लाडली बहनों को घरेलू गैस कनेक्शन गैस सिलेंडर रिफिल 450 रुपए में मिलेगा | मध्य प्रदेश | 15 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 13 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश राज्य शासन ने ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’में पंजीकृत ऐसी लाडली बहनें, जिनके स्वयं के नाम से घरेलू गैस कनेक्शन हैं, उन्हें 1 सितंबर, 2023 से गैस सिलेंडर रिफिल 450 रुपए में उपलब्ध कराने के संबंध में आदेश जारी करते हुए प्रक्रिया निर्धारित कर दी है।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत गैस कनेक्शनधारी समस्त उपभोक्ता और गैर-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना श्रेणी में मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना में पंजीकृत ऐसी लाडली बहनें, जिनके स्वयं के नाम से घरेलू गैस कनेक्शन हैं, इसके लिये पात्र होंगी।
- गैस सिलेंडर रिफिल के लिये अनुदान राशि पात्र कनेक्शनधारियों को 1 सितंबर, 2023 से देय होगी। बकाया राशि पात्र लाडली बहनों के खातों में डाली जाएगी।
- अनुदान राशि
- पात्रताधारी उपभोक्ताओं को प्रतिमाह अधिकतम एक रिफिल पर अनुदान मिलेगा।
- पात्रताधारी उपभोक्ताओं को ऑयल कंपनी से रिफिल निर्धारित फुटकर विक्रय दर पर क्रय करना होगा।
- भारत सरकार द्वारा दिये गए समस्त अनुदान तथा राज्य सरकार द्वारा निर्धारित फुटकर विक्रय दर (450 रुपए) को कम करने पर शेष राशि राज्य अनुदान के रूप में पात्रताधारी उपभोक्ताओं के आधार लिंक बैंक खाते में अंतरित की जाएगी।
- एलपीजी रिफिल की फुटकर विक्रय दर में परिवर्तन होने पर राज्य अनुदान भी परिवर्तित होगा।
- मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के पोर्टल पर ऐसी बहनों को पंजीयन किया जाएगा, जो पूर्व से गैस कनेक्शनधारी हैं। ऐसी बहनें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की भी लाभार्थी हो सकती हैं। पंजीयन का कार्य उन सभी केंद्रों पर किया जाएगा, जहाँ मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना का पंजीयन होता है।
- पंजीयन के लिये गैस कनेक्शन कंज्यूमर नंबर एवं एलपीजी कनेक्शन आईडी आवश्यक होंगे। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना का पंजीयन आईडी योजना के अंतर्गत हितग्राहियों की पहचान का कार्य सभी ऑयल कंपनी से प्राप्त डाटा के आधार पर शासन द्वारा भी किया जाएगा।
- शासन की ओर से स्वत: पंजीकृत हितग्राहियों की जानकारी 25 सितंबर, 2023 से पोर्टल पर प्रदर्शित की जाएगी तथा समय-समय पर उसे अद्यतन किया जाएगा।
- कैसे होगी अनुदान गणना?
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कनेक्शनधारी के लिये ऑयल कंपनी द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं के गैस कनेक्शन नंबर एवं उनके द्वारा माहवार प्राप्त रिफिल का डाटा प्रतिमाह विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा।
- गैस रिफिल प्राप्तकर्त्ता उपभोक्ताओं को राशि 450 रुपए में रिफिल उपलब्ध कराने के लिये देय अनुदान की गणना विभाग द्वारा की जाएगी। अनुदान राशि की गणना के बाद कुल राशि का भुगतान विभाग द्वारा संबंधित ऑयल कंपनी के बैंक खाते में किया जाएगा।
- ऑयल कंपनी द्वारा उपभोक्ता के आधार लिंक बैंक खाते में अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा। ऑयल कंपनी द्वारा हितग्राहीवार अनुदान भुगतान की जानकारी विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी।
- 4 जुलाई, 2023 से 3 अगस्त, 2023 तक गैस सिलेंडर रिफिल कराने वाले प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं को भी अनुदान राशि का अंतरण इसी प्रक्रिया से किया जाएगा।
- गैर-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कनेक्शनधारी के लिये गैर-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना अंतर्गत घरेलू गैस कनेक्शनधारी मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के तहत पंजीकृत लाडली बहनों का आईडी डाटा ऑयल कंपनी को उपलब्ध कराया जाएगा।
- ऑयल कंपनी द्वारा गैर-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत जारी गैस कनेक्शन के डाटा का मिलान मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के तहत पंजीकृत लाडली बहना के डाटा से किया जाएगा तथा ऑयल कंपनी द्वारा उनके गैस कनेक्शन नंबर, प्राप्त रिफिल एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी। उपरोक्त डाटा के आधार पर देय अनुदान की गणना विभाग द्वारा की जाएगी।
- विभाग द्वारा गैर पीएमयूवाई में गैस कनेक्शनधारी लाडली बहना योजना अंतर्गत पंजीकृत लाडली बहनों के द्वारा रिफिल प्राप्त करने पर देय अनुदान की राशि का भुगतान उनके आधार लिंक बैंक खातों में किया जाएगा। आवश्यकतानुसार इस व्यवस्था में परिवर्तन किया जा सकेगा।
- 4 जुलाई, 2023 से 3 अगस्त, 2023 तक गैस सिलेंडर रिफिल कराने वाली गैर-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत घरेलू गैस कनेक्शनधारी मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के तहत पंजीकृत लाडली बहनों को भी अनुदान राशि का अंतरण इसी प्रक्रिया से किया जाएगा।
- शिकायत निवारण तंत्र
- योजना के अंतर्गत पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को राज्य अनुदान का भुगतान में आने वाली कठिनाईयों एवं समस्याओं को दर्ज एवं निराकरण करने के लिये विभाग द्वारा ऑनलाईन एप्लीकेशन बनाया जाएगा।
- इस एप्लीकेशन पर प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिये विभाग द्वारा व्यवस्था की जाएगी।
- राज्यस्तरीय मॉनीटरिंग
- योजना के क्रियान्वयन के लिये खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग नोडल विभाग होगा। मैदानी स्तर पर कलेक्टर के निर्देशन में विभागीय अमले द्वारा योजना की मॉनीटरिंग की जाएगी। राज्य स्तर पर मॉनीटरिंग के लिये प्रमुख सचिव, खाद्य की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें ऑयल कंपनी के अधिकारी भी सम्मिलित होंगे।
- हितग्राहियों के पंजीयन कार्य में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अमले का सहयोग प्राप्त किया जाएगा।
- गैस कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं को राशि 450 रुपए में रिफिल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की प्रत्येक स्तर पर विभिन्न माध्यम से जानकारी दी जाएगी। प्रत्येक गैस एजेंसी, स्थानीय निकायों एवं उचित मूल्य दुकानों पर पात्र हितग्राहियों को देय अनुदान की सूचना प्रदर्शित कराई जाएगी।
- ऑयल कंपनी से प्राप्त डाटाबेस के आधार पर वर्णित प्रक्रिया के अनुसार पात्र हितग्राहियों को अनुदान का भुगतान होगा, भले ही उनका पृथक् से पंजीयन न हुआ हो। हितग्राही डाटाबेस में विसंगति, अगर हो तो उसका यथोचित निराकरण कर पात्र हितग्राही को अनुदान का भुगतान किया जाएगा।
प्रख्यात चिकित्सा शोध जर्नल ‘द लानसेट’ का अब मध्य प्रदेश में हिन्दी में भी होगा प्रकाशन | मध्य प्रदेश | 15 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 14 सितंबर, 2023 को हिन्दी दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने चिकित्सा जगत् में विश्व प्रख्यात जर्नल ‘द लानसेट’जल्द ही हिन्दी में भी प्रकाशित करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने ‘द लानसेट’की डिप्टी पब्लिशिंग हेड फियोना मेकलेव और एलजीवियर पब्लिकेशन इंडिया के प्रमुख शंकर कौल के साथ बताया कि एमबीबीएस की अंग्रेज़ी पुस्तकों का हिन्दी में लिप्यान्तरण का कार्य कर रहा ‘हिन्दी चिकित्सा प्रकोष्ठ मंदार’ ही जर्नल के हिन्दी रूपांतरण कार्य को संपादित करेगा।
- इसके लिये शीघ्र ही अधिकृत एमओयू किया जाएगा, जो आगामी तीन वर्ष (2024-27) के लिये होगा, जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है।
- ज्ञातव्य है कि ‘द लानसेट’ विश्व का सबसे प्रमुख एवं सबसे प्रभावशील शोध जर्नल है।
- इस जर्नल के हिन्दी रूपांतरण को लेकर विगत कई दिनों से हुई चर्चा के परिणामस्वरूप अब चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश और ‘द लानसेट’- रीजनल हेल्थ साउथ ईस्ट एशिया का हिन्दी भाषा में भी रूपांतरण करेंगे।
- ‘द लानसेट’अंग्रेज़ी भाषा के साथ ही स्पेनिश और पुर्तगाली में भी प्रकाशित किया जाता है। वहीं अब हिन्दी विश्व की चौथी भाषा होगी, जिसमें इसका प्रकाशन होगा।
- ‘द लानसेट’- रीजनल हेल्थ साउथ ईस्ट एशिया जर्नल के हिन्दी में उपलब्ध होने से चिकित्सा विद्यार्थियों एवं चिकित्सकों को शोध के क्षेत्र में भी रिसर्च कंटेंट स्थानीय भाषा में मिल सकेगा।
- इस जर्नल के ट्रांसलिट्रेशन का कार्य हिन्दी प्रकोष्ठ चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सकों द्वारा किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश ने देश में पहली बार हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ की है।