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उत्तर प्रदेश के प्राथमिक क्षेत्र में वृद्धि
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा तैयार यूपी के लिये स्टेट फोकस पेपर 2024-25 के अनुसार, वर्ष 2024-25 में यूपी के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ऋण प्रवाह 5.73 ट्रिलियन रुपए तक पहुँचने का अनुमान है।
- कृषि, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) और सेवा क्षेत्र को सरकार द्वारा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में पहचाना जाता है।
मुख्य बिंदु:
- 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिये राज्य को कृषि में 250%, MSME में 300% और सेवा क्षेत्र में 450% की वृद्धि दर की आवश्यकता होगी।
- विकास के उत्प्रेरक के रूप में ऋण के महत्त्व को रेखांकित करते हुए, यूपी सरकार ने बैंकरों को राज्य के ऋण जमा (CD) अनुपात में सुधार करने के लिये प्रेरित किया है।
- यूपी को एक अग्रणी निवेश गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करने के लिये राज्य का एक प्रतिनिधिमंडल स्विट्ज़रलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) में भाग ले रहा है।
- राज्य रोज़गार सृजन के लिये स्टार्टअप को भी बढ़ावा दे रहा है। यूपी के एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (ASSOCHAM) ने भारत स्टार्टअप एंड इनोवेशन सोसाइटी (BSIS) के साथ साझेदारी की है, जो एक धर्मार्थ समाज है जो उद्यमियों की अगली पीढ़ी के पोषण और मार्गदर्शन पर कार्य करता है।
- नाबार्ड, यूपी के मुख्य महाप्रबंधक ने 19.2% की अनुमानित विकास दर के साथ राज्य को भारत का "विकास इंजन" कहा है।
- ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में राज्य वर्ष 2017 में 14वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है।
- स्टेट फोकस पेपर सभी 75 ज़िलों के लिये ज़मीनी स्तर पर ऋण संभावनाओं को संकलित करता है।
- पेपर के आधार पर, वर्ष 2024-25 के लिये वार्षिक क्रेडिट योजना को यूपी में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा।
- राज्य, फसल की गुणवत्ता में सुधार करके कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिये कदम उठा रहा है।
- भारत के कुल कदन्न/मिलेट्स उत्पादन में यूपी का योगदान 20% है, लेकिन निर्यात केवल 1% था।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF)
- वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) एक स्विस गैर-लाभकारी संस्थान है जिसकी स्थापना वर्ष 1971 में जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में हुई थी।
- स्विस सरकार द्वारा इसे सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- WEF वैश्विक, क्षेत्रीय और उद्योग जगत की परियोजनाओं को आकार देने हेतु व्यापार, राजनीतिक, शिक्षा क्षेत्र तथा समाज के अन्य प्रतिनिधियों को शामिल करके विश्व की स्थिति में सुधार के लिये प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)
- नाबार्ड एक विकास बैंक है जो प्राथमिक तौर पर देश के ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह कृषि एवं ग्रामीण विकास हेतु वित्त प्रदान करने के लिये शीर्ष बैंकिंग संस्थान है।
- इसका मुख्यालय देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में अवस्थित है।
- कृषि के अतिरिक्त यह छोटे उद्योगों, कुटीर उद्योगों एवं ग्रामीण परियोजनाओं के विकास के लिये उत्तरदायी है।
- यह एक सांविधिक निकाय है जिसकी स्थापना वर्ष 1982 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम, 1981 के तहत की गई थी।
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'दिव्य अयोध्या' ऐप
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन पर केंद्रित एक मोबाइल ऐप 'दिव्य अयोध्या' लॉन्च किया, जिसे अयोध्या आने वाले भक्तों और पर्यटकों के लिये नेविगेशनल अनुभव को बढ़ाने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
- 'दिव्य अयोध्या' ऐप प्रौद्योगिकी को सांस्कृतिक अनुभवों के साथ जोड़कर और ग्रामीण परिवेश में होमस्टे जैसे विकल्प प्रदान कर, पर्यटकों को पवित्र शहर से जुड़ने की सुविधा प्रदान करती है, जो सभी के लिये अधिक उपयोगी तथा समृद्ध अनुभव प्रदान करता है।
मुख्य बिंदु:
- यह ऑल-इन-वन प्लेटफॉर्म यात्रा कार्यक्रम की योजना बनाने और छिपे हुए रत्नों की खोज तथा अयोध्या के सांस्कृतिक वैभव का अनुभव करने तक सभी ज़रूरतों को पूरा करता है।
- यह विस्तृत विवरण और समय सारिणी के साथ प्रमुख स्थलों, मंदिरों, मठों और ऐतिहासिक स्थलों की खोज में भी मदद करेगा।
- ऐप ई-कारों और ई-बसों को बुक करने, उनके रूट की स्थिति को ट्रैक करने तथा सुविधाजनक बोर्डिंग एवं डीबोर्डिंग में भी मदद करेगा।
- होमस्टे, होटल या यहाँ तक कि टेंट सिटी के लिये बुकिंग भी ऐप से संभव है, जो उपयोगकर्त्ताओं को स्थानीय रूप से प्रशिक्षित पर्यटक गाइडों से जोड़ता है।
- इसके अतिरिक्त, ऐप सहज दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिये व्हीलचेयर और गोल्फ कार्ट भी बुक किये जा सकते हैं।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी सरकार ग्रामीण परिवेश में होमस्टे विकल्प प्रदान करने के लिये अयोध्या के बाहरी इलाके में स्थानों की पहचान कर रही है।
- अयोध्या आने वाले परिवार खेत में रहने के अनुभव के लिये दौलतपुर गाँव में एक घर का एक हिस्सा किराये पर ले सकते हैं।
- इन पहलों का उद्देश्य न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना है बल्कि स्थायी पर्यटन प्रथाओं को बढ़ावा देते हुए स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देना भी है।
- राज्य सरकार अयोध्या में राम जन्मभूमि और मंदिरों जैसे प्रमुख स्थलों पर जाने वाले पर्यटकों तथा तीर्थयात्रियों हेतु सुविधाएँ बढ़ाने के लिये भी तैयार है। 'धर्म पथ' और 'राम पथ' पर इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत इन प्रयासों का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य आवश्यक सेवाएँ प्रदान करना है।
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