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स्टेट पी.सी.एस.

  • 15 Sep 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में बनेंगे 18 नए थाने और 22 पुलिस चौकियाँ, कुशीनगर में खुलेगा पर्यटन थाना

चर्चा में क्यों?

14 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार ने राज्य के विभिन्न ज़िलों में पुलिसिंग व्यवस्था को और अधिक मज़बूत बनाने के लिये 18 नए थाने और 22 चौकियाँ बनाने एवं कुशीनगर में नया पर्यटन पुलिस थाना खोलने का फैसला किया है।

प्रमुख बिंदु

  • संजय प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में शांति व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने, अपराधों पर और अधिक प्रभावी तरीके से अंकुश लगाए जाने, महिलाओं तथा आम लोगों को और अधिक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिये राज्य के विभिन्न ज़िलों में 18 नए थाने और 22 चौकियाँ बनाने का निर्णय लिया गया है।
  • इस संबंध में पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक (पुलिस मुख्यालय) को ज़रूरी आदेश जारी कर दिये गए हैं। इसके अलावा प्रदेश के इन नए थानों और पुलिस चौकियों में ज़रूरी पदों के सृजन के बारे में अलग से निर्देश जारी किये जाएंगे।
  • गाज़ियाबाद ज़िले के मसूरी/कविनगर थाने के क्षेत्र को काटकर वेब सिटी के नाम से तथा विजय नगर थाने के क्षेत्र को काटकर क्रासिंग रिपब्लिक नाम से नए थाने बनाए गए हैं। खम्पर और बांकाटा थाने के बँटवारे के बाद देवरिया में सुरोली नया थाना होगा।
  • अयोध्या के मवई थाने का क्षेत्र काटकर बाबा बज़ार नाम से नया थाना बनाया गया है। राजधानी लखनऊ के मलीहाबाद थाना क्षेत्र के रहीमाबाद गाँव में स्थापित पुलिस चौकी को उच्चीकृत कर रहीमाबाद नाम से नया थाना बनाया गया है। प्रयागराज के धूमनगंज क्षेत्र में एयरपोर्ट थाने की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया गया है।
  • प्रमुख सचिव ने बताया कि अलीगढ़ में पाँच, गाज़ीपुर में तीन और हरदोई तथा सीतापुर में दो-दो नई पुलिस चौकियाँ खोली गई हैं। इसके अलावा फर्रूखाबाद, आगरा, मथुरा, बहराइच, प्रयागराज, हरदोई, अमेठी, सीतापुर, उन्घ्नाव, प्रतापगढ़ में एक-एक नई पुलिस चौकी खोली जाएगी।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान स्टेट कॉन्क्लेव

चर्चा में क्यों?

14 सितंबर, 2022 को राजस्थान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग की पहल से इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ESC) और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) द्वारा राजस्थान स्टेट कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • कार्यक्रम में लगभग 150 स्टार्टअप, उद्यमी एवं ESC, STPI के गण्यमान्य व्यक्ति और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल हुए।
  • इस सम्मेलन का उद्देश्य स्टार्टअप समिट्स - बिल्डिंग द नेक्स्ट यूनिकॉर्न के लिये मंच तैयार करना और यह सुनिश्चित करना है कि तकनीकी स्टार्टअप, उद्यमी और सरकारी विभाग इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया द्वारा की गई इस पहल से अवगत हों।
  • सम्मेलन के दौरान चुने गए 48 इनोवेटिव टेक स्टार्टअप्स में से मौजूद स्टार्टअप ने अपने जूरी सदस्यों के समक्ष राज्य स्तर पर शॉर्टलिस्ट किये जाने के लिये प्रतिस्पर्धा की, जिसमें टॉप 5 स्टार्टअप्स को सर्टिफिकेट प्रदान किये गए।
  • स्टेट कॉन्क्लेव से चुनी गई स्टार्टअप्स को नेशनल कॉन्क्लेव में प्रख्यात जूरी पैनल द्वारा चयन के अंतिम दौर में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया जाएगा।
  • चयनित स्टार्टअप्स को यूएसए के लिये ट्रैवल ग्रांट और यूएसए इन्वेस्टर्स एवं वेंचर कैपिटल लिस्ट के साथ प्रीफिक्स्ड मीटिंग के अलावा यूएसए में ग्लोबल टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स के साथ नेटवर्किंग प्रदान की जाएगी।

राजस्थान Switch to English

राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से हुआ बायर-सेलर मीट का आयोजन

चर्चा में क्यों?

14 सितंबर, 2022 को राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से क्रेता-विक्रेता सम्मेलन (बायर-सेलर मीट) का आयोजन किया गया। सम्मेलन में दस्तकारों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम उत्पाद प्रदर्शित किये। इस दौरान लगभग 3 करोड़ रुपए के एलओआई पर भी हस्ताक्षर किये गए।

प्रमुख बिंदु

  • उद्योग आयुक्त महेंद्र कुमार पारख ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से कलाकारों का मनोबल बढ़ता है। वहीं विक्रेता को भी अपने उत्पादों की बेहतर योजना बनाने में मदद मिलती है।
  • उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे 80 सेक्टर्स हैं, जो हैंडीक्राफ्ट के अनेकों उत्पाद बना रहे हैं। हैंडीक्राफ्ट से स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलता है। राज्य में इस तरह का यह पहला प्रयास है, इसे और अधिक सक्रिय रूप से आयोजित किया जाएगा।
  • केंद्र सरकार की डीआईपीटी की अतिरिक्त सचिव सुनीता डाबरा ने कहा कि यह विभाग का तीसरा प्रयास है। इस प्रकार के आयोजन क्रेता-विक्रेताओं को अच्छा मंच उपलब्ध कराते हैं।
  • सम्मेलन में विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को जेम पोर्टल की विस्तृत जानकारी दी और इसका लाभ कैसे उठाया जाए, यह भी बताया। इस दौरान ऑथेंटिक जीआई के प्रतिनिधियों ने दस्तकारों को उत्पादों के जीआई से होने वाले लाभ के बारे में बताया और यह भी बताया कि जीआई टैग कैसे लिया जाता है।

हरियाणा Switch to English

अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग की धर्मशालाओं और सामाजिक क्षेत्र के संस्थानों को सौर ऊर्जा पर मिलेगी क्रमश: 75 प्रतिशत और 50 प्रतिशत सब्सिडी

चर्चा में क्यों?

14 सितंबर, 2022 को हरियाणा के बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि सौर ऊर्जा को वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में बढ़ावा देने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने हरियाणा में अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग की धर्मशालाओं की छतों पर लगाए जाने वाले सौर ऊर्जा संयंत्रों पर 75 प्रतिशत सब्सिडी और सामाजिक संस्थानों के भवनों को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • चौधरी रणजीत सिंह ने यह जानकारी अपने कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थानों के भवनों पर राज्य सरकार 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता देगी और शेष 50 प्रतिशत खर्च लाभार्थी संस्थानों को वहन करना होगा।
  • बिजली मंत्री ने कहा कि ‘म्हारा गाँव, जगमग गाँव’योजना के प्रति लोगों में जागरूकता आई है। बिजली विभाग भी बिजली चोरी रोकने के लिये निरंतर अभियान चला रहा है।
  • उन्होंने बताया की वर्ष 2019-20 में 171688 परिसरों में चेकिंग की गई और 45394 बिजली चोरी के मामले पकड़े गए तथा79 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया, जिसमें से 92.94 करोड़ रुपए की राशि वसूली गई।
  • इसी प्रकार 2020-21 में 226213 परिसरों में चेकिंग की गई और 73524 बिजली चोरी के मामले पकड़े गए तथा71 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया, जिसमें से 131.7 करोड़ रुपए की राशि वसूली गई
  • वर्ष 2021-22 में 312102 परिसरों में चेकिंग की गई और 75839 बिजली चोरी के मामले पकड़े गए तथा 272.23  करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया, जिसमें से 132.53 करोड़ रुपए की राशि वसूली गई। इस प्रकार कुल 357.17 करोड़ रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूली गई।

झारखंड Switch to English

एससी-एसटी और ओबीसी के लिये 77 फीसदी आरक्षण तथा स्थायी निवासी के लिये 1932 के खतियान (भूमि रिकॉर्ड) को आधार बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी

चर्चा में क्यों?

14 सितंबर, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार की नौकरियों में एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के सदस्यों के लिये 77 प्रतिशत आरक्षण देने तथा ‘स्थानीयता की नीति 1932 के खतियान के आधार पर तय करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रिमंडल सचिव वंदना डाडेल ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मंत्रिमंडल ने एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिये 77 प्रतिशत आरक्षण हेतु राज्य की सरकारी सेवाओं में रिक्तियों के आरक्षण अधिनियम, 2001 में संशोधन के लिये आरक्षण विधेयक को मंज़ूरी दे दी है।
  • मंत्रिमंडल ने ‘स्थानीयता’की नीति 1932 के खतियान के आधार पर तय करने और पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने समेत विभिन्न वर्गों के लिये कुल 77 प्रतिशत सरकारी नौकरियाँ आरक्षित करने हेतु अलग-अलग विधेयक राज्य विधानसभा में पेश किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है।
  • मंत्रिमंडल ने दोनों विधेयकों को विधानसभा से पारित कराने और राज्यपाल की स्वीकृति के बाद केंद्र सरकार के पास भेजने का भी निर्णय लिया।
  • डाडेल ने बताया कि मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार से यह अनुरोध करने का निर्णय लिया कि वह इन दोनों कानूनों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करें, जिससे इन्हें देश की किसी अदालत में चुनौती न दी जा सके।
  • ‘स्थानीयता’ की नीति में संशोधन के लिये लाए जाने वाले नए विधेयक का नाम ‘झारखंड के स्थानीय निवासी की परिभाषा एवं पहचान हेतु झारखंड के स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा एवं परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक एवं अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिये विधेयक 2022’ होगा।
  • वंदना डाडेल ने बताया कि इस विधेयक के माध्यम से राज्य में स्थानीय लोगों को परिभाषित किया जायेगा और मंत्रिमंडलीय फैसले के अनुसार अब राज्य में 1932 के खतियान में जिसका अथवा जिसके पूर्वजों का नाम दर्ज होगा, उन्हें ही यहाँ का स्थानीय निवासी माना जाएगा। जिनके पास अपनी भूमि या संपत्ति नहीं होगी, उन्हें 1932 से पहले का राज्य का निवासी होने का प्रमाण अपनी ग्रामसभा से प्राप्त करना होगा।
  • प्रस्तावित नौकरी आरक्षण नीति में, अनुसूचित जातियों के लिये राज्य की नौकरियों में आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत, अनुसूचित जनजातियों के लिये आरक्षण 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की व्यवस्था होगी। पिछडे़ वर्गों में अत्यंत पिछड़ों के लिये 15 प्रतिशत और पिछड़ों के लिये 12 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था किये जाने का निर्णय लिया गया है।
  • सरकार के फैसले पर अमल होने के साथ राज्य में ओबीसी, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का कुल आरक्षण 77 प्रतिशत हो जाएगा।
  • मंत्रिमंडल ने इस प्रस्तावित विधेयक के माध्यम से राज्य में आर्थिक रूप से कमज़ोर सामान्य वर्ग के लिये भी दस प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करने का फैसला लिया है। 

झारखंड Switch to English

झारखंड मंत्रिपरिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों?

14 सितंबर, 2022 को झारखंड मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में झारखंड इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति-2022 के गठन की स्वीकृति के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य में कम वर्षापात एवं कम फसल आच्छादन को दृष्टिपथ में रखते हुए राज्य में आकस्मिक एवं रबी फसलों के विस्तार हेतु कृषकों को आकस्मिक एवं रबी 2022-23 की फसलों हेतु 90% अनुदान पर बीज उपलब्ध कराए जाने की स्वीकृति दी गई।
  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार का मॉडल अधिनियम प्रारूप के अनुसार कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम प्रारूप, 2017 को कतिपय संशोधन के साथ अंगीकृत करते हुए संशोधित झारखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2022 की स्वीकृति दी गई।
  • राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों एवं लघु आंगनबाड़ी केंद्रों में ताजा गरम पोषाहार पकाकर लाभुकों को उपलब्ध कराने हेतु राज्य योजनांतर्गत गैस सिलिंडर एवं कुकिंग स्टोव की आपूर्ति की योजना में LPG संयोजन तथा LPG सिलिंडर की दर में संशोधन की स्वीकृति दी गई।
  • भारतीय मुद्रांक अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1 ‘क’में संशोधन करने तथा बिहार मनोरंजन ड्यूटी कोर्टफी तथा मुद्रांक (अधिभार संशोधन) अधिनियम, 1948 की धारा-5 को निरस्त करने के संबंध में पूर्व में प्रस्तुत झारखंड वित्त विधेयक, 2021 पर राज्यपाल महोदय की आपत्ति के उपरांत वापस लेते हुए झारखंड वित्त विधेयक, 2022 पर सहमति की स्वीकृति दी गई।
  • केंद्रीय योजना/राज्य योजना के अंतर्गत ‘मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना’के संचालन/क्रियान्वयन में हो रही कठिनाइयों के आलोक में आवश्यक संशोधन प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई।
  • राज्य में नई शिक्षा नीति, 2020 के कार्यान्वयन हेतु उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत वित्तीय नियमावली के नियम 245 के तहत NICSI के Empanelled Agency ‘Pricewaterhouse Coopers Private Limited’ का मनोनयन के आधार पर चयन कर PMU (Project Management Unit) गठन करने की स्वीकृति दी गई।
  • डॉ. मेरी नीलिमा केरकेटेा (भा.प्र.से. सेवानिवृत्त) को झारखंड लोक सेवा आयोग, राँची में अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किये जाने की स्वीकृति दी गई।
  • प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (मध्याह्न भोजन योजना) के अंतर्गत विद्यालयों में अध्ययनरत् बच्चों को पूरक पोषाहार के रूप में सप्ताह में पाँच दिन अंडा/फल अथवा दूध उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी गई।
  • राज्य के न्यायिक पदाधिकारियों का द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (SNJPC) द्वारा की गई अनुशंसा के आलोक में वेतन पुनरीक्षण की स्वीकृति दी गई।
  • झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम, 2001 (यथा संशोधित) में संशोधन हेतु विधेयक, 2022 की स्वीकृति दी गई।
  • आँगनबाड़ी केंद्रों में उपस्थित होने वाले 03-06 वर्ष के बच्चों को गर्मपोशाक (Winter Uniform) उपलब्ध कराने हेतु राज्य योजनांतर्गत आँगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को पोशाक की आपूर्ति योजना के कार्यान्वयन की स्वीकृति दी गई।
  • प्रस्तावित अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय (निजी विश्वविद्यालय), राँची की स्थापना हेतु 120-150 एकड़ भूमि 99 वर्ष के दीर्घकालिक लीज़ पर उपलब्ध कराने हेतु Azim Premji Foundation एवं राज्य सरकार के मध्य MoU की स्वीकृति दी गई।
  • ‘झारखंड के स्थानीय निवासी’की परिभाषा एवं पहचान हेतु झारखंड के स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिये विधेयक, 2022 के गठन की स्वीकृति दी गई।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ के 12 जाति समुदाय अनुसूचित जनजाति में शामिल

चर्चा में क्यों?

14 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ के 12 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की स्वीकृति प्रदान की।

प्रमुख बिंदु

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश की कई जातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई।
  • विदित है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 11 फरवरी, 2021 को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भेजकर छत्तीसगढ़ की 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया था।
  • समय-समय पर छत्तीसगढ़ की विभिन्न जातियों के प्रतिनिधिमंडलों ने मुख्यमंत्री से मिलकर उनकी जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया था।
  • इन प्रतिनिधिमंडलों ने बताया था कि मूलरूप से वे लोग अनुसूचित जनजाति के हैं, लेकिन मात्रात्मक त्रुटि के कारण उनके जाति प्रमाण-पत्र नहीं बन पा रहे हैं, इसलिये अनुसूचित जनजातियों को मिलने वाले लाभ से वे और उनके बच्चे वंचित रह जाते हैं। मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता के साथ छत्तीसगढ़ की ऐसी जनजातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की पहल की और प्रधानमंत्री को भी इस संबंध में पत्र लिखा।
  • इन जाति समुदायों के छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल होने के बाद इन्हें शासन की अनुसूचित जनजातियों के लिये संचालित योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा। छात्रवृत्ति, रियायती ऋण, अनुसूचित जनजातियों के बालक-बालिकाओं के छात्रावास की सुविधा के साथ शासकीय सेवा और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
  • जनगणना 2011 के अनुसार राज्य में अनुसूचित जनजाति की कुल जनसंख्या 78 लाख 22 हज़ार 902 है। प्रदेश की कुल जनसंख्या का लगभग एक-तिहाई जनसंख्या (30.62 प्रतिशत) अनुसूचित जनजातियों की है। इनमें सर्वाधिक 72 लाख 31 हज़ार 82 ग्रामीण इलाकों में निवासरत् हैं।
  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ के जिन 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की सहमति दी है। वे निम्नानुसार हैं-
  • भारियाभूमिया (BhariaBhumia) के पर्याय के रूप में भूईंया (Bhuinya) भूईयाँ (Bhuiyan) 
  • भूयां (Bhuyan) Bharia नाम के अंग्रेज़ी संस्करण को बिना बदलाव किये भरिया (Bharia) के रूप में भारिया (Bhari) का सुधार।
  • पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो
  • धनवार (Dhanwar) के पर्याय के रूप में धनुहार (Dhanuhar), धनुवार (Dhanuwar)
  • गदबा (Gadba Gadaba)
  • गोंड (Gond) के साथ गोंड़
  • कौंध (Kondh) के साथ कोंद (Kond)
  • कोडाकू (Kodaku) के साथ कोड़ाकू (Kodaku)
  • नगेसिया (Nagesia), नागासिया (Nagasia) के पर्याय के रूप में किसान (Kisan)
  • धनगढ़ (Dhangad) का परिशोधन धांगड़ (Dhangad)

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम, 1901) संशोधन 2022 लागू

चर्चा में क्यों?

14 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड राजस्व विभाग के अपर सचिव डॉ. आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1901) संशोधन 2022 लागू कर दिया है। अब नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत सहित सभी निकाय क्षेत्रों में पूर्व की भाँति ज़मीनों का दाखिल-खारिज हो सकेगा।

प्रमुख बिंदु

  • राज्यपाल की संस्तुति के बाद प्रमुख सचिव हीरा सिंह बोनाल की ओर से गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया।
  • उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1901) संशोधन 2022 के लागू हो जाने से प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में दाखिल-खारिज (म्यूटेशन या नामांतरण) का पेच दूर हो गया है।
  • गौरतलब है कि दिसंबर 2020 में हाईकोर्ट ने एक मामले में अहम आदेश पारित कर लैंड रेवेन्यू (एलआर) एक्ट में राजस्व विभाग के कार्यों को नगर निकाय की सीमा में म्यूनिसिपल कार्पोरेशन एक्ट, 1975 के तहत कराने के आदेश दिये थे। इसमें कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 243 क्यू में नगर पंचायत, नगरपालिका, नगर निगम बनाने की प्रक्रिया तय की गई है, जबकि 1901 के लैंड रेवेन्यू एक्ट के अनुसार राजस्व अधिकारी ग्रामीण इलाकों के लिये हैं।
  • इसके बाद शहरी क्षेत्रों में भू-राजस्व संबंधी मामलों को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। खासकर दाखिल-खारिज और भू-त्रुटि सुधार संबंधी मामलों का निपटारा नहीं हो पाने के कारण ये मामले लंबित होते चले गए।
  • अब पूर्व की भाँति राजस्व संबंधी मामले, दाखिल-खारिज और भूलेख संबंधी त्रुटि के लिये राजस्व विभाग के अधिकारियों को सक्षम प्राधिकारी बना दिया गया है।

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