उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश की नौ धरोहरों को मिलेगा हेरिटेज होटल का लुक
चर्चा में क्यों?
14 अगस्त, 2023 को उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि प्रदेश के धरोहर भवनों को निजी क्षेत्र के सहयोग से विरासत पर्यटन के लिये विकसित करने हेतु राज्य सरकार ने प्रदेश के नौ धरोहरों को हेरिटेज होटल का रूप देने की तैयारी शुरू की है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार ने लखनऊ की छतर मंज़िल, कोठी गुलिस्तां-ए-इरम, कोठी दर्शन विलास और कोठी रोशनुद्दौला, मीरजापुर का चुनार का किला, झांसी का बरुआ सागर किला, मथुरा के बरसाना जल महल, कानपुर के शुक्ला तालाब और बिठूर की टिकैतराय बारादरी को विरासत पर्यटन के लिये होटल का रूप देने की तैयारी की है।
- प्रदेश के धरोहर भवनों को निजी क्षेत्र के सहयोग से विरासत पर्यटन के लिये विकसित करने की सरकार की कोशिश के क्रम में कई विख्यात होटल समूहों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है।
- इन धरोहर भवनों में निवेश के इच्छुक होटल समूहों में मुख्य रूप से लीला होटल्स, नीमराना होटल्स, इंडियन होटल्स कंपनी (ताज होटल्स), महिंद्रा होटल्स एंड रिजार्ट्स, ओबेराय होटल्स, द एमआरएस ग्रुप एंड रिजार्ट्स, ललित होटल्स, हयात रीजेंसी, सरोवर होटल्स एंड रिजार्ट्स, एकोर ग्रुप, टीएचएफ होटल्स, लैंजेर होटल्स, रॉयल आर्किड होटल्स, रमाडा होटल, क्लार्क होटल आदि शामिल हैं।
- प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन मुकेश मेश्राम के अनुसार परियोजना के लिये सफल निविदादाता का चयन गुणवत्ता और लागत प्रणाली के आधार पर किया जाएगा। धरोहर भवनों के संरक्षण के लिये मापदंड और दायित्व भी तय किये गए हैं।
- इनमें पुरातात्त्विक भवन का विन्यास यथावत रखने, मूल स्वरूप में कोई परिवर्तन न करने, भवन का उपयोग उसके पौराणिक तथा ऐतिहासिक महत्त्व के अनुरूप किये जाने, विरासत भवन के इतिहास के संबंध में विकासकर्ता द्वारा साईनेज की स्थापना करने, स्थानीय संस्कृति, खान-पान, कला, पोशाक, व्यंजन तथा सांस्कृतिक विधाओं का प्रदर्शन, सीएसआर के अंतर्गत चयनित विकासकर्ता द्वारा निकटवर्ती ग्रामों को अंगीकृत करते हुए उनके विकास के साथ ही 25 प्रतिशत स्थानीय नागरिकों को रोज़गार प्रदान किया जाना शामिल है।
Switch to English