उत्तर प्रदेश Switch to English
अग्नि सुरक्षा पर जागरूकता अभियान
चर्चा में क्यों?
हाल ही में 14 अप्रैल, 2024 को 'राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिये अग्नि सुरक्षा सुनिश्चित करें' विषय के तहत राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस मनाया गया।
मुख्य बिंदु:
- यह दिन उन सभी साहसी अग्निशामकों के भी सम्मान में मनाया जाता है जिन्होंने वर्ष 1944 में मुंबई डॉकयार्ड में एक जहाज़ विस्फोट के दौरान अपने जीवन का बलिदान दिया था।
- अग्निशमन विभाग ने शॉर्ट सर्किट, गैस रिसाव या आगजनी को रोकने की दिशा में निवारक उपायों के बारे में दुकान मालिकों और निवासियों को शिक्षित करने के लिये आवासीय क्षेत्रों, अपार्टमेंट, औद्योगिक इकाइयों, बाज़ारों, मॉल तथा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया है।
भारत में अग्नि सुरक्षा के संबंध में वर्तमान प्रावधान
- अग्निशमन सेवा देश की सबसे महत्त्वपूर्ण आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवाओं में से एक है, जो नगरपालिका कार्यों से संबंधित भारतीय संविधान की 12वीं अनुसूची के अंतर्गत आती है।
- वर्तमान में, आग की रोकथाम और अग्निशमन सेवाएँ संबंधित राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों (UT) तथा शहरी स्थानीय निकायों (ULB) द्वारा आयोजित की जाती हैं।
- भारत का राष्ट्रीय भवन कोड (NBC), 2016: भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रकाशित, NBC एक "अनुशंसित दस्तावेज़" है और राज्य सरकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे कानूनों द्वारा इसे अपने स्थानीय भवन में शामिल करें, जिससे सिफारिशें एक अनिवार्य आवश्यकता बन जाएंगी।
- इसमें मुख्य रूप से प्रशासनिक नियम, सामान्य भवन आवश्यकताएँ जैसे अग्नि सुरक्षा आवश्यकताएँ, संरचनात्मक डिज़ाइन और निर्माण (सुरक्षा सहित) प्रावधान शामिल हैं।
- मॉडल बिल्डिंग उपनियम, 2003: इसके तहत प्रत्येक बिंदु पर अग्नि निकासी मुख्य अग्निशमन अधिकारी की ज़िम्मेदारी है। संबंधित विकास प्राधिकरण को मंज़ूरी उद्देश्यों के लिये मुख्य अग्निशमन अधिकारी को भवन योजना प्रदान करनी होगी।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशा-निर्देश अस्पतालों सहित सार्वजनिक भवनों के लिये अग्नि सुरक्षा आवश्यकताओं के साथ-साथ खुली जगह, निकास तंत्र, सीढ़ियों और निकासी ड्रिल के न्यूनतम स्तर को बनाए रखने से संबंधित डिज़ाइन दिशा-निर्देशों को निर्धारित करते हैं।
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