय से नगर नियोजन विभाग में टाउन प्लानिंग से संबंधित उच्च योग्यता, विशेषज्ञता एवं अनुभव रखने वाले अभ्यर्थी उपलब्ध हो सकेंगे, जिससे आमजन के नगर नियोजन संबंधी कार्यों को सुगमता से संपादित किया जा सकेगा।
- मंत्रिमंडल ने राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम, 2012 तथा राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता अधिनियम, 2013 के तहत जारी अधिसूचना में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गेनाइज़ेशन को जोड़ने का निर्णय लिया है। इससे राज्य के सभी विभागों एवं विकास प्राधिकरणों, यूआईटी, नगर निगम, नगर परिषदों, नगर पालिकाओं आदि को शौचालय निर्माण, रखरखाव एवं संचालन का कार्य समयबद्ध तथा त्वरित रूप से किये जाने के लिये एक विकल्प उपलब्ध हो सकेगा।
- बैठक में राजस्थान फाइनेंशियल सर्विसेज डिलीवरी लिमिटेड का गठन करने की मंज़ूरी दी गई। इस संस्था के गठन से राजकीय विभागों तथा स्वायत्तशासी संस्थाओं को लोक उपापन, अनुबंध प्रबंधन, कराधान, सेवा नियमों आदि क्षेत्रों में आवश्यक विशेषज्ञता, परामर्श एवं सहयोग मिल सकेगा।
राजस्थान Switch to English
ज्ञानदूत 2.0
चर्चा में क्यों?
- 15 दिसंबर, 2021 को राजस्थान कॉलेज शिक्षा आयुक्त शुचि त्यागी ने महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में विषयपरक ज्ञानवर्द्धन, अकादमिक समस्या समाधान एवं उनके समय का रचनात्मक सदुपयोग सुनिश्चित करने के लिये ज्ञानदूत कार्यक्रम का दूसरा चरण ज्ञानदूत 2.0 आरंभ करने की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- इसके अंतर्गत दिसंबर के अंतिम सप्ताह से स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की ऑनलाइन कक्षाएँ आयोजित करवाई जाएंगी, जिनमें राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत् संकाय सदस्य पूर्णत: स्वैच्छिक आधार पर व्याख्यान देंगे।
- शुचि त्यागी ने बताया कि ज्ञानदूत के इस दूसरे चरण में फिलहाल 14 विषयों में ऑनलाइन कक्षाएँ आरंभ करवाई जाएंगी, जिनकी संख्या में विद्यार्थियों की मांग अनुसार बढ़ोतरी की जा सकती है।
- विषयवार अध्यापन व्यवस्था के लिये महाविद्यालयों के चयन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। प्रत्येक विषय को सप्ताह में 3 दिन तथा प्रत्येक दिन 30 मिनट का समय दिया जाएगा। मांग अधिक होने पर इन कक्षाओं का समय बढ़ाया जा सकेगा। इसमें कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकायों का समय अलग-अलग रहेगा।
- उन्होंने बताया कि पहले की तरह ये कक्षाएँ सभी राजकीय, निजी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिये नि:शुल्क होंगी। प्रत्येक रविवार को इन कक्षाओं का प्रॉब्लम सॉल्विंग विशेष सत्र आयोजित करवाया जाएगा।
- कार्यक्रम के संचालन के लिये आयुक्तालय स्तर पर नवाचार एवं कौशल विकास प्रकोष्ठ के समन्वय में एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें डॉ. विनोद भारद्वाज को समन्वयक एवं डॉ. ललिता यादव को सह-समन्वयक नामित करते हुए 12 सदस्य और जोड़े गए हैं।
- इन कक्षाओं को दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में आरंभ करवाना प्रस्तावित है। ये ऑनलाइन लाइव कक्षाएँ नियमित अध्यापन के अतिरिक्त केवल एक सहायक शिक्षण व्यवस्था है, जो नियमित कक्षाओं का प्रतिस्थापन नहीं है।
- उल्लेखनीय है कि पिछले सत्र में कोविड-19 महामारी के कारण विद्यार्थियों की अध्ययन निरंतरता के लिये यह कार्यक्रम आरंभ किया गया था, जिसमें लगभग डेढ़ माह तक कक्षाओं का संचालन कर महत्त्वपूर्ण विषयपरक बिंदुओं पर अध्यापन करवाया गया।
- पहले चरण में 22 विषयों में 12 राजकीय महाविद्यालयों को केंद्र बनाकर 621 सत्र आयोजित करवाए गए, जिनके वीडियो कॉलेज शिक्षा राजस्थान के ज्ञानदूत चैनल पर उपलब्ध हैं, जिन्हें अभी तक 4 लाख 36 हज़ार से अधिक व्यूअर्स ने देखा है। इस कार्यक्रम में 48 हज़ार विद्यार्थी पंजीकृत हुए।
मध्य प्रदेश Switch to English
जबलपुर में टेक्नोलॉजी सेंटर की स्थापना के लिये 21 एकड़ भूमि आवंटित
चर्चा में क्यों?
- 15 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने जबलपुर के औद्योगिक क्षेत्र रिछाई में टेक्नोलॉजी सेंटर के लिये 21 एकड़ से अधिक भूमि के आवंटन की प्रशासकीय स्वीकृति दी।
प्रमुख बिंदु
- जबलपुर में उद्योगों की नई तकनीक से संबंधित ज़रूरतों को पूरा करने और युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिये टेक्नोलॉजी सेंटर की स्थापना की जाएगी। भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय ने भी इस प्रोजेक्ट के लिये 200 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है।
- इस आवंटित पट्टे की अधिकतम अवधि 99 वर्षों की होगी। इसके बाद ज़मीन पर पुन: गतिविधि संचालित होने की दशा में लीज का नि:शुल्क नवीनीकरण किया जाएगा।
- इस टेक्नोलॉजी सेंटर की स्थापना से जबलपुर एवं आसपास के ज़िलों की औद्योगिक इकाइयों को लाभ मिलेगा। साथ ही टेक्नोलॉजी सेंटर द्वारा डिज़ाइन, टेस्टिंग, टूलिंग, इनक्यूबेशन, ट्रेनिंग इत्यादि के रूप में उद्योगों को प्रत्यक्ष तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
- जबलपुर, महाकौशल क्षेत्र का केंद्र बिंदु है। यहाँ स्थापित उद्योगों को नई तकनीक की जानकारी के साथ उत्पादों के प्रोटोटाइप तैयार कराने में मदद मिलेगी। इंजीनियरिंग और आईटीआई प्रशिक्षण प्राप्त छात्रों को वास्तविक मशीनों पर काम करने का मौका मिलेगा, साथ ही आयुध निर्माणियों को भी फायदा होगा।
झारखंड Switch to English
आजीविका उन्नयन हेतु तसर फार्मिंग की होगी शुरुआत
चर्चा में क्यों?
- 15 दिसंबर, 2021 को झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन ने बताया कि राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्र में आजीविका उन्नयन हेतु तसर आधारित आजीविका को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार तसर फार्मिंग को योजना के रूप में लागू करेगी।
प्रमुख बिंदु
- मनीष रंजन ने कहा कि इस योजना के तहत ज़रूरतमंद परिवारों को लाभ मिल सके, इसके लिये लाभुकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही मनरेगा के अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत पोषक पौधों के लिये वृक्षारोपण हेतु सुविधाएँ भी प्रदान करवाई जाएंगी।
- योजना की शुरुआत बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत प्रथम चरण में पाँच ज़िलों में 500-500 एकड़ में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की जाएगी।
- इस संबंध में मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी. ने तसर विकास फाउंडेशन के पदाधिकारियों को तसर विकास के लिये व्यापक योजना बनाने एवं विशेषज्ञों व सिविल सोसायटी के साथ मिलकर एक राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
झारखंड Switch to English
‘SAHAY’ योजना
चर्चा में क्यों?
- 15 दिसंबर, 2021 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खेल और खेल प्रतिभा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कोल्हान की धरा से ‘SAHAY’ (Sports Action Towards Harnessing Aspiration of Youths) योजना का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना का संचालन खेल विभाग द्वारा किया जाएगा। योजना का उद्देश्य खेल के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के हुनर को एक पहचान देकर सकारात्मक जीवन की ओर प्रेरित करना है।
- योजना के ज़रिये प्रथम चरण में नक्सल प्रभावित चाईबासा, सरायकेला-खरसावां, खूंटी, गुमला एवं सिमडेगा ज़िले के 14 से 19 वर्ष के 72 हज़ार युवक-युवतियों को खेल के क्षेत्र में अपना हुनर दिखाने का अवसर मिलेगा।
- पंचायत, वार्ड, प्रखंड एवं ज़िला स्तर तक खेल में प्रतिभाशाली युवाओं को हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, एथलेटिक्स समेत अन्य खेलों में अपना हुनर दिखाने का अवसर मिलेगा।
- योजना के तहत आयोजित प्रतियोगिताओं में ज़िला एवं राज्यस्तर पर विजेताओं और उप-विजेताओं को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित भी किया जाएगा।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में खेल की नर्सरी स्थापित की जाएंगी, ताकि झारखंड की खनिज के अतिरिक्त भी पहचान स्थापित हो सके। हर स्तर पर खेल का आयोजन किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बुनकरों के हित में बड़ा फैसला
चर्चा में क्यों?
- 15 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के हज़ारों बुनकर परिवारों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए स्कूली छात्रों के गणवेश वस्त्रों का क्रय छत्तीसगढ़ हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित के माध्यम से करने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री के इस महत्त्वपूर्ण फैसले से हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ से जुड़े हज़ारों बुनकरों को नियमित रोज़गार मिलेगा और उन्हें आर्थिक लाभ पहुँचेगा।
- मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षण सत्र 2022-23 के लिये गणवेश वस्त्रों के क्रय के संबंध में छत्तीसगढ़ हथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित को सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है।
- स्कूल शिक्षा विभाग के प्राथमिक-माध्यमिक विद्यार्थियों को नि:शुल्क और हाईस्कूल-हायर सेकेंडरी स्कूलों में अध्ययनरत् आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों के विद्यार्थियों को मात्र 10 रुपए में गणवेश वितरित किया जाएगा।
- गौरतलब है कि राज्य में 292 बुनकर समितियाँ कार्यरत् हैं, जिनमें से 250 बुनकर समितियाँ हथकरघा संघ में 59 प्रकार के शासकीय वस्त्रों के उत्पादन में संलग्न हैं। राज्य सरकार द्वारा विगत तीन वर्षों में राज्य में कार्यरत् 651 महिला स्व-सहायता समूहों की 7812 महिलाओं को भी गणवेश वस्त्र सिलाई में अतिरिक्त रोज़गार उपलब्ध कराया गया।
- उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हथकरघा बुनाई रोज़गार को अपनाने के लिये इच्छुक 1346 हितग्राहियों को नवीन बुनाई प्रशिक्षण हेतु तथा 3100 परंपरागत बुनकरों के कौशल प्रशिक्षण हेतु लगभग 10.02 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की है।
- इसके साथ ही हथकरघा संघ द्वारा बुनकरों के बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिये कक्षा 10वीं एवं 12वीं में 60 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण होने वाले 885 विद्यार्थियों को 36.19 लाख रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है।
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‘छै कोरी, छै आगर तरिया अऊ बूढ़ा नरवा’पुस्तक का विमोचन
चर्चा में क्यों?
- 15 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में गोविंद पटेल के द्वारा लिखित किताब ‘छै कोरी, छै आगर तरिया अऊ बूढ़ा नरवा’का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस पुस्तक में दुर्ग ज़िले के धमधा विकासखंड में गोंड राजाओं के शासनकाल में खुदवाए गए 126 तालाबों की जानकारी प्रकाशित की गई है।
- पुस्तक में उन तालाबों के नाम, निर्माण वर्ष, खसरा नंबर, क्षेत्रफल व जलभराव का उल्लेख किया गया है।
- इस किताब के ज़रिये प्राचीन काल से चली आ रही जल संरक्षण की परंपरा को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया है।
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ई-श्रम कार्ड बनाने में गरियाबंद ज़िला प्रदेश में पहले स्थान पर
चर्चा में क्यों?
- 14 दिसंबर, 2021 तक कुल 2 लाख 8 हज़ार 308 ई-श्रम कार्ड पंजीयन कर गरियाबंद ज़िला पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर है एवं लक्ष्य के विरुद्ध 169.8 प्रतिशत् की उपलब्धि प्राप्त कर चुका है।
प्रमुख बिंदु
- गरियाबंद कलेक्टर द्वारा निर्धारित समयावधि में शत-प्रतिशत् पंजीयन हेतु निर्देश दिया गया था, जिसके तहत श्रम विभाग, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर एवं अन्य विभाग के सहयोग से समय से पूर्व ही निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है।
- इसके साथ ही समिति के सदस्यों के सहयोग से विकासखंडवार तथा ग्राम-पंचायतवार पंजीयन हेतु शिविर लगाकर गरियाबंद ज़िला को प्राप्त लक्ष्य 122692 को निर्धारित तिथि 31 दिसंबर के पूर्व ही पूर्ण कर लिया गया है।
- उल्लेखनीय है कि कलेक्टर द्वारा पंजीयन के संबंध में विशेष संज्ञान लेते हुए दिन में पोर्टल में हो रही समस्या को देखते हुए विशेष रूप से सभी ग्राम पंचायतों में रात्रिकालीन शिविर लगाने के निर्देश दिये गए थे, जिस पर अमल कर प्राप्त लक्ष्य को पूर्ण करते हुए समय पूर्व ही यह उपलब्धि हासिल की गई है।
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