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प्रदेश में संरक्षित वन क्षेत्र बढ़कर हुआ 3.92 प्रतिशत
चर्चा में क्यों
15 मार्च, 2023 को राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने बताया कि वर्ष 2018 में राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.91 प्रतिशत क्षेत्र संरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत था, जो वर्तमान में बढ़कर 3.92 प्रतिशत हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने बताया कि विधानसभा ने वन एवं पर्यावरण विभाग की 16 अरब 78 करोड़ 24 लाख 36 हज़ार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी है।
- उन्होंने बताया कि राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 9.7 प्रतिशत वन क्षेत्र है। सरकार द्वारा नई वन नीति का अनुमोदन कर 20 प्रतिशत भूमि को वन अच्छादित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
- वन मंत्री ने अवगत कराया कि वर्ष 2022-23 में 56 हज़ार 410 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण कराया जा चुका है तथा वर्ष 2023-24 में विभिन्न विभागीय योजनाओं में 80 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण कराया जाएगा।
- हेमाराम चौधरी ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 9 नये कन्जर्वेशन रिजर्व घोषित किये गए हैं। रणथम्भौर, सरिस्का एवं मुकुंदरा टाइगर हिल्स के बाद रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा धौलपुर में एक टाइगर रिज़र्व को अधिसूचित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
- उन्होंने बताया कि वन क्षेत्रों के बाहर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के लिये ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों तथा जन सहयोग से ‘ट्री आउट साइड फोरेस्ट इन राजस्थान’नाम से वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जाएगा।
- इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 5 करोड़ पौधे तैयार कर वितरित किये जाएंगें।
- वन मंत्री ने बताया कि राज्य के प्रत्येक ज़िले में एक लव कुश वाटिका विकसित की जा रही है तथा वर्ष 2023-24 में हर ज़िले में एक-एक लव कुश वाटिका और विकसित की जाएंगी। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में आगामी वर्ष में 32 करोड़ रुपए के कार्य कराकर ग्रीन लंग्स क्षेत्र विकसित किये जाएंगे।
- उन्होंने बताया कि राज्य के टाइगर रिज़र्वों से ग्रामों के स्वैच्छिक विस्थापन कार्य को भी गति प्रदान की गई है। सरिस्का टाइगर रिजर्व व मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व से तीन-तीन गाँव तथा रणथम्भौर टाइगर रिज़र्व से एक गाँव पूर्णतया विस्थापित कर दिये गए है।
- हेमाराम चौधरी ने बताया कि राज्य में वन्य जीव प्रेमियों, संस्थाओं तथा कोऑपरेटिव संस्थाओं द्वारा जैविक उद्यानों में वास करने वाले वन्य जीवों को गोद लेने के लिये केपेटिव एनिमल स्पोंसर स्कीम प्रारंभ की गई है।
- उन्होंने बताया कि राज्य के संरक्षित क्षेत्रों हेतु 24 स्थानों में से 15 क्षेत्रों को इको सेंसेटिव ज़ोन के रूप में अधिसूचित कर दिया गया है।
- वर्ष 2023-24 में फ्राँस सरकार के सहयोग से राज्य के 13 ज़िलों में 1 हज़ार 693 करोड़ की राजस्थान मानविकी एवं जैव विविधता विकास परियोजना शुरू की जाएगी तथा जाइका के सहयोग से एक हज़ार 803.42 करोड़ रुपए की एक परियोजना राज्य के 19 ज़िलों के लिये तैयार की जा रही है।
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पशुपालक सम्मान समारोह
चर्चा में क्यों?
15 मार्च, 2023 को राजस्थान पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने बताया कि विभाग द्वारा प्रति वर्ष चयनित प्रगतिशील पशुपालकों को सम्मान देने के क्रम में इस वर्ष पशुपालक सम्मान समारोह 22 मार्च को दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान में किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने बताया कि राज्य के कुल चयनित 415 पशुपालकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर राज्य भर से पशुपालक भाग लेंगे।
- बैठक में आयोजन सचिव डॉ. पी.सी.भाटी ने कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में उपस्थित पशुपालकों को विषय विशेषज्ञों द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
- साथ ही इस मौके पर पशुपालक संवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा, जिसके अंतर्गत पशुपालकों को पशुपालन में आ रही समस्याओं पर चर्चा की जाएगी।
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भारत सिंगापुर के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास ‘बोल्ड कुरुक्षेत्र’ जोधपुर में संपन्न
चर्चा में क्यों?
06-13 मार्च, 2023 तक भारतीय सेना और सिंगापुर की सेना के बीच जोधपुर मिलिट्री स्टेशन में द्विपक्षीय अभ्यास ‘बोल्ड कुरुक्षेत्र’का 13वाँ संस्करण संपन्न हुआ।
प्रमुख बिंदु
- युद्धाभ्यास की श्रृंखला में पहली बार दोनों देशों की सेनाओं ने एक कमांड पोस्ट अभ्यास में भाग लिया, जिसमें बटालियन और ब्रिगेड स्तर की योजना बनाने वाली इकाईयाँ और कंप्यूटर वॉरगेमिंग शामिल थे। भारतीय सेना द्वारा आयोजित इस अभ्यास में 42वीं बटालियन, सिंगापुर आर्म्ड रेजिमेंट और भारतीय सेना की एक आर्म्ड ब्रिगेड के सैनिक शामिल थे।
- इस संयुक्त प्रशिक्षण ने उभरते हुए खतरों और उभरती प्रौद्योगिकियों के वातावरण में मैकेनाइज्ड युद्ध की आम समझ को बढ़ावा दिया, साथ ही एक जॉइंट कमांड पोस्ट के माध्यम से नियंत्रित संयुक्त अभियान और सामरिक प्रक्रियाओं का उपयोग करके एक कंप्यूटर सिमुलेशन-आधारित वॉरगेम के माध्यम से अंतर-संचालन क्षमता विकसित की।
- दोनों टुकड़ियों ने न केवल एक-दूसरे के सैन्य अभ्यास और प्रक्रिया के बारे में सीखा, बल्कि आधुनिक युद्ध क्षेत्र में अपनाए जा रहे आइडिया और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान भी किया।
- उल्लेखनीय है कि युद्धाभ्यास ‘बोल्ड कुरुक्षेत्र’सिंगापुर सेना और भारतीय सेना के बीच संयुक्त सेना प्रशिक्षण और अभ्यास के लिये द्विपक्षीय व्यवस्था के दायरे में आयोजित किया जाता है। पहली बार 2005 में आयोजित यह अभ्यास दोनों देशों के बीच मज़बूत और लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को रेखांकित करता है और दोनों सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ाता है।
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