बीएचयू में देश का पहला स्पाइनल इंजरी रिहेबिलिटेशन सेंटर | उत्तर प्रदेश | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
15 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के बनारस में बीएचयू ट्रामा सेंटर के प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीएचयू ट्रामा सेंटर में देश के पहले स्पाइनल इंजरी रिहेबिलिटेशन सेंटर खोलने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- प्रो. सौरभ सिंह ने बताया कि बीएचयू ट्रामा सेंटर में देश का पहला एडवांस केयर एंड रिहेबिलिटेशन सेंटर खुलने से ब्रेन, स्पाइन और न्यूरो की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को अब काशी में ही विश्व स्तरीय इलाज की सुविधा मिलेगी।
- उन्होंने बताया कि स्पाइनल इंजरी रिहेबिलिटेशन सेंटर में ब्रेन, स्पाइनल, न्यूरो ऑप्थलेमिक इंजरी की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के साथ ही पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से इलाज की सुविधाएँ मिलेंगी। इलाज की ऐसी सुविधा अभी ऑस्ट्रेलिया में है।
- विदित है कि बीएचयू ट्रामा सेंटर में वाराणसी और आसपास के ज़िलों के साथ ही बिहार, झारखंड आदि जगहों से सड़क दुघर्टनाओं में घायल गंभीर लोग आते हैं। कई ऐसे लोग होते हैं, जिनके स्पाइनल और ब्रेन में गंभीर चोटें लगी होती हैं। इलाज के बाद भी व्यक्ति सामान्य जीवन में नहीं लौट पाता है।
- डॉक्टरों के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में एडवांस केयर रिहेबिलिटेशन सेंटर के माध्यम से ऐसे मरीजों का सफल इलाज हो रहा है। अब ऑस्ट्रेलिया की तरह ही बीएचयू में देश का पहला ऐसा केंद्र होगा, जहाँ इस तरह की सुविधाएँ दी जाएंगी।
- ट्रामा सेंटर में बनने वाले सेंटर में रोबोटिक सर्जरी, स्पीच थेरेपी और सर्जरी के माध्यम से मरीजों को नया जीवन देने की तैयारी है। यहाँ आधुनिक तकनीक वाली मशीनें मंगाई जाएंगी। रोबोटिक सर्जरी की मदद से सड़क दुर्घटनाओं के समय पैर और शरीर के ऐसे भागों में जहाँ नसें काम करना बंद कर देती हैं। उसे रोबोटिक तकनीक की मदद से सही कराया जाएगा।
- हेड इंजरी वाले मरीजों को सर्जरी के बाद भी सही से न चल पाने और बोल पाने की समस्या रहती है। नए सेंटर में ऐसे मरीजों के लिये ऑकुपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी की व्यवस्था की जा रही है। इससे मरीजों का इलाज आसान हो जाता है।
- रिहेबिलिटेशन सेंटर के लिये कुल 200 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कराया गया है। इसमें 200 बेड का सुपर स्पेशियलिटी भवन भी बनेगा। खास बात यह है कि यहाँ इलाज के साथ पठन-पाठन, शोध और मूल्यांकन की सुविधा रहेगी। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को न्यूरो, स्पाइनल इंजरी के इलाज का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
- सेंटर में ये सुविधाएँ मिलेंगी -:
- पेड यूनिट: कॉमर्शियल स्तर से चिकित्सा सुविधा का लाभ लोग ले सकेंगे। निजी हॉस्पिटल से कम खर्च आएगा।
- सब्सिडाइज्ड यूनिट: कम कीमत पर पात्र लोगों को चिकित्सा सुविधा दी जाएगी।
- स्ट्रेटिजिक फार्मेसी यूनिट: पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत फार्मेसी यूनिट का संचालन होगा।
- स्ट्रेटिजिक एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिट: ब्रेन, स्पाइन और न्यूरो की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को अब काशी में ही विश्व स्तरीय इलाज की सुविधा मिलेगी।
पटना और मुजफ्फरपुर में जिओ ट्रू 5जी सेवा लॉन्च | बिहार | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को बिहार की राजधानी पटना और मुजफ्फरपुर शहर में रिलायंस जियो ने अपनी ट्रू 5जी सेवाएँ लॉन्च कर दी।
प्रमुख बिंदु
- पटना के शहरी क्षेत्र पटना साहिब से लेकर दानापुर तक और मुजफ्फरपुर के शहरी क्षेत्र में अब जियो ट्रू 5जी का कवरेज मिलेगा।
- कंपनी का दावा है कि दिसंबर 2023 तक बिहार और झारखंड के हर कस्बे और हर गांव में जियो ट्रू 5जी उपलब्ध होगा।
- कंपनी के अनुसार पटना और मुजफ्फरपुर में जियो उपयोगकर्ताओं को जियो वेलकम ऑफर के तहत आमंत्रित किया जा रहा है। आमंत्रित यूजर्स को बिना किसी अतिरिक्त लागत के 1 जीबीपीएस स्पीड पर अनलिमिटेड डेटा मिलेगा।
- लांचिंग पर जियो प्रवक्ता ने कहा कि देश भर में ट्रू 5जी रोलआउट की स्पीड को हमने और तेज़ कर दिया है, क्योंकि हम चाहते हैं कि साल 2023 में प्रत्येक जियो उपयोगकर्ता को जियो ट्रू 5जी टेक्नोलॉजी का फायदा मिले।
- जिन शहरों में ट्रू जी लॉन्च किया गया है, वे देश के महत्त्वपूर्ण पर्यटन-स्थल, व्यापारिक और औद्योगिक केंद्रो में शामिल हैं।
- जियो की ट्रू 5जी सेवाओं के लॉन्च के साथ ही क्षेत्र के उपभोक्ताओं को न केवल सबसे अच्छा दूरसंचार नेटवर्क मिलेगा बल्कि इ-गवर्नेंस, शिक्षा, ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, गेमिंग, हेल्थकेयर, कृषि, आईटी के क्षेत्रों में भी विकास के अवसर मिलेंगे।
पूर्व डीजीपी सिंघल केंद्रीय चयन परिषद के अध्यक्ष बने | बिहार | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को बिहार राज्य सरकार ने पूर्व डीजीपी एसके सिंघल को केंद्रीय चयन परिषद के नए अध्यक्ष के रूप नियुक्त किया है। इसके लिये गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी।
प्रमुख बिंदु
- परिषद के वर्तमान अध्यक्ष केएस द्विवेदी के कार्यकाल की विस्तारित अवधि 20 जनवरी, 2023 को पूरी हो जाएगी। इसके बाद सिंघल नए अध्यक्ष के तौर पर पदभार ग्रहण कर लेंगे।
- सरकार ने अगले तीन वर्षों के लिये एस के सिंघल को चयन पार्षद का अध्यक्ष नियुक्त किया है। 19 दिसंबर, 2022 को एसके सिंघल डीजीपी के पद से रिटायर हुए थे।
- उल्लेखनीय है कि वर्तमान अध्यक्ष केएस द्विवेदी को भी बिहार के डीपीपी के पद से रिटार होने के बाद सरकार ने यह जिम्मेवारी सौंपी थी। उन्हें छह महीने का अवधि विस्तार भी दिया गया था।
- केंद्रीय चयन परिषद बिहार पुलिस में सिपाही के पद के अलावा अन्य विभागों में नियुक्तियों के लिये भी परीक्षा का आयोजन करता है।
- संजीव कुमार सिंघल भारतीय पुलिस सेवा के 1988 बैच अधिकारी हैं। केंद्रीय चयन परिषद के अध्यक्ष के रूप में एसके सिंघल को सरकारी प्रावधानों के अनुसार वेतन और सारी सुविधाएँ मिलती रहेंगी।
केंद्रीय खान एवं कोयला मंत्रालय ने बिहार में विभिन्न खनिजों के खनन के लिये सात ब्लॉक का आवंटन किया | बिहार | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय खान एवं कोयला मंत्रालय ने बिहार में ग्लूकोनाइट (पोटाश), क्रोमियम, निकेल सहित प्लैटिनम ग्रुप ऑफ एलिमेंट, मैग्नेटाइट (आयरन), बॉक्साइट और दुर्लभ मृदा धातुओं के खनन के लिये सात ब्लॉक का आवंटन बिहार राज्य सरकार को किया है।
प्रमुख बिंदु
- इन खनिजों का खनन इसी साल शुरू होगा। इसके लिये इन सभी में खनन की मंज़ूरी का प्रस्ताव इसी महीने खान एवं भू-तत्त्व विभाग की तरफ से राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में पेश किया जाएगा। इसमें खनिज तत्त्वों से राज्य सरकार और खनन एजेंसी को होने वाले आय के संबंध में भी दिशा-निर्देश तय होगा।
- राज्य मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिलते ही चार ज़िलों में मौजूद खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें रोहतास, गया, औरंगाबाद और जमुई शामिल हैं। सरकार इसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिये ‘एसबीआई कैप्स’की सेवा ले रही है।
- गौरतलब है कि खान एवं भू-तत्त्व विभाग ने एसबीआई कैप्स-निवेश बैंक और परियोजना सलाहकार से एक विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है। रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार सभी ज़िलों में करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए के ग्लूकोनाइट और लौह अयस्क के भंडार को पट्टे के आधार पर खनन की अनुमति देने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
- इससे पहले सर्वे में रोहतास ज़िले में करीब 25 वर्ग किमी. इलाके में ग्लूकोनाइट मिला था। इसमें ज़िले के नावाडीह प्रखंड में 10 वर्ग किमी., टीपा में आठ वर्ग किमी. और शाहपुर प्रखंड में सात वर्ग किमी. का इलाका शामिल है।
- इसके साथ ही गया और औरंगाबाद ज़िले की सीमा पर मदनपुर प्रखंड के डेंजना और आसपास के इलाकों में करीब आठ वर्ग किमी. क्षेत्र में निकेल और क्रोमियम पाया गया है।
- उल्लेखनीय है कि ग्लूकोनाइट (पोटाश) का बड़े पैमाने पर औषधि व रासायनिक खाद में इस्तेमाल होता है। निकेल का उपयोग लोहे व अन्य धातुओं पर परत चढ़ाकर उन्हें जंग लगने से बचाने के लिये किया जाता है। यह एक लौह चुंबकत्व रखने वाला तत्त्व है और इससे बने चुंबक कई उद्योगों में इस्तेमाल होते हैं।
- इसके अलावा निकेल को इस्पात में मिलाकर उसे ‘स्टेनलेस’(जंग-रोधक) बनाया जाता है, जबकि क्रोमियम का उपयोग मिश्रधातु बनाने में किया जाता है। स्टील को अधिक कठोर बनाने, चर्मशोधन में यह काम आता है। मानव शरीर में ग्लूकोज को नियंत्रित करने में भी यह कारगर है। शीशे को हरा रंग देने, क्रोम प्लेटिंग समेत अन्य कार्यों में यह प्रभावी है। इसका उपयोग तेल उद्योग में उत्प्रेरक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और जंग अवरोधक के रूप में किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने ‘उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’ के प्रारूप का किया अनुमोदन | राजस्थान | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के लिये ‘उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’के प्रारूप का अनुमोदन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के विद्यार्थियों के लिये छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- इस योजना से मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के युवा शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़कर अपने सपनों को साकार कर सकेंगे। साथ ही युवाओं के शिक्षित होने से परिवार को आर्थिक संबल मिलेगा तथा समुदाय का सामाजिक उत्थान भी होगा।
- प्रारूप के अनुसार, योजना में 2.50 लाख रुपए तक की पारिवारिक वार्षिक आय वाले मिरासी (ढाढ़ी, मीर, मांगणियार, दमामी, नगारची, लंगा, राणा) एवं भिश्ती समुदाय के विद्यार्थी पात्र होंगे।
- इसमें कक्षा 11 से स्नातकोत्तर तक के 2000 विद्यार्थियों को 5000 से 20000 रुपए तक प्रति शैक्षणिक सत्र में छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिये विभिन्न कार्यों की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री ने ‘गौशाला/पशु आश्रय स्थल जन सहभागिता योजना’ को दी सहमति | राजस्थान | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के लिये ‘उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना’के प्रारूप का अनुमोदन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के विद्यार्थियों के लिये छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- इस योजना से मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के युवा शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़कर अपने सपनों को साकार कर सकेंगे। साथ ही युवाओं के शिक्षित होने से परिवार को आर्थिक संबल मिलेगा तथा समुदाय का सामाजिक उत्थान भी होगा।
- प्रारूप के अनुसार, योजना में 2.50 लाख रुपए तक की पारिवारिक वार्षिक आय वाले मिरासी (ढाढ़ी, मीर, मांगणियार, दमामी, नगारची, लंगा, राणा) एवं भिश्ती समुदाय के विद्यार्थी पात्र होंगे।
- इसमें कक्षा 11 से स्नातकोत्तर तक के 2000 विद्यार्थियों को 5000 से 20000 रुपए तक प्रति शैक्षणिक सत्र में छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में मिरासी एवं भिश्ती समुदाय के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिये विभिन्न कार्यों की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री ने ‘गौशाला/पशु आश्रय स्थल जन सहभागिता योजना’ को दी सहमति | राजस्थान | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
15 जनवरी, 2023 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्राम पंचायतों में ‘गौशाला/पशु आश्रय स्थल जन सहभागिता योजना’ को सहमति प्रदान की है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने इस योजना के प्रथम चरण में 1500 ग्राम पंचायतों में स्थल निर्माण एवं संचालन के लिये लगभग 1377 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान को भी मंज़ूरी दी है।
- इस योजना के अंतर्गत जिन ग्राम पंचायतों में गौशाला/पशु आश्रय स्थल का संचालन करने के लिये सक्षम कार्यकारी एजेंसी (ग्राम पंचायत/स्वयंसेवी संस्था) उपलब्ध होगी, वहाँ प्राथमिकता से एक-एक करोड़ रुपए तक की राशि से गौशालाएँ स्थापित की जाएंगी।
- इसके तहत वर्ष 2022-23 में 200 एवं 2023-24 में 1300 ग्राम पंचायतों में स्थलों का निर्माण किया जाएगा। इसमें राज्य सरकार 90 प्रतिशत और कार्यकारी एजेंसी 10 प्रतिशत राशि वहन करेगी।
- मुख्यमंत्री द्वारा स्थलों के निर्माण एवं संचालन के लिये वर्ष 2022-23 में 60 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2023-24 के लिये 1193.40 करोड़ रुपए सहित कुल 1377 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
- इस निर्णय से आवारा एवं निराश्रित पशुओं के लिये एक स्थाई आश्रय मिल सकेगा। किसानों को भी आवारा पशुओं की समस्या से राहत मिलेगी।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 के बजट में ग्राम पंचायतों में गौशाला/पशु आश्रय स्थलों का संचालन किये जाने की घोषणा की गई थी।
- राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों के हित में निरंतर निर्णय लिये जा रहे हैं। प्रदेश में संचालित गौशालाओं को वर्ष में 9 महीने तक अनुदान दिया जा रहा है। नंदीशालाएँ खोली जा रही हैं। पशुपालकों को 5 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दूध पर अनुदान भी मिल रहा है।
आरईसी से रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड को 1000 करोड़ की सहायता देने का हुआ करार | मध्य प्रदेश | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड को नवकरणीय ऊर्जा परियोजना के लिये रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कार्पोरेशन (आरईसी) द्वारा 1000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु करार हुआ।
प्रमुख बिंदु
- आरईसी ने वितरण सुधारों को और मज़बूत करने के लिये एमपी डिस्कॉम को 5000 करोड़ रुपए की राशि देने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में इसके लिये एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं।
- इसके अलावा आरईसी ने मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के साथ भी 15 हज़ार 86 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता समझौते पर भी हस्ताक्षर किये हैं।
- आरयूएमएसएल से हुए करारनामे के अनुसार आरईसी द्वारा अक्षय ऊर्जा पार्कों तथा परियोजनाओं के विकास, बिजली वितरण सहित संबंधी बुनियादी ढाँचे को कवर करने वाली नवकरणीय ऊर्जा परियोजना के लिये 1000 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराना निर्धारित किया गया है।
- रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड को मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर सौर पार्क विकसित करने के लिये नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा सोलर पार्क डेवलपर नामांकित किया गया है।
- इस परियोजना को प्रदेश के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम माना गया है। प्रदेश का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2024 तक नवकरणीय स्रोतों के माध्यम से अपनी आवश्यकता वाली बिजली का 20 प्रतिशत, वित्त वर्ष 2027 तक 30 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत उत्पादन करने का है।
- इसके अतिरिक्त आरईसी ने विश्व बैंक की साझेदारी में चुनिंदा राज्य स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनियों के लिये एक वित्त पोषण योजना भी तैयार की है। इससे आरईसी-विश्व बैंक कार्यक्रम के एक भाग के रूप में वित्तीय सहायता की कुल मात्रा एक अरब अमरीकी डालर उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत रोगियों को 25 गंभीर बीमारियों के लिये उपलब्ध करवाई जाएगी आर्थिक सहायता | हरियाणा | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
15 जनवरी, 2023 को हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने गरीब व्यक्तियों को इलाज के लिये तुरंत प्रभाव से लाभ मिले, इसको सुनिश्चित करने के लिये ‘मुख्यमंत्री राहत कोष योजना’ में संशोधन किया है। अब 3 बीमारियों के इलाज के स्थान पर करीब 25 बीमारियों के इलाज के लिये पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक सहायता प्रदान करवाई जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि आर्थिक सहायता के लिये प्रार्थी सरल पोर्टल के माध्यम से सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
- उन्होंने बताया कि आवेदक अपनी पीपीपी यानी परिवार पहचान पत्र आईडी के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिये आवेदकों को अपने चिकित्सा बिल, ओपीडी बिल आदि जैसे अन्य संबंधित दस्तावेजों को अपलोड कर मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) से चिकित्सा आधार पर वित्तीय सहायता के लिये आवेदन कर सकते हैं।
- मुख्यमंत्री राहत कोष योजना में किये गए बदलावों के तहत यदि कोई बीमारी ‘आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना’में कवर नहीं हो रही है तो आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को भी इस योजना के तहत लाभ मिलेगा।
- मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत आर्थिक सहायता के लिये ज़िला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें संबंधित सांसद, संबंधित एमएलए, उपायुक्त, सिविल सर्जन, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के अध्यक्ष, ज़िला परिषद के चेयरमैन, पंचायत समिति के चेयरमैन को सदस्य और नगराधीश को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
- प्रवक्ता ने बताया कि आवेदक आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिये जब सरल पोर्टल के माध्यम से अपना आवेदन करेगा, उसके बाद आवेदन को संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, अध्यक्ष ज़िला परिषद, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर, एमसी के अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा और ये जनप्रतिनिधि पाँच दिन के भीतर अपनी सिफारिशों के साथ उपायुक्त कार्यालय को भेजेंगे। उसके उपरांत आवेदन को उपायुक्त कार्यालय द्वारा संबंधित तहसीलदार को आवेदक की चल-अचल संपत्ति की वेरिफिकेशन तथा सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिये भेजा जाएगा।
- उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिये इस पूरी प्रक्रिया में संपत्ति की वेरिफिकेशन के लिये चार दिन व सिविल सर्जन कार्यालय से जुड़े सत्यापन कार्य के लिये पाँच दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है।
- उपरोक्त दोनों विभागों से मिली रिपोर्ट्स को उपायुक्त की संस्तुति के साथ कमेटी के सदस्य सचिव को भेजा जाएगा, जिसे वे सीनियर अकाउंट अधिकारी को भेजेंगे। इसके बाद स्वीकृत की गई राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेज दी जाएगी।
राँची मौसम केंद्र भारत का सर्वश्रेष्ठ मौसम केंद्र घोषित | झारखंड | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों
15 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली के मौसम भवन के ‘वृष्टि सभागार’ में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 148वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में राँची मौसम केंद्र को भारत का सर्वश्रेष्ठ मौसम केंद्र घोषित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस समारोह में रांची स्थित मौसम केंद्र के प्रमुख अभिषेक आनंद ने देश के सर्वश्रेष्ठ मौसम केंद्र का पुरस्कार ग्रहण किया।
- भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान सुरकंडा जी, मुरारी देवी, जोत और बनिहाल टॉप के डॉपलर वेदर रडार का उद्घाटन भी किया गया। इसके अलावा कई प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया।
कास्मो एक्सपो- 2023 ट्रेड एंड बिल्ड फेयर | छत्तीसगढ़ | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा संचालित महत्त्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं एवं विगत चार वर्षों की उपलब्धि पर आधारित छाया चित्र प्रदर्शनी राजधानी रायपुर में चल रहे ‘कास्मो एक्सपो-2023 ट्रेड एंड बिल्ड फेयर’में लगाया गया है।
प्रमुख बिंदु
- विधानसभा रोड स्थित श्रीराम बिजनेस पार्क में रोटरी क्लब ऑफ रायपुर कास्मोपालिटिन के द्वारा 13 जनवरी, 2023 को ‘कास्मो एक्सपो-2023 ट्रेड एंड बिल्ड फेयर’का शुभारंभ हुआ था। 16 जनवरी तक चलने वाले इस आयोजन में लगभग 350 स्टॉल लगाए गए हैं।
- गौरतलब है कि कास्मो एक्सपो ट्रेड एंड बिल्ड फेयर अब मध्यभारत का सबसे बड़े ट्रेड फेयर के रूप में पहचान बना चुका है। इस एक्सपो में शासकीय व निजी सेक्टर के करीब 350 स्टॉल शामिल हैं।
- कास्मो एक्सपो में लगाए गए स्टॉलों में उद्योग-व्यापार से जुड़े लगभग सभी सेक्टर शामिल हैं, जिसमें मुख्यत: रियल एस्टेट, बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन, ऑटोमोबाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन, टेक्नोलॉजी इनोवेशन, मैन्यूफैक्चरिंग सर्विस, बैंक एंड फाइनेंस, ट्रेवल्स एंड टूरिज्म, एजुकेशन, हेल्थ केयर, लाइफ स्टाइल और जनरल स्टॉल शामिल हैं। इनमें शासकीय विभागों व निजी समूह के स्टॉल हैं।
- जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजन स्थल पर राज्य शासन की फ्लैगशिप योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई है। सुराजी गाँव योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव युवा मितान क्लब, वनोपज की खरीदी और गोधन न्याय योजना जैसे महत्त्वपूर्ण योजनाओं को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
- इन योजनाओं की जानकारी एलईडी स्क्रीन के ज़रिये भी दी जा रही है और यहाँ आने वाले लोगों को योजनाओं से संबंधित पॉम्पलेट और ब्रोशर भी वितरित किये जा रहे है। स्टॉल में छत्तीसगढ़ी पारंपरिक गीत-संगीत पर आधारित कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जा रहे हैं।
- फूड कोर्ट का स्टॉल इस बार रायपुर फूडी लवर्स के द्वारा संचालित किया गया है, जिनके लिये एक अलग वृहद डोम हैं जहाँ पर 45 स्टॉल लगाए गए है। यहाँ पर लोगों को देश के विभिन्न राज्यों के व्यजंनों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी व्यंजन का भी लुफ्त उठाने का अवसर मिलेगा।
रायपुर, दुर्ग और भिलाई में जियो ट्रू 5जी शुरू | छत्तीसगढ़ | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में एक कार्यक्रम में जियो ट्रू 5जी सेवा की शुरुआत की। इस लॉन्च के साथ छत्तीसगढ़ के 3 शहरों राजधानी रायपुर, दुर्ग और भिलाई में जियो ट्रू 5जी सेवाएँ शुरू हो गईं।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जिओ ट्रू 5जी सेवा लॉन्च होने से ई-गवर्नेंस, कृषि, उर्जा, शिक्षा, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, स्वास्थ्य, लोक आधारित टूरिज्म, स्वयं सहायता समूहों का सशक्तीकरण, आईटी और एसएमई कारोबार जैसे क्षेत्रों में विकास के नए अवसर खुलेंगे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि मोबाईल क्षेत्र 5जी के उपयोग से मरीजों को गोल्डन पीरियड में बहुत मदद मिलेगी। कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं विभिन्न क्षेत्रों में 5जी बहुत उपयोगी होगी।
मुख्यमंत्री ने किया तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का शुभारंभ | छत्तीसगढ़ | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मकर संक्रांति के अवसर पर बलरामपुर ज़िले के ऐतिहासिक तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 976 करोड़ 47 लाख के विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इनमें रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में 284 विकास कार्यों का शिलान्यास तथा 446 विकास कार्यों का लोकार्पण, सामरी विधानसभा क्षेत्र में 777 विकास कार्यों का शिलान्यास तथा 16 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में 46 विकास कार्यों का शिलान्यास व 138 विकास कार्यों का लोकार्पण शामिल है।
- इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान किये गए 20 घोषणाओं तथा 03 निर्देशों का शिलान्यास एवं सामरी विधानसभा क्षेत्र में विद्युत विभाग के दो कार्यों का लोकार्पण किया।
- महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सामूहिक कन्या विवाह योजनांतर्गत 501 जोड़ों के विवाह समारोह में सम्मिलित हुए तथा नव दंपत्तियों को आशीर्वाद दिया।
- धार्मिक मान्यताओं व भूमिगत गर्म जल स्त्रोत के नाम से प्रसिद्ध तातापानी में प्रत्येक वर्ष की भाँति मकर संक्रांति पर्व पर वृहद् मेला लगता है। लोगों की श्रद्द्धा व आस्था का सम्मान करते हुए प्रतिवर्ष ज़िला प्रशासन के द्वारा तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
- उल्लेखनीय है कि अंबिकापुर-रामानुजगंज नेशनल हाईवे पर ज़िला मुख्यालय बलरामपुर से 12 किलोमीटर दूर तातापानी स्थित है। यहाँ 8 से 10 प्राकृतिक जल के गर्म कुंड हैं। इसके अलावा यहाँ एक विशाल शिव जी की प्रतिमा है। इसे ज़िला प्रशासन द्वारा बनवाया गया है।
- स्थानीय भाषा में ताता का अर्थ गर्म होता है। इसलिये इस जगह का नाम तातापानी पड़ गया। यहाँ स्थित गर्म जलकुंड से निकलने वाला पानी इतना गर्म होता है कि चावल, अंडे और आलू तक उबाल सकते हैं।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में सल्फर की मात्रा अधिक है। इसी वजह से यहाँ से निकलने वाला पानी गर्म होता है। ऐसी मान्यता है कि इन जल कुंडों में स्नान करने से अनेक चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
- तातापानी में मकर संक्रांति के अवसर पर पिछले 50 से अधिक वर्षों से हर वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता रहा है।
- बलरामपुर ज़िले के अस्तित्व में आने के बाद प्रशासन ने तातापानी मेला को महोत्सव का स्वरूप दिया है। वर्षों पुराने तातापानी के मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए कई फीट ऊँची शिव जी की प्रतिमा स्थापित की गई है। इसी के ठीक नीचे 12 ज्योतिर्लिंगों का स्वरूप प्रदर्शित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बलरामपुर में राज्य के पहले शहीद पार्क का किया लोकार्पण | छत्तीसगढ़ | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
15 जनवरी, 2023 को छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलरामपुर में राज्य के पहले शहीद पार्क का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- बलरामपुर में प्रदेश के पहले शहीद पार्क को लगभग चालीस लाख रूपए की लागत से तैयार किया गया है। इसके निर्माण के लिये नगर पालिका को नोडल एजेंसी बनाया गया था।
- बलरामपुर के शहीद चौक पर स्थापित इस पार्क में शहीद प्रधान आरक्षक लाजरुस मिंज, शहीद आरक्षक महेश राम पैंकरा, शहीद आरक्षक अनिल खलको, शहीद उप निरीक्षक नबोर कुजूर, शहीद प्रधान आरक्षक मनाजरूल हक, शहीद उप निरीक्षक मसीह भूषण लकड़ा, शहीद प्रधान आरक्षक रामसाय राम की प्रतिमाएँ स्थापित की गई हैं।
- इनकी प्रतिमाओं के नीचे अमर शहीदों का बायोडाटा भी उकेरा गया है, ताकि हर कोई इनके अतुल्य योगदान के बारे में जान सके।
‘क्यू मैनेजमेंट सिस्टम | उत्तराखंड | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि चार धामों में दर्शन के लिये जाने वाले श्रद्धालुओं को घंटों लाइन में खड़े होने से छुटकारा दिलाने के लिये राज्य सरकार पहली बार ‘क्यू मैनेजमेंट सिस्टम’तैयार कर रही है।
प्रमुख बिंदु
- पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि चार धामों में दर्शन के लिये ‘क्यू मैनेजमेंट सिस्टम’ बनाया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य होगा।
- इसके अलावा श्रद्धालुओं को धाम में पहुँचने पर एक टोकन नंबर दिया जाएगा, जिसमें दर्शन के लिये समय निर्धारित होगा। इस व्यवस्था से श्रद्धालुओं को कई घंटों तक लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा।
- विदित है कि गत वर्ष बदरीनाथ, केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए इस बार यह व्यवस्था लागू की जा रही है।
- उल्लेखनीय है कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होने के साथ ही पर्यटन विभाग चारधाम यात्रा के लिये पंजीकरण शुरू कर देगा। इसके लिये विभाग ने पंजीकरण की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। चार धामों में श्रद्धालुओं की भीड़ न बढ़े इसलिये इस बार दो माह पहले से पंजीकरण शुरू किया जा रहा है।
उत्तराखंड के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का होगा सर्वे | उत्तराखंड | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने जोशीमठ आपदा से सबक लेते हुए प्रदेश के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता (कैरिंग कैपेसिटी) का वैज्ञानिक व तकनीकी सर्वे कराने का फैसला किया है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि आबादी और बेतरतीब ढंग से हो रहे निर्माण कार्यों से पर्वतीय शहरों में धारण क्षमता से अधिक दबाव बढ़ रहा है। जोशीमठ भू धंसाव के पीछे एक वजह शहर की भार वहन क्षमता से अधिक निर्माण को भी ठहराया जा रहा है।
- प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में तय हुआ कि पर्वतीय क्षेत्रों के सभी शहरों की धारण क्षमता का सर्वे कराने का दायित्व आपदा प्रबंधन विभाग को सौंपा गया है। इसके लिये शहरी विकास, पंचायती राज समेत अन्य विभाग का सहयोग लिया जाएगा। सर्वे के लिये तकनीकी एजेंसियों का चयन किया जाएगा।
- राज्य के प्रमुख पर्वतीय शहरों में मसूरी, नैनीताल, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग, उत्तरकाशी, ऊखीमठ, नई टिहरी, गुप्तकाशी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, रानीखेत पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। पहले चरण में राज्य सरकार इन पर्वतीय शहरों का सर्वे करा सकती है।
- इसके अंतर्गत पहले चरण में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्रों में सर्वे कराने की मंजूरी भी दे दी है।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि जिन शहरों की भार वहन क्षमता अधिक पाई जाएगी, उनमें निर्माण पर रोक लगाई जाएगी। जोशीमठ आपदा निश्चित तौर पर भविष्य के लिये सचेत कर रही है।