पटना और मुजफ्फरपुर में जिओ ट्रू 5जी सेवा लॉन्च | बिहार | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को बिहार की राजधानी पटना और मुजफ्फरपुर शहर में रिलायंस जियो ने अपनी ट्रू 5जी सेवाएँ लॉन्च कर दी।
प्रमुख बिंदु
- पटना के शहरी क्षेत्र पटना साहिब से लेकर दानापुर तक और मुजफ्फरपुर के शहरी क्षेत्र में अब जियो ट्रू 5जी का कवरेज मिलेगा।
- कंपनी का दावा है कि दिसंबर 2023 तक बिहार और झारखंड के हर कस्बे और हर गांव में जियो ट्रू 5जी उपलब्ध होगा।
- कंपनी के अनुसार पटना और मुजफ्फरपुर में जियो उपयोगकर्ताओं को जियो वेलकम ऑफर के तहत आमंत्रित किया जा रहा है। आमंत्रित यूजर्स को बिना किसी अतिरिक्त लागत के 1 जीबीपीएस स्पीड पर अनलिमिटेड डेटा मिलेगा।
- लांचिंग पर जियो प्रवक्ता ने कहा कि देश भर में ट्रू 5जी रोलआउट की स्पीड को हमने और तेज़ कर दिया है, क्योंकि हम चाहते हैं कि साल 2023 में प्रत्येक जियो उपयोगकर्ता को जियो ट्रू 5जी टेक्नोलॉजी का फायदा मिले।
- जिन शहरों में ट्रू जी लॉन्च किया गया है, वे देश के महत्त्वपूर्ण पर्यटन-स्थल, व्यापारिक और औद्योगिक केंद्रो में शामिल हैं।
- जियो की ट्रू 5जी सेवाओं के लॉन्च के साथ ही क्षेत्र के उपभोक्ताओं को न केवल सबसे अच्छा दूरसंचार नेटवर्क मिलेगा बल्कि इ-गवर्नेंस, शिक्षा, ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, गेमिंग, हेल्थकेयर, कृषि, आईटी के क्षेत्रों में भी विकास के अवसर मिलेंगे।
पूर्व डीजीपी सिंघल केंद्रीय चयन परिषद के अध्यक्ष बने | बिहार | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
14 जनवरी, 2023 को बिहार राज्य सरकार ने पूर्व डीजीपी एसके सिंघल को केंद्रीय चयन परिषद के नए अध्यक्ष के रूप नियुक्त किया है। इसके लिये गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी।
प्रमुख बिंदु
- परिषद के वर्तमान अध्यक्ष केएस द्विवेदी के कार्यकाल की विस्तारित अवधि 20 जनवरी, 2023 को पूरी हो जाएगी। इसके बाद सिंघल नए अध्यक्ष के तौर पर पदभार ग्रहण कर लेंगे।
- सरकार ने अगले तीन वर्षों के लिये एस के सिंघल को चयन पार्षद का अध्यक्ष नियुक्त किया है। 19 दिसंबर, 2022 को एसके सिंघल डीजीपी के पद से रिटायर हुए थे।
- उल्लेखनीय है कि वर्तमान अध्यक्ष केएस द्विवेदी को भी बिहार के डीपीपी के पद से रिटार होने के बाद सरकार ने यह जिम्मेवारी सौंपी थी। उन्हें छह महीने का अवधि विस्तार भी दिया गया था।
- केंद्रीय चयन परिषद बिहार पुलिस में सिपाही के पद के अलावा अन्य विभागों में नियुक्तियों के लिये भी परीक्षा का आयोजन करता है।
- संजीव कुमार सिंघल भारतीय पुलिस सेवा के 1988 बैच अधिकारी हैं। केंद्रीय चयन परिषद के अध्यक्ष के रूप में एसके सिंघल को सरकारी प्रावधानों के अनुसार वेतन और सारी सुविधाएँ मिलती रहेंगी।
केंद्रीय खान एवं कोयला मंत्रालय ने बिहार में विभिन्न खनिजों के खनन के लिये सात ब्लॉक का आवंटन किया | बिहार | 16 Jan 2023
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय खान एवं कोयला मंत्रालय ने बिहार में ग्लूकोनाइट (पोटाश), क्रोमियम, निकेल सहित प्लैटिनम ग्रुप ऑफ एलिमेंट, मैग्नेटाइट (आयरन), बॉक्साइट और दुर्लभ मृदा धातुओं के खनन के लिये सात ब्लॉक का आवंटन बिहार राज्य सरकार को किया है।
प्रमुख बिंदु
- इन खनिजों का खनन इसी साल शुरू होगा। इसके लिये इन सभी में खनन की मंज़ूरी का प्रस्ताव इसी महीने खान एवं भू-तत्त्व विभाग की तरफ से राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में पेश किया जाएगा। इसमें खनिज तत्त्वों से राज्य सरकार और खनन एजेंसी को होने वाले आय के संबंध में भी दिशा-निर्देश तय होगा।
- राज्य मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिलते ही चार ज़िलों में मौजूद खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें रोहतास, गया, औरंगाबाद और जमुई शामिल हैं। सरकार इसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिये ‘एसबीआई कैप्स’की सेवा ले रही है।
- गौरतलब है कि खान एवं भू-तत्त्व विभाग ने एसबीआई कैप्स-निवेश बैंक और परियोजना सलाहकार से एक विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है। रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार सभी ज़िलों में करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए के ग्लूकोनाइट और लौह अयस्क के भंडार को पट्टे के आधार पर खनन की अनुमति देने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
- इससे पहले सर्वे में रोहतास ज़िले में करीब 25 वर्ग किमी. इलाके में ग्लूकोनाइट मिला था। इसमें ज़िले के नावाडीह प्रखंड में 10 वर्ग किमी., टीपा में आठ वर्ग किमी. और शाहपुर प्रखंड में सात वर्ग किमी. का इलाका शामिल है।
- इसके साथ ही गया और औरंगाबाद ज़िले की सीमा पर मदनपुर प्रखंड के डेंजना और आसपास के इलाकों में करीब आठ वर्ग किमी. क्षेत्र में निकेल और क्रोमियम पाया गया है।
- उल्लेखनीय है कि ग्लूकोनाइट (पोटाश) का बड़े पैमाने पर औषधि व रासायनिक खाद में इस्तेमाल होता है। निकेल का उपयोग लोहे व अन्य धातुओं पर परत चढ़ाकर उन्हें जंग लगने से बचाने के लिये किया जाता है। यह एक लौह चुंबकत्व रखने वाला तत्त्व है और इससे बने चुंबक कई उद्योगों में इस्तेमाल होते हैं।
- इसके अलावा निकेल को इस्पात में मिलाकर उसे ‘स्टेनलेस’(जंग-रोधक) बनाया जाता है, जबकि क्रोमियम का उपयोग मिश्रधातु बनाने में किया जाता है। स्टील को अधिक कठोर बनाने, चर्मशोधन में यह काम आता है। मानव शरीर में ग्लूकोज को नियंत्रित करने में भी यह कारगर है। शीशे को हरा रंग देने, क्रोम प्लेटिंग समेत अन्य कार्यों में यह प्रभावी है। इसका उपयोग तेल उद्योग में उत्प्रेरक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और जंग अवरोधक के रूप में किया जाता है।