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स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Feb 2023
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राजस्थान Switch to English

सांभर फेस्टिवल-2023

चर्चा में क्यों?

15 फरवरी, 2023 को राजस्थान पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि विभाग द्वारा सांभर लेक पर 17 से 19 फरवरी तक सांभर फेस्टिवल-2023 का आयोजन किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन की व्यापक संभावनाओं और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन विभाग के द्वारा निरंतर नवाचार किये जा रहे हैं। साथ ही प्रदेश में प्रमुख मेलों और उत्सवों का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में विभाग द्वारा सांभर फेस्टिवल-2023 का आयोजन करवाया जा रहा है।
  • उन्होंने बताया कि अन्य मेलों और उत्सवों की तरह ही सांभर फेस्टिवल भी देशी-विदेशी पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र होगा। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये फेस्टिवल में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
  • तीन दिवसीय सांभर फेस्टिवल में प्रतिदिन शाम को विभिन्न सेलिब्रिटी और प्रसिद्ध लोक कलाकार सांस्कृतिक संध्या में अपनी रंगारंग प्रस्तुतियाँ देंगे।
  • फेस्टिवल की शुरुआत एडवेंचर बाइक राइड से होगा। यह रैली जयपुर से प्रारंभ होकर सांभर झील कार्यक्रम स्थल पर खत्म होगी। स्टार नाइट गेजिंग इवेंट के तहत रात को पर्यटकों को सांभर के खुले आसमान में तारों को निहारने का मौका मिलेगा।
  • फेस्टिवल के दौरान पतंगबाजी और कैमल राइड सहित पैरा सैलिंग, एटीवी राइड, मोटर साइकिल रैली जैसी विभिन्न साहसिक गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा।
  • उपनिदेशक शेखावत ने बताया कि सांभर स्थित देवयानी कुंड पर दीपोत्सव और सेलिब्रिटी नाइट के आयोजन के साथ ही लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी सैलानियों के लिये आकर्षण का केंद्र रहेगी। सैलानियों को सांभर के ऐतिहासिक महत्त्व और परिंदों की रोचक जानकारियों से रूबरू करवाने के लिये टॉक शो का भी आयोजन किया जाएगा।

राजस्थान Switch to English

राज्य भू-जल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण का होगा गठन

चर्चा में क्यों?

15 फरवरी, 2023 को राजस्थान के भू-जल मंत्री डॉ. महेश जोशी ने विधानसभा में बताया कि राज्य में भू-जल दोहन के नियंत्रण के लिये राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही राज्य भू-जल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • भू-जल मंत्री डॉ. जोशी विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे।
  • उन्होंने बताया कि राज्य में भू-जल के समुचित उपयोग तथा राज्य के औद्योगिक इकाइयों के सुविधा हेतु भू-जल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण के गठन की बजट घोषणा की पालना में विभाग द्वारा ड्राफ्ट बिल का प्रारूप तैयार किया जा चुका है। विधि विभाग से प्राप्त सुझावों का समावेश कर ड्राफ्ट बिल वित्त विभाग को अनुमोदन हेतु प्रेषित किया जा चुका है।
  • उन्होंने कहा कि राज्य में भू-जल दोहन की स्थिति चिंताजनक है तथा राज्य में 151 प्रतिशत दोहन हो रहा है। वर्तमान में भू-जल दोहन के संबंध में कोई भी निर्णय राज्य सरकार केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण के दिशा निर्देशों के आधार पर ही करती है।
  • इससे पहले भू-जल मंत्री ने विधायक राजेंद्र राठौड़ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि नीतिगत निर्णय की पालना में राज्य भू-जल विभाग प्रतिवर्ष नियमित रूप से सर्वे करता है तथा एक नियमित अंतराल के पश्चात् राज्य के भू-जल संसाधनो का आकलन किया जाता है।
  • उन्होंने बताया कि इसी क्रम में केंद्रीय भू-जल बोर्ड व भू-जल विभाग द्वारा संयुक्त स्तर पर राज्य के भू-जल संसाधन की नवीनतम आकलन रिपोर्ट 2022 तैयार कर अंतरविभागीय राज्य स्तरीय कमेटी से अनुमोदन कराकर जारी कर दी गई है।
  • डॉ. जोशी ने बताया कि वर्तमान में भू-जल आंकलन की नवीनतम रिपोर्ट 31 मार्च, 2022 के अनुसार राज्य के 295 ब्लॉक एवं सात शहरी क्षेत्रों में से 219 ब्लॉक को अतिदोहित श्रेणी, 22 संवेदनशील, 20 अर्द्धसंवेदनशील, 38 सुरक्षित में वर्गीकृत किया गया है। शेष 3 ब्लॉक में भू-जल लवणीय होने के कारण रिपोर्ट में इनका भू-जल आकलन नहीं किया गया है।
  • उन्होंने सात शहरी क्षेत्र में सम्मिलित- अजमेर, जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, कोटा, उदयपुर एवं बीकानेर का विवरण भी सदन के पटल पर रखा।

राजस्थान Switch to English

‘साल एक : फैसले अनेक’ पुस्तिका का विमोचन

चर्चा में क्यों?

14 फरवरी, 2023 को राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के कार्यकाल के सफल एक साल पूर्ण होने पर आरटीडीसी की उपलब्धियों, नीतिगत निर्णयों पर ‘साल एक : फैसले अनेक’पुस्तिका का विमोचन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने होटल गणगौर में आयोजित कार्यक्रम में पुस्तिका का विमोचन किया।
  • पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि आरटीडीसी प्रबंधन द्वारा शाही ट्रेन ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ का पुन: संचालन, आरटीडीसी होटल के जीर्णोद्धार कार्य, हेलीकॉप्टर जॉयराइड जैसे कार्य किये हैं जो राजस्थान में पर्यटन के विकास में सहायक सिद्ध होंगे।
  • उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये पंद्रह सौ करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने, राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति-2022 लागू की गई है जिससे पर्यटन के क्षेत्र को नई दिशा मिली।
  • इस अवसर पर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह और आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने आरटीडीसी द्वारा चल रहे जीर्णोद्धार कार्यों के तहत होटल गणगौर के जीर्णोद्धार कार्य का उद्घाटन किया।
  • आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि होटल गणगौर नवीनीकरण के कार्यों से अपने पुराने गौरव को हासिल करेगी एवं निजी होटल से प्रतिस्पर्धा के लिये तैयार होगी।      

हरियाणा Switch to English

गृह मंत्री अनिल विज ने इंस्पेक्टर की बाजू पर राष्ट्रपति निशान का बैच लगाकर हरियाणा पुलिस में इसकी शुरुआत की

चर्चा में क्यों?

15 फरवरी, 2023 को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने अंबाला छावनी के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हरियाणा पुलिस के इंस्पेक्टर की बाजू पर राष्ट्रपति निशान का बैच लगाकर हरियाणा पुलिस में इसकी शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु

  • गृह मंत्री अनिल विज ने रेस्ट हाउस में छावनी विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिये लगाए गए जनता दरबार में अंबाला छावनी थाने के इंस्पेक्टर नरेश कुमार की बाजू पर राष्ट्रपति निशान बैच को लगाया।
  • उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का दसवाँ प्रदेश है जिसे राष्ट्रपति फ्लैग मिला है और पिछले 25 वर्ष का रिकॉर्ड देखने के बाद ही राष्ट्रपति फ्लैग मिलता है। अब एक सिपाही से लेकर डीजीपी तक यह निशान बैच लगा सकता है और इसी कड़ी में आज इसकी शुरूआत की गई है।
  • गौरतलब है कि 15 फरवरी को करनाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा हरियाणा पुलिस को राष्ट्रीय निशान अवार्ड से अलंकृत किया गया था।

हरियाणा Switch to English

फरीदाबाद और गुरुग्राम ज़िले में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर उच्च जोखिम और हाई डेंसिटी वाले गलियारों में इलेक्ट्रॉनिक एनफोर्समेंट उपकरण लगाए जाएंगे

चर्चा में क्यों?

15 फरवरी, 2023 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि राज्य सरकार ने फरीदाबाद और गुरुग्राम ज़िले में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों और महत्त्वपूर्ण जंक्शनों पर उच्च जोखिम और हाई डेंसिटी वाले कॉरिडोर पर इलेक्ट्रॉनिक एन्फोर्समेंट उपकरणों को लगाने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मोटर वाहन अधिनियम की धारा 136ए के प्रावधान को लागू करने के लिये तौर-तरीके स्थापित करने के संबंध में एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आवश्यकता का आकलन करने के लिये विभिन्न विशेषज्ञों को नियुक्त करें।
  • ये विशेषज्ञ राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं की निगरानी और जाँच करने के लिये स्पीड कैमरा, क्लोज सर्किट टेलीविजन कैमरा, स्पीड गन, बॉडी वियरेबल कैमरा, डैशबोर्ड कैमरा, स्वचालित नंबर प्लेट पहचान और मशीन में वजन के माध्यम से आकलन करेंगे।
  • उन्होंने बताया कि ये विशेषज्ञ राज्य के विभिन्न विभागों को उन जंक्शनों की पहचान करने में सहायता भी करेंगे जहाँ वाहनों की तेज गति और दुर्घटना संभावित क्षेत्र की संभावना है।
  • मुख्य सचिव ने सभी हितधारक विभागों को प्रक्रिया पूरी करने के लिये 7 मार्च, 2023 तक समय दिया है और अपने-अपने विभागों की रिपोर्ट आगामी 14 मार्च, 2023 तक परिवहन आयुत्त को भेजने के निर्देश भी दिये।
  • उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक एन्फोर्समेंट उपकरणों को इस तरह से लगाया जाना चाहिये ताकि यातायात प्रवाह में कोई बाधा, दृष्टि की समस्या उत्पन्न न हो।
  • बैठक में मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि नियम 167 के तहत सभी चालान इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के माध्यम से ऑटो-जेनरेशन चालान का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किये जाने चाहिये।
  • इसके अलावा, बारिश, ओलावृष्टि, कोहरे के मौसम जैसी प्रतिकूल मौसम की स्थिति के साथ-साथ मार्ग में आगे किसी बाधा को इंगित करने के लिये सड़क खंडों पर गति सीमा को सूचित करने के लिये निश्चित और गतिशील गति सीमा संकेतों का भी उपयोग किया जाना चाहिये।
  • मुख्य सचिव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक एन्फोर्समेंट उपकरणों द्वारा निगरानी किये जाने वाले हिस्सों से पहले उपयुक्त चेतावनी संकेत स्पष्ट रूप से लगाए जाने चाहिये, जिससे जनता को सूचित किया जा सके कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपयोग में हैं और वे सीसीटीवी निगरानी के अधीन हैं। 

झारखंड Switch to English

10वीं राष्ट्रीय रेस वॉक चैंपियनशिप संपन्न

चर्चा में क्यों?

14-15 फरवरी, 2023 को राँची में 10वीं राष्ट्रीय रेस वॉक चैंपियनशिप का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इस दो दिवसीय आयोजन में कुल छह राष्ट्रीय रिकॉर्ड बने, जिसमें पहले दिन जहाँ अक्षदीप सिंह, सूरज पंवार और प्रियंका गोस्वामी ने रिकॉर्ड बनाए, वहीं; दूसरे दिन रामबाबू, जुनैद और मंजू ने राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।
  • इस चैंपियनशिप में 35 किमी- पुरुष वर्ग में उत्तर प्रदेश के रामबाबू ने गोल्ड, हरियाणा के जुनैद ने सिल्वर व उत्तराखंड के चंदन सिंह ने ब्रांज जीता।
  • वहीं 35 किमी- महिला वर्ग में पंजाब की मंजू ने गोल्ड, उत्तराखंड की पायल ने सिल्वर और उत्तर प्रदेश की वंदना पटेल ने ब्रांज जीता है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

कृषि मंत्री ने ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया

चर्चा में क्यों?

15 फरवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने अपने निवास कार्यालय में ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ कार्यक्रम का, किसानों को पॉलिसी का वितरण कर शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत पॉलिसी दी गई।
  • इसके साथ ही 15 फरवरी से ज़िला स्तर पर सांसद, विधायक या कलेक्टर द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमित कृषकों को कुल 2 लाख 23 हज़ार 873 तथा मौसम आधारित फसल बीमा योजना अंतर्गत कुल 13 हज़ार 487 कृषकों को पॉलिसी बीमा कंपनी द्वारा वितरित की जाएगी।
  • उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनांतर्गत विपरीत मौसमीय परिस्थितियों से फसल हानि की आर्थिक सुरक्षा के लिये व्यापक फसल बीमा आवरण प्रदान किया जाता है, इन योजनाओं में अनाज, दलहन, तिलहन एवं उद्यानिकी फसलों को शामिल किया गया है।
  • अधिसूचित फसलों हेतु ऋणी एवं अऋणी किसानों के लिये योजना स्वैच्छिक है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं मौसम आधारित फसल बीमा योजना प्रारंभ वर्ष 2016-17 से वर्ष 2022-23 तक कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि 06 करोड़ के बदले दावा राशि 6235.24 करोड़ रुपए का भुगतान पात्र कृषकों को किया गया है।
  • मौसम रबी वर्ष 2021-22 अंतर्गत कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि 17.90 करोड़ रुपए के विरूद्ध राशि 382.10 करोड़ रुपए का दावा भुगतान कृषकों को किया गया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवाल

चर्चा में क्यों?

15 फरवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर में 17 से 19 फरवरी तक छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवाल का आयोजन किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • इस मिलेट कार्निवाल में भारत के नामी-गिरामी शेफ मिलेट के नए-नए व्यंजन बनाना सिखाएंगे और इसे मेहमानों को परोसेंगे।
  • कार्निवाल का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ और आईआईएमआर हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय सुभाष स्टेडियम में होगा। इस अनूठे कार्निवाल में विशेष रूप से मिलेट फूड कोर्ट होगा, जहाँ आम नागरिक मिलेट के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे।
  • मिलेट कार्निवाल का उद्देश्य मिलेट को लोगों के दैनिक आहार में शामिल करने तथा इसके पोषक मूल्य के प्रति जनजागरूकता लाना है।
  • इस आयोजन में प्रतिभागियों और आगंतुकों के साथ मिलेट की विशेषताओं को साझा करने के लिये राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जाएगी। साथ ही मिलेट की मांग पैदा करने के लिये मिलेट स्टार्ट-अप अपने पैकेज्ड मिलेट उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे।
  • इसके अलावा मिलेट की खेती के पर्यावरणीय लाभों के बारे में युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिये शैक्षणिक संस्थानों द्वारा नुक्कड़ नाटक और स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा प्रतिदिन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा के पश्चात् छत्तीसगढ़ में 10 जनवरी, 2022 को ‘मिलेट मिशन’ की शुरुआत मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में आईसीएआर-आईआईएमआर एवं 14 ज़िलों के मध्य एक एमओयू पर हस्ताक्षर से हुई थी।
  • छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ को राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी तथा रागी का क्रय करने का भी निर्देश दिया गया। इसी अवसर पर लघु वनोपज संघ ने भी आईसीएआर से अनुबंध किया जिसके तहत आईआईएमआर मिलेट मिशन के नॉलेज पार्टनर बने।
  • विदित है कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहाँ कोदो, कुटकी 30 रुपए प्रति किलो और रागी 77 रुपए प्रति किलो खरीदा जा रहा है।
  • सीएसआईडीसी ने मिलेट आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिये कुछ चुंनिदा ब्लाक में भूमि, संयंत्र एवं उपकरण पर 50 प्रतिशत सब्सिडी की योजना पेश की है।
  • राज्य केबिनेट ने मिलेट के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये ‘राजीव गांधी न्याय योजना’ के अंतर्गत प्रति एकड़ 9 हज़ार रुपए की राशि की घोषणा की गई है। कोदो, कुटकी एवं रागी की खेती करने पर यह राशि किसानों को दी जाएगी।
  • राज्य में मिलेट उत्पादों की खपत बढ़ाने के लिये, पीडीएस, आंगनबाड़ी एवं मिड डे मील में मिलेट उत्पादों को शीघ्र ही शामिल करने की योजना है।
  • पिछले एक साल में मिलेट मिशन का लक्ष्य प्राप्त करने में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अंतत: छत्तीसगढ़ को भारत का मिलेट हब बनाने की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। पहले ही साल 50 हज़ार क्विंटल से अधिक मिलेट का क्रय किया गया है, इस वर्ष अब तक 38 हज़ार क्विंटल कोदो, कुटकी एवं रागी को समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। राज्य के 10 ज़िलों में 12 लघु मिलेट प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं।
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा के साथ ही किसानों को मार्केट में भी अब रुपए 12-15 प्रति किलो की अपेक्षा रुपए 20-25 प्रति किलो का क्रय भाव मिल रहा है। कांकेर ज़िले में 5000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता की एशिया की पहली मिलेट प्रसंस्करण इकाई शुरू हो चुकी है। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के गौरव समागम-2023 में मुख्यमंत्री ने दी बड़ी सौगात

चर्चा में क्यों?

15 फरवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के गौरव समागम-2023 में सभी नगरीय निकायों को विकास कार्यों हेतु लगभग 1 हज़ार करोड़ रूपये राशि देने की घोषणा के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ की तथा उत्कृष्ट कार्य हेतु नगरीय निकायों को पुरस्कृत किया।

प्रमुख बिंदु

  • नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के गौरव समागम-2023 में शामिल होते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी नगरीय निकायों को विकास कार्यों हेतु लगभग 1 हज़ार करोड़ रुपए राशि देने की घोषणा की।
  • उन्होंने नगर निगम रायपुर को 100 करोड़, बिलासपुर नगर निगम को 50 करोड़, दुर्ग नगर निगम को 25 करोड़, भिलाई-चरौदा, अंबिकापुर, जगदलपुर को 20-20 करोड़, रिसाली, राजनांदगाँव, रायगढ़ एवं कोरबा को 15-15 करोड़, बिरगाँव, धमतरी एवं चिरमिरी को 10-10 करोड़ की राशि देने की घोषणा की।
  • इसके साथ ही सभी नगर पालिकाओं को 5-5 करोड़ और सभी नगर पंचायतों को 3-3 करोड़ रुपए देने की घोषणा की।
  • मुख्यमंत्री ने रायपुर, भिलाई और बिलासपुर में शहरी महिला आजीविका केंद्र, रायपुर शहर के जल भराव वाले क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम, भूमि विकास नियम का सरलीकरण, अंबिकापुर में महात्मा गांधी स्टेडियम का उन्नयन, सड़क निर्माण एवं सौंदर्यीकरण की घोषणा की।
  • मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि युवाओं को रोज़गार प्रदान करने हेतु रायपुर एवं भिलाई में सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर सुविधा सहित बीपीओ खोले जाएंगे।
  • छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा हेतु भिलाई में 20 करोड़ की लागत से विश्वस्तरीय सेंट्रल लाइब्रेरी कम रीडिंग ज़ोन बनाया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने रीपा की तर्ज पर सभी नगर निगम और नगर पालिकाओं में अर्बन कॉटेज और सर्विस इंडस्ट्रीज पार्क खोलने की घोषणा की।
  • नागरिकों की स्वास्थ्य सुविधाओं में इज़ाफा हो, इसके लिये उन्होंने नगर निगमों में स्मार्ट हेल्थ कियोस्क बनाने की घोषणा की जिसमें बीपी, सुगर, ब्लड टेस्ट की नि:शुल्क सुविधा मिलेगी।
  • मुख्यमंत्री ने शहरों के मार्केट एरिया में सीसीटीवी, आधुनिक शौचालय और विकास व्यवस्था की घोषणा करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों की मांग पर नगरीय निकायों की चुंगी क्षतिपूर्ति राशि को 26 रुपए से बढ़ाकर 35 रुपए किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौरव समागम समारोह में विभिन्न विभागीय योजनाओं के उत्कृष्ट क्रियान्वयन हेतु नगरीय निकायों को पुरस्कृत किया।
  • ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये नगर निगम बीरगाँव को सर्वाधिक सक्रिय निकाय, नगर निगम भिलाई चरोदा को व्यापक कवरेज के लिये तथा नगर निगम अंबिकापुर को नगरीय निकाय से संबंधित सेवाओं के क्रियान्वयन के लिये पुरस्कृत किया गया।
  • ‘मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना’में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये नगर निगम धमतरी, नगर पालिका परिषद दल्लीराजहरा तथा नगर पंचायत आमदी को पुरस्कृत किया गया।
  • ‘श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना’में बेहतर प्रदर्शन के लिये नगर पालिक निगम रायगढ़, नगर पालिका परिषद गरियाबंद तथा नगर पंचायत गुरुर को पुरस्कृत किया गया।
  • अधिकतम राजस्व वसूली के लिये नगर पालिक निगम रायपुर, नगर पालिका परिषद दीपका एवं नगर पंचायत खरोरा को पुरस्कृत किया गया।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौरव समागम समारोह अवसर पर विगत 4 वर्षो की विभागीय उपलब्धियों पर आधरित कॉफी टेबल बुकलेट का विमोचन किया। उन्होंने विभागीय उपलब्धियों पर आधारित वीडियो, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मोर प्रदर्शन मोर सम्मान मार्गदर्शिका का विमोचन, स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत एस्पिरेशनल टॉयलेट डिजाइन हेतु मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया।
  • मुख्यमंत्री ने भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत खुशियों का आशियाना थीम पर आयोजित प्रतियोगिता में चयनित हितग्राहियों को पुरस्कार वितरित किये।      

उत्तराखंड Switch to English

वाहन खरीद नीति 2023 को कैबिनेट की मंजूरी

चर्चा में क्यों?

15 फरवरी, 2023 को उत्तराखंड के परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि प्रदेश के विशिष्ट, अति विशिष्ट महानुभावों और विभिन्न श्रेणी के अधिकारियों के लिये सरकारी वाहन खरीदने की नीति 2023 पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।

प्रमुख बिंदु

  • परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि उत्तराखंड के मंत्रियों के लिये अब 35 लाख कीमत तक के ई-वाहन और 25 लाख तक की सामान्य वाहन खरीदे जा सकेंगे। इससे प्रदेश में 31 मार्च से पहले 1500 वाहन खरीदने की राह भी आसान हो गई है।
  • परिवहन सचिव ने बताया कि वाहनों की खरीद के नए दामों के अलावा निजी वाहन उपयोग करने पर किराया की प्रतिपूर्ति और आउटसोर्स वाहनों के लिये भी किराए की दरों में बढ़ोतरी की गई है।
  • निजी वाहन की किराया प्रतिपूर्ति में बी श्रेणी के लिये किराए की दर 23 हज़ार से बढ़ाकर 41,272 रुपए प्रतिमाह, सी श्रेणी में 20,000 से बढ़ाकर 38,544 रुपए, डी श्रेणी में 17,000 से बढ़ाकर 33,007 रुपए, ई श्रेणी में 17,000 से बढ़ाकर 27,430 रुपए प्रतिमाह की दर तय की गई है।
  • किराए पर लिये गए वाहनों के लिये भी बी श्रेणी में किराया 41,100 से बढ़ाकर 48,498 रुपए, सी श्रेणी में 37,740 से बढ़ाकर 44,533 रुपए, डी-ई श्रेणी के लिये 27,000 से बढ़ाकर 31,860 रुपए हो जाएगा।
  • विभिन्न श्रेणियों में बढ़े दाम-
    • श्रेणी ए- मंत्री, मुख्य सचिव, हाईकोर्ट के जज, आयोगों के अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ), डीजीपी, प्रमुख सचिव व समकक्ष- 15 लाख (पुरानी दर), 25 लाख (नई दर), 35 लाख (ई-वाहन की मूल्य सीमा)।
    • श्रेणी बी- सचिव, एचओडी, मंडलायुक्त, आईजी, प्रमुख वन संरक्षक, ज़िला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम अध्यक्ष व समकक्ष- 12 लाख (पुरानी दर), 20 लाख (नई दर), 25 लाख (ई-वाहन की मूल्य सीमा)।
    • श्रेणी सी- अपर सचिव, अपर विभागाध्यक्ष, डीआईजी, अपर पीसीसीएफ, डीएम, एसएसपी- 08 लाख (पुरानी दर), 18 लाख (नई दर), 20 लाख (ई-वाहन की मूल्य सीमा)।
    • श्रेणी डी- विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष, सीडीओ, मंडल-संभाग स्तर अधिकारी, नगर पालिका अध्यक्ष व समकक्ष- 06 लाख (पुरानी दर), 14 लाख (नई दर), 16 लाख (ई-वाहन की मूल्य सीमा)।
    • श्रेणी ई- नगर पंचायत अध्यक्ष, ज़िला स्तरीय अधिकारी, अन्य अधिकृत अधिकारी जिन्हें वाहन अनुमन्य हो- 06 लाख (पुरानी दर) 10 लाख (नई दर) 12 लाख (ई-वाहन की मूल्य सीमा)।

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