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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Feb 2022
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तारापुर शहीद स्मारक

चर्चा में क्यों?

15 फरवरी, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शहीद स्मारक तारापुर, मुंगेर में शहीदों की मूर्ति का अनावरण किया तथा शहीद पार्क एवं पुराना थाना परिसर में पार्क विकास कार्य का भी लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में बिहार के तारापुर में एक साथ 34 लोग शहीद हुए थे। उनकी स्मृति में अब प्रत्येक वर्ष 15 फरवरी को तारापुर शहीद स्मारक पर राजकीय समारोह आयोजित किया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी को शहीदों की जानकारी हो सके और लोगों को इन पर गौरव महसूस हो। 
  • कॉन्ग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शार्दुल सिंह कविष्कर ने 15 फरवरी, 1932 को सभी सरकारी भवनों पर तिरंगा फहराने का आह्वान किया था। 13 फरवरी, 1932 को सुपौर के जमुआ गाँव में निर्णय लिया गया और मदन गोपाल सिंह के नेतृत्व में 5 स्वयंसेवकों का धावा दल गठित किया गया।
  • 14 फरवरी को लोग धावा दल के साथ तारापुर पहुँचे और 15 फरवरी, 1932 को इन लोगों ने धावा बोल दिया। पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने के कारण सब लोग भागने लगे, लेकिन मदन गोपाल सिंह ने अपनी जेब में रखे झंडे को थाने पर फहरा दिया और वहाँ लोग ‘झंडा ऊँचा रहे हमारा’नारा लगाने लगे।
  • उत्साहित लोगों द्वारा पुलिस पर किये गए पथराव से घायल ज़िलाधिकारी ने गोली चलाने का आदेश दिया, जिसमें 34 लोग शहीद हो गए, किंतु इनमें 13 लोगों के ही नाम का पता चल पाया। तारापुर की यह घटना स्वतंत्रता संग्राम के लिये महत्त्वपूर्ण है।

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