उत्तर प्रदेश Switch to English
सत्र न्यायालय मजिस्ट्रेट के समन आदेश को रद्द नहीं कर सकता है : उच्च न्यायालय
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सत्र न्यायालय पुनरीक्षण शक्ति का प्रयोग करते हुए मजिस्ट्रेट द्वारा पारित संज्ञान और समन आदेश को रद्द नहीं कर सकता है।
प्रमुख बिंदु
- यह आदेश न्यायमूर्ति शमीम अहमद की पीठ ने प्रभाकर पांडेय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
- हाईकोर्ट ने कहा कि सत्र न्यायालय का पुनरीक्षण क्षेत्राधिकार बहुत सीमित है। यदि सत्र न्यायालय को पुनरीक्षण न्यायालय के रूप में कार्य करते समय कोई अनियमितता या क्षेत्राधिकार में त्रुटि मिलती है तो कार्यवाही को रद्द करने की बजाय उसे केवल मजिस्ट्रेट के आदेश में त्रुटि को इंगित करके निर्देश जारी करने की शक्ति है।
- मामले में शिकायतकर्त्ता द्वारा विरोधी पक्ष के खिलाफ आईपीसी की धारा- 147, 504, 506, 427, 448, 379 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मामले में जाँच अधिकारी ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने विरोध याचिका पर विचार करने और मामले के रिकॉर्ड को देखने के बाद आरोपी को धारा-379 सीआरपीसी के तहत तलब किया।
- इस आदेश को ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश कन्नौज के समक्ष चुनौती दी गई। सत्र न्यायालय ने जाँच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया और मजिस्ट्रेट के समन आदेश को रद्द कर दिया। इसलिये याची ने ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश कन्नौज के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की।
- हाईकोर्ट ने कहा कि आरोप-पत्र दाखिल होने के बाद मजिस्ट्रेट के पास चार तरीके होंगे और उनमें से किसी एक को वह आगे की कार्रवाई के लिये अपना सकता है। कोर्ट ने आदेश में उन तरीकों का भी ज़िक्र किया है। साथ ही, कहा कि मामले में सत्र न्यायालय का आदेश पूरी तरह से आरोपी की दलील पर आधारित था, इसलिये मजिस्ट्रेट के समन आदेश को रद्द करना विधिक तौर पर सही नहीं है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
देश में पहली बार बायो स्रोत से खोजी गई नैनो सिलिका
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (NSI) द्वारा गन्ने की खोई की राख में नैनो सिलिका की खोज की गई है। इसे राख से निकालने की तकनीक भी NSIने विकसित की है, जिसे अब पेटेंट कराया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- NSI के निदेशक प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने बताया कि नैनो सिलिका पार्टिकल्स की खोज और इसकी तकनीक का विकास सीनियर रिसर्च फेलो डॉ. शालिनी कुमारी ने किया है। इस तकनीक को विकसित करने में दो साल लगे हैं।
- अभी तक विभिन्न मिनरल्स स्रोतों से नैनो सिलिका प्राप्त की जाती थी, लेकिन बायो स्रोत से देश में पहली बार इसे खोजा गया है।
- प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने बताया कि तकनीक को पेटेंट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गोवा में 28-29 जुलाई को भारतीय चीनी प्रौद्योगिकी संघ के सम्मेलन में भी इस तकनीक को प्रस्तुत किया जाएगा।
- सीनियर रिसर्च फेलो डॉ. शालिनी कुमारी ने इस प्रक्रिया में अम्ल, क्षार और हीट ट्रीटमेंट के चरणों के संबंध में जानकारी दी। नैनो सिलिका तकनीक की जाँच आईआईटी दिल्ली से भी कराई गई। उत्पाद की पुष्टि स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी, एक्सरे विवर्तन विश्लेषण और फूरियर ट्रांसफॉर्म इंफ्रा रेड तकनीक से की गई।
- मिनरल्स स्रोत से जो नैनो सिलिका मिल रही है, उसकी कीमत 700 से 1000 रुपए किलो पड़ती है, लेकिन खोई की राख से मिली नैनो सिलिका की कीमत 100 रुपए प्रति किलो पड़ेगी।
- गन्ने की खोई का इस्तेमाल चीनी मिल के बॉयलर के ईंधन के रूप में होता है। इससे निकलने वाली राख अभी तक गड्ढ़ा पाटने के ही काम आती थी। इसे प्रदूषण का कारक भी माना जाता है। साथ ही, इसका निस्तारण करने में चीनी मिलों का खर्च बढ़ जाता है, लेकिन इससे निकलने वाला नैनो सिलिका पार्टिकल्स प्रदूषण सोखने के भी काम आता है।
- गौरतलब है कि देश में चीनी मिलों से 50 लाख टन खोई प्राप्त होती है, जिसे जलाने पर 15 लाख टन राख प्राप्त होती है। इस राख से लगभग तीन लाख टन सिलिका नैनो पार्टिकल प्राप्त किये जा सकते हैं। खोई की एक किलो राख से 20 फीसदी नैनो सिलिका पार्टिकल्स मिलते हैं।
- नैनो सिलिका पार्टिकल्स दवा उद्योग, पेंट और बैटरी उद्योग, लिथियम आयरन बैटरीज, नैनो फर्टिलाइजर आदि में इस्तेमाल होता है।
राजस्थान Switch to English
चारकोल चित्रांकन कला प्रदर्शनी
चर्चा में क्यों?
14 जून, 2022 को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित ‘चारकोल चित्रांकन कला प्रदर्शनी’ का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित चारकोल से उकेरी गई माउंट आबू की नक्की झील, गुरु शिखर के नैसर्गिक सौंदर्य, किले, महलों के साथ-साथ पोर्ट्रेट्स, झरोखे आदि के चित्रों का अवलोकन करते हुए इन्हें सुंदर कलाकृतियाँ बताया।
- पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने बताया कि केंद्र की ओर से माउंट आबू में गत दिनों आयोजित चारकोल चित्रांकन कैंप में 24 कलाकारों द्वारा चारकोल से सुंदर चित्रों का सृजन कैनवास पर किया गया। इन चित्रों को यहाँ राजभवन में आयोजित ‘चारकोल चित्रांकन कला प्रदर्शनी’ में प्रदर्शित किया जाएगा।
- इसके अलावा राज्यपाल ने पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा आयोजित तीनदिवसीय ‘भक्ति उत्सव’ का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।
- ‘भक्ति उत्सव’ में भक्ति रस से सराबोर कबीर वाणी, भजन और सूफी संगीत की कलाकारों द्वारा भावपूर्ण प्रस्तुतियाँ दी जाएंगी।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश में मिला असामान्य टाइटेनोसॉरिड डायनासोर का अंडा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के धार ज़िले के बाग इलाके में पहली बार भारतीय शोधकर्त्ताओं की एक टीम ने अंडे के भीतर अंडे (egg-in-egg) या असामान्य टाइटेनोसॉरिड डायनासोर अंडे (abnormal Titanosaurid dinosaur egg) की खोज की है।
प्रमुख बिंदु
- इस खोज को नेचर ग्रुप जर्नल-साइंटिफिक रिपोर्ट्स के नवीनतम अंक में प्रकाशित किया गया था। इस अध्ययन का शीर्षक है- ‘फर्स्ट ओवम-इन-ओवो पैथोलॉजिकल टाइटेनोसॉरिड एग थ्रोस लाइट ऑन द रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी ऑफ सॉरोपॉड डायनासोर’ (First ovum-in-ovo pathological titanosaurid egg throws light on the reproductive biology of sauropod dinosaurs)।
- शोधकर्त्ताओं ने हाल ही में बाग शहर के निकट पड़लिया गाँव के पास बड़ी संख्या में टाइटेनोसॉरिड सॉरोपॉड घोंसलों का दस्तावेज़ीकरण किया था। इन घोंसलों का अध्ययन करते हुए शोधकर्त्ताओं ने एक असामान्य डायनासोर के अंडे सहित 10 अंडों से युक्त एक सॉरोपॉड डायनासोर के घोंसले की खोज की है।
- असामान्य अंडे में दो निरंतर और गोलाकार अंडे के खोल की परतें हैं, जो एक विस्तृत अंतराल से अलग होती हैं, जो ओवम-इन-ओवो (दूसरे अंडे के अंदर एक अंडा) पक्षियों की विकृति की याद दिलाती हैं।
- एक ही घोंसले में पैथोलॉजिकल अंडे और आसन्न अंडे की सूक्ष्म संरचना इसकी पहचान टाइटेनोसॉरिड सॉरोपॉड डायनासोर से करती है।
- यह भारत में पहली अंडे-में-अंडे की असामान्य जीवाश्म अंडे की खोज है। इससे पहले भारत में कभी भी डायनासोर, छिपकली, कछुए और मगरमच्छ सहित अन्य सरीसृपों के अंडे-में-अंडे का असामान्य जीवाश्म अंडा नहीं पाया गया है।
- इस क्षेत्र में प्रमुख लेखक डॉ. हर्ष धीमान (भूविज्ञान विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय) द्वारा पीएचडी फील्डवर्क के दौरान पैथोलॉजिकल अंडे की खोज की गई थी। धीमान के अलावा, टीम में विशाल वर्मा (हायर सेकेंडरी स्कूल, बकानेर, धार ज़िला) और संबंधित लेखक प्रो. गुंटुपल्ली वी.आर. प्रसाद (भूविज्ञान विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय) शामिल थे।
- डॉ. हर्ष धीमान ने कहा कि टाइटेनोसॉरिड घोंसले से ओवम-इन-ओवो अंडे की खोज इस संभावना को खोलती है कि सॉरोपॉड डायनासोर में मगरमच्छ या पक्षियों के समान एक डिंबवाहिनी आकारिकी थी और वे पक्षियों की अंडे देने वाली विशेषता के एक तरीके के लिये अनुकूलित हो सकते थे।
- प्रो. गुंटुपल्ली वी.आर. प्रसाद ने कहा कि यह खोज इस बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी सामने लाती है कि क्या डायनासोर के पास कछुओं और छिपकलियों या उनके निकटतम मगरमच्छों और पक्षियों के समान प्रजनन जीव विज्ञान था।
- पहले यह सुझाव दिया गया था कि मगरमच्छों और पक्षियों के खंडित प्रजननपथ के विपरीत डायनासोर का प्रजनन कार्य कछुओं और अन्य सरीसृपों (अखंडित डिंबवाहिनी-unsegmented oviduct) के समान होता है।
- मगरमच्छ हालाँकि कछुओं और अन्य सरीसृपों की तरह सभी अंडों को एक साथ ओव्यूलेट करते और छोड़ते हैं, पक्षियों के अनुक्रमिक ओव्यूलेशन के विपरीत, जो एक बार में एक अंडा देते हैं।
- नई खोज से पता चलता है कि मध्य और पश्चिमी भारत में डायनासोर के जीवाश्मों के लिये काफी संभावनाएँ हैं, जो डायनासोर प्रजातियों की विविधता और उनके घोंसले के व्यवहार एवं प्रजनन जीव विज्ञान पर महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
हरियाणा Switch to English
मुख्यमंत्री ने की हरियाणा खेल अकादमी स्थापित करने की घोषणा
चर्चा में क्यों?
13 जून, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंचकूला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स, 2021 के चौथे संस्करण के समापन समारोह में देश भर से आने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिये हरियाणा खेल अकादमी की स्थापना की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलकूद की अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के मद्देनज़र पंचकूला में 200 खिलाड़ियों के ठहरने की सुविधा वाला एक छात्रावास खोला जाएगा। इसके ज़रिये खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ मुहैया कराने के साथ ही उन्हें खेल में दक्ष बनने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने हरियाणा के पदक विजेता खिलाड़ियों को खेलो इंडिया यूथ गेम्स, 2021 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये दी जा रही पुरस्कार राशि को दोगुना करने की भी घोषणा की।
- स्वर्ण पदक विजेता को 1 लाख रुपए, रजत पदक विजेता को 60,000 रुपए और कांस्य पदक विजेता को 40,000 रुपए की राशि दी जाएगी, जबकि पहले यह राशि स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं के लिये क्रमश: 50,000 रुपए, 30,000 रुपए और 20,000 रुपए निर्धारित की गई थी।
- इसके अलावा उन्होंने खेलों में भाग लेने वाले हरियाणा के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के रूप में 5000 रुपए देने की भी घोषणा की।
- खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार ने ज़मीनी स्तर पर खेल का बुनियादी ढाँचा तैयार किया है। राज्य में वर्ष भर विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिये खेल कैलेंडर भी तैयार किया गया है।
- बच्चों में खेल संस्कृति विकसित करने के लिये राज्य में 1100 खेल नर्सरी खोली जा रही हैं। इससे राज्य के करीब 25,000 नवोदित खिलाड़ियों को फायदा होगा।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा साहसिक खेलों के माध्यम से पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देगा
चर्चा में क्यों?
14 जून, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि राज्य में साहसिक खेलों के माध्यम से पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह बात चंडीगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग और एडवेंचर क्लब द्वारा आयोजित स्कूली छात्रों के एक पर्वतारोहण दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद कही।
- उन्होंने कहा कि राज्य में नियमित खेलों की तर्ज पर एडवेंचर को आगे ले जाने के लिये जो भी इंफ्रास्ट्रक्चर की ज़रूरत होगी, उसे मुहैया कराया जाएगा, ताकि हर युवा एडवेंचर में हिस्सा ले सके।
- हरियाणा में साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये मोरनी में सरदार मिल्खा सिंह क्लब की स्थापना की गई है, जिससे इस क्षेत्र में कई गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा युवाओं के लिये अरावली पहाड़ियों में ट्रैकिंग रूट भी तलाशे जा रहे हैं, ताकि दक्षिण हरियाणा में भी एडवेंचर स्ट्रक्चर को बढ़ाया जा सके। साहसिक प्रशिक्षण देकर 1000 युवाओं को काबिल बनाया जाएगा।
झारखंड Switch to English
देवघर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से शुरू होगी घरेलू उड़ानें
चर्चा में क्यों?
14 जून, 2022 को देवघर एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप ढींगरा ने बताया कि आगामी 15 जुलाई से शुरू होने वाले विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले के पहले नवनिर्मित देवघर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से घरेलू उड़ानें शुरू हो जाएंगी।
प्रमुख बिंदु
- इस एयरपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जुलाई को करेंगे। गौरतलब है कि इस एयरपोर्ट का ऑनलाइन शिलान्यास 25 मई, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही किया था।
- यह झारखंड का पहला इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, लेकिन पहले फेज में यहाँ से घरेलू उड़ान सेवाएँ शुरू की जाएंगी। देवघर राज्य का पहला एयरपोर्ट होगा, जहाँ से भविष्य में विदेशों के लिये भी सीधी उड़ान सेवाएँ शुरू की जा सकेंगी।
- पूरे राज्य में फिलहाल मात्र रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट (Birsa Munda Airport) से नियमित घरेलू उड़ान सेवाएँ संचालित हो रही हैं।
- गौरतलब है कि डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने देवघर एयरपोर्ट को घरेलू उड़ानों के लिये 11 अप्रैल, 2022 को ही लाइसेंस जारी कर दिया था। इसके बाद 8 जून को इस एयरपोर्ट से इंडिगो की एयर बस-320 ने ट्रायल के तौर पर उड़ान भरी थी।
- देवघर एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप ढींगरा ने बताया कि यहाँ से पहले दिल्ली, मुंबई, बंगलुरू और राँची के लिये नियमित उड़ान सेवा शुरू होगी। इसके लिये इंडिगो और स्पाइसजेट ने अपनी तरफ से अप्रूवल दे दिया है। एयर एशिया समेत अन्य विमानन कंपनियों ने भी देवघर एयरपोर्ट से अपनी सेवाएँ देने की इच्छा जाहिर की है।
- इस एयरपोर्ट का निर्माण लगभग 400 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है, जिसमें 50 फीसदी अंशदान डीआरडीओ का है। एयरपोर्ट की इमारत पर यहाँ के विश्वप्रसिद्ध बाबा वैद्यनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई है। इस पर ब्रास से पंचशूल बनाया गया है, जो दूर से ही दिखता है। ऐसा ही पंचशूल बाबा वैद्यनाथ मंदिर में भी है।
- देवघर में प्रतिवर्ष सावन में एक महीने तक विशाल श्रावणी मेले का आयोजन होता है, जिसमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों से प्रतिदिन करीब एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुँचते हैं। मेले के पहले यहाँ से उड़ान सेवाएँ शुरू होने से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी।
- फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष धीरज तनेजा ने बताया कि देवघर एयरपोर्ट से सेवाएँ शुरू होने से व्यापार और उद्योग की संभावनाओं को भी विस्तार मिलेगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
खेलो इंडिया यूथ गेम्स में छत्तीसगढ़ की बड़ी उपलब्धि
चर्चा में क्यों?
13 जून, 2022 को हरियाणा के पंचकूला में संपन्न हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने अपनी खेल प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर 2 स्वर्ण पदक, 3 रजत पदक तथा 6 कांस्य पदक सहित कुल 11 पदक हासिल किये।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि हरियाणा के पंचकूला में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में छत्तीसगढ़ राज्य से 13 खेलों के 122 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था।
- खेलो इंडिया यूथ गेम्स में छत्तीसगढ़ को पहला स्वर्ण पदक वेटलिफ्टिंग में मिला। इनमें ज्ञानेश्वरी यादव ने 164 किलोग्राम वज़न उठाकर अपने पुराने रिकॉर्ड को ब्रेक करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया है। इस स्पर्धा में छत्तीसगढ़ के राजा भारती ने कुल 211 किलोग्राम वज़न उठाकर कांस्य पदक जीता है।
- इसी तरह मलखंब में सरिता पोयाम ने 1 स्वर्ण और एक कांस्य पदक, मोनू नेताम ने 2 रजत पदक तथा बालिका और बालक दल ने 1-1 कांस्य पदक हासिल किया।
- इसके अलावा गतका में रणवीर ने (व्यक्तिगत) 1 रजत पदक तथा छत्तीसगढ़ राज्य के गतका दल ने 1 कांस्य पदक प्राप्त किया और कलारीपयट्टू में साधिका दुबे ने 1 कांस्य पदक जीतकर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया।
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