उत्तराखंड भूकंप अलर्ट ऐप होगा अपग्रेड | उत्तराखंड | 16 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
15 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक पीयूष रौतेला ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन विभाग (यूएसडीएमए) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की की ओर से तैयार किये गए मोबाइल एप्लीकेशन ‘उत्तराखंड भूकंप अलर्ट’ऐप को अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिये यूएसडीएमए की ओर से 58 करोड़ रुपए का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि उत्तराखंड देश में पहला ऐसा राज्य है, जिसने प्रारंभिक भूकंप चेतावनी प्रणाली विकसित की है।
- विश्व बैंक परियोजना के वरिष्ठ आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ गिरीश जोशी ने बताया कि भूकंप अलर्ट ऐप सेंसर आधारित प्रणाली पर काम करता है। अभी तक राज्य में चकराता से लेकर पिथौरागढ़ तक करीब 163 सेंसर लगे हैं, जिनसे प्राप्त होने वाले इनपुट के आधार पर ‘अलर्ट ऐप’भूकंप आने की स्थिति में बीप बजाता है, लेकिन सटीक चेतावनी प्रणाली विकसित करने के लिये सेंसर बढ़ाने की आवश्यकता है। उत्तराखंड भूकंप अलर्ट ऐप को अपग्रेड करने के लिये राज्य के विभिन्न हिस्सों में 350 नए स्थानों पर सेंसर लगाए जाएंगे।
- उन्होंने बताया कि आने वाले समय में राज्य में 500 से अधिक सेंसर स्थापित करके मौजूदा नेटवर्क को और अधिक सघन बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य न्यूनतम 5-10 किमी. की दूरी पर कम-से-कम एक सेंसर लगाना है। इन सेंसरों का फायदा केवल उत्तराखंड ही नहीं, दिल्ली सहित आसपास के राज्यों को भी होगा।
- भूकंप विशेषज्ञ गिरीश जोशी ने बताया कि जब भूकंप आता है तो पी तरंगें और एस तरंगें केंद्र से अलग-अलग दिशाओं में ऊपरी सतह (ग्राउंड लैंडस्केप) की ओर सफर करती हैं। पी तरंग तेज़ी से यात्रा करती हैं और लैंडस्केप में लगे सेंसर को ट्रिगर करती हैं। सेंसर से डाटा कंट्रोल रूम पहुँचता है और तुरंत एक अलर्ट जारी किया जाता है। इस तरह से उपयोगकर्त्ता को मोबाइल ऐप के माध्यम से अलर्ट मिल जाता है।
- यूएसडीएमए का दावा है कि 12 नवंबर को नेपाल में आए 5.4 मैग्नीट्यूट के भूकंप का उत्तराखंड सहित दिल्ली में कुछ मोबाइलों पर अलर्ट प्राप्त हुआ था। अलर्ट उन्हीं मोबाइल पर प्राप्त हुआ था, जिन्होंने ऐप को समय-समय पर अपडेट किया था।