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मुख्यमंत्री ने प्रदेश के प्रथम स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम आदर्श कॉलेज का कांकेर में किया वर्चुअल लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से कांकेर में प्रदेश के प्रथम स्वामी आत्मानंद अंगेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय का वर्चुअल लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम से जो बच्चे हायर सेकेंडरी स्कूलों से पढ़कर निकलेंगे, वे स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालयों में आगे भी इसी माध्यम से पढ़ाई जारी रख सकेंगे।
- विदित है कि प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम के 10 स्वामी आत्मानंद आदर्श महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। इन्हीं में से प्रथम स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय का लोकार्पण कांकेर में हुआ।
- मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कांकेर ज़िले में आयोजित इस कार्यक्रम में कांकेर के स्कूली बच्चों के लिये संचालित ‘हमर लक्ष्य’कार्यक्रम अंतर्गत एनआईटी रायपुर में चयनित तीन छात्राओं तथा सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर में चयनित एक छात्रा से बातचीत की।
- गौरतलब है कि कांकेर ज़िले में स्कूली बच्चों के लिये संचालित ‘हमर लक्ष्य’कार्यक्रम के अंतर्गत तहत ज़िले के 75 बच्चों ने जेईई में क्वालीफाई किया है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब परिवार के विद्यार्थी को भी अंग्रेजी माध्यम में उत्कृष्ट शिक्षा दिलाने के लिये वर्ष 2020 में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय की शुरुआत की गई। यह योजना प्रदेश में काफी लोकप्रिय हुई।
- प्रदेश में आज स्वामी आत्मानंद योजना के अंतर्गत अंग्रेजी माध्यम के 377 और हिन्दी माध्यम के 350 स्कूल संचालित हो रहे हैं। बेरोज़गारी भत्ता योजना के तहत अब तक तीन किश्तों में 01 लाख 17 हज़ार हितग्राहियों को 80 करोड़ रुपए की राशि दी जा चुकी है।
- कांकेर ज़िला कलेक्टर कांकेर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि बेरोज़गारी भत्ता योजना के जिन हितग्राहियों को हैदराबाद में प्लेसमेंट मिला है, उन्हें 13 से 15 हज़ार रुपए प्रतिमाह आय प्राप्त होगी। इस योजना से ज़िले के 112 हितग्राहियों को अब तक नौकरी मिल चुकी है।
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छत्तीसगढ़ के चार पीएचसी और दो सीएचसी को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र
चर्चा में क्यों?
13 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने वाले छत्तीसगढ़ के चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञों की टीम द्वारा विगत अप्रैल, मई और जून में इन अस्पतालों में मरीजों के लिये उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण के बाद राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र जारी किया गया है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सरगुजा ज़िले के उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और महासमुंद के बागबहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र से नवाज़ा गया है।
- जांजगीर-चांपा ज़िले के जर्वे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बस्तर के कुम्हरावंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सरगुजा के बटईकेला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कांकेर के बागोदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी भारत सरकार द्वारा यह प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों द्वारा मरीजों के लिये अस्पताल में उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण में उदयपुर सीएचसी को 87 प्रतिशत और बागबहरा सीएचसी को 85 प्रतिशत अंक मिले हैं। वहीं जर्वे पीएचसी को 82 प्रतिशत, बागोदर पीएचसी को 80 प्रतिशत, बटईकेला पीएचसी को 76 प्रतिशत और कुम्हरावंड पीएचसी को 75 प्रतिशत अंक मूल्यांकन में प्राप्त हुए हैं।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएँ, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इंफेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।
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