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स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Nov 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिकों ने एंज़ाइम से तैयार होने वाले कपड़ों की नई तकनीक खोजी

चर्चा में क्यों?

16 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान विभाग के निदेशक डॉ. जी नलन किल्ली ने बताया कि विभाग के वैज्ञानिक प्रो. एके पात्रा ने मनपसंद रंग और डिज़ाइन के कपड़े रसायान की बजाय एंज़ाइम से तैयार करने की एक नई तकनीक खोजी है। लैब में इसका सफल प्रयोग भी हो चुका है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रो. पात्रा ने बताया कि एंज़ाइम की तकनीक से बने कपड़े मानव शरीर और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाएंगे। इसमें पर्यावरण के मित्र इंज़ाइम को विभिन्न केमिकल के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
  • उन्होंने बताया कि कपड़ा खराब होने या फटने पर फेंकने की स्थिति में यह एंज़ाइम मिट्टी में मिलकर उसे उर्वर बनाएगा। यह एंज़ाइम पानी या मानव शरीर को भी नुकसान नहीं पहुँचाएगा।
  • विदित है कि कानपुर के वैज्ञानिक प्रो. पात्रा उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान में टेक्सटाइल केमिस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। इन्होंने 800 से अधिक ऐसे केमिकल सूचीबद्ध किये हैं, जो टेक्सटाइल इंडस्ट्री में प्रयोग किये जाते हैं और जो पर्यावरण के लिये हानिकारक हैं। उनका यह रिसर्च पेपर इंग्लैंड के प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
  • वस्त्रों को रसायनों से बचाने की तकनीक खोजने समेत ऐसे कार्यों के लिये प्रो. पात्रा को दुनिया के सर्वोच्च टेक्सटाइल अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह अवार्ड उन्हें इंग्लैंड की ‘द सोसायटी ऑफ डायर एंड कलरिस्ट’की ओर से दिया जाएगा। प्रो. पात्रा चार्टर्ड कलरिस्ट अवार्ड पाने वाले देश के पहले वैज्ञानिक होंगे।
  • उल्लेखनीय है कि चार्टर्ड कलरिस्ट अवार्ड टेक्सटाइल में शोध व एकेडमिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर दिया जाता है।

राजस्थान Switch to English

66वीं राज्यस्तरीय हॉकी प्रतियोगिता का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2022 को राजस्थान के खेल व युवा मामले एवं जनसंपर्क मंत्री अशोक चांदना ने टोंक ज़िले के उपखंड मालपुरा में ग्राम पंचायत लावा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित 66वीं राज्यस्तरीय अंडर-17 छात्र हॉकी प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • अशोक चांदना ने खेलों के महत्त्व को उजागर करते हुए बताया कि खेलों के वातावरण से युवाओं में नशे का चलन खत्म होकर अपराधों में कमी आती है।
  • उन्होंने बताया कि प्रदेश में छह सौ से ज़्यादा खिलाड़ियों को अब तक सरकारी नौकरियाँ प्रदेश सरकार के द्वारा दी गई हैं। सभी खिलाड़ियों ने ओलंपिक, एशियाड, कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा लेकर देश का गौरव बढ़ाया है। प्रथम बार राजस्थान की महिला टीम ने वालीबॉल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब जीता है।
  • उन्होंने बताया कि लावा के खिलाड़ियों व ग्रामीणों की मांग पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लावा में मिनी खेल स्टेडियम बनाने के लिये मेजर ध्यानचंद योजना से कार्य करवाने तथा अपनी ओर से 50 लाख रुपए की राशि मिनी स्टेडियम के लिये देने की घोषणा की गई है।

राजस्थान Switch to English

अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना के शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिये ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2022 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना के शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिये ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करने के लिये पोर्टल का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

टीकाराम जूली ने बताया कि विभाग द्वारा ज़िला मुख्यालयों पर संचालित समस्त स्नातक एवं स्नातकोत्तर (केवल शैक्षणिक पाठ्यक्रमों कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय हेतु) राजकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत् छात्र, जो घर से दूर रहकर अन्य स्थान पर कमरा किराए पर लेकर (पेईंग गेस्ट के रूप में) अध्ययन करते हैं, उन छात्रों हेतु आवास, भोजन एवं बिजली-पानी इत्यादि सुविधाओं हेतु पुनर्भरण राशि के रूप में अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना के अंतर्गत 2000 रुपए प्रतिमाह प्रतिवर्ष (अधिकतम 10 माह हेतु) दिये जाएंगे।

  • उन्होंने बताया कि योजना का लाभ शैक्षणिक सत्र 2022-23 में राजकीय महाविद्यालय की स्नातक अथवा स्नातकोत्तर कक्षाओं में नियमित रूप से अध्ययनरत SC, ST, OBC, MBC, EWS और Minority के छात्रों को देय होगा।
  • इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के 1500, अनुसूचित जनजाति के 1500, अन्य पिछड़ा वर्ग के 750, अति पिछड़ा वर्ग के 750, आर्थिक पिछड़ा वर्ग के 500 एवं अल्पसंख्यक वर्ग के 500 विद्यार्थियों को लाभ दिया जाएगा।
  • सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री ने बताया कि योजना में छात्रों के ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत किये जाने की व्यवस्था लागू की गई है। सामान्य दिशा-निर्देश का विस्तृत विवरण विभाग की वेबसाइट http://sje.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध है।
  • उन्होंने बताया कि छात्र वर्तमान में जिस राजकीय महाविद्यालय में अध्ययनरत् है, उस महाविद्यालय के द्वारा ऑनलाइन प्राप्त आवेदन पत्रों की गहन जाँच कर आवेदन पत्र स्वीकृतकर्त्ता अधिकारी (विभागीय ज़िलाधिकारी) को भिजवाया जाएगा तथा स्वीकृतकर्त्ता अधिकारियों द्वारा शिक्षण संस्थाओं से प्राप्त परिपूर्ण आवेदन पत्रों की ऑनलाईन स्वीकृति कर निर्धारित राशि का भुगतान छात्र के खाते में डीबीटी किया जाएगा।
  • योजना के अंतर्गत लाभान्वित किये जाने हेतु ज़िलेवार, वर्गवार एवं संकायवार लक्ष्यों के अनुरूप नियमानुसार स्वीकृति संबंधित उप निदेशक/ सहायक निदेशक (ज़िलाधिकारी) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जारी की जाएगी। अभ्यर्थी को मासिक/ प्रतिमाह भुगतान किया जाएगा।    

मध्य प्रदेश Switch to English

सिंधी साहित्य अकादमी के साहित्य पुरस्कार घोषित

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2022 को मध्य प्रदेश सिंधी साहित्य अकादमी के निदेशक राजेश कुमार वाधवानी ने बताया कि अकादमी ने सिंधी सहित्य के क्षेत्र में दिये जाने वाले प्रतिष्ठित सम्मान व पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। वर्ष 2019, 2020 व 2021 के लिये संत शिरोमणि हिरदाराम जी के नाम से स्थापित साहित्य गौरव सम्मान दिये जाएंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • इंदौर के अमर गोपलानी को वर्ष 2019 के लिये, भोपाल के केटी दादलानी को वर्ष 2020 के लिये और भोपाल के ही भगवान बाबानी को वर्ष 2021 के लिये साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
  • साहित्य गौरव सम्मान में 1 लाख रुपए तथा अन्य सभी पुरस्कार श्रेणियों में 21 हज़ार रुपए की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।
  • कृष्ण खटवानी स्मृति श्रेष्ठ गद्य कृति पुरस्कार- वर्ष 2019 के लिये गोप गोलानी की कृति ‘जोगण जी प्रीत’को, वर्ष 2020 के लिये आसूदो लच्छवानी की कृति ‘सुहिणों सुपिनो’को और वर्ष 2021 के लिये डॉ. नादिया मसंद की कृति ‘मां, मिंटो ऐं नफसियत’को दिये जाएंगे।
  • खियलदास बेगवानी स्मृति श्रेष्ठ पद्य कृति पुरस्कार- वर्ष 2019 के लिये रश्मि रामानी की कृति ‘मां हिक सिन्धिण’को, वर्ष 2020 के लिये कन्हैयालाल मोटवानी मांदो की कृति ‘आस जा कख’को और वर्ष 2021 के लिये नंदकुमार सन्मुखानी की कृति ‘नवां पन’को दिये जाएंगे।
  • गवंती नावाणी स्मृति श्रेष्ठ गायिका पुरस्कार- वर्ष 2019 के लिये सरला नागदेव को, वर्ष 2020 के लिये निशा चेलानी को और वर्ष 2021 के लिये प्रिया ज्ञानचंदानी को दिये जाएंगे।
  • मास्तर चंद्र स्मृति श्रेष्ठ गायक पुरस्कार- वर्ष 2019 के लिये गोवर्धनदास उदासी (बालक मंडली) को, वर्ष 2020 के लिये रमेश कुमार तनवानी को और वर्ष 2021 के लिये दिलीप लालवानी को दिये जाएंगे।
  • श्रेष्ठ नाट्य निर्देशक अथवा श्रेष्ठ कलाकार पुरस्कार- वर्ष 2019 के लिये परसराम नाथानी को, वर्ष 2020 के लिये स्व. ओपी आसूदानी को और वर्ष 2021 के लिये कविता इसरानी को दिये जाएंगे।
  • श्रेष्ठ युवा लेखक पुरस्कार- वर्ष 2019 के लिये गुलाब लधाणी को, वर्ष 2020 के लिये राकेश शेवानी को और वर्ष 2021 के लिये किरण परियानी को दिये जाएंगे।
  • अकादमी निदेशक ने बताया कि शीघ्र ही सम्मान समारोह का आयोजन कर यह सम्मान और पुरस्कार दिये जाएंगे।    

हरियाणा Switch to English

मानेसर में आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड वितरण कार्यक्रम का होगा शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2022 को हरियाणा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा निदेशालय से मिली जानकारी के अनुसार आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाए जाने हेतु मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 21 नवंबर को राज्य के मानेसर में गोल्डन कार्ड वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ कर लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड वितरित करेंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • हरियाणा सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य के ऐसे ज़रूरतमंद परिवारों को भी लाभ देने की शुरुआत की है, जिनका नाम वर्ष 2011 के सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना (एसईसीसी) डाटा में दर्ज नहीं था।
  • हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ देने के लिये सरकार द्वारा लगातार स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण और विस्तारीकरण किया जा रहा है। इसलिये मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन से राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में एसईसीसी सूची में शामिल परिवारों के अलावा ऐसे सभी परिवारों, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपए तक है, उन्हें आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है।
  • एसईसीसी डाटा के अलावा इस योजना में शामिल किये जाने वाले अन्य परिवारों का 5 लाख रुपए तक का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में ‘आयुष्मान भारत योजना’ की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य देश में ज़रूरतमंद व वंचितों को स्वास्थ्य सुविधाएँ देना था।
  • राज्य में भी एसईसीसी सूची के अनुसार पात्र लाभार्थियों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा अधिक-से-अधिक गरीब परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मुहैया करवाने के उद्देश्य से बीपीएल परिवारों की वार्षिक आमदनी सीमा को 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपए किया गया है।
  • ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार के मापदंडों के अनुसार हरियाणा में 15,51,798 परिवार इस योजना में कवर हो रहे थे, लेकिन राज्य सरकार ने योजना का दायरा बढ़ाया, जिसके कारण अब राज्य के 28 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इन सब परिवारों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक की नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा भी मुहैया करवाई जाएगी।
  • हरियाणा में अब तक 28,89,036 आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। राज्य में आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल 715 अस्पताल एम्पैनल्ड हैं, जिनमें 539 निजी अस्पताल और 176 सरकारी अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों के माध्यम से ज़रूरतमंद व्यक्तियों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड भूकंप अलर्ट ऐप होगा अपग्रेड

चर्चा में क्यों?

15 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक पीयूष रौतेला ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन विभाग (यूएसडीएमए) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की की ओर से तैयार किये गए मोबाइल एप्लीकेशन ‘उत्तराखंड भूकंप अलर्ट’ऐप को अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिये यूएसडीएमए की ओर से 58 करोड़ रुपए का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि उत्तराखंड देश में पहला ऐसा राज्य है, जिसने प्रारंभिक भूकंप चेतावनी प्रणाली विकसित की है।
  • विश्व बैंक परियोजना के वरिष्ठ आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ गिरीश जोशी ने बताया कि भूकंप अलर्ट ऐप सेंसर आधारित प्रणाली पर काम करता है। अभी तक राज्य में चकराता से लेकर पिथौरागढ़ तक करीब 163 सेंसर लगे हैं, जिनसे प्राप्त होने वाले इनपुट के आधार पर ‘अलर्ट ऐप’भूकंप आने की स्थिति में बीप बजाता है, लेकिन सटीक चेतावनी प्रणाली विकसित करने के लिये सेंसर बढ़ाने की आवश्यकता है। उत्तराखंड भूकंप अलर्ट ऐप को अपग्रेड करने के लिये राज्य के विभिन्न हिस्सों में 350 नए स्थानों पर सेंसर लगाए जाएंगे।
  • उन्होंने बताया कि आने वाले समय में राज्य में 500 से अधिक सेंसर स्थापित करके मौजूदा नेटवर्क को और अधिक सघन बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य न्यूनतम 5-10 किमी. की दूरी पर कम-से-कम एक सेंसर लगाना है। इन सेंसरों का फायदा केवल उत्तराखंड ही नहीं, दिल्ली सहित आसपास के राज्यों को भी होगा।
  • भूकंप विशेषज्ञ गिरीश जोशी ने बताया कि जब भूकंप आता है तो पी तरंगें और एस तरंगें केंद्र से अलग-अलग दिशाओं में ऊपरी सतह (ग्राउंड लैंडस्केप) की ओर सफर करती हैं। पी तरंग तेज़ी से यात्रा करती हैं और लैंडस्केप में लगे सेंसर को ट्रिगर करती हैं। सेंसर से डाटा कंट्रोल रूम पहुँचता है और तुरंत एक अलर्ट जारी किया जाता है। इस तरह से उपयोगकर्त्ता को मोबाइल ऐप के माध्यम से अलर्ट मिल जाता है।
  • यूएसडीएमए का दावा है कि 12 नवंबर को नेपाल में आए 5.4 मैग्नीट्यूट के भूकंप का उत्तराखंड सहित दिल्ली में कुछ मोबाइलों पर अलर्ट प्राप्त हुआ था। अलर्ट उन्हीं मोबाइल पर प्राप्त हुआ था, जिन्होंने ऐप को समय-समय पर अपडेट किया था।

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एसएमएस अलर्ट
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