देशभर की खुफिया एजेंसियों से सीधे जुड़ेगा कानपुर, एक क्लिक पर मिलेगा बड़े अपराधियों का डाटा | उत्तर प्रदेश | 15 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार अपराधियों पर लगाम और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिये उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर को जल्द मैक (मल्टी एजेंसी सेंटर) से जोड़ दिया जाएगा, जिससे देश के किसी भी अपराधी की तस्वीर व उसकी पूरी जानकारी एक क्लिक पर हासिल हो जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- कानपुर शहर को मैक (मल्टी एजेंसी सेंटर) से जोड़ने से आईबी, एनआईए, रॉ, एटीएस जैसी तमाम इंटेलीजेंस एजेंसियाँ सीधे इस शहर से इनपुट साझा कर सकेंगी।
- विदित है कि पहले यह सिस्टम सिर्फ राज्य मुख्यालयों तक ही सीमित था, अब शहरों में भी इन्हें स्थापित किया जाएगा इसलिये इसे एसमैक (सब्सिडेरी मल्टी एजेंसी सेंटर) कहा जाएगा। कानपुर के अलावा प्रदेश के 78 शहरों को इसमें शामिल किया गया है।
- मैक को क्राइम ब्रांच में इंस्टाल किया जाएगा। जो सिस्टम क्राइम ब्रांच में लगेगा, उसमें एक इंट्रानेट लाइन होगी, जो कि एक प्राइवेट नेटवर्क होता है। इसे संबंधित व्यक्ति ही अपनी लॉगइन आईडी के साथ इस्तेमाल कर सकता है। इसे इंटरनेट की तरह हर कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता।
- इससे एक हाई सिक्योर्ड टेलीफोन लाइन जुड़ी होगी जिसे हॉट लाइन भी कहते हैं। हर खुफिया एजेंसी से एक अफसर (वन प्वाइंट कॉनटेक्ट) इस सिस्टम को हैंडल करेगा।
- इससे आतंकी गतिविधियाँ, बड़े पैमाने पर मादक पदार्थ, सोना और नकली नोटों की तस्करी जैसे बड़े अपराधों की सूचना पुलिस को एक कॉल पर उनके सिस्टम पर उपलब्ध होगी। कानपुर में बैठे पुलिस अफसर पता लगा सकेंगे कि यहां का रहने वाला अपराधी देश के किन-किन शहरों में क्या-क्या अपराध कर चुका है। इसी तरह दूसरे शहर से आए अपराधियों की भी जानकारी आसानी से हो जाएगी। यह इनपुट यहाँ की पुलिस चंद सेकेंड में पूरे देश को दे सकेगी।
- गौरतलब है कि 3 मई, 1999 से 26 जुलाई, 1999 के बीच कारगिल युद्ध के बाद मैक की स्थापना हुई। इसकी नोडल एजेंसी आईबी को बनाया गया था।
- ज्ञातव्य है कि अब तक मैक सिर्फ राज्यों को दिया गया था। इसमें उत्तर प्रदेश में इसका सिस्टम एसटीएफ के पास था। हालाँकि बाद में एक सिस्टम एटीएस में भी इंस्टाल किया गया था।
- इस सिस्टम को लगाने का मुख्य उद्देश्य साइबर स्पेस के अवैध इस्तेमाल, क्राइम टेरर नेक्सस, नार्को-टेररिज्म, टेरर फाइनेंसिंग, ग्लोबल टेरर ग्रुप्स, विदेशी आतंकवादियों की आवाजाही की जानकारियाँ हासिल कर एजेंसियों से साझा करना है। इसे यूएन (यूनाइटेड नेशन) की सीआईसी (सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी) के आधार पर बनाया गया है।
विधानमंडल में पेश CAG रिपोर्ट : अर्थव्यवस्था को उबारने में बिहार शीर्ष 3 में | बिहार | 15 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2023 को बिहार विधानमंडल में वित्त मंत्री विजय चौधरी ने सीएजी की रिपोर्ट पेश की, जिसमें कोविड महामारी के बाद अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से जीवित करने वाले देश के 10 शीर्ष राज्यों में बिहार तीसरे पायदान पर रहा।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के अनुसार, बिहार ने पाँच वर्षों के दौरान उच्च स्तर पर जीएसडीपी दर्ज की है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान केंद्रीय करों के हिस्से और स्वकर राजस्व में वृद्धि के कारण राजस्व प्राप्ति में 30630 करोड़ रुपए यानी 23.90 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। सामाजिक सेवाओं में वृद्धि के कारण राजस्व व्यय में 19727 करोड़ की वृद्धि हुई।
- राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान कुल बजट प्रावधान 265396.87 करोड़ रुपए के विरुद्ध 194202.20 करोड़ रुपए यानी 73.17 फीसदी ही खर्च किया।
- अनुपूरक प्रावधान 47094.17 करोड़ रुपए पूरी तरह से बेकार हो गया, क्योंकि वह मूल प्रावधान के स्तर तक भी नहीं था।
- सदन में वित्तीय वर्ष 31 मार्च, 2021 की स्थानीय निकायों और 31 मार्च, 2022 तक वित्तीय प्रबंधन की रिपोर्ट पेश की गई। इसमें पंचायती राज संस्थान और नगर निकायों की कार्यप्रणाली और राज्य की वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाया गया है।
- सीएजी रिपोर्ट के अनुसार पंचायती राज संस्थाओं ने करीब 25 हज़ार करोड़ रुपए का उपयोगिता प्रमाण-पत्र नहीं दिये हैं। साथ ही, बजट आकार में लगातार हो रही बढ़ोतरी और उस अनुपात में राशि खर्च नहीं होने पर भी सवाल उठाया गया है।
- सीएजी रिपोर्ट के अनुसार 25551 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा दर्ज किया गया है, हालाँकि यह घाटा विगत वर्ष की तुलना में 4276 करोड़ रुपए कम है। वर्ष 2021-22 के दौरान राज्य को 2004-05 के बाद तीसरी बार राजस्व घाटे का सामना करना पड़ा, जो 422 करोड़ था।
- सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, नगर विकास एवं आवास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2020-21 के बीच मिली 10952 करोड़ रुपए के अनुदान की स्वीकृति दी थी, लेकिन मार्च 2022 तक के लिये समायोजन 4984 करोड़ रुपए यानी 46% तक उपयोगिता प्रमाण-पत्र लंबित थे।
- पटना नगर निगम द्वारा घर-घर कचरा संग्रहण सेवाएँ प्रदान करने के एवज में वसूले जाने वाले उपभोक्ता शुल्क वसूली में विफल होने के कारण निगम को लगभग नौ करोड़ रुपए की हानि हुई है।
- ऑडिट में यह पाया गया कि पंचायती राज विभाग ने वर्ष 2007-08 से 2020-21 के बीच पंचायती राज संस्थाओं को 42940 करोड़ रुपए का अनुदान जारी किया था, लेकिन संस्थाओं ने 17917 करोड़ रुपए का ही उपयोगिता प्रमाण-पत्र दिये। यह कुल राशि का 42% ही था, जबकि करीब 25000 करोड़ रुपए का उपयोगिता प्रमाण-पत्र लंबित है।
प्रदेश में 50 पक्षीघरों का होगा निर्माण | राजस्थान | 15 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में पक्षियों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये 50 पक्षीघरों के निर्माण के लिये 43.50 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- ये पक्षीघर उदयपुर के गुलाब बाग के पक्षीघर की तर्ज पर 33 लवकुश वाटिकाओं तथा 17 अन्य स्थानों पर बनाए जाएंगे।
- पक्षीघरों के निर्माण, पक्षियों के लिये भोजन एवं विदेशी पक्षियों के क्रय हेतु प्रति पक्षीघर 87 लाख रुपए का व्यय होगा। इस प्रकार कुल 43.50 करोड़ रुपए व्यय किये जाएंगे।
- इसी राशि में से एक-एक लाख रुपए से पक्षीघरों में कोकटियल (ऑस्ट्रेलियाई बर्ड), लव बर्ड तोता, बजरिगर (बुग्गी तोता), गिनी फाउल (चकोर मुर्गा) आदि पक्षी पेट शॉप्स से खरीदे जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में 50 पक्षीघरों के निर्माण की घोषणा की थी। इस घोषणा की क्रियान्विति में यह मंजूरी दी गई है।
- मुख्यमंत्री की इस मंजूरी से प्रदेश में पक्षियों को संरक्षण मिलने के साथ ही बीमार, असहाय एवं घायल पक्षियों का उपचार एवं संवर्द्धन किया जा सकेगा।
सीसीएचएयू और तंजानिया के कृषि विश्वविद्यालय के बीच हुआ अनुबंध | हरियाणा | 15 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2023 को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (सीसीएचएयू) के एक प्रवक्ता ने बताया कि सीसीएचएयू और पूर्वी अफ्रीका के तंजानिया के मोरोगोरो स्थित सोकोइन कृषि विश्वविद्यालय के बीच कृषि में अनुसंधानों व नवाचारों को बढ़ावा देने के लिये एक अनुबंध हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- सीसीएचएयू व कृषि महाविद्यालय और तंजानिया के सोकोइन कृषि विश्वविद्यालय की ओर से वहाँ के कुलपति प्रो. रापहियल.टी. चिबूंडा ने इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किये।
- इस एमओयू के अनुसार सीसीएचएयू के वैज्ञानिक, शोधार्थी व विद्यार्थी मिलकर नवीन अनुसंधानों की सहायता से किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने का प्रयास करेंगे।
- सीसीएचएयू की उन्नत कृषि तकनीकों व नवाचारों का तंजानिया के किसानों को भी लाभ मिलेगा। एचएयू की प्रौद्योगिकी से तंजानिया के किसान कृषि उत्पादन बढ़ाकर व नए स्टार्टअप तैयार कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकेंगे।
- सीसीएचएयू के वैज्ञानिक कृषि की व्यवसायिक व नई तकनीकों के संबंध में प्रशिक्षण देंगे, जिससे कि तंजानिया और भारत में कृषि इंजीनियरिंग में संकाय का आदान-प्रदान, प्रशिक्षण, अनुसंधान और कृषि विस्तार गतिविधियों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
- दोनों विश्वविद्यालय सेमिनार, सम्मेलनों में हिस्सा लेंगे और एक-दूसरे का सहयोग करेंगे।
- विदित है कि इस समय तंजानिया के शहर दार-ए-सालाम में 47वाँ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला चल रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशन में हरियाणा का एक प्रतिनिधिमंडल तंजानिया में व्यापार एवं शिक्षा के अवसर तलाशने व उन्हें बढ़ावा देने के लिये दौरे पर है।
- 50 सदस्यीय इस प्रतिनिधिमंडल में हरियाणा सरकार के उच्चाधिकारी, व्यापारी एवं चार विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं अधिकारीगण शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के प्रथम स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम आदर्श कॉलेज का कांकेर में किया वर्चुअल लोकार्पण | छत्तीसगढ़ | 15 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से कांकेर में प्रदेश के प्रथम स्वामी आत्मानंद अंगेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय का वर्चुअल लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम से जो बच्चे हायर सेकेंडरी स्कूलों से पढ़कर निकलेंगे, वे स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालयों में आगे भी इसी माध्यम से पढ़ाई जारी रख सकेंगे।
- विदित है कि प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम के 10 स्वामी आत्मानंद आदर्श महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। इन्हीं में से प्रथम स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय का लोकार्पण कांकेर में हुआ।
- मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कांकेर ज़िले में आयोजित इस कार्यक्रम में कांकेर के स्कूली बच्चों के लिये संचालित ‘हमर लक्ष्य’कार्यक्रम अंतर्गत एनआईटी रायपुर में चयनित तीन छात्राओं तथा सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर में चयनित एक छात्रा से बातचीत की।
- गौरतलब है कि कांकेर ज़िले में स्कूली बच्चों के लिये संचालित ‘हमर लक्ष्य’कार्यक्रम के अंतर्गत तहत ज़िले के 75 बच्चों ने जेईई में क्वालीफाई किया है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब परिवार के विद्यार्थी को भी अंग्रेजी माध्यम में उत्कृष्ट शिक्षा दिलाने के लिये वर्ष 2020 में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय की शुरुआत की गई। यह योजना प्रदेश में काफी लोकप्रिय हुई।
- प्रदेश में आज स्वामी आत्मानंद योजना के अंतर्गत अंग्रेजी माध्यम के 377 और हिन्दी माध्यम के 350 स्कूल संचालित हो रहे हैं। बेरोज़गारी भत्ता योजना के तहत अब तक तीन किश्तों में 01 लाख 17 हज़ार हितग्राहियों को 80 करोड़ रुपए की राशि दी जा चुकी है।
- कांकेर ज़िला कलेक्टर कांकेर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि बेरोज़गारी भत्ता योजना के जिन हितग्राहियों को हैदराबाद में प्लेसमेंट मिला है, उन्हें 13 से 15 हज़ार रुपए प्रतिमाह आय प्राप्त होगी। इस योजना से ज़िले के 112 हितग्राहियों को अब तक नौकरी मिल चुकी है।
छत्तीसगढ़ के चार पीएचसी और दो सीएचसी को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र | छत्तीसगढ़ | 15 Jul 2023
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने वाले छत्तीसगढ़ के चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञों की टीम द्वारा विगत अप्रैल, मई और जून में इन अस्पतालों में मरीजों के लिये उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण के बाद राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र जारी किया गया है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सरगुजा ज़िले के उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और महासमुंद के बागबहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र से नवाज़ा गया है।
- जांजगीर-चांपा ज़िले के जर्वे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बस्तर के कुम्हरावंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सरगुजा के बटईकेला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कांकेर के बागोदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी भारत सरकार द्वारा यह प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों द्वारा मरीजों के लिये अस्पताल में उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण में उदयपुर सीएचसी को 87 प्रतिशत और बागबहरा सीएचसी को 85 प्रतिशत अंक मिले हैं। वहीं जर्वे पीएचसी को 82 प्रतिशत, बागोदर पीएचसी को 80 प्रतिशत, बटईकेला पीएचसी को 76 प्रतिशत और कुम्हरावंड पीएचसी को 75 प्रतिशत अंक मूल्यांकन में प्राप्त हुए हैं।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएँ, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इंफेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।