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सवाई माधोपुर की तर्ज़ पर राज्य के प्रत्येक ज़िले में विकसित होंगी दो गर्ल फ्रेंडली ग्राम पंचायत
चर्चा में क्यों?
15 सितंबर, 2022 को शासन सचिव दिनेश कुमार यादव ने कहा कि सवाई माधोपुर की तर्ज़ पर राज्य के प्रत्येक ज़िले में दो ग्राम पंचायतों को गर्ल फ्रेंडली ग्राम पंचायत के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि राज्य सरकार के महिला अधिकारिता विभाग द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सवाई माधोपुर की सात ग्राम पंचायतों को गर्ल फ्रेंडली ग्राम पंचायत के रूप में विकसित किया गया है।
- सचिव दिनेश कुमार यादव ने विभागीय योजनाओं की प्रगति समीक्षा बैठक तथा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’योजना के तहत चिह्नित गर्ल फ्रेंडली ग्राम पंचायत हेतु सभी ज़िलों का संभाग अनुसार आयोजित प्रथम बैच के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
- यह प्रशिक्षण कार्यक्रम निदेशालय महिला अधिकारिता एवं यूएनएफपीए के समन्वय से हुआ।
- इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ज़िलों के उप निदेशक, सहायक निदेशकों सहित चिह्नित ग्राम पंचायतों की साथिन और सुपरवाइजर ने सहभागिता की।
- उल्लेखनीय है कि इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों के साथ बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) में गिरावट और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना’का अवलोकन, जेंडर और गर्ल फ्रेंडली ग्राम पंचायत (जीएफजीएफ) के प्रमुख घटक, रणनीति और प्रक्रिया समझना, हिंसा से प्रभावित लड़कियों और महिलाओं के लिये कानूनों और सेवाओं पर अवलोकन, महिलाओं के लिये राज्य नीति के संदर्भ में लड़कियों और महिलाओं हेतु आर्थिक सशक्तीकरण से संबंधित सेवाओं, कार्यक्रमों का अवलोकन किया गया।
- गर्ल फ्रेंडली ग्राम पंचायतों में बालिकाओं के लिये सामाजिक माहौल तैयार किया जाएगा। लड़की पैदा होने पर उत्साह मनाया जाएगा। सरकारी योजनाओं का लाभ बालिकाओं तक पहुँचाया जाएगा। जिन पंचायतों में बालिकाओं के लिये स्कूल नहीं हैं वहाँ स्कूल तैयार कराए जाएंगे। घर से स्कूल तक पहुँचने के असुरक्षित रास्तों को चिह्नित कर सुरक्षा प्रदान की जाएगी। ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायतों के बजट से बालिकाओं को सभी तरह की सुविधा देने के लिये पूरा विकासात्मक स्ट्रक्चर खड़ा किया जाएगा।
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