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‘जायका’ का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
15 अक्तूबर, 2021 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल द्वारा संग्रहालय भ्रमण पर आने वाले दर्शकों की मांग पर भील जनजाति के पारंपरिक भोजन कार्यक्रम ‘जायका’ की शुरुआत की गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस संबंध में निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि पिछले दो दशकों में विश्व के तमाम बड़े वैज्ञानिकों ने अपने शोध से ये साबित किया है कि जनजातियों के प्राकृतिक आहार को अपनाने से पोषक तत्त्वों की कमी से होने वाले अनेक रोगों से निजात मिल सकती है।
- संग्रहालय की कैंटीन में प्रत्येक शनिवार एवं रविवार को दोपहर 1 बजे से 4 बजे के मध्य प्रदेश की भील जनजाति का पारंपरिक भोजन मक्के की रोटी, बैगन का भर्ता, धनिया-लहसुन की चटनी, गुड़ आदि उपलब्ध रहते हैं।
- उल्लेखनीय है कि मक्के की रोटी का सेवन करने से शरीर को फाइबर प्राप्त होता है, जो पाचन संबंधी समस्याओं से राहत पाने में मदद करता है। यह शरीर में कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। साथ ही फाइबर युक्त आहार से लंबे समय तक भूख नहीं लगती।
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मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश
चर्चा में क्यों?
14 अक्तूबर, 2021 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश रवि विजयकुमार मलिमथ को सांदीपनि सभागार राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि 16 सितंबर, 2021 को सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने देश के 8 राज्यों के मुख्य न्यायाधीश सहित कई अन्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की थी, जिनमें मध्य प्रदेश के तत्कालीन न्यायाधीश मोहम्मद रफीक को हिमाचल प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ को मध्य प्रदेश स्थानांतरित करने की सिफारिश शामिल थी।
- 25 मई, 1962 को जन्मे न्यायमूर्ति मलिमथ ने 28 जनवरी, 1987 को कर्नाटक हाईकोर्ट में वकालत शुरू की थी। इन्होंने बतौर अधिवक्ता संवैधानिक, सिविल, आपराधिक, श्रम और सेवा मामलों में महारत हासिल की। इन्हें 18 फरवरी, 2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश और 17 फरवरी, 2010 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
- इन्होंने 5 मार्च, 2020 को उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का पद ग्रहण किया। 28 जुलाई, 2020 को इन्हें उत्तराखंड उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके उपरांत हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर 7 जनवरी, 2021 को कार्यभार संभाला तथा 28 जून, 2021 को इन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ ली।
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लाडली लक्ष्मी उत्सव
चर्चा में क्यों?
14 अक्तूबर, 2021 को मध्य प्रदेश में राज्यस्तरीय ‘लाडली लक्ष्मी उत्सव’ का आयोजन प्रदेश की प्रत्येक आंगनबाड़ी एवं पंचायत भवन में वर्चुअल रूप से किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस कार्यक्रम में लगभग 40 लाख लाडली लक्ष्मी बेटियों को वर्चुअली जोड़ा गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से ‘लाडली लक्ष्मी उत्सव’ में प्रदेश की 21 हज़ार 550 लाडलियों के खातों में 5.99 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति का अंतरण किया।
- उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश सरकार ने बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंगानुपात में सुधार, बालिकाओं की शैक्षणिक स्थिति और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाने तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से 1 अप्रैल, 2007 को ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ लागू की थी।
- योजना के प्रारंभ से अब तक प्रदेश भर की 39.81 लाख बालिकाएँ लाडली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत हो होकर लाभान्वित हो रही हैं।
- इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 ‘आत्मनिर्भर लाडली’ को प्रारंभ करने की घोषणा की, जिससे प्रदेश की हर बेटी सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेगी।
- इस योजना के तहत स्नातक और व्यावसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को 2 साल की शिक्षा पूरी करने के बाद 20 हज़ार रुपए की राशि राज्य सरकार प्रदान करेगी। कॉलेज में दाखिला लेने वाली लाडली लक्ष्मी बेटियों को 25 हज़ार रुपए की राशि दी जाएगी। साथ ही, बेटियों के जन्म की संख्या के आधार पर लाडली लक्ष्मी फ्रेंडली ग्राम पंचायत/ग्राम घोषित करेंगे किये जाएंगे।
- हर सरकारी विद्यालय (सभी कन्या छात्रावासों सहित) में डिजिटल और फाइनेंशियल लिटरेसी केंद्र स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक लाडली लक्ष्मी को 18 वर्ष की आयु होने पर लर्ऩिग ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 ‘आत्मनिर्भर लाडली’ को बेहतर बनाने के लिये आमजन से सुझाव लेकर योजना में बदलाव भी किये जाएंगे। प्रदेश के हर ज़िले में साल में एक दिन लाडली लक्ष्मी उत्सव का आयोजन भी किया जाएगा।
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