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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 15 Nov 2021
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इंडियन साइन लैंग्वेज की पाठ्यपुस्तकों का विमोचन

चर्चा में क्यों?

14 नवंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बाल दिवस पर गुरुग्राम के श्रवण एवं वाणी नि:शक्तजन कल्याण केंद्र द्वारा नि:शक्तजनों के लिये तैयार की गई 5वीं कक्षा तक की इंडियन साइन लैंग्वेज की पाठ्यपुस्तकों का विमोचन किया। ऐसी पाठ्यपुस्तकें देश में पहली बार तैयार की गई हैं।

प्रमुख बिंदु

  • 6 वर्ष तक की आयु के तथा पहली से पाँचवी कक्षा तक के मूक-बधिर बच्चों के लिये इस केंद्र ने पाठ्यपुस्तकें तैयार की हैं उससे हरियाणा प्रदेश के साथ देश के श्रवण एवं वाणी नि:शक्तजनों को लाभ होगा। 
  • उल्लेखनीय है कि  देश में मूक-बधिर व्यक्तियों की संख्या लगभग 50 लाख है और हरियाणा में ऐसे लगभग डेढ़ लाख व्यक्ति हैं।
  • इस कल्याण केंद्र में साइन लैंग्वेज के साथ-साथ डिजिटल साइन लैंग्वेज की लैब बनाई गई है जहाँ पर श्रवण एवं वाणी नि:शक्तजनों के लिये 600 से ज़्यादा वीडियो बनाए गए हैं, जिनका प्रयोग कोविड के दौरान हुआ। 
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कल्याण केंद्र के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया। इसके अलावा, उन्होंने इस केंद्र को 350 लैपटॉप देने वाली कॉल्ट कंपनी और अर्ली इंटरवेंशन सेंटर के संचालन में सहयोग देने के लिये 2 डिजिटल स्क्रीन तथा 17 स्टॉफ के सदस्य उपलब्ध करवाने वाली बैचटल कंपनी के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया। 
  • हरियाणा राज्य सड़क विकास निगम ने भी इस केंद्र को लगभग 48 लाख रुपए के आईटी उपकरण व 140 टैबलेट उपलब्ध करवाए हैं।

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राष्ट्रीय खेल एवं साहसिक पुरस्कार-2021

चर्चा में क्यों?

13 नवंबर, 2021 को हरियाणा के खिलाड़ियों द्वारा ओलंपिक व पैरालंपिक-2020 में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रदेश व देश का नाम रोशन करने पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा राष्ट्रीय खेल एवं साहसिक पुरस्कार-2021 से खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। 

प्रमुख बिंदु

  • राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आयोजित इस समारोह में हरियाणा के 12 खिलाड़ियों और 4 प्रशिक्षकों को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन अवार्ड, द्रोणाचार्य लाइफ टाइम अवार्ड, द्रोणाचार्य अवार्ड और मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड मिला है।
  • भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, पैरा निशानेबाज़ मनीष नरवाल, पहलवान रवि कुमार दहिया व पैरा एथलीहट सुमित अंतिल को देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न’ मिला है। 
  • वहीं हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले 8 खिलाड़ी पैरा एथलीट योगेश कथूनिया, हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड, हॉकी खिलाड़ी सिंहराज अधाना, सुमित कुमार, पहलवान दीपक पूनिया, पैरा तीरंदाज हरविंदर सिंह, हॉकी खिलाड़ी मोनिका मलिक और कबड्डी खिलाड़ी संदीप नारवाल को खेल एवं स्पर्धा 2021 में शानदार प्रदर्शन के लिये अर्जुन अवार्ड से नवाज़ा गया है।
  • खेल और स्पर्धा 2021 में उत्कृष्ट कोचों के लिये द्रोणाचार्य पुरस्कार (लाइफ- टाइम श्रेणी) में क्रिकेट कोच सरकार तलवार और कबड्डी कोच आशान कुमार को सम्मानित किया गया है। द्रोणाचार्य पुरस्कार (नियमित श्रेणी) में हॉकी कोच प्रीतम सिवाच को सम्मान मिला है। खेल और स्पर्धा 2021 में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिये पहलवान सज्जन सिंह को ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • हरियाणा के मानव रचना शैक्षणिक संस्थान को नवोदित और युवा प्रतिभा की पहचान और पोषण की श्रेणी में राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया है।
  • 12 मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड में से 4 खेल रत्न अवार्ड तथा हैं। 35 अर्जुन अवार्ड में से 8 अर्जुन अवार्ड हरियाणा को मिले हैं। प्रशिक्षकों की अलग-अलग कैटेगरी में कुल 15 द्रोणाचार्य अवार्ड में से 4 हरियाणा के प्रशिक्षकों को मिले हैं। दो राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कारों में से एक हरियाणा को मिला है। कुल 64 पुरस्कारों में से हरियाणा को 17 पुरस्कार मिले हैं।
  • मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार (पहले राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार) सरकार द्वारा 1991-92 में आरंभ किया गया था। पुरस्कार पिछले चार वर्षों के दौरान के क्षेत्र में किसी एक खिलाड़ी द्वारा अभूतपूर्व और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये दिया जाता है। पुरस्कार में एक पदक, समारोह की पोशाक, प्रमाणपत्र तथा 25.00 लाख रुपए नकद दिया जाता है।
  • द्रोणाचार्य पुरस्कार, 1985 में ऐसे विख्यात प्रशिक्षकों को सम्मान देने के लिये शुरू किया गया था, जिन्होंने सफलतापूर्वक उन खिलाड़ियों या टीमों को प्रशिक्षित किया है जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त किया हो। पुरस्कार प्राप्तकर्ता को एक प्रतिमा, प्रमाणपत्र, समारोह की पोशाक तथा 15.00 लाख जीवनपर्यंत श्रेणी और 10.00 रुपए नियमित श्रेणी में नकद दिया जाता है।
  • वर्ष 1961 में स्थापित अर्जुन पुरस्कार उन खिलाड़ियों को दिया जाता है जिन्होंने पिछले चार वर्षों में लगातार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया हो, साथ ही उनमें नेतृत्व, खेल भावना तथा अनुशासन की भावना के गुण भी होने चाहिए। पुरस्कार प्राप्तकर्ता को एक प्रतिमा, प्रमाणपत्र, समारोह की पोशाक तथा 15.00 लाख रुप्ए नकद दिया जाता है।
  • उन खिलाड़ियों को सम्मान देने के लिये जिन्होंने अपने प्रदर्शन के द्वारा खेलों में योगदान दिया है तथा सक्रिय खेल जीवन से अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी खेलों के संवर्धन में योगदान देना जारी रखा है, खेलकूद में जीवनपर्यंत उपलब्धि के लिये वर्ष 2002 से ध्यानचंद पुरस्कार स्थापित किया गया है। पुरस्कार में एक प्रमाणपत्र, समारोह की पोशाक तथा 10.00 लाख रुपए नकद दिया जाता है।
  • खिलाड़ियाँ तथा कोचों के अलावा अन्य व्यत्तियों द्वारा खेलों के विकास में दिए गए योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिये सरकार ने राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार के लिये शीर्षक से एक नए पुरस्कार वर्ष 2009 से गठित किए गए हैं जिनमें चार श्रेणिया है नामत: (1) उदीयमान/युवा प्रतिभाओं की पहचान और पोषण (2) कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से खेलों को प्रोत्साहन (3) खिलाड़ियों के लिये रोजगार और खेल कल्याणकारी उपाय (4) विकास के लिये खेल पुरस्कारों में प्रत्येक ऊपर उल्लिखित श्रेणियों में एक प्रशस्ति पत्र तथा एक ट्राफी प्रदान की जाती है। इसमें कोई नकद पुरस्कार नहीं है। 

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