छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ जनजातीय क्राफ्ट मेला
चर्चा में क्यों?
15 नवंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय टेकाम ने वीर जननायक बिरसा मुंडा की जयंती पर रायपुर के हाट बाजार पंडरी में राज्य स्तरीय तीन दिवसीय जनजातीय क्राफ्ट मेला का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण नवा रायपुर द्वारा भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से इस जनजातीय क्राफ्ट मेला का आयोजन 15 से 17 नवंबर तक किया जा रहा है।
- जनजातीय क्राफ्ट मेला के आयोजन का उद्देश्य जनजातीय शिल्प एवं कला कौशल को संरक्षित रखना, इनका संवर्धन करना और जनजातीय कौशल को सामान्य जनों के बीच प्रचारित-प्रसारित करना है।
- मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि मेला में जनजातीय लोक कलाकारों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने तथा शिल्पकारों को उनके उत्पाद को विक्रय करने का अवसर मिलेगा। विभिन्न सांस्कृतिक दलों का प्रतिदिन यहाँ मंच पर प्रदर्शन होगा, जिसमें उन्हें अपने सांस्कृतिक विचारों का आदान-प्रदान करने का भी अवसर भी प्राप्त होगा।
- उन्होंने बताया कि मेला में प्रदेश के बस्तर से लेकर सरगुजा के कलाकार अपनी कला का तथा शिल्पकार अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे।
- मेला में जूट, काष्ठ कला, लोह कला, बाँस शिल्प, ढोकरा आर्ट, भित्ती चित्र, गोदना आदि के स्टॉल में प्रदर्शन किया जाएगा। मेले में आने वाले लोग तथा स्थानीय जन सामान्य भी आदिवासी संस्कृति, परंपरा से परिचित हो सकेंगे।
- विभिन्न जनजातियों के लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी जाएंगी। बिलासपुर, गरियाबंद, राजनांदगाँव, जगदलपुर, नारायणपुर, अंबिकापुर, जशपुर, दुर्ग, गरियाबंद, धमतरी आदि ज़िलों के कलाकार, शिल्पकार, नृतक दल शामिल होंगे।
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