लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 13 Jul 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में फिल्म सिटी बनाने और मोबाइल थिएटर शुरू करने की योजना

चर्चा में क्यों?

12 जुलाई, 2022 को विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने उत्तराखंड को फिल्म शूटिंग का पसंदीदा डेस्टिनेशन बनाने के लिये राज्य में एक फिल्म सिटी बनाने के लिये भूमि का चयन करने के निर्देश दिये।

प्रमुख बिंदु

  • सचिव अभिनव कुमार ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थित सभागार में सूचना विभाग की समीक्षा बैठक में फिल्म उद्योग से संबंधित अवस्थापना विकास के लिये कार्ययोजना बनाने तथा फिल्म सिटी में फिल्म शूटिंग एवं प्रोडक्शन से संबंधित मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
  • उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयस्तर के फिल्म प्रशिक्षण संस्थान से संपर्क कर उसकी शाखा के रूप में फिल्म प्रशिक्षण केंद्र उत्तराखंड राज्य में खोला जाए। उन्होंने पर्वतीय एवं सीमांत क्षेत्रों में मोबाइल थिएटर शुरू करने के निर्देश दिये। साथ ही इसके लिये एक सब्सिडी योजना बनाने को भी कहा।
  • उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य की बोली-भाषा पर आधारित किसी फिल्म का चयन यदि राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के फिल्म फेस्टिवल के लिये होता है, तो प्रोत्साहन के लिये विशेष सब्सिडी योजना बनाई जाए।
  • उन्होंने राज्य के विश्वविद्यालयों में फिल्म एवं फिल्म निर्माण की विधा से संबंधित कोर्स भी प्रारंभ करने के निर्देश दिये। उन्होंने हल्द्वानी मीडिया सेंटर के निर्माण के लिये भूमि चयन एवं आगणन का प्रस्ताव तैयार करने और ई-ऑफिस के रूप में विभाग का ढाँचा तथा अधिकांश सुविधाएँ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति-2020 लागू

चर्चा में क्यों?

12 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा निदेशालय में ‘बाल वाटिका’ (प्राइमरी से पहले की कक्षा) का शुभारंभ करते हुए उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति-2020 लागू की। सरकार का दावा है कि ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश के सभी विकासखंडों के आँगनबाड़ी केंद्रों एवं स्कूलों में ‘बाल वाटिका’ कक्षाएँ आरंभ कर दी गईं। निजी स्कूलों में नर्सरी में होने वाली पढ़ाई, अब आँगनबाड़ी एवं सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ‘बाल वाटिका’ कक्षा में कराई जाएगी।
  • राज्य में 20 हज़ार से अधिक आँगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। प्रथम चरण में इनमें से शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में संचालित पाँच हज़ार आँगनबाड़ी केंद्रों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बाल वाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू होगा।
  • आँगनबाड़ी केंद्रों में ‘बाल वाटिका’ कक्षाओं में बच्चों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ाया जाएगा। इसके लिये पाठ्यक्रम तैयार हो चुका है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने पाठ्यक्रम में आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं व शिक्षकों के लिये हस्तपुस्तिका और बच्चों के लिये तीन अभ्यास पुस्तिकाएँ (स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन) तैयार की हैं।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय भवन का लोकार्पण एवं एससीईआरटी भवन का शिलान्यास भी किया। उन्होंने बच्चों में उद्यमिता के विकास के लिये पुस्तक एवं कैरियर कार्ड का विमोचन किया, साथ ही क्षेत्र के जीर्ण-शीर्ण आँगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत की घोषणा की।
  • शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूल परिसर में 4,447 आँगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। इन केंद्रों में प्री-प्राइमरी से कक्षाओं को शुरू कर छात्र-छात्राओं को कक्षा एक के लिये तैयार किया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से प्री-प्राइमरी को ‘बाल वाटिका’ नाम दिया गया है। विभाग की ओर से इसके लिये अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।
  • उत्तराखंड में 20 हज़ार 67 आँगनबाड़ी केंद्र मंजूर हैं। इसमें से 20 हज़ार 17 आँगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। इन केंद्रों में 14,555 आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ता तैनात हैं। इसके अलावा आँगनबाड़ी केंद्रों में 14,249 सहायिकाएँ एवं 4,941 मिनी आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ता कार्य कर रही हैं।

उत्तराखंड Switch to English

केदारनाथ धाम में लगा ऑटोमैटिक वेदर सिस्टम

चर्चा में क्यों?

12 जुलाई, 2022 को रुद्रप्रयाग के ज़िलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि केदारनाथ में मेरु-सुमेरु पर्वत श्रृंखला की तलहटी पर ऑटोमैटिक वेदर सिस्टम (एडब्ल्यूएस) स्थापित कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस ऑटोमैटिक वेदर सिस्टम से वहाँ के मौसम के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी, साथ ही बारिश व बर्फबारी का पूर्वानुमान मिलने से ज़रूरी व्यवस्थाएँ करने में भी मदद मिलेगी।
  • इसके साथ ही बरसाती सीजन व अन्य मौकों पर केदारनाथ यात्रा के संचालन को लेकर पहले से ही निर्णय लिये जा सकेंगे। इसके अलावा चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों और हेलीकॉप्टर संचालन में भी मदद मिलेगी।
  • गौरतलब है कि केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर है। उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में शामिल होने के साथ ही चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। यहाँ की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्य ही दर्शन के लिये खुलता है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2