मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत रोगियों को 25 गंभीर बीमारियों के लिये उपलब्ध करवाई जाएगी आर्थिक सहायता | हरियाणा | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
15 जनवरी, 2023 को हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने गरीब व्यक्तियों को इलाज के लिये तुरंत प्रभाव से लाभ मिले, इसको सुनिश्चित करने के लिये ‘मुख्यमंत्री राहत कोष योजना’ में संशोधन किया है। अब 3 बीमारियों के इलाज के स्थान पर करीब 25 बीमारियों के इलाज के लिये पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक सहायता प्रदान करवाई जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि आर्थिक सहायता के लिये प्रार्थी सरल पोर्टल के माध्यम से सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि सीधे आवेदक या लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
- उन्होंने बताया कि आवेदक अपनी पीपीपी यानी परिवार पहचान पत्र आईडी के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिये आवेदकों को अपने चिकित्सा बिल, ओपीडी बिल आदि जैसे अन्य संबंधित दस्तावेजों को अपलोड कर मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) से चिकित्सा आधार पर वित्तीय सहायता के लिये आवेदन कर सकते हैं।
- मुख्यमंत्री राहत कोष योजना में किये गए बदलावों के तहत यदि कोई बीमारी ‘आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना’में कवर नहीं हो रही है तो आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को भी इस योजना के तहत लाभ मिलेगा।
- मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत आर्थिक सहायता के लिये ज़िला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें संबंधित सांसद, संबंधित एमएलए, उपायुक्त, सिविल सर्जन, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के अध्यक्ष, ज़िला परिषद के चेयरमैन, पंचायत समिति के चेयरमैन को सदस्य और नगराधीश को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
- प्रवक्ता ने बताया कि आवेदक आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिये जब सरल पोर्टल के माध्यम से अपना आवेदन करेगा, उसके बाद आवेदन को संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, अध्यक्ष ज़िला परिषद, अध्यक्ष ब्लॉक समिति, मेयर, एमसी के अध्यक्ष के पास भेजा जाएगा और ये जनप्रतिनिधि पाँच दिन के भीतर अपनी सिफारिशों के साथ उपायुक्त कार्यालय को भेजेंगे। उसके उपरांत आवेदन को उपायुक्त कार्यालय द्वारा संबंधित तहसीलदार को आवेदक की चल-अचल संपत्ति की वेरिफिकेशन तथा सिविल सर्जन को मेडिकल दस्तावेजों के सत्यापन के लिये भेजा जाएगा।
- उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिये इस पूरी प्रक्रिया में संपत्ति की वेरिफिकेशन के लिये चार दिन व सिविल सर्जन कार्यालय से जुड़े सत्यापन कार्य के लिये पाँच दिन की समय सीमा निर्धारित की गई है।
- उपरोक्त दोनों विभागों से मिली रिपोर्ट्स को उपायुक्त की संस्तुति के साथ कमेटी के सदस्य सचिव को भेजा जाएगा, जिसे वे सीनियर अकाउंट अधिकारी को भेजेंगे। इसके बाद स्वीकृत की गई राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेज दी जाएगी।