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मुख्यमंत्री ने ‘उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’ के प्रारूप का किया अनुमोदन
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के लिये ‘उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’के प्रारूप का अनुमोदन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के विद्यार्थियों के लिये छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- इस योजना से मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के युवा शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़कर अपने सपनों को साकार कर सकेंगे। साथ ही युवाओं के शिक्षित होने से परिवार को आर्थिक संबल मिलेगा तथा समुदाय का सामाजिक उत्थान भी होगा।
- प्रारूप के अनुसार, योजना में 2.50 लाख रुपए तक की पारिवारिक वार्षिक आय वाले मिरासी (ढाढ़ी, मीर, मांगणियार, दमामी, नगारची, लंगा, राणा) एवं भिश्ती समुदाय के विद्यार्थी पात्र होंगे।
- इसमें कक्षा 11 से स्नातकोत्तर तक के 2000 विद्यार्थियों को 5000 से 20000 रुपए तक प्रति शैक्षणिक सत्र में छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिये विभिन्न कार्यों की घोषणा की थी।
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मुख्यमंत्री ने ‘गौशाला/पशु आश्रय स्थल जन सहभागिता योजना’ को दी सहमति
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के लिये ‘उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’के प्रारूप का अनुमोदन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के विद्यार्थियों के लिये छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- इस योजना से मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के युवा शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़कर अपने सपनों को साकार कर सकेंगे। साथ ही युवाओं के शिक्षित होने से परिवार को आर्थिक संबल मिलेगा तथा समुदाय का सामाजिक उत्थान भी होगा।
- प्रारूप के अनुसार, योजना में 2.50 लाख रुपए तक की पारिवारिक वार्षिक आय वाले मिरासी (ढाढ़ी, मीर, मांगणियार, दमामी, नगारची, लंगा, राणा) एवं भिश्ती समुदाय के विद्यार्थी पात्र होंगे।
- इसमें कक्षा 11 से स्नातकोत्तर तक के 2000 विद्यार्थियों को 5000 से 20000 रुपए तक प्रति शैक्षणिक सत्र में छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिये विभिन्न कार्यों की घोषणा की थी।
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मुख्यमंत्री ने ‘गौशाला/पशु आश्रय स्थल जन सहभागिता योजना’ को दी सहमति
चर्चा में क्यों?
15 जनवरी, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्राम पंचायतों में ‘गौशाला/पशु आश्रय स्थल जन सहभागिता योजना’ को सहमति प्रदान की है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने इस योजना के प्रथम चरण में 1500 ग्राम पंचायतों में स्थल निर्माण एवं संचालन के लिये लगभग 1377 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान को भी मंज़ूरी दी है।
- इस योजना के अंतर्गत जिन ग्राम पंचायतों में गौशाला/पशु आश्रय स्थल का संचालन करने के लिये सक्षम कार्यकारी एजेंसी (ग्राम पंचायत/स्वयंसेवी संस्था) उपलब्ध होगी, वहाँ प्राथमिकता से एक-एक करोड़ रुपए तक की राशि से गौशालाएँ स्थापित की जाएंगी।
- इसके तहत वर्ष 2022-23 में 200 एवं 2023-24 में 1300 ग्राम पंचायतों में स्थलों का निर्माण किया जाएगा। इसमें राज्य सरकार 90 प्रतिशत और कार्यकारी एजेंसी 10 प्रतिशत राशि वहन करेगी।
- मुख्यमंत्री द्वारा स्थलों के निर्माण एवं संचालन के लिये वर्ष 2022-23 में 60 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2023-24 के लिये 1193.40 करोड़ रुपए सहित कुल 1377 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
- इस निर्णय से आवारा एवं निराश्रित पशुओं के लिये एक स्थाई आश्रय मिल सकेगा। किसानों को भी आवारा पशुओं की समस्या से राहत मिलेगी।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 के बजट में ग्राम पंचायतों में गौशाला/पशु आश्रय स्थलों का संचालन किये जाने की घोषणा की गई थी।
- राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों के हित में निरंतर निर्णय लिये जा रहे हैं। प्रदेश में संचालित गौशालाओं को वर्ष में 9 महीने तक अनुदान दिया जा रहा है। नंदीशालाएँ खोली जा रही हैं। पशुपालकों को 5 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दूध पर अनुदान भी मिल रहा है।
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