राजस्थान के 6 बुनकर ‘बुनकर पुरस्कार’ के लिये चयनित | राजस्थान | 16 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
15 फरवरी, 2022 को उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त महेंद्र कुमार पारख की अध्यक्षता में उद्योग भवन में आयोजित हुई राजस्थान राज्यस्तरीय बुनकर पुरस्कार चयन समिति की बैठक में प्रदेश के 6 बुनकरों का बुनकर पुरस्कार योजना के अंतर्गत पुरस्कृत करने हेतु चयन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- राज्यस्तर पर चयनित पहले तीन बुनकरों को क्रमश: 21000, 11000 व 7100 रुपए की नगद राशि प्रदान की जाएगी तथा ज़िलास्तर पर चयनित तीन बुनकरों को क्रमश: 5100, 3100 व 2100 रुपए की नगद राशि प्रदान की जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि बुनकर पुरस्कार योजना की शुरुआत 2005 में हुई थी, जिसके अंतर्गत राज्य में बुनकरों को प्रोत्साहन देने हेतु उन्हें नगद पुरस्कार देने का प्रावधान किया गया था।
- वित्तीय वर्ष 2021-22 में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा राज्य के 19 बुनकर बहुल ज़िलों में बुनकरों को इस योजना के अंतर्गत पुरस्कृत करने हेतु 3 लाख रुपए की राशि का बजट में प्रावधान किया गया है। विभाग को प्राप्त 32 प्रविष्टियों के अवलोकन उपरांत 6 प्रविष्टियों का नगद पुरस्कार हेतु चयन किया गया।
- इंद्रो (पोखरण, जैसलमेर) पोखरण पट्टू के लिये प्रथम स्थान पर रहीं, जबकि गुलाम अहमद (सवाई माधोपुर) ने प्लेन खेस के लिये द्वितीय स्थान प्राप्त किया। वहीं शक्ति सिंह नरूका (सिराही, टोंक) सूती साड़ी के लिये तृतीय स्थान पर रहे।
- वहीं मकबूल अहमद (मंगरोल, बारां) को कोटा डोरिया बैंगनी बूटी साड़ी, जबकि बुधराम (कांकनी, जोधपुर) को सूती दरी तथा सुमन (अमरपुरा बास, बीकानेर) का कोटिंग ऊनी के लिये सांत्वना पुरस्कार हेतु चयन किया गया।
बाघ संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये रणनीति पत्र राज्य सरकार से स्वीकृत | राजस्थान | 16 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
15 फरवरी, 2022 को राजस्थान के वन मंत्री हेमा राम चौधरी ने विधानसभा में बताया कि बाघ संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये एक रणनीति पत्र राज्य सरकार से स्वीकृत हो चुका है, जिसका क्रियान्वयन किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- वन मंत्री ने बताया कि वर्ष 2020 में मुकुंदरा हिल्स टाईगर रिज़र्व में हुई बाघों की मृत्यु के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जाँच की गई है। प्राप्त जाँच रिपार्ट में बाघ परियोजनाओं के प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिये दिये गए सुझावों का परीक्षण एक टास्क फोर्स द्वारा किया जा रहा है।
- वन मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान विधायक सतीश पूनियां के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि रणथंभौर टाईगर रिज़र्व वन क्षेत्र में बाघों के लापता होने व गुमशुदगी, अवैध शिकार एवं क्षेत्राधिकार को लेकर आपसी टकराव तथा इनसे मौत होने के प्रकरणों में जाँच भारत सरकार द्वारा 13 मार्च, 2020 को गठित समिति द्वारा की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट अपेक्षित है।
- रणथंभौर टाईगर रिज़र्व की वर्ष 1973 में स्थापना के बाद वर्तमान में बाघों की संख्या अधिकतम है। रणथंभौर टाईगर रिज़र्व व समीपस्थ क्षेत्रों में बाघों एवं उनके शावकों की संख्या वर्ष 2019 में 66, वर्ष 2020 में 68 व वर्ष 2021 में 81 हो गई है।
- वर्तमान में नर एवं मादा बाघ का अनुपात भी 1:1.3 है, जो असामान्य है। 32 मादा बाघिनों में से अधिकांश प्रजनन आयु में हैं, जिसके कारण नए शावकों के जन्म में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2019 से 2021 के बीच 44 शावकों का जन्म हुआ है।
- सरिस्का टाईगर रिज़र्व में वर्तमान में 25 बाघ हैं। वर्ष 2019 में 16 बाघ, 2020 में 23 बाघ व 2021 में 25 बाघ रहे। वर्तमान में नर एवं मादा बाघ का अनुपात यहाँ भी 1:1.22 है, जो असामान्य है। वर्ष 2019 से 2021 के बीच 9 शावकों का जन्म हुआ है।
- मुकुंदरा हिल्स टाईगर रिज़र्व में वर्तमान में 1 बाघिन है। वर्ष 2019 में 4 बाघ, 2020 में 1 बाघ व 2021 में 1 बाघ रहे। इस अंतराल में यहाँ 2 बाघ व 1 बाघिन की मृत्यु हुई और 2019 से 2021 के बीच 3 शावकों का जन्म हुआ है।
- रणथंभौर टाईगर रिज़र्व में वर्ष 2006 से 2014 तक भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहरादून द्वारा किये गए 1 शोध में यह उल्लेख किया गया कि रणथंभौर टाईगर रिज़र्व के रणथंभौर नेशनल पार्क एवं सवाई मानसिंह अभयारण्य क्षेत्र में टाईगर घनत्व केरिंग केपेसिटी के बराबर पहुँच चुका है।
- शोध के समय रणथंभौर टाईगर रिज़र्व प्रथम के क्षेत्र में 43 वयस्क बाघ थे, जबकि वर्तमान में बढ़कर 23 नर एवं 30 मादा सहित कुल 53 वयस्क बाघ हो गए हैं।