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स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Nov 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रदेश के किसानों के खाते में भेजी गई 3849 करोड़ रुपए की पीएम किसान सम्मान निधि

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2023 को उत्तर प्रदेश के 1.75 करोड़ से अधिक (175.28 लाख) किसानों के खाते में पीएम किसान निधि की 15वीं किस्त के रूप में 3,849 करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित की गई।

प्रमुख बिंदु

  • विदित हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के खूंटी ज़िले से देशभर के 8 करोड़ से अधिक किसानों के लिये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त के रूप में 18 हज़ार करोड़ रुपए की राशि जारी की। इस क्रम में उत्तर प्रदेश के 1.75 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में ये राशि हस्तांतरित की गई।
  • प्रदेश के 1.80 करोड़ से अधिक किसानों के भूलेख अंकन, बैंक खाते की आधार सीडिंग एवं
  • ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, शेष किसानों के लिये 30 नवंबर तक 15वीं किस्त जारी की जाएगी।
  • गौरतलब है कि भारत सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त पाने के लिये लाभार्थियों के भूलेख अंकन, बैंक खाते की आधार सीडिंग व ई-केवाईसी को अनिवार्य किया है। प्रदेश में 2.26 करोड़ किसानों के भूलेख अंकन, 2.04 करोड़ किसानों के बैंक खाते की आधार सीडिंग व 1.77 करोड़ कृषकों का ई-केवाईसी पूर्ण किया जा चुका है।
  • पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को आर्थिक सहायता के रूप में प्रत्येक चार माह पर 2000 रुपए की दर से, वर्ष में कुल 6000 रुपए की राशि बैंक खाते में सीधे स्थानांतरित की जाती है। यह योजना दिसंबर 2018 में प्रारंभ की गई थी।
  • उत्तर प्रदेश में योजना के आरंभ से अब तक 2,62,21,153 किसान इस योजना से कम-से-कम एक बार लाभान्वित हो चुके हैं। योजना के तहत प्रदेश में किसानों के खाते में अब तक 59,149.69 करोड़ रुपए की राशि भेजी गई है।


उत्तर प्रदेश Switch to English

प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी ज़िला जेल प्रयागराज में बनकर तैयार

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी ज़िला जेल प्रयागराज के नैनी में बनकर तैयार हो गई है। नैनी सेंट्रल जेल की क्षमता से ज़्यादा रह रहे बंदियों को दिसंबर में इस नई ज़िला जेल में शिफ्ट किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • विदित हो कि प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में क्षमता से दो गुना ज़्यादा कैदी बंद हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका बोझ कम करने के लिये निर्देश दिये थे, जिसके बाद नैनी ज़िला जेल का निर्माण किया गया है।
  • 2800 कैदियों को रखने की क्षमता वाली नैनी की ज़िला जेल प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी जेल है। इसे 173 करोड़ रुपए की लागत से कुल 65 एकड़ भूमि पर बनाया गया है।
  • इस जेल में बारिश के पानी का संचयन, सीवेज उपचार संयंत्र और यहाँ तक कि महिला कैदियों के छोटे बच्चों के लिये क्रेच की सुविधाएँ भी रहेंगी।
  • प्रयागराज की सेंट्रल जेल में 2,060 बंदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन इस जेल में क्षमता से कहीं अधिक 4,263 कैदियों को रखा जाता है। इस जेल को अब दिसंबर से कैदियों के बोझ से राहत मिलने जा रही है। नैनी सेंट्रल जेल से कुछ कैदियों को अब इस नवनिर्मित नैनी ज़िला जेल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।


बिहार Switch to English

अयोध्या के बाद अब विकसित होगा, सीता जन्मस्थली मिथिला का पुनौरा धा

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2023 को बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी ज़िला के पुनौरा धाम को बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा विकसित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि पुनौरा धाम को विकसित करने के संबंध में राज्य पर्यटन विकास निगम ने टेंडर निकाला है। टेंडर की पूरी प्रक्रिया दिसंबर के अंत तक पूरी हो जाएगी। वहीं, योजना पूरा करने की अवधि 24 महीने निर्धारित की गई है।
  • पुनौरा धाम विकास योजना पर 67.39 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा और इसका कार्यान्वयन बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की ओर से किया जाएगा।
  • राज्य सरकार पुनौरा धाम को पर्यटन के अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करने का प्रयास कर रही है। यहाँ सभी तरह की जरूरी सुविधाओं का विकास होगा। इसके बाद यह जन्मस्थली धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा। पूरे देश-दुनिया से भी यहां श्रद्धालु पहुँचेंगे।
  • विदित हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हाल ही में कैबिनेट की बैठक में सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में माता सीता के जन्मस्थान के विकास के लिये 72 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई थी।
  • योजना के अनुसार 72 करोड़ की राशि से पुनौरा धाम को विश्वस्तरीय सुविधा से लैश और सुसज्जित किया जाएगा। इसके तहत कॉलमयुक्त कोलोनेड परिक्रमा पथ का निर्माण, सीता वाटिका, लव-कुश वाटिका, जानकी महोत्सव क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
  • मंदिर परिसर में सुंदर वास्तुशिल्प से सुसज्जित दीवारें होंगी। मंडप व आंतरिक सड़क का निर्माण किया जाएगा। मंदिर में आने वाले स्थानीय व बाहरी श्रद्धालुओं के वाहनों लगाने के लिये अत्याधुनिक पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा पर्यटकों की सुविधा के लिये आवासन, खान-पान आदि की भी व्यवस्था की जाएगी।
  • मंदिर परिसर में माता सीता पर आधारित थ्रीडी एनिमेशन शो का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही डिस्प्लेकियोस्क व पाथ-वे भी बनाया जाएगा। बच्चों के लिये अलग सेप्लेएरिया डेवलप किया जाएगा, जिससे बच्चे खेल-खेल में माता सीता के संबंध में जानकारी प्राप्त करें।
  • पूरे मंदिर परिसर में बेहतर भित्ति चित्रकला, मूर्तिकला एवं अन्य कलात्मक कार्य किये जाएंगे, जिससे कि पर्यटक आकर्षित हों। इन कलाओं के माध्यम से माता सीता के जीवन की भी जानकारी होगी। साथ ही, लैंडस्केपिंग व थिमेटिक गेट भी बनाएँ जाएँगे।


हरियाणा Switch to English

सहकारिता मंत्री ने की करनाल शुगर मिल के 48वें पिराई सत्र की शुरुआत

चर्चा में क्यों?

14 नवंबर, 2023 को हरियाणा के सहकारिता एवं जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने करनाल शुगर मिल मशीन में गन्ने डालकर 48वें पिराई सीजन की शुरुआत की। उन्होंने पिराई सत्र में सबसे पहले गन्ना लाने वाले इन किसानों को सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि इस चीनी मिल में 55 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई के साथ 10% चीनी रिकवरी का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार किसान का एक-एक गन्ना खरीदेगी और समय से पेमेंट भी देगी।
  • उन्होंने कहा कि सरकार ने 14 रुपए प्रति क्विंटल गन्ने का दाम बढ़ाकर 386 रुपए देने का काम किया है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है। इसके अलावा अगले साल के पिराई सीजन के लिये गन्ने के दाम 400 रुपए प्रति क्विंटल करने की पहले ही घोषणा कर दी गई है।
  • डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि शुगर मिलों की क्षमता बढ़ाने का कार्य किया गया है। अब किसानों का गन्ना दूसरे प्रदेश में नहीं जाता। शुगर मिलों में चीनी के साथ-साथ एथनॉल प्लांट व बायोगैस प्लांट भी शुरू किये गए हैं। सहकारी समितियों में काफी सुधार किये गए हैं। पैक्स के कंप्यूटराइज़्ड होने से लोगों को लाभ मिलेगा।


हरियाणा Switch to English

9वाँ भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव-2023

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2023 को भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2023 का 9वाँ संस्करण 17 से 20 जनवरी, 2024 तक हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • भारत का मेगा विज्ञान मेला फरीदाबाद में ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आरसीबी) के परिसर में आयोजित किया जाएगा।
  • वर्तमान संस्करण की विषय वस्तु ‘अमृत काल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी सार्वजनिक लोक संपर्क’ है।
  • आईआईएसएफ 2023 का उद्देश्य व्यापक स्तर पर लोगों को प्रेरित करना और छात्रों, शिक्षकों, वैज्ञानिकों, शोधकर्त्ताओं, उद्योग के पेशेवरों, उद्यमियों तथा विज्ञान संप्रेषकों जैसे विविध स्तर के हितों वाले व्यक्तियों के लिये एक मंच प्रदान करना है।
  • आईआईएसएफ 2023 में प्रतिभागियों और आम जनता को विभिन्न लाभ प्रदान करने वाली वैज्ञानिक उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिये कुल 17 विषयवस्तु हैं।यह कार्यक्रम विभिन्न कार्यकलापों जैसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा संगोष्ठी, वक्ताओं के साथ परस्पर बातचीत, प्रदर्शनियों, प्रतियोगिताओं, कार्यशालाओं, ज्ञान-साझाकरण गतिविधियों, प्रौद्योगिकी शो आदि के माध्यम से सभी हितधारकों के बीच संयोजन रखता है।
  • उल्लेखनीय है कि समृद्ध भारत की उन्नति हेतु विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषण में रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिये समर्पित यह कार्यक्रम विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से विज्ञान भारती के सहयोग से आरंभ किया गया था।
  • 2015 से आईआईएसएफ ने भारत के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में आठ संस्करणों का आयोजन किया है और एक विशाल विज्ञान महोत्सव के रूप में विस्तार किया है। 2021 में अंतरिक्ष विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग आईआईएसएफ का अभिन्न अंग बन गए।


झारखंड Switch to English

झारखंड स्थापना दिवस पर 7042 करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2023 को झारखंड के 23वें स्थापना दिवस पर रांची के मोरहाबादी में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 7042 करोड़ रुपए की योजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास, नई नीतियों का लोकार्पण, लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण, युवाओं को ऑफर लेटर व खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया।

प्रमुख बिंदु

  • राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को 7042 करोड़ रुपए की 906 योजनाओं की सौगात दी। 18034 युवाओं को ऑफर लेटर दिया, 260 करोड़ रुपए की परिसंपत्ति बाँटकर लाभुकों को सशक्त और स्वावलंबी बनाने की राह दिखाई और खिलाड़ियों को पुरस्कृत कर उनकी उपलब्धियों को सम्मान दिया।
  • मुख्यमंत्री ने झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन नीति के तहत 37वें राष्ट्रीय खेल में झारखंड के लिये पदक जीतने वाले खिलाड़ियों, झारखंड एशियाई वीमेंस चैंपियनशिप ट्रॉफी में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय महिला टीम में शामिल झारखंड की खिलाड़ियों और अंतर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर रिकॉर्ड बनाने वाले झारखंड के 70 खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया।
  • मुख्यमंत्री ने ‘आपकी योजना-आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम ‘अबुआ आवास योजना’ व ‘मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना’ सहित कई योजनाओं व नीतियों का शुभारंभ किया।
  • मुख्यमंत्री ने ‘अबुआ आवास योजना’ का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आवासविहीन परिवारों और कच्चे तथा जर्जर आवास में रहने वाले परिवारों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा
    • इस योजना के तहत अगले 3 वर्षों में 8 लाख लोगों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें वर्ष 2023-24 में 2 लाख, 2024-25 में 3 लाख 50 हज़ार और 2025-26 में 2 लाख 50 हज़ार आवास बनाए जाएंगे। इसके लिये 16,320 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • मुख्यमंत्री ने लोगों को ‘मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना’ की सौगात दी। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र, सुदूरवर्ती जनजातीय इलाकों और तलहटी में रहने वाले लोगों को पंचायत, प्रखंड, अनुमंडल और ज़िला मुख्यालय आवागमन के लिये सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
    • इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिक, विद्यार्थी, दिव्यांग, एचआईवी संक्रमित, राज्य सरकार द्वारा विधवा पेंशन से आच्छादित महिला और राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त झारखंड आंदोलनकारी को नि:शुल्क बस परिवहन सेवा मिलेगी।
  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में उद्यम, उद्यमियों और निवेश को बढ़ावा देने के लिये चार नई पॉलिसी लॉन्च की। इनमें एमएसएमई प्रोत्साहन नीति-2023, झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी-2023, झारखंड आईटी, डाटा सेंटर और बीपीओ इनवेस्टमेंट प्रमोशन नीति-2023 और झारखंड निर्यात नीति-2023 शामिल है। 

    


झारखंड Switch to English

प्रधानमंत्री ने झारखंड में लगभग 7,200 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2023 को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और झारखंड के 23वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में रेल, सड़क, शिक्षा, कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे कई क्षेत्रों में 7200 करोड़ रुपए राशि की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया।

प्रमुख बिंदु

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के खूँटी से प्रमुख सरकारी योजनाओं की परिपूर्णता सुनिश्चित करने के लिये ‘विकसित भारत यात्रा’ का शुभारंभ किया।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने 7200 करोड़ रुपए राशि की जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया, उनमें भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रांची का नया परिसर, आईआईटी-आईएसएम धनबाद का एक नया छात्रावास, बोकारो में पेट्रोलियम, तेल और लुब्रिकेंट (पीओएल) डिपो तथा हटिया-पकरा, तलगरिया-बोकारो और जारंगडीह-पतरातू खंडों में रेल पटरियों का दोहरीकरण शामिल है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के खूंटी से देश भर के 8 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अंतर्गत 18,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि की 15वीं किस्त भी जारी की। प्रधानमंत्री ने एक बटन दबाकर डिजिटल रूप से राशि हस्तांतरित की।
    • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि और अन्य आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने में सहायता करना है।
    • योजना के तहत लाभार्थी किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपए की वित्तीय सहायता तीन समान किस्तों में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है।
  • प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 24,000 करोड़ रुपए के बजट वाली एक पहल, ‘पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान’ का शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य आदिवासी समूहों का समग्र विकास सुनिश्चित करना है।

 


उत्तराखंड Switch to English

रुद्रपुर में बनेगी राज्य की पहली साइबर सिटी

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड राज्य सरकार ऊधमसिंह नगर ज़िले के रुद्रपुर के आस-पास राज्य की पहली साइबर सिटी बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। टाटा और इंफोसिस ने निवेश के लिये हामी भरी है।

प्रमुख बिंदु

  • आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस प्रस्ताव को अंजाम देने के लिये सरकार आईटी क्षेत्र की नामी कंपनियों से बात कर रही है। टाटा और इंफोसिस जैसी कंपनियों ने इसमें नवेश के लिये हामी भरी है। कंपनियों के सुझाव पर सरकार आईटी व सेवा क्षेत्र की नीतियों में भी बदलाव कर सकती है।
  • आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आईटी सेक्टर में टाटा 5000 करोड़ रुपए का निवेश कर सकता है। निवेश की राशि परिस्थितियों के अनुरूप और अधिक हो सकती है। इसके अलावा आईटी सेक्टर की अग्रणी कंपनी इंफोसिस इंफोसिस भी उत्तराखंड में बड़ा निवेश कर सकती है।
  • सरकार की योजना एक ही स्थान पर सभी आईटी कंपनियों को भूमि उपलब्ध कराने की है। साइबर सिटी के लिये रुद्रपुर में पराग फार्म के पास उपलब्ध भूमि पर आईटी कंपनियों को भूमि उपलब्ध कराई जा सकती है।
  • सरकार की आईटी सेक्टर में 20-30 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश जुटाने का लक्ष्य है। यदि राज्य सरकार अपने लक्ष्य को हासिल कर लेती है, तो साइबर सिटी बनाए जाने की राह आसान हो जाएगी।


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