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पटना में मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाने का काम शुरू
चर्चा में क्यों?
14 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार पटना जंक्शन के पास स्मार्ट सिटी की एक महत्त्वाकांक्षी योजना मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाने का काम शुरू हो गया है। योजना के तहत इस पर लगभग 67 करोड़ खर्च होंगे।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार पटना जंक्शन के पास बकरी बाज़ार वाली जगह पर लगभग 38 एकड़ में ट्रांसपोर्ट हब बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है। यहाँ अंडरग्राउंड, ग्राउंड, फस्ट और सेंकेंड फ्लोर मिलाकर कुल चार फ्लोर में लगभग 296 वाहनों को लगाने की क्षमता रहेगी।
- स्मार्ट सिटी के इस प्रोजेक्ट को भवन निर्माण निगम की ओर से बनाने का काम शुरू किया गया है। गोविंदा कंस्ट्रक्शन नाम की कंपनी इस प्रोजेक्ट को तैयार करेगी। कंपनी को जून 2023 में ही इस प्रोजेक्ट को पूरा करना है।
- गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से स्मार्ट सिटी की सभी योजनाओं को अगले वर्ष जून तक पूरा करने के निर्देश दिये गए हैं, इसलिये सभी प्रोजेक्टों पर तेजी से काम पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
- मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब से पटना जंक्शन पहुँचने के लिये 440 मीटर सब-वे का निर्माण किया जा रहा है। इसमें 340 मीटर भूमिगत रहेगा। सब-वे में एस्केलेटर, ट्रैवलेटर और वॉकवे, अग्निशामक, लाइट, एलइडी स्क्रीन और ड्रेनेज सिस्टम होंगे। इससे लोग सीधे जंक्शन परिसर (पुराना दूध मार्केट) निकल जाएंगे।
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देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में पाँचों बिहार के
चर्चा में क्यों?
14 दिसंबर, 2022 को केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से जारी आँकड़ों के मुताबिक देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शीर्ष पाँच शहरों में पांचों बिहार के हैं। इसमें देश भर में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर पूर्णिया है, जिसका एक्यूआई 450 दर्ज किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- आँकड़ों के मुताबिक पूर्णिया के बाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर दरभंगा रहा है जहाँ एक्यूआई 446 रहा है। तीसरे स्थान पर बेतिया है जिसका एक्यूआई 439 रहा। 421 एक्यूआई के साथ बेगूसराय चौथे और 420 एक्यूआई वाला कटिहार देश का पाँचवा सबसे प्रदूषित शहर रहा है।
- आँकड़ों के मुताबिक पटना का एक्यूआई 347 रहा है। यहाँ प्रदूषण खतरनाक स्तर से नीचे आकर बेहद खराब स्तर तक आ गया है।
- इसके साथ ही राज्य का अररिया, भागलपुर, बिहारशरीफ, छपरा, किशनगंज, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया, समस्तीपुर, सीवान का एक्यूआई 300 से अधिक रहा है। इस तरह से इन शहरों की हवा बेहद खराब स्तर पर पहुँच गई है।
- गौरतलब है कि 400 से ज्यादा एक्यूआई प्रदूषण का खतरनाक स्तर माना जाता है। यह मानव स्वास्थ्य के लिये बेहद खतरनाक होता है।
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राजस्थान ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए) 2022’ से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
14 दिसंबर, 2022 को ऊर्जा संरक्षण तथा ऊर्जा की बचत के लिये उपलब्ध संसाधनों का दक्ष उपयोग करने के लिये राजस्थान को ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2022’ के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (विद्युत मंत्रालय) द्वारा ‘सर्टिफिकेट ऑफ मैरिट’प्रदान किया गया।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित समारोह में यह पुरस्कार राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल ढाका को प्रदान किया।
- इस अवसर पर राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष आशुतोष ए. टी. पेडणेकर ने कहा कि यह पुरस्कार भारत-सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष उद्योग, भवन, म्यूनिसिपल, यातायात, कृषि, विद्युत प्रसारण तथा क्रॉस सेक्टर क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण के लिये किये गए उत्कृष्ट कार्यों हेतु ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिएंसी की स्टेट डेजिग्नेटेड एजेंसी/एजेंसीज को प्रदान किया जाता है।
- राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल ढाका ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व तथा ऊर्जा राज्य मंत्री भँवर सिंह भाटी की ऊर्जा संरक्षण के प्रति विशिष्ठ संवेदना के कारण राज्य को गत वर्ष के साथ-साथ इस वर्ष भी ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (एनईसीए) 2022’ से नवाज़ा गया है।
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उद्योग मंत्री ने किया हैंडलूम प्रदर्शनी का उद्घाटन
चर्चा में क्यों
14 दिसंबर, 2022 को राजस्थान की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने राजस्थान स्टेट हैंडलूम डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के हथकरघा भवन, चौमू हाउस, सी-स्कीम स्थित परिसर में पाँच दिवसीय हैंडलूम प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान राज्य हथकरघा विकास निगम की सीएमडी डॉ. मनीषा अरोड़ा ने बताया कि राज्य के हथकरघा एवं हस्तशिल्प वस्त्र उद्योग को समुचित विपणन प्रोत्साहन देने के लिये 14 से 18 दिसंबर तक इस पाँच दिवसीय हैंडलूम प्रदर्शनी-कम सेल का आयोजन किया जा रहा है।
- प्रदर्शनी में प्रदेश के नेशनल अवार्डी एवं उत्कृष्ट बुनकरों तथा दस्तकारों द्वारा तैयार किये गए विभिन्न किस्मों के वस्त्र यथा डिजाइनर कोटा डोरिया, जरी, हैंड ब्लॉक प्रिंटेड एवं सिल्क साड़ियाँ, ड्रेस मैटेरियल, सांगानेरी, बगरू प्रिंटेड बेडशीट्स, बाड़मेरी अजरख बेडशीट्स, कलात्मक दोहर, जयपुरी रजाई, दरियाँ, फैशनेबल कुर्तें, प्लाजो, शर्ट्स आदि उत्पाद बिक्री एवं प्रदर्शन के लिये रखे जाएंगे।
- इसके साथ ही राजस्थान लघु उद्योग निगम लि. (राजस्थली) के आकर्षक हैंडीक्राफ्ट उत्पाद भी प्रदर्शन एवं बिक्री के लिये रखे जा रहे हैं। बुनकर सेवा केंद्र द्वारा हस्तचालित लूम पर डोरिया साड़ी वीविंग का लाइव प्रदर्शन किया जा रहा है।
- इस अवसर पर राजस्थान की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने आमजन से हैंडलूम उत्पादों और परिधानों को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अपनों (स्थानीय कारीगरों) द्वारा अपनों (प्रदेशवासियों) के लिये बनाए उत्पादों के इस्तेमाल से पारंपरिक हस्तकलाओं को बचाया जा सकेगा।
- उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हस्तशिल्प के उत्थान के लिये हाल में हैंडीक्राफ्ट पॉलिसी लागू की गई है, जिसका लाभ आर्टिजंस को मिलने लगेगा। दस्तकारों द्वारा शुद्ध प्राकृतिक रंगों और धागों के ज़रिये वस्त्र बनाए जा रहे हैं, जो कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी फायदेमंद हैं।
- राजसिको अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि राजस्थानी परिधान प्रदेशवासियों की पहचान है। जोधपुर में होने वाले इंटरनेशनल एक्सपो में हैंडलूम और टेक्सटाइल के उत्पादों का पवेलियन बनाया जाएगा।
- उन्होंने कहा कि हैंडलूम के ज्यादा से ज्यादा उत्पादों की भी जीआई टैगिंग करवाई जा रही है, ताकि कला का संर्वधन और संरक्षण किया जा सके। उन्होंने बताया कि एक ज़िला-एक उत्पाद मिशन से आने वाले दिनों में निर्यात को खास बल मिलेगा।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार पारंपरिक कलाओं के उत्थान के लिये हमेशा प्रयासरत रही है। इसी के मद्देनज़र सरकार द्वारा हैंडिक्राफ्ट पॉलिसी लाई गई है। इसके तहत हैडिक्राफ्ट और हैंडलूम निदेशालय स्थापित किये जा रहे हैं। इसका उद्देश्य कलाओं से जुड़े आर्टिजंस को प्रोत्साहित और कला का संरक्षण करना है।
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सहकारिता मंत्री ने राज सहकार वेबसाइट का किया लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
14 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने सहकार भवन में सहकारिता विभाग की वेबसाइट https:@@rajsahakar.rajasthan.gov.in का लोकार्पण किया। राज सहकार वेबसाइट को आमजन की सुविधा के लिये नए तरीके से बनाकर सहकारिता से संबंधित सूचनाओं को व्यापक रूप दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- सहकारिता की नई वेबसाइट के माध्यम से विभागीय सूचनाओं को सरल तरीके से प्राप्त किया जा सकता है। विभिन्न सोसायटियों/संस्था पंजीकरण, क्रेडिट सोसायटियों से संबंधित शिकायतों का रजिस्ट्रेशन भी सुलभ तरीके से किया जा सकता है।
- प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्रेया गुहा ने कहा कि आम नागरिकों को योजनाओं के बारे में सरल तरीके से जानकारी मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर शीर्ष संस्थाओं की योजनाओं, विभागीय अधिकारियों का डेटाबेस, लोक सूचना अधिकारियों की सूचना, नियम, अधिनियम एवं समय-समय पर जारी परिपत्रों को भी उपलब्ध कराया गया है।
- रजिस्ट्रार, सहकारिता मेघराज सिंह रतनू ने कहा कि विभाग की उपलब्धियाँ एवं सूचनाएँ भी इस वेबसाइट पर आसानी से मिल सकेगी तथा कोई भी नागरिक ई-मेल के माध्यम से सहकारिता से संबंधित अपने प्रश्नों को भी भेज कर जानकारी ले सकेगा।
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‘द इंडियन रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म स्टेट अवार्ड्स 2022- राजस्थान’का आयोजन
चर्चा में क्यों?
14 दिसंबर, 2022 को राज्य में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म को प्रोत्साहन देने वाले उद्यमियों को पुरस्कृत करने के लिये पर्यटन विभाग द्वारा क्लार्क्स आमेर होटल में ‘द इंडियन रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म स्टेट अवार्ड्स 2022-राजस्थान’का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस कार्यक्रम में प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म को बढ़ावा देने वाले प्रतिभागियों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिये गए। पर्यटन विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़, पर्यटन विभाग की निदेशक डॉ. रश्मि शर्मा, पर्यटन मंत्रालय के उत्तरी क्षेत्र के रीजनल डायरेक्टर अनिल ओरवा, होटल क्लार्क आमेर के प्रबंध निर्देशक अपूर्व कुमार और आउटलुक के सीईओ के इंद्रनील राय ने ये पुरस्कार प्रदान किये।
- पर्यटन विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने इस अवसर पर कहा कि यह अवार्ड समारोह साधारण से असाधारण बनने की दिशा में उठाया गया एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- प्रमुख सचिव ने कहा कि ‘द इंडियन टूरिज्म स्टेट अवार्ड 2022’ उन लोगों को दिया गया है जो पर्यटन क्षेत्र में ज़मीन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मान समारोह आने वाले समय में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों के लिये रोल मॉडल बनेगा।
- उन्होंने कहा पर्यटन विभाग का प्रयास है कि राज्य सरकार की टूरिज्म पॉलिसी के जरिये डूंगरपुर और बाँसवाड़ा जैसे आदिवासी व जनजाति क्षेत्रों में भी पर्यटको की आवाजाही बढ़े और वहाँ के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले।
- प्रमुख सचिव ने बताया कि राजस्थान पर्यटन विभाग राज्य की अर्थव्यवस्था में 13% का योगदान देता है और नई टूरिज्म पॉलिसी के ज़रिये इसे और आगे बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
- आउटलुक के इंद्रनील रॉय ने कहा कि उनकी संस्थान की ओर से यह अवार्ड पिछले 8 वर्षों से दिये जा रहे हैं। राजस्थान में इस तरह का प्रथम आयोजन किया गया।
- कार्यक्रम में सस्टेनेबल लीडरशिप- होटल्स, सस्टेनेबल लीडरशिप- होमस्टे, सस्टेनेबल इंटरप्राइजेज इन ईको फ्रैंजाइल लेंडस्कैप, सस्टेनेबिलिटी चैंपियन इन पाथफाइंडर एंड ग्रासरूट हीरोज, हेरिटेज कंर्जवेशन और वाइल्ड लाईफ कंजर्वेशन की श्रेणियों में पुरस्कार दिये गए।
विभिन्न श्रेणियों के विजेता हैं-
- सस्टेनेबल लीडरशिप- होमस्टे
- गोल्ड : रैप्टर इन
- सिल्वर : रावला बीसलपुर
- स्पेशल मेंशन : कंट्री रिट्रीट
- सस्टेनेबल लीडरशिप : होटल
- गोल्ड : ताज अरावली
- स्पेशल मेंशन : अमन-ए-खास
- इको-फ्रैंजाइल लैंडस्केप्स में सस्टेनेबल एंटरप्राइजेज
- गोल्ड : वैदिक वॉक
- सिल्वर : विरासत एक्सपीरियंस
- हेरिटेज कंजर्वेशन
- ओवरऑल + गोल्ड विनर : कंकड़वा हवेली, उदयपुर
- सिल्वर अवॉर्डी : इंद्र विलास, अलसीसर
- स्पेशल मेंशन : राम कृष्ण मिशन, खेतड़ी
- वाइल्ड लाईफ कंर्जवेशन
- सिल्वर : जगनाथ वाइल्डलाइफ सफारी, जालौर- रवींद्र सिंह- एशियाटिक वाइल्ड कैट
- सस्टेनेबिलिटी चैंपियन इन ग्रासरूट हीरोज
- सिल्वर : अनिरुद्ध शुक्ल - वैदिक वाक्
- सिल्वर : डॉ. राव अजीत सिंह
- स्पेशल मेंशन : ब्रिगेडियर नंदलाल वर्मा
- सस्टेनेबिलिटी चैंपियन इन पाथफाइंडर
- गोल्ड : मानवेंद्र सिंह शेखावत
- सिल्वर : संजय कौशिक
- स्पेशल मेंशन : दौलत सिंह शक्तावत
छत्तीसगढ़ Switch to English
एक्सटेंडेड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को लागू करने में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर
चर्चा में क्यों?
14 दिसंबर, 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय मातृत्व स्वास्थ्य कार्यशाला में छत्तीसगढ़ को एक्सटेंडेड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (ePMSMA) को लागू करने में देश में दूसरे स्थान पर रहने के लिये सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय मातृत्व स्वास्थ्य कार्यशाला में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर रहे मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम की संयुक्त संचालक डॉ. अल्का गुप्ता, रायपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेंद्र अग्रवाल और राज्य सलाहकार अभिलाषा शर्मा ने प्रदेश की ओर से नई दिल्ली में यह पुरस्कार ग्रहण किया।
- विदित है कि राज्य में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान अप्रैल माह से नवंबर माह के बीच एक लाख 48 हजार 851 गर्भवती महिलाओं की एएनसी जाँच की गई है।
- उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत प्रदेश में हर माह की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की एएनसी जाँच की जाती है। एक्सटेंडेड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत अब हर महीने 9 तारीख के अलावा 24 तारीख को भी एएनसी जाँच की जा रही है।
- मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेंद्र अग्रवाल ने बताया कि कार्यशाला में छत्तीसगढ़ की टीम द्वारा हाई रिस्क प्रेगनेंसी ट्रैकिंग गाइडलाइन पर पोस्टर प्रस्तुत किया गया। पोस्टर के माध्यम से हाई रिस्क प्रेगनेंसी की जल्द से जल्द पहचान कर उपचार कैसे किया जाता है, यह बताया गया।
छत्तीसगढ़ Switch to English
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के कार्यों का संचालन अब समग्र शिक्षा से
चर्चा में क्यों?
14 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में संचालित नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 (शिक्षा का अधिकार) योजना का संचालन अब समग्र शिक्षा कार्यालय द्वारा किया जाएगा। अभी तक यह योजना लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा संचालित की जा रही थी।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा के अधिकार योजना के तहत सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) पोर्टल के माध्यम से लाभार्थियों का दावा निपटारा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) मोड से किये जाने और योजना के समस्त कार्य, प्रबंधन का दायित्व संचालक लोक शिक्षण संचालनालय के स्थान पर प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय को सौंपा गया है।
- उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के अंतर्गत नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार 2009 की योजना भारत सरकार वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग के पत्र द्वारा केंद्र प्रवर्तित योजना के फंड विमुत्त करने और उनके उपयोग के निगरानी की संशोधित प्रक्रिया निर्धारित है।
- विभागीय आदेश द्वारा केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत इस योजना में सिंगल नोडल एजेंसी और योजना के नोडल अधिकारी समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय छत्तीसगढ़ को घोषित किया गया है।
- योजना के समस्त दायित्व, निर्वहन एवं जिम्मेदारी के लिये समग्र शिक्षा निर्धारित है। वर्तमान में यह कार्य संचालक लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा निष्पादित किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
राज्य भर में मनाया जाएगा छत्तीसगढ़ गौरव दिवस
चर्चा में क्यों?
14 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 17 दिसंबर को गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन मुख्यमंत्री जनता के नाम संदेश भी देंगे।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने मंत्रालय महानदी भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी संभागायुक्त्तों, कलेक्टरों, ज़िला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, वनमंडल अधिकारियों एवं सहकारिता विभाग सहित इन आयोजनों से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें गौरव दिवस के आयोजन के संबंध में जरूरी निर्देश दिये।
- गौरव दिवस के दिन सभी ज़िलों के गौठानों, सहकारी सोसायटी परिसरों, धान खरीदी केंद्रों, तेंदुपत्ता संग्रहण केंद्रों, वनोपज प्रबंधन समितियों के कार्यालय स्थलों, हाट-बाज़ारों, नगरीय निकायों के वार्डों में कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इन कार्यक्रमों में लोगों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विगत चार वर्षों में हासिल की गई उपलब्धियों, निर्णयों के साथ-साथ जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारियाँ दी जाएंगी।
- गौरव दिवस के दिन सुबह 11 बजे से राज्य के सभी गौठानों, तेंदुपत्ता संग्रहण केंद्रों, नगरीय क्षेत्रों के प्रत्येक वार्डों और दोपहर 3 बजे से प्राथमिक सहकारी सोसायटी परिसर और धान खरीदी केंद्रों में कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
- गौठान में आयोजित कार्यक्रम में गौठान समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य, पशुपालक, गाँव के किसान, भूमिहीन मजदूर, जनप्रतिनिधि, स्थानीय निकायों के सदस्य, राजीव युवा मितान क्लब के सदस्य सहित स्थानीय निवासी हिस्सा लेंगे।
- नगरीय क्षेत्रों में वार्ड स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि और स्थानीय नागरिक हिस्सा लेंगे।
- वन क्षेत्रों में तेंदुपत्ता संग्रहण केन्द्रों और हाट बाज़ारों में भी गौरव दिवस का आयोजन होगा। तेंदुपत्ता संग्रहण केंद्रों में गौरव दिवस के दिन किसानों और मजदूरों के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी देने के साथ हाट बाज़ारों में सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दी जाएगी।
- इसी प्रकार प्राथमिक सहकारी सोसायटियों और धान खरीदी केंद्रों पर किसानों को आमंत्रित करके शासन की कृषि संबंधी प्रमुख योजनाओं जैसे कि ब्याज मुत्त ऋण योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना इत्यादि की जानकारी उन्हें दी जाएगी।
उत्तराखंड Switch to English
कॉलेजों में प्रोफेसर-छात्रों की हाजिरी के लिये आएगा जियो फेंसिंग सिस्टम
चर्चा में क्यों?
14 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के उच्च शिक्षा एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि प्रदेश के दूर दराज के पर्वतीय इलाकों के डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों और छात्रों की पहुँच सुनिश्चित करने के लिये जियो फेंसिंग हाजिरी सिस्टम लागू होगा। भविष्य में यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि प्रदेश के कुछ कॉलेजों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत की जा रही है। जियो फेंसिंग हाजिरी से मॉनिटरिंग आसान हो जाएगी। पायलट सफल रहा तो प्रदेशभर में इसे लागू किया जाएगा।
- विदित है कि इससे पहले परिवहन निगम अपने सभी बस अडन्नें पर इसे लागू कर चुका है, जिसके तहत बस अड्डे की जियो फेंसिंग की गई है।
- दरअसल, प्रदेश के तमाम दुर्गम इलाकों के डिग्री कॉलेज ऐसे हैं, जहाँ शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति का आँकड़ा काफी कमतर रहता है। महीने में कुछ दिन जाकर शिक्षक अपनी हाजिरी पूरी कर लेते हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिये ही जियो फेंसिंग हाजिरी सिस्टम लागू करने की तैयारी शुरू की गई है।
- उच्च शिक्षा विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर इस दिशा में काम करने जा रहा है। इसके तहत जो भी शिक्षक या छात्र कॉलेज परिसर में प्रवेश करेगा तो उसके मोबाइल से ही उसकी हाजिरी लग जाएगी। इसके लिये मोबाइल जियो फेंसिंग के दायरे में आना जरूरी है।
- जब कोई छात्र या शिक्षक अपने मोबाइल के साथ कैंपस में प्रवेश करेंगे तो उन्हें इसमें डाउनलोड किया गया हाजिरी का ऐप खोलना होगा। यह ऐप केवल कॉलेज के भीतर यानी जियो फेंसिंग दायरे में आने पर ही काम करेगा। इस ऐप को खोलने के बाद उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। इसे फीड करेंगे तो ही हाजिरी लग जाएगी और जैसे ही छात्र, शिक्षक उस कैंपस से बाहर जाएंगे, उनका रिकॉर्ड स्वत: ही अपडेट हो जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि जियो फेंसिंग सैटेलाइट आधारित प्रणाली है, जिसमें एक विशेष क्षेत्र की जियो फेंसिंग यानी बाउंड्री बना दी जाती है। इस दायरे में जो भी डिवाइस आएगी, वह रिकॉर्ड में आ जाएगी। जियो फेंसिंग के भीतर आने पर ही मोबाइल का वह ऐप काम करेगा जो कि इससे संबंधित होता है।
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