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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 15 Sep 2023
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प्रदेश में नई औद्योगिक नीति लागू: उद्यमियों को वन टाइम नहीं, अब किस्तों में मिलेगी सब्सिडी

चर्चा में क्यों?

  • 13 सितंबर, 2023 को उत्तराखंड के नैनीताल ज़िला उद्योग महाप्रबंधक एस के. पंत ने बताया कि प्रदेश में नई औद्योगिक नीति लागू हो गई है, जिसके अंतर्गत प्रोजेक्ट पूरा होने पर वन टाइम की सब्सिडी की जगह अब किस्तों में बाँटी जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • नई नीति में स्लैब में बदलाव करते हुए पाँच की जगह चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है। ए और बी श्रेणी में पर्वतीय ज़िलों को और सी एवं डी श्रेणी में अधिकतर मैदानी क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने के लिये योजना में पूंजीगत उपादान और ब्याज भी बढ़ाया गया है।
  • विदित है कि अगस्त में बनी नई नीति में बड़ा बदलाव करते हुए एक करोड़ तक के निवेश में सब्सिडी सूक्ष्म श्रेणी के उद्योगों में दो साल के भीतर दो किश्तों में मिला करेगी। एक करोड़ से 50 करोड़ रुपए तक के निवेश में पाँच साल के भीतर पाँच किश्तों में सब्सिडी मिलेगी।
  • नया नियम यह भी है कि प्राथमिक और अति प्राथमिक श्रेणी में विनिर्माणक उद्यम नेचुरल फाइबर, एक ज़िला दो उत्पाद में चिह्नित उत्पाद, जीआई टैग प्राप्त उत्पादों के विनिर्माणक उद्यम, खाद्य प्रसंस्करण उद्यम में निवेशकों को अतिरिक्त पूंजी उपादान सहायता भी नियमानुसार मिलेगी।
  • इसके अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन के लिये अति प्राथमिक श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत एक करोड़ में 10 लाख, एक से 10 करोड़ के बीच 15 लाख और 10-50 करोड़ के निवेश में 20 लाख अधिकतम सीमा तक अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी।
  • ज्ञातव्य है कि पिछली औद्योगिक नीति में ए श्रेणी में (कैपिटल इन्वेस्टमेंट) 40 लाख रुपया, यानी 40 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल रही थी। बी श्रेणी में 35, सी श्रेणी में 30 और डी श्रेणी में 15 लाख रुपया तक सब्सिडी का प्रावधान था।
  • एमएसएमई की नई नीति में ए श्रेणी में एक करोड़ रुपए तक पूंजी लगाने वालों को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का नियम बनाया गया है। एक से पाँच करोड़ रुपए तक निवेश में 50 प्रतिशत के अलावा उससे ऊपर निवेश में 25 प्रतिशत अतिरक्त लाभ मिलेगा, जिसकी लिमिट अधिकतम 1.50 करोड़ रुपए रखी गई है। इसी श्रेणी में 5-10 करोड़ रुपए में अधिकतम ढाई करोड़ और 10 से 50 करोड़ रुपए के निवेश में अधिकतम चार करोड़ रुपए तक सब्सिडी की लिमिट रखी गई है।
  • इसी तरह बी श्रेणी में एक करोड़ तक निवेश पर 40 प्रतिशत सब्सिडी, सी श्रेणी में एक करोड़ में 30 प्रतिशत और डी श्रेणी में एक करोड़ में 20 लाख रुपए तक सब्सिडी मिलेगी। इसके ऊपर निवेश में भी अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान है

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उत्तराखंड में युवा-महिलाएँ संभालेंगी गोवंश सुरक्षा की ज़िम्मेदारी

चर्चा में क्यों?

  • 14 सितंबर, 2023 को उत्तराखंड लोक निर्माण, पंचायती राज, शहरी विकास व पशुपालन विभाग द्वारा निराश्रित गोवंश के लिये गोशाला, कांजी हाउस बनाने और संचालन को लेकर हुई संयुक्त बैठक में यह निर्देश दिये गए हैं कि पर्वतीय क्षेत्रों में गोवंश की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी युवा-महिलाएँ संभालेंगी।

प्रमुख बिंदु

  • इस बैठक में तय हुआ कि नए एनजीओ का सत्यापन होने के बाद ही उन्हें पर्वतीय क्षेत्रों में गोसदनों की स्थापना व संचालन की अनुमति दी जाएगी, जिसमें महिला एवं युवा स्वयं सहायता समूहों का शामिल होना सुनिश्चित किया जाएगा।
  • पहले से चल रहे गोसदनों में स्थान होने पर पशुपालन, शहरी विकास, पंचायती राज विभाग आपसी समन्वय से अभियान चलाकर एक माह में सभी निराश्रित गोवंश को यहाँ पहुँचाएंगे।
  • ऊधमसिंह नगर जनपद में स्थित खटीमा नगर में संचालित गोसदन में इसकी कार्रवाई सबसे पहले की जाएगी।
  • निराश्रित गोवंश के लिये वनों के पास गोसदन बनाए जाएंगे और वन विभाग से संपर्क कर बाड़ा बनाया जाएगा। गोसदनों में पशु चिकित्सा अधिकारियों की रोस्टर वाइज ड्यूटी लगाई जाएगी। नए गोसदनों की स्थापना के लिये बजट ज़िलास्तर पर ज़िलाधिकारी देंगे।
  • गोसदनों की स्थापना और संचालन की प्रतिदिन प्रगति रिपोर्ट वॉट्सएप ग्रुप में अपडेट करनी होगी। मॉनिटरिंग के लिये सभी गोसदन में रिमोट सेंसिंग कैमरे लगाने होंगे। जो भी गोवंश इन गोसदनों में लाया जाएगा, उनकी तस्वीर वॉट्सएप ग्रुप में साझा करनी होगी।
  • इनके संचालन को पशुपालन, शहरी विकास व पंचायती राज विभाग के विभागाध्यक्ष नोडल अधिकारी नामित होंगे।


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