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झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Aug 2023
  • 0 min read
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झारखंड स्टेट इंप्लीमेंटिंग एजेंसी फॉर कैटल एंड बफैलो डेवलपमेंट, रांची और ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के बीच हुआ समझौता

चर्चा में क्यों?

10 अगस्त, 2023 को झारखंड की राजधानी राँची के नेपाल हाउस स्थित कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की मौजूदगी में पशु चिकित्सा की बेहतरी के लिये झारखंड स्टेट इंप्लीमेंटिंग एजेंसी फॉर कैटल एंड बफैलो डेवलपमेंट, राँची और ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के बीच समझौता हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा है कि सरकार की संवेदनशीलता राज्य की जनता के साथ-साथ यहाँ के पशुओं के लिये भी है। इसी के तहत पहले गौ मुक्तिधाम, फिर रेस्क्यू व्हिकिल का कार्य किया गया। इसी क्रम में पशु चिकित्सा की बेहतरी के लिये राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालय में मोबाइल वेटनरी का संचालन करने की तैयारी की जा रही है।
  • समझौते के प्रमुख बिंदु :
    • राज्य में जल्द शुरू होगी मोबाइल वेटनरी
    • पशु चिकित्सा के लिये सरकार संवेदनशील
    • प्रखंड स्तर पर ग्रामीणों के पशुओं के लिये 236 एंबुलेंस रहेंगे तैनात
    • मोबाइल वेटनरी के लिये जल्द जारी होगा हेल्पलाईन नंबर
  • कृषि मंत्री ने कहा कि इस कार्य के लिये EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विसेज का चयन किया गया है। यह एजेंसी देश के अन्य राज्यों में भी इस तरह का कार्य करती आ रही है। इनके सहयोग से राज्य सरकार राज्य के पशुधन की सेहत की बेहतरी के लिये कार्य कर सकेगी।
  • विभाग द्वारा आधुनिक सुविधाओं से लैस 236 एंबुलेंस खरीदे जा रहे हैं, जो ग्रामीणों के पालतू पशुओं की चिकित्सा संबंधी समस्या के समाधान के लिये उपलब्ध रहेंगे।
  • मोबाइल वेटनरी के लिये सरकार जल्द ही एक हेल्पलाईन नंबर जारी करेगी।
  • EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विसेज द्वारा इस योजना के तहत पशु शल्य चिकित्सक, पैरावेट, ड्राइवर सहित आधुनिक सुविधाओं से लैस 236 एंबुलेंस कार्यरत रहेंगे। इससे राज्य के किसानों और उनके पशुओं को तो लाभ मिलेगा ही, साथ ही साथ पशु शल्य चिकित्सक, पैरावेट, ड्राइवर की नियुक्ति से रोज़गार के भी अवसर मिलेंगे।
  • इस अवसर पर कृषि एवं पशुपालन विभाग के सचिव अबू बक्कर सिद्दीख ने बताया कि EMRI ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के साथ एंबुलेंस एक्सटेंशन सर्विस के लिये एमओयू किया गया है। इनके द्वारा पशु चिकित्सा किसानों के घर पर पहुँचकर की जाएगी।
  • साथ ही, जो टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा, उस पर कॉल आने के आधे घंटे के अंदर एंबुलेंस किसानों के घरों पर जाकर पशुओं का इलाज करेगी। इस कार्य के लिये सेंट्रलाइज्ड कॉल सेंटर बने होंगे। इसके अलावा प्रत्येक प्रखंड में एक एंबुलेंस उपलब्ध रहेगी।


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