उत्तर प्रदेश Switch to English
अलीगढ़ से पलवल तक बनेगा ग्रीन फील्ड हाईवे
चर्चा में क्यों
14 जून, 2023 को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) परियोजना निदेशक पीके कौशिक ने बताया कि उत्तर प्रदेश की ताला-तालीम की नगरी अलीगढ़ को हरियाणा और एनसीआर से जोड़ने वाले अलीगढ़-पलवल हाईवे पर वाहनों का भार कम करने के साथ ही लोगों की सुविधा के लिये ग्रीन फील्ड हाईवे बनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि एनएचएआई स्तर पर हाईवे की डीपीआर तैयार करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अलीगढ़-पलवल हाईवे का निर्माण पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड ने कराया था। यह मार्ग 552 करोड़ रुपए की लागत से बना है।
- करीब 67 किमी. लंबे इस हाईवे के निर्माण में करीब पाँच वर्ष का समय लगा था। मार्च 2022 को पीडब्ल्यूडी ने हाईवे निर्माण का कार्य एनएचएआई को सौंप दिया था। अब एनएचएआई हाईवे की देखरेख, मरम्मत आदि का कार्य कर रहा है।
- अलीगढ़-पलवल हाईवे तीन राज्यों को आपस में जोड़ता है। इस हाईवे से दिल्ली-एनसीआर के लिये भी उत्तर प्रदेश की सीमा जुड़ती है। साथ ही, हरियाणा की सीमा भी जुड़ती है।
- इस हाईवे को तैयार करने का प्रस्ताव एनएचएआई ने वर्तमान में पीटीए मार्ग पर वाहनों की प्रतिदिन की संख्या व भविष्य में इसके सिक्स लेन होने में बाधाएँ आने की आशंका को देखते हुए किया है।
- वर्तमान में खैर-जट्टारी में बाईपास नहीं बनने से दोनों कस्बों में रोजाना घंटों लंबा जाम लगता है। फोर लेन पीटीए मार्ग पर रफ्तार भरने वाले वाहन इन दोनों कस्बों में थम जाते हैं। दोनों कस्बों में करीब 10-10 किमी. लंबा बाईपास का निर्माण होना है।
- इसके साथ ही पीटीए मार्ग के बराबर एनएचएआई ने अलीगढ़ से पलवल तक ग्रीन फील्ड हाईवे बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। यह हाईवे सिक्स लेन होगा।
- एनएचएआई द्वारा पीटीए मार्ग का ट्रैफिक सर्वे पूर्व में कराया जा चुका है, जिसमें 25 हज़ार वाहन प्रतिदिन गुज़रने की रिपोर्ट सामने आ चुकी है, जो कि फोर लेन पर गुज़रने वाले वाहनों की संख्या से ज़्यादा है।
- पीटीए हाईवे के दोनों तरफ बसावट अधिक होने की वजह से इस मार्ग को सिक्स लेन में तब्दील किया जाना आसान नहीं है। इसके अलावा लैंड की उपलब्धता न होना भी बड़ी वजह है, जिसके चलते ग्रीन फील्ड हाईवे बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
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