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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 16 Jan 2023
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‘क्यू मैनेजमेंट सिस्टम

चर्चा में क्यों?

14 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि चार धामों में दर्शन के लिये जाने वाले श्रद्धालुओं को घंटों लाइन में खड़े होने से छुटकारा दिलाने के लिये राज्य सरकार पहली बार ‘क्यू मैनेजमेंट सिस्टम’तैयार कर रही है।

प्रमुख बिंदु

  • पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि चार धामों में दर्शन के लिये ‘क्यू मैनेजमेंट सिस्टम’ बनाया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य होगा।
  • इसके अलावा श्रद्धालुओं को धाम में पहुँचने पर एक टोकन नंबर दिया जाएगा, जिसमें दर्शन के लिये समय निर्धारित होगा। इस व्यवस्था से श्रद्धालुओं को कई घंटों तक लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा।
  • विदित है कि गत वर्ष बदरीनाथ, केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए इस बार यह व्यवस्था लागू की जा रही है।
  • उल्लेखनीय है कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होने के साथ ही पर्यटन विभाग चारधाम यात्रा के लिये पंजीकरण शुरू कर देगा। इसके लिये विभाग ने पंजीकरण की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। चार धामों में श्रद्धालुओं की भीड़ न बढ़े इसलिये इस बार दो माह पहले से पंजीकरण शुरू किया जा रहा है।

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उत्तराखंड के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का होगा सर्वे

चर्चा में क्यों?

14 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ आपदा से सबक लेते हुए प्रदेश के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता (कैरिंग कैपेसिटी) का वैज्ञानिक व तकनीकी सर्वे कराने का फैसला किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि आबादी और बेतरतीब ढंग से हो रहे निर्माण कार्यों से पर्वतीय शहरों में धारण क्षमता से अधिक दबाव बढ़ रहा है। जोशीमठ भू धंसाव के पीछे एक वजह शहर की भार वहन क्षमता से अधिक निर्माण को भी ठहराया जा रहा है।
  • प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में तय हुआ कि पर्वतीय क्षेत्रों के सभी शहरों की धारण क्षमता का सर्वे कराने का दायित्व आपदा प्रबंधन विभाग को सौंपा गया है। इसके लिये शहरी विकास, पंचायती राज समेत अन्य विभाग का सहयोग लिया जाएगा। सर्वे के लिये तकनीकी एजेंसियों का चयन किया जाएगा।
  • राज्य के प्रमुख पर्वतीय शहरों में मसूरी, नैनीताल, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग, उत्तरकाशी, ऊखीमठ, नई टिहरी, गुप्तकाशी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, रानीखेत पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। पहले चरण में राज्य सरकार इन पर्वतीय शहरों का सर्वे करा सकती है।
  • इसके अंतर्गत पहले चरण में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्रों में सर्वे कराने की मंजूरी भी दे दी है।
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि जिन शहरों की भार वहन क्षमता अधिक पाई जाएगी, उनमें निर्माण पर रोक लगाई जाएगी। जोशीमठ आपदा निश्चित तौर पर भविष्य के लिये सचेत कर रही है। 

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