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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Jun 2022
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वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना, 2022 में संशोधन

चर्चा में क्यों?

15 जून, 2022 को राजस्थान सरकार ने वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना, 2022 के तहत वरिष्ठ नागरिक की उम्र 65 वर्ष के स्थान पर 70 वर्ष या उससे अधिक आयु पढ़ी जाने के संशोधित आदेश जारी किये हैं।

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना के अंतर्गत 18 हज़ार वरिष्ठ नागरिकों को रेलमार्ग और 2 हज़ार वरिष्ठ नागरिकों को वायुयान मार्ग से तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी। कुल मिलाकर वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में इस बार 20 हज़ार वरिष्ठ नागरिक देश भर के तीर्थ स्थलों की नि:शुल्क यात्रा करेंगे।
  • यात्रा के लिये पात्र व्यक्ति का राजस्थान का मूल निवासी और 60 वर्ष से अधिक आयु का होना आवश्यक है। आयु की गणना 1 अप्रैल, 2022 को आधार मान कर की जाएगी, अर्थात् उसका जन्म 1 अप्रैल, 1962 से पूर्व का हो।
  • सरकार के आदेशानुसार रेल और हवाई यात्रा के दौरान स्थान रिक्त रहने की परिस्थिति में इच्छुक पात्र व्यक्ति, जिन्होंने आवेदन किया था, को अनुमत करने का अधिकार आयुक्त देवस्थान विभाग को होगा।
  • तीर्थ यात्रा के लिये जून के द्वितीय सप्ताह ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी, जो 30 जून तक चलेगी।
  • वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में अब 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और 60 वर्ष से अधिक आयु के दिव्यांगजन यात्रा के दौरान अपने साथ एक सहायक साथ ले जा सकेंगे।

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इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत जैसलमेर में तीन जल वितरण समितियों का गठन

चर्चा में क्यों?

15 जून, 2022 को राजस्थान सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर अधिशासी अभियंता वाटर कोर्सेज खंड-द्वितीय, इंदिरा गांधी नहर परियोजना, जैसलमेर के क्षेत्राधिकार में आने वाले जल उपयोक्ता संगमों को शामिल करते हुए तीन जल वितरण समितियों का गठन कर उनके क्षेत्रों का अंकन किया है।

प्रमुख बिंदु

  • अधिसूचना के अनुसार आसूतार जल वितरण समिति में जैसलमेर ज़िले की रामगढ़ तहसील के आसूतार वितरिका जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ; आसूतार माइनर जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ, पंचम; बांडी माइनर जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय; भाखरी माइनर जल उपयोक्ता संगम; घोटारू माइनर जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ; रामोज माइनर जल उपयोक्ता संगम; चीता माइनर जल उपयोक्ता संगम तथा दोयता माइनर जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय, तृतीय शामिल होंगे।
  • इसी प्रकार मीर का तार जल वितरण समिति के तहत रामगढ़ तहसील के दत्तात्रेय माइनर जल उपयोक्ता संगम, दत्तात्रेय सब माइनर जल उपयोक्ता संगम; मीर का तार वितरिका जल उपयोक्ता संगम; जीडीएम-5 जल उपयोक्ता संगम; मनुहार माइनर जल उपयोक्ता संगम; जीडीएम-6 जल उपयोक्ता संगम; नवातला वितरिका जल उपयोक्ता संगम; जीडीएम-7 जल उपयोक्ता संगम एवं एसएस माइनर जल उपयोक्ता संगम शामिल होंगे।
  • धनाना जल वितरिका समिति के तहत रामगढ़ तहसील के जीडीएम-8 जल उपयोक्ता संगम; राबलाउ वितरिका जल उपयोक्ता संगम; जीडीएम-9 जल उपयोक्ता संगम; भुवाना वितरिका जल उपयोक्ता संगम; धनाना वितरिका जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय, तृतीय; सांखला माइनर जल उपयोक्ता संगम; धनाना माइनर जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय; धनाना सब माइनर जल उपयोक्ता संगम; गुरुकन्या माइनर व सब माइनर जल उपयोक्ता संगम तथा जीडीएम-10 जल उपयोक्ता संगम शामिल किये गए हैं।
  • उल्लेखनीय है कि इन तीनों जल वितरण समितियों के तहत शामिल जल उपयोक्ता संगमों से करीब 60 हज़ार 146 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र लाभान्वित होगा।

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भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद में कॉपर, गोल्ड, लेड, जिंक व सिल्वर के पूर्ववेक्षण की तैयारी

चर्चा में क्यों?

15 जून, 2022 को राजस्थान राज्य के माइंस विभाग के अतिरित्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य के तीन स्थानों पर कॉपर, गोल्ड, लेड, जिंक व सिल्वर की खोज के कार्य के लिये स्थान चिह्नित किये गए हैं।

प्रमुख बिंदु

  • नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (NMET) के वित्तीय सहयोग से राज्य के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद ज़िलों में खनिजों का राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (RSMET) द्वारा यह खोज का कार्य किया जाएगा।
  • भीलवाड़ा के देवतलाई में करीब 700 हेक्टेयर में कॉपर एवं गोल्ड; चित्तौड़गढ़ के भागल में करीब 500 हेक्टेयर में कॉपर; भीलवाड़ा के अमरगढ़ में 600 हेक्टेयर में लेड व जिंक; राजसमंद के करौली में 200 हेक्टेयर में कॉपर और राजसमंद के सिंदेसर में करीब 3500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिल्वर, लेड व जिंक के भंडार का खोज कार्य कर खनन के लिये पाँच प्लॉट तैयार किये जाएंगे।
  • उन्होंने बताया कि इस कोश से नवाचारों को भी प्रोत्साहन देने के साथ ही विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थाओं के छात्रोें की सर्वेक्षण कार्यों में भी भागीदारी तय की जाएगी, ताकि छात्रों को व्यावहारिक अध्ययन का अवसर प्राप्त हो सके।
  • उन्होंने बताया कि RSMET को नेशनल एक्सप्लोरेशन एजेंसी का दर्जा दिलवाने के प्रयास किये जाएंगे, ताकि खनिज खोज व खनन कार्य में आरएसएमईटी की विशेषज्ञ संस्था के रुप में राष्ट्रीय पहचान बन सके।
  • माइंस के निदेशक के.बी. पंड्या ने बताया कि RSMET के माध्यम से विभागीय प्रयोगशाला व छिद्रेसन विंग को संरचनात्मक साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे राज्य में खनन खोज कार्य को और अधिक गति दी जा सकेगी।

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