नोएडा में तीन हज़ार करोड़ रुपए की लागत से बनेगा अपैरल पार्क | उत्तर प्रदेश | 16 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2022 को उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री राकेश सचान ने कहा कि नोएडा में तीन हज़ार करोड़ रुपए की लागत से अपैरल पार्क स्थापित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- इसमें 115 वस्त्र इकाइयाँ स्थापित की जाएगी और 2 लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा।
- लोक भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एमएसएमई विभाग की 100 दिन की उपलब्धियाँ बताते हुए राकेश सचान ने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा से पावरलूम संचालन को प्रोत्साहित करने के लिये ‘मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना’ के नाम से एक नई योजना शुरू की जाएगी।
- इससे पारंपरिक विद्युत ऊर्जा की खपत कम होगी। प्रदूषण में कमी के साथ वस्त्र उत्पादन की लागत में भी कमी आएगी और बुनकरों को आर्थिक लाभ होगा।
- टैक्सटाइल पॉलिसी-2017 में नवाचार को शामिल करते हुए टेक्सटाइल पॉलिसी-2022 का ड्राफ्ट तैयार करके शासन को भेजा गया है। नई पॉलिसी से प्रदेश में वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में निवेश में और अधिक बढ़ोतरी होगी तथा अधिकारिक रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
- उल्लेखनीय है कि 30 जून, 2022 को आयोजित मेगा लोन मेले में 1 लाख 90 हज़ार लाभार्थियों को 16 हज़ार करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया। एमएसएमई अधिनियम के तहत 100 दिनों में 73 उद्यम स्थापित हो चुके हैं। अब तक 7202 उद्यम अधिनियम के तहत स्थापित हुए है।
बिहार की सबसे बड़ी एलिवेटेड कॉरिडोर सड़क दानापुर-बिहटा के निर्माण को एनएचएआई ने दी हरी झंडी | बिहार | 16 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2022 को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने दानापुर रेलवे स्टेशन से बिहटा के ईएसआई मेडिकल कॉलेज तक एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के लिये निविदा कर दी। इस प्रोजेक्ट के तहत 21 किमी. लंबे एलिवेटेड कारिडोर का निर्माण किया जाना है।
प्रमुख बिंदु
- दानापुर-बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर के तहत बिहटा एयरपोर्ट के लिये एक लिंक रोड का भी प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त नेऊरागंज, पैनाल, कन्हौली तथा बिशनपुरा में बाईपास का निर्माण कराया जाना है।
- बिहार के सबसे बड़े एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण 51 करोड़ रुपए की लागत से होगा। एलिवेटेड सड़क की पूरी लंबाई 21 किमी. है। कोईलवर पुल तक 4 किमी. सड़क भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
- पटना से इस एलिवेटेड कॉरिडोर का इस्तेमाल कर रहे ट्रैफिक को एक टनल के माध्यम से बिहटा एयरपोर्ट का रास्ता मिलेगा। सगुना मोड़ से एलिवेटेड कॉरिडोर के लिये एक रैंप बनाया जाएगा। बिहटा से कोईलवर के बीच एक अंडरपास तथा चार पुल बनाए जाएंगे।
- गौरतलब है कि एलिवेटेड कारिडोर का प्रोजेक्ट बिहार के लिये घोषित प्रधानमंत्री पैकेज 2015 का हिस्सा है। इसके लिये 456 करोड़ रुपए की लागत से राज्य सरकार ने अपनी राशि से ज़मीन का अधिग्रहण किया है। दानापुर स्थित रेलवे की ज़मीन के बदले राज्य सरकार हार्डिंग पार्क के दक्षिणी हिस्से की ज़मीन उपलब्ध कराएगी।
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में ऑडिटोरियम व इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण | राजस्थान | 16 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स व ऑडिटोरियम का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- विश्वविद्यालय परिसर में लगभग 1000 दर्शक क्षमता वाला यह नवीन ऑडिटोरियम लगभग 48 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होगा।
- लगभग 50 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बास्केटबॉल, वालीबॉल, शूटिंग, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, जूडो, कुश्ती, जिम्नास्टिक, योगा, एरोबिक आदि खेलों की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल के लोगो और टी-शर्ट का विमोचन किया तथा खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पूर्व खिलाड़ियों को सम्मानित एवं पदक विजेताओं को चैक प्रदान कर पुरस्कृत किया।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों की मशाल को बाड़मेर ज़िले के लिये रवाना किया।
- मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के अहिंसा पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। लगभग 61 लाख रुपए की लागत से नव-निर्मित अहिंसा पार्क में 29 पेडेस्टल बनाकर महात्मा गांधी की जीवनी का विवरण लिपिबद्ध करवाया गया है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संभाग मुख्यालय स्थित डॉ. करणी सिंह स्टेडियम परिसर में बनने वाले मल्टीपरपज इंडोर हॉल का भी शिलान्यास भी किया।
- लगभग 7.50 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस हॉल में खिलाड़ियों को टेबल टेनिस, बैडमिंटन, कबड्डी सहित विभिन्न इंडोर स्पोर्ट्स प्रशिक्षण की सुविधा मिल सकेगी।
ट्रैवल प्लस लेज़र की विश्व के 10 बेस्ट शहरों की सूची में राजस्थान के 2 शहर | राजस्थान | 16 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2022 को अंतर्राष्ट्रीय और पर्यटन जगत् में प्रतिष्ठित मैगज़ीन ट्रैवल प्लस लेज़र द्वारा जारी विश्व के टॉप 10 बेस्ट शहरों की सूची में राजस्थान के जयपुर को 8वाँ और उदयपुर को 10वाँ स्थान मिला है।
प्रमुख बिंदु
- इस सूची में प्रथम स्थान पर ओक्साका (मेक्सिको), दूसरे स्थान पर सैन मिगुएल डी ऑलेंडे (मैक्सिको), तीसरे स्थान पर उबुद (इंडोनेशिया), चौथे स्थान पर फ्लोरेंस (इटली) और पाँचवें स्थान पर इस्तांबुल (तुर्की) रहा।
- इसी प्रकार छठे स्थान पर मैक्सिको सिटी (मैक्सिको), सातवें स्थान पर चियांग माई (थाईलैंड) और नौवें स्थान पर ओसाका (जापान) रहा है।
- ट्रैवल प्लस लेज़र मैगज़ीन की ओर से एशिया के टॉप 15 बेहतरीन शहरों की सूची भी जारी की गई है।
- टॉप शहरों की सूची में जयपुर को तीसरा और उदयपुर को पाँचवा स्थान मिला है। इस सूची में टॉप शहर उबुद (इंडोनेशिया), दूसरे स्थान पर चियांग (थाईलैंड) और चौथे स्थान पर ओसाका (जापान) रहा है।
- राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को उद्योग का दर्जा, नई पर्यटन नीति, राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति सहित कई नवाचार किये जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय | मध्य प्रदेश | 16 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन योजना की स्वीकृति एवं निरंतरता प्रदान की जाए।
- योजना से सिकलसेल रोगियों की रुग्णता और मृत्यु-दर को कम करने तथा हीमोग्लोबिनोपैथी के प्रसार को रोकने के लिये जेनेटिक काउंसलिंग, सिकलसेल एनीमिया, थैलीसिमिया और अन्य हीमोग्लोबिनोपैथी विकास हेतु समुदाय स्तर पर स्क्रीनिंग कर बीमारी की पहचान कर आवश्यक प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा।
- विदित है कि प्रदेश में हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन का गठन जून 2021 में किया गया था। इस योजना का विस्तार प्रदेश के सभी 89 जनजातीय विकासखंडों में किया जाएगा। यह योजना वर्ष 2022-23 से 2023-24 में क्रियान्वित होगी।
- मंत्रिपरिषद ने चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में पी.जी. सीट वृद्धि के लिये 116 करोड़ 90 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के विभिन्न विभाग में चिकित्सा क्षेत्र के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिये कुल 134 पी.जी. सीट्स की वृद्धि होगी।
- मंत्रिपरिषद ने भारत-ओमान रिफायनरी लिमिटेड द्वारा उत्पादित नेफ्था के उपयोग से एम.ओ.यू. के अनुसार फर्स्ट राइट ऑफ रिफयूजल के अधीन 19 नवंबर, 2020 से 5 वर्षों तक नेफ्था के उपयोग एवं ट्रेडिंग की सहमति प्रदान की।
- मंत्रिपरिषद द्वारा सतना ज़िले की दौरी सागर मध्यम सिंचाई परियोजना लागत राशि 227 करोड़ 56 लाख रुपए सिचाई क्षेत्र 7,200 हेक्टेयर की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।
- परियोजना से सतना ज़िले की मझगवाँ तहसील के 15 ग्रामों के 7200 हेक्टेयर रकबे में भूमिगत पाइपलाइन द्वारा प्रेशराइज्ड पद्धति से रबी सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी एवं मंदाकिनी नदी के सतत प्रवाह के लिये आवश्यक जल उपलब्ध होगा।
मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2019 में संशोधन | मध्य प्रदेश | 16 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद ने औद्योगिक नीति निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन विकसित/विकासाधीन एवं अविकसित भूमि के उचित एवं कुशल प्रबंधन के लिये नवीन मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2019 संशोधित करने का निर्णय लिया।
प्रमुख बिंदु
- इसमें कंडिका 12(ii) स में औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि/भवन का आवंटन पारदर्शी एवं निष्पक्ष रूप से होने के साथ ही राजस्व में बढ़ोत्तरी हो, इसके लिये ‘प्रथम आओ प्रथम पाओ’ के स्थान पर ‘ई-बिडिंग’ प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है।
- कंडिका 12(ii) (द), कंडिका 13(ii) कंडिका 13(III), कंडिका 13(अ) मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अधिसूचित सेवा के अनुसार आशय-पत्र, आवंटन आदेश, पट्टाभिलेख निष्पादन, आधिपत्य आदि की समय-सीमा में संशोधन किया गया है।
- कंडिका 13(vii) चिह्नित औद्योगिक क्षेत्रों में रिक्त भू-खंड के लिये किश्तों में भुगतान करने हेतु प्रावधान किया गया है।
- कंडिका 19(ब) (II) हस्तांतरण प्रकरणों में 25 प्रतिशत निवेश राशि के साथ न्यूनतम राशि 50 करोड़ रुपए के विकल्प को शामिल किया गया एवं प्रस्तावित परियोजना में किये गए निवेश की स्थिति अनुसार पृथक्-पृथक् हस्तांतरण शुल्क का प्रावधान किया गया है।
- कंडिका 20 को पुनरीक्षित करते हुए कंडिका 20(अ) एवं 20(ब) किया गया है। कंडिका 20(अ) में कार्यरत् इकाइयों की अनुपयोगी भूमि के हस्तांतरण के लिये न्यूनतम क्षेत्रफल को 500 वर्गमीटर के स्थान पर 1000 वर्गमीटर एवं कंडिका 20(ब) में बंद इकाइयों की अनुपयोगी भूमि के विभाजन एवं हस्तांतरण के लिये प्रावधान किया गया है।
- कंडिका 24(अ) भू-खंड का समर्पण किये जाने की स्थिति में प्रत्याजी के साथ विकास शुल्क वापसी संबंधी प्रावधान को स्पष्ट करते हुए लघु उद्योग के प्रकरण में 6 वर्ष की समयावधि के बाद तथा मध्यम एवं बृहद् उद्योग के प्रकरण में 7 वर्ष के बाद परंतु 9 वर्ष के पूर्व समर्पण करने पश्चात् भी प्रब्याजी राशि वापस करने का प्रावधान किया गया है।
- कंडिका 34 उद्योग अनुषांगिक प्रयोजन के लिये भूमि आवंटन की अधिकारिता संचालक मंडल को प्रत्यायोजित की गई है।
सुरक्षा संचालन केंद्र की स्थापना | मध्य प्रदेश | 16 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य में मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम में स्टेट डाटा सेंटर के अंतर्गत एप्लीकेशंस/डाटा की सुरक्षा के लिये सुरक्षा संचालन केंद्र (Security Operations Centre) स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
प्रमुख बिंदु
- ज्ञातव्य है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मध्य प्रदेश स्टेट डाटा सेंटर (MPSDC) संचालित है।
- स्टेट डाटा सेंटर में विभिन्न विभागों के संचालित/संधारित सॉफ्टवेयर एप्लीकेशंस एवं उनसे संबंधित संवेदनशील तथा अन्य डाटा की साइबर सुरक्षा के लिये राज्य में एक सुरक्षा संचालन केंद्र का संचालन प्रबंधित सुरक्षा सेवा प्रदाता मॉडल पर संचालित किया जाएगा।
- सुरक्षा संचालन केंद्र (SOC) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन मध्य प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. (एमपीएसईडीसी) के अंतर्गत मध्य प्रदेश स्टेट डाटा सेंटर (MPSDC) में राज्य कंप्यूटर सिक्योरिटी इंसीडेंट रेस्पॉन्स ऑपरेशन सेंटर CSIRT को प्रत्यक्ष रूप से सहयोग प्रदान करेगा।
- सुरक्षा संचालन केंद्र] नेटवर्क ऑपरेशन केंद्र (NOC) के समान ही आईटी ऑपरेशन टीम की एक इकाई है, जो नेटवर्क ऑपरेशन केंद्र (NOC) से सहयोग कर क्रियान्वित रहती है।
- सुरक्षा संचालन केंद्र के सदस्य सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न आई.टी. सुरक्षा तंत्र अधो-संरचना और उसके ऑपरेशन के कार्य निष्पादित करते हैं।
- नेटवर्क ऑपरेशन केंद्र (NOC) के साथ एस.ओ.सी. (SOC) द्वारा भी इंफ्रा टीम के आदेशों का दैनंदिन पालन करते हुए आईटी सुरक्षा के विभिन्न लक्ष्य की पूर्ति करेगा।
- गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में स्टेट डाटा सेंटर में एप्लीकेशंस एवं एप्लीकेशन होस्ट संबंधी गंभीर जोखिमों से बचने में सुरक्षा संचालन केंद्र सहायक के रूप में कार्य करेगा।
मध्य प्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में संशोधन | मध्य प्रदेश | 16 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद द्वारा खनिज साधन विभाग के अंतर्गत मध्य प्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में प्रस्तावित संशोधन के संबंध में अनुमोदन प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इसमें जिला खनिज प्रतिष्ठान बोर्ड एवं कार्यकारी समिति के अध्यक्ष के रूप में जिला कलेक्टर को रखा जाएगा। बोर्ड एवं कार्यकारी समिति में सदस्य के रूप में लोकसभा तथा मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य के साथ राज्यसभा के सदस्य को भी शामिल किया जाएगा।
- मध्य प्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में वर्तमान में जिला खनिज प्रतिष्ठान में जमा राशि का नियम 13(2)(ड) अनुसार राज्य खनिज निधि में अंतरित करने का प्रावधान है।
- भारत सरकार के निर्देशानुसार राज्य खनिज निधि का प्रावधान समाप्त किया जा रहा है, अत: पूर्व में जिला खनिज प्रतिष्ठान अंतर्गत राज्य खनिज निधि में जमा राशि का उपयोग किये जाने के लिये नियमों में प्रावधान किया गया है।
- उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य तकनीकी सुधार मध्य प्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में किये गए हैं। प्रतिष्ठान के उद्देश्य अनुसार खनन प्रभावित क्षेत्रों में विविध विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के साथ स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर सृजित हो सकेंगे।
गौण खनिज नियम, 1996 में संशोधन | मध्य प्रदेश | 16 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद द्वारा मध्य प्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में संशोधन के संबंध में अनुमोदन प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- वर्तमान में नियमों में ई-निविदा से उत्खनन पट्टा प्रदान करने की प्रक्रिया निर्धारित है। अब ई-निविदा से उत्खनि पट्टा एवं समेकित अनुज्ञप्ति पृथक्-पृथक् आवंटित करने का नियमों में संशोधन किया गया है।
- निजी भूमि में वर्तमान नियम में अनुसूची-पाँच के उत्खनन पट्टा भूमि-स्वामी अथवा उसके सहमति धारक को आवंटित करने का प्रावधान है। वर्तमान प्रावधान में उत्खनन पट्टा ग्रांट करने से पूर्व भूमि-स्वामी को पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति का कार्य करना भी अनिवार्य किया गया है।
- वर्तमान निर्धारित प्रक्रिया समेकित अनुज्ञप्ति ही है, इसलिये नियमों में निजी भूमि पर उत्खनन पट्टा प्रदान करने के शब्द के स्थान पर समेकित अनुज्ञप्ति का शब्द समाविष्ट किया जाना प्रावधानित किया गया है।
- वर्तमान नियमों में शासकीय विभाग की अनुमति से सरकारी तालाब एवं अन्य संरचनाएँ तथा ग्राम पंचायत की अनुमति से उनके द्वारा निर्मित/संधारित तालाब एवं अन्य संरचनाओं से निकलने वाली कीचड़, गाद पर स्वयं के कार्यों के उपयोग के लिये रॉयल्टी एवं परिवहन अनुज्ञा की आवश्यकता नहीं है। अब निकलने वाली कीचड़, गाद के साथ मिट्टी पर भी रॉयल्टी एवं परिवहन अनुज्ञा की आवश्यकता नहीं होगी।
- वर्तमान नियमों में उत्खनन पट्टा के लिये वर्ष के प्रथम माह की 20 तारीख तक देय अग्रिम मृत कर राशि एकमुश्त जमा करने का प्रावधान है। अब यह राशि अग्रिम दो किश्तों में पट्टाधारियों से जमा कराए जाने के प्रावधान किये गए हैं।
- अनुसूची-एक, अनुसूची-दो एवं अनुसूची-पाँच में विनिर्दिष्ट खनिजों के शोधों (अनिवार्य भाटक, स्वामित्व, भूतल भाटक, जिला खनिज प्रतिष्ठान की राशि व अन्य देय राशि) के विलंब भुगतान पर 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज का भुगतान किया जा सकेगा।
- उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य तकनीकी सुधार मध्य प्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में किये गए हैं, जिससे प्रदेश में खदानों के आवंटन में गति लाने, प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने तथा खनिज राजस्व में वृद्धि के साथ रोज़गार सृजन के अवसर उत्पन्न हो सकेंगे।
झारखंड मंत्रिपरिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय | झारखंड | 16 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिपरिषद की बैठक में निजी क्षेत्र में 40 हज़ार रुपए सेलरी तक की नियुक्तियों में स्थानीय लोगों के लिये 75 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है।
- मंत्रिपरिषद ने राज्यकर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने विकास आयुक्त की अध्यक्षता में त्रिसदस्यीय कमेटी के गठन का निर्णय किया। इस कमेटी में वित्त विभाग के प्रधान सचिव और कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव सदस्य होंगे। इस कमेटी की अनुशंसा पर ही पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का मसौदा तैयार होगा।
- मंत्रिपरिषद ने उन कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है, जिनकी नियुक्ति प्रक्रिया एक दिसंबर 2004 (नई पेंशन योजना के लागू होने की तिथि) तक पूरी हो चुकी थी, लेकिन जिन्हें नियुक्ति-पत्र नहीं मिल सका था।
- इसके साथ ही पूर्व से संचालित केंद्र प्रायोजित मिशन सक्षम आँगनबाड़ी एवं पोषण योजना-0 के अंतर्गत केंद्र सरकार के अगले आदेश तक अवधि विस्तार की मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति दी।
- मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया है कि राज्य में 100 यूनिट तक मासिक बिजली खपत करने वाले को मुफ्त बिजली मिलेगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में ऐसे करीब 31 लाख 52 हज़ार 773 उपभोक्ता हैं, जो 100 यूनिट से कम बिजली खपत करते हैं। ऐसे उपभोक्ताओं का बिजली बिल पूरी तरह माफ होगा।
- मंत्रिपरिषद ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, कांके के सेवानिवृत्त शिक्षकों/वैज्ञानिकों/ पदाधिकारियों-निदेशक, अधिष्ठाता, कुलसचिव एवं अन्य समकक्ष पेंशनरों को सातवीं पुनरीक्षित पेंशन दिनांक 01.2016 के प्रभाव से लागू करने की स्वीकृति दी गई।
- मंत्रिपरिषद के अन्य निर्णय-
- अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय विधेयक, 2022 के अनुमोदन की स्वीकृति दी गई।
- डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में प्राध्यापकों के विद्यमान पदों का युक्तिकरण एवं नवीन पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।
- पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक, 2022 की स्वीकृति दी गई।
- रामगढ़ ज़िले में एक कुटुंब न्यायालय के गठन की स्वीकृति दी गई।
- खूँटी, चतरा, लोहरदगा, हजारीबाग, जामताड़ा, गोड्डा, बगोदर और पलामू में खुले 8 नए पॉलीटेक्निक कॉलेजों के संचालन का जिम्मा प्रेझा फाउंडेशन को दिया गया है।
- राज्य मंत्रिपरिषद ने वित्त विभाग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके तहत 505 पुराने पदों को सरेंडर किया गया है और 515 नए पद सृजित किये गए हैं।
- राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि ताना भगतों को साल में दो बार कपड़े खरीदने के लिये चार हज़ार रुपए वार्षिक दिये जाएंगे। यह लाभ 25 वर्ष से अधिक उम्र के सभी ताना भगतों को मिलेगा।
- मंत्रिपरिषद ने राज्य के सभी राशनकार्डधारी परिवारों को 1 किलो चना दाल हर माह एक रुपए की दर पर देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही जन-वितरण प्रणाली के तहत राशनकार्डों में संशोधन के लिये सरलीकरण की प्रक्रिया को स्वीकृति प्रदान की गई।
अक्षय पात्र एकीकृत रसोई का उद्घाटन | उत्तराखंड | 16 Jul 2022
चर्चा में क्यों?
15 जुलाई, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुद्धोवाला देहरादून में अक्षय पात्र, फाउंडेशन, द हंस फाउंडेशन तथा शिक्षा विभाग के सहयोग से 63वें केंद्रीकृत मिड-डे-मील किचन का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्कूलों के बच्चों को मिड-डे-मील पहुँचाने के लिये वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार, अक्षय पात्र फाउंडेशन एवं द हंस फाउंडेशन के सामूहिक प्रयासों से बच्चों को उच्च गुणवत्तायुक्त एवं पौष्टिक भोजन की शुरुआत हुई है। अभी इस मिड-डे-मील की शुरुआत 120 स्कूलों के 15 हज़ार से अधिक बच्चों के लिये की गई है।
- भविष्य में 500 से अधिक स्कूलों के 35 हज़ार से अधिक बच्चों के लिये केंद्रीकृत किचन के माध्यम से भोजन की व्यवस्था की जाएगी।
- अक्षय पात्र फाउंडेशन, द हंस फाउंडेशन तथा शिक्षा विभाग के सहयोग से जो केंद्रीकृत किचन का शुभारंभ किया गया है, उसमें प्रधानमंत्री पोषण कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को स्वादिष्ट व पौष्टिक भोजन परोसा जाएगा। राज्य में 5 लाख से अधिक बच्चों को सरकार द्वारा मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
- उल्लेखनीय है कि हंस फाउंडेशन एवं अक्षय पात्र फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासों से राज्य में दूसरी एकीकृत रसोई की शुरुआत की गई है, इससे पहले गदरपुर में एकीकृत रसोई का संचालन शुरू कर दिया गया है।