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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Aug 2023
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हरियाणा सरकार ने शहीद जवानों और सशस्त्र पुलिस बलों के परिवारों के सदस्यों को अनुकंपा आधार पर सरकारी नौकरी देने को लेकर एक नीति की अधिसूचना जारी की

चर्चा में क्यों?

15 अगस्त, 2023 को हरियाणा मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि राज्य सरकार ने देश की सेवा में प्राण न्योछावर करने वाले शहीद जवानों और सशस्त्र पुलिस बलों के परिवारों के सदस्यों को अनुकंपा आधार पर सरकारी नौकरी देने को लेकर एक नीति की अधिसूचना जारी की है।  

प्रमुख बिंदु 

  • इस नीति के तहत रक्षा अधिकारियों, गृह मंत्रालय द्वारा सशस्त्र बल या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को किसी भी ऑपरेशन या किसी निर्दिष्ट क्षेत्र में ऑपरेशन के दौरान संघर्ष, आईईडी विस्फोट, आतंकवादी या उग्रवादी हमलों, सीमा पर झड़पों में शहीद होने वाले जवानों को अनुकंपा नीति के अनुसार सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी। 
  • इनके अलावा एम.टी. कार्डियक अरेस्ट, हवाई दुर्घटना और प्राकृतिक आपदाओं में असाधारण साहस और कर्तव्य पालन करने और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में कर्तव्यों के निर्वाह के दौरान आदि घटनाओं में शहीद होने वाले जवानों आश्रितों को संशोधित अनुकंपा नीति के अनुसार सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी। 
  • मुख्य सचिव ने बताया कि इससे पहले 30 मई, 2014 और 28 सितंबर, 2018 की पिछली नीतियों के अनुसार सरकारी नौकरियाँ केवल उन शहीदों के आश्रितों को दी जाती थीं, जो सीमा पर झड़पों, आतंकवादी हमलों या दंगों में मारे जाते थे और जिन्हें रक्षा मंत्रालय या गृह मंत्रालय द्वारा शहीद घोषित किया जाता था।  
  • नई अनुकंपा नीति में पात्र परिवार के सदस्यों की परिभाषा को भी बढ़ाया गया है।  
  • नई नीति का उद्देश्य सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के युद्ध में शहीद जवानों के राज्यवासी परिवार के पात्र सदस्यों में से एक को अनुकंपा नियुक्ति के माध्यम से नौकरी प्रदान कर परिवार की मदद करना है। 
  • अनुकंपा नियुक्ति हेतु हताहत के परिवार में पति या पत्नी हैं और वे नियुक्ति नहीं चाहते हैं तो विवाहित या अविवाहित बच्चों में से किसी एक को लाभ दिया जाएगा। इसमें कानूनी रूप से गोद लिये गए बच्चे भी शामिल किये गए हैं। बशर्ते कि शहीद सैनिक ने जीवित रहते वह बच्चा गोद लिया हो।  
  • यदि शहीद सैनिक अविवाहित था तो उसके माता-पिता की सहमति से ही अविवाहित या विवाहित भाई या अविवाहित बहन या जिसके लिये माता-पिता, भाइयों और अविवाहित बहनों द्वारा सहमति दी जाती है, उसे इस नीति का लाभ दिया जाएगा।   

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