उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने तबादला नीति, 2022 को दी मंज़ूरी | उत्तर प्रदेश | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
14 जून, 2020 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में तबादला नीति, 2022 को मंज़ूरी दे दी गई। इस नीति के तहत 15 से 30 जून तक तबादले किये जाएंगे। यह नीति वर्ष 2022-23 के लिये है।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत समूह क और ख के अधिकारियों द्वारा जनपद में 3 वर्ष और मंडल में 7 वर्ष पूरे होने पर स्थानांतरण की व्यवस्था की गई है।
- समूह क और ख के स्थानांतरण संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या के सापेक्ष अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग व घ के संवर्गवार कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत तक की सीमा तक किये जा सकेंगे।
- समूह ख और ग के कार्मिकों के स्थानांतरण मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर किये जाने की व्यवस्था की गई है।
- समूह ग के कार्मिकों के पटल परिवर्तन व क्षेत्र परिवर्तन विषयक शासनादेश को कड़ाई से पालन करने की व्यवस्था की गई है।
- बैठक में पुलिस के 40 हज़ार पदों पर भर्ती के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दे दी गई। बैठक में कृषि, उच्च शिक्षा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, पर्यटन एवं संस्कृति सहित विभिन्न विभागों के करीब डेढ़ दर्जन प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ताजनगरी में 8 लाख लोग करेंगे योग | उत्तर प्रदेश | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
15 जून, 2022 को ताजनगरी आगरा के ज़िलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने बताया कि इस वर्ष आगरा ज़िले में लगभग 150 स्थानों पर 8 लाख से अधिक लोग योग करेंगे।
प्रमुख बिंदु
- पर्यटन स्थल, स्मारक, पार्क व अन्य खुले स्थानों पर करीब 8 लाख लोग योग करेंगे। इसके लिये विभागों को लक्ष्य बाँटा गया है।
- विभागों के अलावा एनजीओ, सामाजिक व शैक्षणिक संस्थाएँ भाग लेंगी। समन्वय के लिये मजिस्ट्रेट, एसडीएम, एडीएम व अन्य अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
- ज़िलाधिकारी ने बताया कि फतेहपुर सीकरी, आगरा किला, एत्माद-उद-दौला व अन्य पर्यटन स्थलों पर भव्य आयोजन होगा। विभागों के अलावा एनजीओ, सामाजिक व शैक्षणिक संस्थाएँ भाग लेंगी।
- मुख्य योग शिविर ग्राम पंचायत स्तर से विकास खंड, तहसील व ज़िलास्तर पर होंगे। योग अभ्यास की सामूहिक एवं व्यक्तिगत सूचना आयुष कवच एप पर अपलोड की जाएगी।
नि:शक्त संतान की आय कम होने पर जीवन भर पेंशन देगी राज्य सरकार | उत्तर प्रदेश | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
15 जून, 2022 को राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि दिवंगत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की नि:शक्त संतान जीवन भर पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी।
प्रमुख बिंदु
- राज्य शासन ने राज्य सरकार के सेवानिवृत्त या मृत कर्मचारियों व पेंशनरों की मानसिक या शारीरिक नि:शक्तता से ग्रस्त संतान को पारिवारिक पेंशन के संबंध में आय के मानदंड तय किये हैं।
- आदेश के अनुसार यदि नि:शक्त संतान की समग्र आय साधारण दर पर स्वीकार्य पारिवारिक पेंशन व उस पर स्वीकार्य महंगाई राहत से कम है तो उसे यह लाभ मिलेगा।
- ऐसे मामलों में वित्तीय लाभ इस शासनादेश के जारी होने की तिथि से देय होगा और सरकारी कर्मचारी, पेंशनभोगी या पूर्व पेंशनभोगी की मृत्यु की तारीख से शुरू होने वाली अवधि के लिये कोई बकाया स्वीकृत नहीं होगा।
अब ज़मीन दान देने वालों के नाम से अस्पतालों का हो सकेगा नामकरण | उत्तर प्रदेश | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
14 जून, 2022 को उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई नई नियमावली को मंज़ूरी दी गई, जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति अपनी ज़मीन अस्पताल के लिये दान करता है तो संबंधित अस्पताल का नामकरण उसके या उसके परिजन के नाम पर किया जा सकेगा।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश में अब तक सरकारी अस्पतालों का निर्माण ग्राम समाज अथवा अन्य सरकारी ज़मीन पर किया जाता है। यह ज़मीन आबादी क्षेत्र से काफी दूर होती है। ऐसे में यहाँ चिकित्सक व चिकित्साकर्मी रहने से कतराते हैं। सुनसान इलाके में अस्पताल होने से उनकी सुरक्षा भी प्रभावित होती है।
- स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में यह बात सामने आई कि यदि आबादी क्षेत्र में अस्पताल रहे तो उसके रख-रखाव व सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था हो सकेगी। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल निर्माण के लिये भूमि अधिग्रहण एवं क्रय किये जाने के संबंध में नई नियमावली तैयार की है। इस नियमावली के तहत आबादी क्षेत्र में अब स्वास्थ्य विभाग ज़मीन खरीद कर अस्पताल बनवा सकेगा।
- इसी तरह यह भी विकल्प दिया गया है कि यदि कोई व्यक्ति आबादी क्षेत्र की ज़मीन दान में देता है तो संबंधित अस्पताल का नामकरण उसके या उसके परिजन के नाम से किया जा सकेगा। भू-स्वामी अस्पताल के लिये आबादी क्षेत्र की ज़मीन दान करके उतनी ही सरकारी ज़मीन दूर-दराज के क्षेत्र में हासिल भी कर सकता है।
- नई नियमावली में यह भी व्यवस्था की गई है कि नए अस्पताल का निर्माण कराते वक्त यह देखा जाएगा कि संबंधित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में पहले से कोई सरकारी अस्पताल न हो। इसी तरह सामुदायिक एवं ज़िला अस्पताल से भी दूरी के मानक तय किये गए हैं।
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना, 2022 में संशोधन | राजस्थान | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
15 जून, 2022 को राजस्थान सरकार ने वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना, 2022 के तहत वरिष्ठ नागरिक की उम्र 65 वर्ष के स्थान पर 70 वर्ष या उससे अधिक आयु पढ़ी जाने के संशोधित आदेश जारी किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के अंतर्गत 18 हज़ार वरिष्ठ नागरिकों को रेलमार्ग और 2 हज़ार वरिष्ठ नागरिकों को वायुयान मार्ग से तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी। कुल मिलाकर वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में इस बार 20 हज़ार वरिष्ठ नागरिक देश भर के तीर्थ स्थलों की नि:शुल्क यात्रा करेंगे।
- यात्रा के लिये पात्र व्यक्ति का राजस्थान का मूल निवासी और 60 वर्ष से अधिक आयु का होना आवश्यक है। आयु की गणना 1 अप्रैल, 2022 को आधार मान कर की जाएगी, अर्थात् उसका जन्म 1 अप्रैल, 1962 से पूर्व का हो।
- सरकार के आदेशानुसार रेल और हवाई यात्रा के दौरान स्थान रिक्त रहने की परिस्थिति में इच्छुक पात्र व्यक्ति, जिन्होंने आवेदन किया था, को अनुमत करने का अधिकार आयुक्त देवस्थान विभाग को होगा।
- तीर्थ यात्रा के लिये जून के द्वितीय सप्ताह ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी, जो 30 जून तक चलेगी।
- वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में अब 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और 60 वर्ष से अधिक आयु के दिव्यांगजन यात्रा के दौरान अपने साथ एक सहायक साथ ले जा सकेंगे।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत जैसलमेर में तीन जल वितरण समितियों का गठन | राजस्थान | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
15 जून, 2022 को राजस्थान सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर अधिशासी अभियंता वाटर कोर्सेज खंड-द्वितीय, इंदिरा गांधी नहर परियोजना, जैसलमेर के क्षेत्राधिकार में आने वाले जल उपयोक्ता संगमों को शामिल करते हुए तीन जल वितरण समितियों का गठन कर उनके क्षेत्रों का अंकन किया है।
प्रमुख बिंदु
- अधिसूचना के अनुसार आसूतार जल वितरण समिति में जैसलमेर ज़िले की रामगढ़ तहसील के आसूतार वितरिका जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ; आसूतार माइनर जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ, पंचम; बांडी माइनर जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय; भाखरी माइनर जल उपयोक्ता संगम; घोटारू माइनर जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ; रामोज माइनर जल उपयोक्ता संगम; चीता माइनर जल उपयोक्ता संगम तथा दोयता माइनर जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय, तृतीय शामिल होंगे।
- इसी प्रकार मीर का तार जल वितरण समिति के तहत रामगढ़ तहसील के दत्तात्रेय माइनर जल उपयोक्ता संगम, दत्तात्रेय सब माइनर जल उपयोक्ता संगम; मीर का तार वितरिका जल उपयोक्ता संगम; जीडीएम-5 जल उपयोक्ता संगम; मनुहार माइनर जल उपयोक्ता संगम; जीडीएम-6 जल उपयोक्ता संगम; नवातला वितरिका जल उपयोक्ता संगम; जीडीएम-7 जल उपयोक्ता संगम एवं एसएस माइनर जल उपयोक्ता संगम शामिल होंगे।
- धनाना जल वितरिका समिति के तहत रामगढ़ तहसील के जीडीएम-8 जल उपयोक्ता संगम; राबलाउ वितरिका जल उपयोक्ता संगम; जीडीएम-9 जल उपयोक्ता संगम; भुवाना वितरिका जल उपयोक्ता संगम; धनाना वितरिका जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय, तृतीय; सांखला माइनर जल उपयोक्ता संगम; धनाना माइनर जल उपयोक्ता संगम प्रथम, द्वितीय; धनाना सब माइनर जल उपयोक्ता संगम; गुरुकन्या माइनर व सब माइनर जल उपयोक्ता संगम तथा जीडीएम-10 जल उपयोक्ता संगम शामिल किये गए हैं।
- उल्लेखनीय है कि इन तीनों जल वितरण समितियों के तहत शामिल जल उपयोक्ता संगमों से करीब 60 हज़ार 146 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र लाभान्वित होगा।
भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद में कॉपर, गोल्ड, लेड, जिंक व सिल्वर के पूर्ववेक्षण की तैयारी | राजस्थान | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
15 जून, 2022 को राजस्थान राज्य के माइंस विभाग के अतिरित्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य के तीन स्थानों पर कॉपर, गोल्ड, लेड, जिंक व सिल्वर की खोज के कार्य के लिये स्थान चिह्नित किये गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (NMET) के वित्तीय सहयोग से राज्य के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद ज़िलों में खनिजों का राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (RSMET) द्वारा यह खोज का कार्य किया जाएगा।
- भीलवाड़ा के देवतलाई में करीब 700 हेक्टेयर में कॉपर एवं गोल्ड; चित्तौड़गढ़ के भागल में करीब 500 हेक्टेयर में कॉपर; भीलवाड़ा के अमरगढ़ में 600 हेक्टेयर में लेड व जिंक; राजसमंद के करौली में 200 हेक्टेयर में कॉपर और राजसमंद के सिंदेसर में करीब 3500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिल्वर, लेड व जिंक के भंडार का खोज कार्य कर खनन के लिये पाँच प्लॉट तैयार किये जाएंगे।
- उन्होंने बताया कि इस कोश से नवाचारों को भी प्रोत्साहन देने के साथ ही विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थाओं के छात्रोें की सर्वेक्षण कार्यों में भी भागीदारी तय की जाएगी, ताकि छात्रों को व्यावहारिक अध्ययन का अवसर प्राप्त हो सके।
- उन्होंने बताया कि RSMET को नेशनल एक्सप्लोरेशन एजेंसी का दर्जा दिलवाने के प्रयास किये जाएंगे, ताकि खनिज खोज व खनन कार्य में आरएसएमईटी की विशेषज्ञ संस्था के रुप में राष्ट्रीय पहचान बन सके।
- माइंस के निदेशक के.बी. पंड्या ने बताया कि RSMET के माध्यम से विभागीय प्रयोगशाला व छिद्रेसन विंग को संरचनात्मक साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे राज्य में खनन खोज कार्य को और अधिक गति दी जा सकेगी।
डीएस ग्रुप ने मध्य प्रदेश में जल आर्थिक क्षेत्र का शुभारंभ किया | मध्य प्रदेश | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में डीएस (धर्मपाल सत्यपाल) समूह ने मध्य प्रदेश के खंडवा और बैतूल ज़िलों में दूसरा ‘जल आर्थिक क्षेत्र’ (एक एकीकृत वाटरशेड विकास परियोजना) लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- डीएस समूह ने उदयपुर में अलसीगढ़ और कुराबाद वाटरशेड क्षेत्रों में पहला कार्यक्रम (जल आर्थिक क्षेत्र) सफलतापूर्वक लागू करने के बाद मध्य प्रदेश में यह विकास परियोजना लॉन्च की है।
- प्रस्तावित हस्तक्षेप खंडवा ज़िले के छैगाँव माखन ब्लॉक में बरुद ग्राम पंचायत के 3000 हेक्टेयर क्षेत्र में और बैतूल ज़िले के एथनेर ब्लॉक में दाभोना ग्राम पंचायत के 2400 हेक्टेयर क्षेत्र में लागू किया जाएगा।
- कंपनी ने इन दो ज़िलों में परियोजना के कार्यान्वयन के लिये ज़मीनी स्तर के संगठनों- अर्पण सेवा संस्थान और हरितिका के साथ भागीदारी की है।
- एकीकृत वाटरशेड विकास परियोजनाओं के माध्यम से ‘जल आर्थिक क्षेत्र का निर्माण’, अपनी उत्पादकता बढ़ाने के लिये प्राकृतिक संसाधनों, विशेष रूप से पानी और मिट्टी को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- इन परियोजनाओं में रिचार्ज़िग और भंडारण संरचनाओं का निर्माण, मौज़ूदा निष्क्रिय या कम उपयोग किये गए जल निकायों का नवीनीकरण, मृदा संरक्षण उपाय, कुशल सिंचाई प्रथाओं की शुरुआत और दीर्घकालिक स्थिरता के लिये संस्थानों का निर्माण शामिल है।
- वाटरशेड संरचनाओं के कारण सतह और उप-सतह स्तर पर पानी की उपलब्धता कई गुना बढ़ जाती है, जिससे सिंचित क्षेत्र में वृद्धि होती है और फसल उत्पादकता में सुधार होता है, जिसके परिणामस्वरूप हस्तक्षेप क्षेत्रों में समुदायों की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।
- यह परियोजना जलवायु के अनुकूल फसलों की कटाई के साथ-साथ ड्रिप सिंचाई और रेन गन जैसी बेहतर सिंचाई पद्धतियों के माध्यम से पानी के कुशल उपयोग को बढ़ावा देती है।
- दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये, कंपनी स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाती है और जल उपयोगकर्त्ता समूहों, किसानों के समूह या किसी अन्य उपयुक्त सामुदायिक संस्थानों जैसे संस्थानों का निर्माण करती है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 1929 में स्थापित डीएस समूह एक बहु-व्यवसाय निगम है और मज़बूत भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति के साथ अग्रणी एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) समूहों में से एक है।
20 साल से जमीन पर काबिज घुमंतूओं को मालिकाना हक देगी हरियाणा सरकार | हरियाणा | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
15 जून, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश में 20 साल से ज़मीन पर काबिज घुमंतू जाति के लोगों को मालिकाना हक देने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री आवास कबीर कुटीर में लगे जनता दरबार में मुख्यमंत्री ने घुमंतू जाति के प्रतिनिधियों की समस्याएँ सुनने के बाद यह घोषणाएँ की।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2000 तक जिस ज़मीन पर घुमंतू जाति के लोगों को रहते हुए 20 साल हो चुके हैं और उनके पास किसी भी प्रकार का कोई प्रमाण मौज़ूद है, तो सरकार वह ज़मीन उनके नाम करेगी।
- इसके लिये शर्त यह है कि ज़मीन 200 गज से अधिक नहीं होनी चाहिए और इसके लिये कुछ भुगतान लिया जाएगा। इसके अलावा, परिवार पहचान-पत्र के माध्यम से चिह्नित घुमंतू जाति के लोगों, जिनकी आय 1.80 लाख रुपए वार्षिक से कम है, को हाउसिंग फॉर ऑल विभाग के माध्यम से भी घर दिए जाएंगे।
झारखंड के वन क्षेत्र से 5 किमी. के दायरे में सभी आरा मिल हटाने के आदेश | झारखंड | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
15 जून, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वन विभाग को वन क्षेत्र से 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी आरा मिल हटाने के आदेश जारी किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- राज्य के मुख्यमंत्री ने वन विभाग के उस प्रस्ताव को अस्वीकृत करते हुए यह आदेश जारी किया है, जिसमें राज्य में 1996 के पूर्व वन क्षेत्र से पाँच किमी. के दायरे में संचालित आरा मिलों को रेगुलराइज करने का आग्रह किया गया था।
- हेमंत सोरेन के इस निर्णय का दूरगामी प्रभाव आने वाले दिनों में राज्य के जंगल और पर्यावरण पर दिखेगा। इससे जंगलों में लकड़ियों की हो रही अवैध कटाई पर भी लगाम लगेगी। साथ ही, जंगली जीव, जंगल और वनस्पति भी संरक्षित हो सकेंगे।
- ज्ञातव्य है कि इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित अवैध खदान को बंद करने का भी सख्त निर्देश दिया था। इस संबंध में उन्होंने कहा कि जिस ज़िले में अवैध खदान संचालित होंगे, उस ज़िले के सीनियर अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
- इसका सबसे ज्यादा फायदा कोयलांचल क्षेत्र के लोगों को हुआ है, जहाँ अवैध खदान के कारण कई बार दुर्घटनाएँ हुई हैं, वहीं खदान में बार-बार विस्फोट करने से प्रदूषण सहित उनके घरों पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।
राँची की कृतिका को मुंबई में मिला इंपैक्ट अवार्ड | झारखंड | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
15 जून, 2022 को झारखंड राज्य की राजधानी राँची की कृतिका सिंह को मुंबई में आयोजित समारोह में इंपैक्ट मीडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया। कृतिका को यह अवार्ड पद्मश्री प्रसून जोशी ने प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- 28 वर्षीय कृतिका को यह अवार्ड अंडर-30 में प्रभावशाली व्यक्तित्व, ज़िम्मेदारी से अपने काम का निर्वहन करना, लोगों की सहायता और देश के अहम प्रोजेक्ट में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये दिया गया है।
- कृतिका वर्तमान में वेवमेकर ग्लोबल के लिये कंटेक्ट ग्रुप हेड के रूप में काम कर ही हैं, जिसके अंर्तगत विभिन्न अभियानों का सफलतापूर्वक संचालन किया गया है।
- इससे पहले कृतिका को वर्ष 2016 में बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिये एमएसएल ग्रुप मेस्ट्रो अवार्ड इंडिविजुअल से भी सम्मानित किया जा चुका है।
- कृतिका ओटीटी प्लेटफार्म, वेब कंटेंट, टीवी पार्टनरशिप, मार्केटिंग स्पांसरशिप तथा मार्केटिंग इंफ्लूएंसर के रूप में अहम प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी हैं।
- सोशल रेस्पांसबिलिटी के अलावा कृतिका भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा संचालित स्वच्छ भारत मिशन और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कोविड टीकाकरण तथा ‘मलेरिया नो मोर’ अभियान में कृतिका ने अहम योगदान दिया था।
पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर में हुआ हैकाथन प्रतियोगिता का शुभारंभ | छत्तीसगढ़ | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
15 जून, 2022 को छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा की मुख्य आतिथ्य में हैक-मंथन नामक हैकाथन प्रतियोगिता का उद्घाटन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि पुलिस की तकनीकी संबंधी समस्याओं का समाधान ढूँढ़ने के लिये छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी) नवा रायपुर के सहयोग से 27 मई, 2022 से ‘हैक-मंथन’ नामक हैकाथन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (तकनीकी सेवा) कवि गुप्ता ने बताया कि महीने भर चलने वाले इस प्रतियोगिता में देश भर से सूचना प्रोद्यौगिकी से जुड़े तकनीकी संस्थान, जैसे- आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी आदि के 460 टीमें शामिल हैं।
- स्वीकृत आवेदनों के आधार पर प्रथम चरण में 13 जून से 20 जून तक हैकाथन हेतु जारी प्रॉब्लम स्टेटमेंट्स का समाधान कोडिंग के माध्यम से ढ़ूँढ़ने हेतु प्रतिभागियों द्वारा प्रयास किया जाएगा।
- प्रथम चरण के प्रतियोगिता के बाद कुल 12 टीमों को फाइनल राउंड हेतु शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। अंतिम चरण 29 जून, 2022 को होटल मैरियट, रायपुर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें चयनित टीमों द्वारा (अपने द्वारा) तैयार किये गए समाधान प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा।
- इन प्रस्तुतीकरण के आधार पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय विजेताओं की घोषणा की जाएगी, जिन्हें क्रमश: 80 हज़ार, 40 हज़ार, एवं 20 हज़ार रुपए नगद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
- तकनीकी सेवा के प्रमुख एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि हैकाथन को प्रासंगिक एवं रोचक बनाने के लिये वास्तविक जीवन में पुलिसिंग में आ रही तकनीकी समस्याओं को प्रॉब्लम स्टेटमेंट्स के रूप में इस प्रतियोगिता में समावेशित किया गया है, जिनमें शामिल हैं- क्रिप्टोकरेंसी आधारित ट्रांजेक्शन की ट्रेकिंग हेतु समाधान, सीसी टीवी कैमरों से प्राप्त फीड्स का पुलिंसिग की दृष्टि से उन्नयन, डॉयल 112 में प्राप्त होने वाले आपातकालीन कॉल्स की फील्टिरिंग एवं स्पीच इमोशन रिकॉगनिशन, सोशल मीडिया पोस्ट का सेंटिमेंट एनालिसिस तथा क्राइम डाटा विश्लेषण।
- सहायक पुलिस महानिरीक्षक (तकनीकी सेवा) मनीष शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के इस प्रतियोगिता में देश भर से 1200 से भी अधिक प्रतिभागियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो इस प्रतियोगिता की सफलता को दर्शाता है। इस प्रतियोगिता में कॉरपोरेट जगत से भी पुलिस के साथ मिलकर सयुंक्त प्रयास कर रहे हैं।
- ट्रिपल आईटी के डायरेक्टर प्रदीप सिन्हा ने अपने वक्तव्य में बताया कि पुलिस विभाग एवं ट्रिपल आईटी द्वारा यह अपने किस्म का पहला आयोजन है तथा भविष्य में भी इस प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन किये जाने की आवश्यकता है।
61 हज़ार बेटियों को मिलेगा ‘नंदा गौरा योजना’ का लाभ | उत्तराखंड | 16 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
15 जून, 2022 को उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि राज्य सरकार ने ‘नंदा गौरा योजना’ का लाभ देने के लिये बजट में 500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।
प्रमुख बिंदु
- इससे वर्ष 2022-23 के लिये राज्य के गरीब परिवारों की 61 हज़ार से अधिक बेटियों को ‘नंदा गौरा योजना’ का लाभ मिल सकेगा। योजना के माध्यम से सामान्य श्रेणी से लेकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाली बेटियों के जन्म पर 11 हज़ार और इंटर पास करने पर 51 हज़ार की धनराशि दी जाती है, ताकि बेटियाँ इंटर पास करने के बाद आगे की पढ़ाई जारी रख सकें।
- इस कल्याणकारी योजना में बजट की कमी के चलते वर्ष 2019-20 से वर्ष 2021-22 तक गरीब परिवारों की 61,890 बेटियों को ‘नंदा गौरा योजना’ का लाभ नहीं मिल पाया। विभाग की ओर से वर्ष 2019-20 में 1421 बेटियों को, वर्ष 2020-21 में 16,336 एवं वर्ष 2021-22 में 44,133 बेटियों को योजना का लाभ नहीं मिला।
- विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019-20 में 27,239 वर्ष 2020-21 में मात्र 31,043 बेटियों को योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता दी गई है, जबकि वर्ष 2021-22 में एक भी पात्र बेटी को योजना का लाभ नहीं मिला।
- विभागीय अधिकारियों के मुताबिक बेटियों को योजना का लाभ मिल सके, इसके लिये सरकार से 375 करोड़ रुपए की मांग की गई थी, लेकिन इसके विपरीत मात्र 60 करोड़ रुपए मिले।