धान खरीद नीति और उत्तर प्रदेश प्राकृतिक खेती बोर्ड का गठन | उत्तर प्रदेश | 15 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
13 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे किसानों को राहत देने के उद्देश्य से ‘धान खरीद नीति’ की घोषणा सहित कृषि क्षेत्र के लिये कई तरह की छूट और राज्य में ‘उत्तर प्रदेश प्राकृतिक खेती बोर्ड’ के गठन का फैसला लिया गया।
प्रमुख बिंदु
- कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के अनुसार, राज्य मंत्रिमंडल ने नई धान खरीद नीति की घोषणा की है, जिसके तहत सामान्य ग्रेड धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,040 रुपए प्रति क्विंटल और ए ग्रेड धान का 2,060 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है।
- कृषि मंत्री ने बताया कि हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़ और झाँसी ज़िलों में धान खरीदी की अवधि 1 अक्टूबर से 31 जनवरी तक है और रायबरेली, उन्नाव, चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, आज़मगढ़, वाराणसी, मिर्ज़ापुर तथा प्रयागराज के लिये यह अवधि 1 नवंबर से 28 फरवरी तक है।
- उन्होंने कहा कि धान खरीद के लिये ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है और किसानों से सभी खरीद कंप्यूटर सत्यापित खतौनी और आधार कार्ड के आधार पर की जाएगी। क्रय केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ परचेज मशीनों के माध्यम से किसानों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा धान की खरीद की जाएगी।
- धान की खरीद खाद्य विभाग, पीसीएफ, पीसीयू, मंडी परिषद, यूपीएस और भारतीय खाद्य निगम जैसी छह एजेंसियों के 4,000 खरीद केंद्रों के माध्यम से की जाएगी।
- धान की खरीद के 48 घंटे के भीतर भारत सरकार के पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से सभी क्रय एजेंसियों द्वारा धान की कीमत का भुगतान किया जाएगा।
- कैबिनेट ने मूल्य समर्थन योजना के तहत मोटे अनाज (मक्का और बाजरा) के लिये खरीद नीति तैयार करने के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दी है।
- इस नीति के तहत मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,962 रुपए प्रति क्विंटल और बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,350 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। मक्का और बाजरा की खरीद की अवधि 15 अक्टूबर से 15 दिसंबर तक होगी।
- मक्का बुलंदशहर, हापुड़, बदायूँ, अलीगढ़, एटा, कासगंज, फिरोज़ाबाद, मैनपुरी, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, फर्रुखाबाद, इटावा, औरैया, गोंडा, बहराइच श्रावस्ती, बलिया, जौनपुर, देवरिया, सोनभद्र और ललितपुर ज़िलों से, जबकि बाजरा बुलंदशहर, बरेली, बदायूँ, संभल, अलीगढ़, एटा, कासगंज, हाथरस, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फिरोज़ाबाद, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, गाज़ीपुर, जालौन और प्रयागराज ज़िलों से खरीदा जाएगा।
- मक्का और बाजरा की बिक्री के लिये सभी क्रय एजेंसियों पर किसान पंजीकरण और ऑनलाइन खरीद अनिवार्य कर दी गई है। किसानों से मक्का और बाजरा की खरीद कंप्यूटर सत्यापित खतौनी, फोटो पहचान प्रमाण और आधार कार्ड के आधार पर की जाएगी।
- मंत्रिमंडल ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती का प्रसार बढ़ाने एवं सतत् मार्गदर्शन हेतु ‘उत्तर प्रदेश प्राकृतिक कृषि बोर्ड’के गठन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की।
- मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश प्राकृतिक कृषि बोर्ड के शासी निकाय के अध्यक्ष होंगे, जबकि कृषि और शिक्षा मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। वित्त, कृषि विपणन, बागवानी और खाद्य-प्रसंस्करण, पशुपालन और दुग्ध विकास, पंचायती राज और ग्रामीण इंजीनियरिंग, सहकारिता, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री शासी निकाय के सदस्य होंगे।
- मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त और पशुधन और दुग्ध विकास, बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, कृषि विपणन, पंचायती राज और ग्रामीण विकास, सहकारिता और योजना विभागों के प्रमुख सचिव या अतिरिक्त मुख्य सचिव सदस्य होंगे।
मंत्रिमंडल ने दी नई कपड़ा और परिधान नीति को मंज़ूरी | उत्तर प्रदेश | 15 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
13 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश को कपड़ा हब बनाने हेतु इस क्षेत्र में निजी निवेश आकर्षित करने और सभी इकाइयों का विकास सुनिश्चित करने के लिये एक नई कपड़ा और परिधान नीति को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल एंड गारमेंटिंग पॉलिसी-2022 को मंज़ूरी दी है तथा इसमें किसी भी तरह का संशोधन करने के लिये मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
- नई नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को वैश्विक स्तर के परिधान निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना और कपड़ा उद्योग से संबंधित सभी प्रकार की इकाइयों, जैसे- हथकरघा, पावरलूम, कताई, बुनाई, प्रसंस्करण और परिधान का सतत् विकास करना है।
- नीति का विशिष्ट उद्देश्य कपड़ा और परिधान क्षेत्र में 10,000 करोड़ रुपए के निजी निवेश को आकर्षित करना, पाँच लाख लोगों के लिये रोज़गार के अवसर पैदा करना, निजी क्षेत्र में पाँच कपड़ा और परिधान पार्क विकसित करना तथा हथकरघा और पावरलूम बुनकर की आय में वृद्धि करना है।
- संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कपड़ा एवं परिधान नीति-2022 में कपड़ा क्षेत्र में निवेश करने वाली इकाइयों को निवेश आकर्षित कर रोज़गार पैदा करने के उद्देश्य से विभिन्न मदों में वित्तीय सुविधाओं के साथ विशेष प्रोत्साहन देने का प्रावधान था।
- यह नीति प्रख्यापन की तारीख से पाँच साल के लिये प्रभावी होगी। इस नीति से राज्य में निवेश बढ़ेगा और तीन लाख रोज़गार के अवसर पैदा होने की संभावना है।
- नई नीति के तहत कपड़ा और वस्त्र इकाइयों को संयंत्र एवं मशीनरी की खरीद पर किये गए निवेश पर 25 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- इसके अलावा प्रदेश के मध्यांचल क्षेत्र में स्थापित होने वाली कपड़ा एवं वस्त्र इकाईयों को 5 प्रतिशत की दर से और पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड में स्थापित होने वाली कपड़ा और वस्त्र इकाइयों को 10 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त पूंजीगत अनुदान की प्रतिपूर्ति की जाएगी। पूंजीगत सब्सिडी की सीमा प्रति यूनिट 100 करोड़ रुपए तक सीमित होगी।
उत्तर प्रदेश डेयरी विकास एवं दुग्ध उत्पाद संवर्धन नीति-2022 | उत्तर प्रदेश | 15 Oct 2022
चर्चा में क्यों?
13 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018 को समाप्त कर ‘उत्तर प्रदेश डेयरी विकास एवं दुग्ध उत्पाद संवर्धन नीति-2022’ को मंज़ूरी दी।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश डेयरी विकास एवं दुग्ध उत्पाद संवर्धन नीति-2022 अधिसूचना जारी होने की तारीख से पाँच साल के लिये प्रभावी होगी।
- इसका मुख्य उद्देश्य निवेशकों की सुविधा के लिये प्रक्रियाओं के सरलीकरण द्वारा राज्य में दूध आधारित उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करना है। दुग्ध प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाने के लिये अगले पाँच वर्षों में 5,000 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
- प्रस्तावित नीति में प्रदेश के विभिन्न एफपीओ, सहकारी संस्थाओं और निजी क्षेत्र के उद्यमियों को नई दुग्ध प्रसंस्करण एवं दुग्ध उत्पाद बनाने वाली डेयरी इकाईयाँ उपलब्ध कराई जाएंगी। विनिर्माण इकाइयों की स्थापना और क्षमता विस्तार (मौजूदा क्षमता में न्यूनतम 25 प्रतिशत की वृद्धि) का प्रस्ताव किया गया है।
- नई नीति के तहत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 1.25 लाख नए रोज़गार सृजित होने का अनुमान है।