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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 15 Nov 2021
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राज्यस्तरीय बाल अधिकार सप्ताह का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

14 नवंबर, 2021 को बाल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाल अधिकारिता विभाग द्वारा आयोजित बाल अधिकार सप्ताह का शुभारंभ किया। इसके साथ ही उन्होंने नेहरू बाल संरक्षण पुरस्कार प्रदान किया एवं बाल देखरेख संस्थाओं के मेधावी बालक-बालिकाओं को सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने करौली के गुड़ला तथा जयपुर के पिपलोद में देवनारायण आवासीय विद्यालय का लोकार्पण भी किया। साथ ही, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की वेबसाइट को लॉन्च किया तथा बाल अधिकार सप्ताह के पोस्टर का विमोचन किया। 
  • कार्यक्रम में बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन व्यक्तियों एवं तीन संस्थाओं को नेहरू बाल संरक्षण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। व्यक्तिगत श्रेणी में प्रथम पुरस्कार बीकानेर की अरुणा भार्गव, द्वितीय पुरस्कार डूंगरपुर के भरत नागदा को एवं तृतीय पुरस्कार नागौर के मनोज कुमार सोनी को दिया गया। 
  • संस्थान श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जोधपुर के नवजीवन संस्थान को, द्वितीय पुरस्कार जयपुर के एसओएस चिल्ड्रेन विलेज को और तृतीय पुरस्कार टोंक की शिव शक्ति शिक्षा समिति को प्रदान किया गया। 
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के बच्चों और युवाओं में नैतिक मूल्यों तथा गांधीवादी जीवन दर्शन के प्रसार के लिये शांति एवं अहिंसा निदेशालय की स्थापना की है। 
  • इसी तरह मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज तथा पुणे स्थित महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी स्कूल ऑफ गवर्नेंस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की तर्ज़ पर जयपुर में महात्मा गांधी दर्शन म्यूज़ियम एवं महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एवं सोशल साइंसेज की स्थापना की गई है। 
  • उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों के लिये पुरस्कार प्रारंभ किये गए हैं।

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राजस्थान विधानसभा में बाल सत्र का आयोजन

चर्चा में क्यों? 

14 नवंबर, 2021 को बाल दिवस के अवसर पर राजस्थान विधानसभा में ऐतिहासिक बाल सत्र का आयोजन किया गया, जहाँ बच्चों ने ही विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और मंत्री बनकर सत्र चलाया तथा सदस्य बने बच्चों के प्रश्नों का जवाब दिया। विधानसभा के इस अनूठे सत्र में शून्यकाल और प्रश्नकाल का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इस बाल सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राजस्थान विधानसभाध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मंत्रिगण और विधायक उपस्थित थे। समारोह का शुभारंभ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। 
  • विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के तत्वावधान में 75वें आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर विधानसभा में बाल सत्र का संचालन किया गया। ऐसा सत्र देश में पहली बार हुआ है। 
  • उन्होंने कहा कि यह बाल सत्र संसदीय लोकतंत्र को मज़बूती प्रदान करेगा और लोकतंत्र को लेकर बच्चों के मन की जिज्ञासाओं को भी हम सब समझ सकेंगे। भावी पीढ़ी को सदन चलाने, प्रश्न पूछने और अनुशासन के साथ अपनी बात रखने का मौका दिया गया है। उन्होंने बताया कि बाल सत्र के लिये पंद्रह राज्यों के पाँच हज़ार पाँच सौ बच्चों ने ऑनलाइन आवेदन किया था, जिसमें से दो सौ बच्चों का चयन किया गया। 
  • इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि यह एक अद्भुत नवाचार है, जो अन्य राज्यों में भी होना चाहिये, राजस्थान विधानसभा में बाल सत्र का आयोजन अविस्मरणीय रहेगा। देश की भावी पीढ़ी ने जिस सुव्यवस्थित तरीके और अनुशासन के साथ सत्र का संचालन किया है, उससे देश के नौजवानों को भी संदेश मिलेगा कि लोकतंत्र में उनकी क्या भूमिका हो सकती है।

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