राजस्थान को मिला नेशनल एनर्जी कंजर्वेशन अवार्ड | राजस्थान | 15 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
- 14 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में नेशनल एनर्जी कंजर्वेशन दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मान समारोह में ऊर्जा संरक्षण हेतु किये गए प्रशंसनीय कार्यों के लिये राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम को स्टेट परफॉर्मेंस अवार्ड श्रेणी में नेशनल एनर्जी कंजर्वेशन अवार्ड (द्वितीय) से सम्मानित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह द्वारा यह पुरस्कार राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के निदेशक (तकनीकी) नरेंद्र सिंह निरवान और अतिरिक्त आवासीय आयुक्त विमल शर्मा को दिया गया।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व एनर्जी एवं चेयरमैन अक्षय ऊर्जा निगम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अन्य प्रदेशों के लिये राजस्थान की अनुकरणीय उपलब्धियों को देखते हुए स्टेट परफॉर्मेंस श्रेणी में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम को यह पुरस्कार दिया गया है।
- एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान सौर ऊर्जा नीति, 2019, राजस्थान पवन व हाईब्रिड नीति, 2019 व राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, 2019 के क्रियान्वयन से राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों का प्रमुख आकर्षण केंद्र बन गया है।
- देश के ऊर्जा क्षेत्र के गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, हरियाणा जैसे अधिक ऊर्जा उपभोग वाले राज्यों की श्रेणी में एनर्जी एफिशिएंसी के क्षेत्र में राजस्थान के कुशल प्रबंधन को देखते हुए इसका चयन किया गया है।
- इससे पहले पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा जारी ऊर्जा दक्षता क्षेत्र में राजस्थान को प्रंट रनर प्रदेश के रूप में चुना जा चुका है।
ऊर्जा मंत्री ने बाँटे राजस्थान ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार | राजस्थान | 15 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
- 14 दिसंबर, 2021 को राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने विद्युत भवन में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बड़ी स्केल की चार इकाईयों सहित 23 संस्थाओं को ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये पुरस्कृत किया।
प्रमुख बिंदु
- समारोह में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने श्री सीमेंट रास, जेके सीमेंट मांगरोल, राजस्थान टेक्सटाइल मिल भवानी मंडी और डिविजनल हॉस्पिटल नार्थ वेस्टर्न रेलवे जोधपुर को शील्ड और प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया।
- ऊर्जा मंत्री ने कालीसिंध थर्मल पावर प्रोजेक्ट विद्युत उत्पादन निगम झालावाड़, रामपुरा अगुचा माइंस हिंदुस्तान ज़िंक, फ्लक्स लाईट निमस जयपुर, बालकृष्णा इंडस्ट्रीज़, जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज कांकरोली, श्री मोहता आयुर्वेदिक रसायनशाला बीकानेर, नार्थ वेस्टर्न रेलवे मुख्यालय भवन जयपुर, सीकर रेलवे स्टेशन, बाड़मेर रेलवे स्टेशन, मोहर सिंह फागरिया बीकानेर, रामनारायण वैष्णव जयपुर, कमल गोयल अजमेर तथा सचिव गुप्ता गोटन को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया
- इसी तरह इंडस्ट्री जनरल लार्ज स्केल केरेज वर्कशाप अजमेर, एनर्जी क्लब एमएनआईटी जयपुर, श्री राम वीनाइल एंड केमिकल कोटा, चंबल फर्टिलाइजर गडेपान, सिरेमिक्स ग्रेनिटो बीकानेर और एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज जयपुर को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
- इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पीएम किसान योजना हो या अक्षय ऊर्जा उत्पादन या फिर ऊर्जा दक्षता हो या ऊर्जा संरक्षण, राजस्थान सभी क्षेत्रों में देश में अग्रणी प्रदेश हो गया है।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में इस एक साल को प्रदेश के गोल्डन वर्ष के रूप में देखा जा सकता है। इस साल 2021-22 में रिकार्ड 2200 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की गई है।
- केंद्र सरकार के ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिएंसी ने राजस्थान को फ्रंट रनर राज्य घोषित किया है साथ ही ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिये राज्य को पुरस्कृत किया गया है। राजस्थान में अडानी, मित्तल, जेएसडब्ल्यू जैसे 16 बड़े निवेशक सौर ऊर्जा क्षेत्र में 2 लाख 59 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू/एलओआई पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।
- राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के महाप्रबंधक सुनित माथुर ने बताया कि राज्य में 2009 से ऊर्जा बचत के लिये प्रोत्साहित करने हेतु ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों का वितरण किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में पेंशनरों की महँगाई राहत की दर में वृद्धि | मध्य प्रदेश | 15 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
- 14 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के पेंशनरों की महँगाई राहत की दर में वृद्धि का आदेश जारी किया। यह नई व्यवस्था 1 अक्टूबर, 2021 से लागू मानी जायेगी।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश वित्त विभाग ने राज्य शासन के पेंशनरों की महँगाई राहत 10 प्रतिशत तक बढ़ा दी है। जिन्हें छठा वेतनमान के तहत पेंशन मिल रही थी, उनकी महँगाई राहत 10 प्रतिशत बढ़कर 164 प्रतिशत हो गई है। इसी तरह जिनकी पेंशन सातवें वेतनमान के तहत मिल रही थी, उनकी महँगाई राहत 5 प्रतिशत बढ़कर 17 प्रतिशत हो जाएगी।
- यदि किसी व्यक्ति को उसके पति/पत्नी की मृत्यु के कारण अनुकंपा के आधार पर सेवा में रखा गया है तो ऐसे मामलों में परिवार पेंशन पर महँगाई राहत की पात्रता नहीं होगी, परंतु यदि पति/पत्नी की मृत्यु के समय वह सेवा में है तो पति/पत्नी की मृत्यु के कारण देय परिवार पेंशन पर उसे महँगाई राहत की पात्रता होगी।
- 80 वर्ष अथवा उससे अधिक आयु के पेंशनरों को देय अतिरिक्त पेंशन पर भी महँगाई राहत देय होगी।
- उपरोक्त महँगाई राहत अधिवार्षिकी, सेवानिवृत्त, असमर्थता तथा क्षतिपूर्ति पेंशन पर देय होगी।
- सेवा से पदच्युत या सेवा से हटाए गए कर्मचारियों को स्वीकार किये गए अनुकंपा भत्ता पर भी इस महँगाई राहत की पात्रता होगी।
- ऐसे पेंशनर्स, जिन्होंने अपनी पेंशन का एक भाग सारांशीकृत कराया है, उन्हें महँगाई राहत उनकी मूल पेंशन (सारांशीकरण के पूर्व की पेंशन) पर देय होगी।
- यह आदेश राज्य शासन के ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर भी लागू होगें, जिन्होंने उपक्रमों, स्वशासी संस्थाओं, मंडलों/निगमों आदि में सिविलियन पर एकमुश्त राशि आहरित की है और जो वित्त विभाग के अंतर्गत पेंशन के एक-तिहाई हिस्से के प्रत्यावर्तन के पात्र हो गए हैं।
EDII को उद्यमिता में ‘उत्कृष्टता केंद्र’का दर्जा मिला | मध्य प्रदेश | 15 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
- 14 दिसंबर, 2021 को भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII), अहमदाबाद के महानिदेशक सुनील शुक्ला ने बताया कि हाल ही में EDII को भारत सरकार के उद्यमिता और कौशल विकास मंत्रालय द्वारा उद्यमिता में ‘उत्कृष्टता केंद्र’का दर्जा प्राप्त हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- अहमदाबाद स्थित भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, 1983 से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा, अनुसंधान, प्रशिक्षण और संस्थान निर्माण के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा देने में लगा हुआ है।
- यह समावेशी विकास के लिये और मध्य भारत में उद्यमिता हेतु एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिये भोपाल में अपने केंद्रीय क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से काम करता है।
- यह उद्यमिता शिक्षा, अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिये शिक्षा संस्थानों, सरकार और उद्योग के बीच परस्पर निर्भरता एवं सहयोग का माहौल बनाने हेतु सामूहिक प्रयास करता है। साथ ही यह मध्य प्रदेश और उसके आस-पास के क्षेत्रों में विशेष रूप से ग्रामीण युवाओं, महिलाओं, छात्रों, कारीगरों, कृषकों आदि के उत्थान के उद्देश्य से एमएसएमई क्षेत्र को सहायता प्रदान करता है।
- EDII मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्रों में व्यापक विकास कार्यों के लिये लगा हुआ है, जिसमें चंदेरी और महेश्वर में हथकरघा, बैतूल में टेराकोटा और ग्वालियर में कालीन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- EDII डीएसटी, भारत सरकार के समर्थन से विज्ञान और प्रौद्योगिकी पृष्ठभूमि के उद्यमियों को विकसित करने तथा संकाय विकास कार्यक्रमों के माध्यम से मानव संसाधन के पूल को विकसित करने में लगा हुआ है।
- डॉ. सुनील शुक्ला ने कहा कि EDII ने मध्य प्रदेश के प्रमुख संस्थानों, जैसे- मध्य प्रदेश कौशल विकास मिशन, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर और सरकारी संस्थानों के साथ कई अन्य समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये हैं।
- राज्य में प्रमुख शिक्षा संस्थानों के सहयोग से EDII का लक्ष्य फिनटेक, एडुटेक, क्लेनटेक, हेल्थटेक, बायोटेक आदि जैसे प्रौद्योगिकी गहन डोमेन में छात्र उद्यमिता के लिये एक अनुकूल माहौल बनाना है।
झारखंड उच्च न्यायालय की कार्यवाही का सीधा प्रसारण | झारखंड | 15 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
- 14 दिसंबर, 2021 को झारखंड उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन के निर्देश पर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल मोहम्मद शाकिर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ट्रायल के तौर पर वर्चुअल कोर्ट की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- रजिस्टार जनरल के आदेश के अनुसार 15 दिसंबर, 2021 से उच्च न्यायालय की अदालती कार्यवाही का YouTube पर सीधा प्रसारण किया जाएगा।
- ऐसा करने वाला यह पटना उच्च न्यायालय के बाद देश का छठा उच्च न्यायालय होगा। इससे पहले गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और पटना उच्च न्यायालय ने अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया है।
- इस दौरान सिर्फ कोर्ट नंबर 12 और कोर्ट नंबर 10 की अदालती कार्यवाही का यूट्यूब पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। जिस दिन कोर्ट वर्चुअल सुनवाई करेगी, उस दिन दोनों कोर्ट की कार्यवाही को कोई भी YouTube पर देखा जा सकता है।
- जिनको भी अदालत की कार्यवाही का सीधा प्रसारण देखना होगा, उन्हें झारखंड उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर जाना होगा जहाँ वे लाइव मेनू के ज़रिए कोर्ट की कार्यवाही को देख सकते हैं। इस दौरान न तो कोई इस पर कमेंट कर सकता है और न ही इस कार्यवाही को शेयर कर सकता है।
- रजिस्ट्रार जनरल मोहम्मद शकीर ने बताया कि अभी सिर्फ दो अदालतों की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। धीरे-धीरे उच्च न्यायालय की सभी अदालतों में ऐसी व्यवस्था कर दी जाएगी।
रायपुर में ‘रन फॉर सीजी प्राइड’का आयोजन | छत्तीसगढ़ | 15 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
- 14 दिसंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान और गर्व के लिये ‘रन फॉर सीजी प्राइड’का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांधी उद्यान चौक से झंडी दिखाकर ‘रन फॉर सीजी प्राइड’का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- बीते तीन वर्षों में लोक कला, संस् चकृति, परंपरा और विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल से प्रदेश की देश-दुनिया में एक नई पहचान बनी है। इस स्वाभिमान और गर्व को सेलीब्रेट करने के लिये ही राजधानी में रन फॉर सीजी प्राइड (दौड़ स्वाभिमान और गर्व की) का आयोजन किया गया।
- छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान और गर्व के लिये आयोजित इस दौड़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित हर आयु वर्ग के 20 हज़ार से अधिक धावक शामिल हुए।
- छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग और खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित 5 किलोमीटर की यह दौड़ तीन वर्गों में हुई। प्रथम वर्ग में 14 वर्ष से कम उम्र के बालक एवं बालिकाओं ने, दूसरे वर्ग में 14 वर्ष से 60 वर्ष तक की उम्र की महिला एवं पुरुषों ने तथा तृतीय वर्ग में 60 वर्ष से अधिक उम्र के धावकों ने हिस्सा लिया।
- प्रथम वर्ग में बालक-बालिका श्रेणी में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले धावकों को, द्वितीय वर्ग में प्रथम स्थान से लेकर दशम स्थान तक के पुरुष एवं महिला धावकों को तथा तृतीय वर्ग में प्रथम से लेकर तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले वरिष्ठ धावकों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जाएगा।
- दौड़ में 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक श्रेणी में गुजारी लाल ने पहला स्थान प्राप्त किया। इसी तरह 14 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम की श्रेणी में पुरुष वर्ग में मुकेश कुमार तथा महिला वर्ग में प्रियंका साहू प्रथम रहे। इसी तरह 14 वर्ष से कम बालक वर्ग में करण साहू और बालिका वर्ग में कामिनी साहू ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
- इनमें से 14 वर्ष से 60 वर्ष तक की आयु वर्ग के प्रतिभागियों को प्रथम पुरस्कार 21 हज़ार रुपए, द्वितीय पुरस्कार 15 हज़ार रुपए, तृतीय पुरस्कार 11 हज़ार रुपए व चतुर्थ से दसवें स्थान तक 21 सौ रुपए पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। वहीं वरिष्ठ नागरिक व 14 साल से कम उम्र के बच्चों की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार 11 हज़ार रुपए, द्वितीय पुरस्कार सात हज़ार रुपए एवं तृतीय पुरस्कार पांच हज़ार रुपए प्रदान किया जाएगा।
चारधाम परियोजना को मिली सुप्रीम कोर्ट की अनुमति | उत्तराखंड | 15 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
- 14 दिसंबर, 2021 को केंद्र सरकार की महात्त्वाकांक्षी उत्तराखंड की चारधाम परियोजना को सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति दे दी।
प्रमुख बिंदु
- सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा की ज़रूरतों को देखते हुए उत्तराखंड में चारधाम परियोजना में चीन से लगने वाली सीमा को जोड़ने वाले सामरिक महत्त्व के 3 राष्ट्रीय राजमार्गों, यथा : ऋषिकेश से माना तक, ऋषिकेश से गंगोत्री तक और टनकपुर से पिथौरागढ़ तक, को दो-लेन विन्यास में विकसित करने की सशर्त अनुमति दी है।
- सुप्रीम कोर्ट ने ऑल वेदर राजमार्ग परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने और डबल लेन हाइवे बनाने के लिये केंद्र को अनुमति दी है। यह अनुमति मिलने के बाद चारधाम परियोजना के तहत भारत की चीन तक पहुँच और आसान हो जाएगी तथा किसी भी मौसम में भारतीय सेना चीन से सटी सीमाओं पर पहुँच सकेगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईवे निर्माण के लिये सड़क की चौड़ाई बढ़ाने में रक्षा मंत्रालय की कोई दुर्भावना नहीं है। अदालत सशस्त्र बलों की ढाँचागत ज़रूरतों का अनुमान नहीं लगा सकती है।
- सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सड़कों को डबल लेन तक चौड़ा करने की अनुमति के साथ ही परियोजना पर सीधे रिपोर्ट करने के लिये पूर्व न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी की अध्यक्षता में एक निरीक्षण समिति का गठन भी किया है।
- इस समिति के अध्यक्ष को कार्य में तकनीकी सहयोग देने के लिये नेशनल एनवायरनमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (नीरी) का एक प्रतिनिधि होगा, जिसे निदेशक नामित करेंगे। इस समिति में देहरादून के फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट का भी एक प्रतिनिधि होगा, जिसे डायरेक्टर जनरल नामित करेंगे।
- कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार व सभी ज़िलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वे निगरानी समिति को पूरा सहयोग करेंगे।
- केंद्र सरकार की चारधाम परियोजना का उद्देश्य यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है। लगभग 889 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की लागत 12 हज़ार करोड़ रुपए अनुमानित है। केंद्र सरकार ने अपनी याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि भारत-चीन वास्तवित नियंत्रण रेखा की ओर से जाने वाली सीमा सड़को के लिये यह फीडर सड़कें हैं।
- केंद्र सरकार परियोजना के तहत सड़कों की चौड़ाई 10 मीटर तक करना चाहती है। इसके लिये केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसके तहत कोर्ट से मांग की गई थी कि वह आठ सितंबर, 2020 को दिये अपने आदेश में संशोधन करे। इस आदेश के तहत सड़कों की चौड़ाई 5.5 मीटर तक सीमित करने का आदेश दिया गया था।