बिहार Switch to English
बिहार के सारण में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन
चर्चा में क्यों?
14 मई, 2023 को बिहार के सारण (छपरा) ज़िले में दो दिवसीय इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल सीजन 3 का समापन हो गया।
प्रमुख बिंदु
- छपरा के ऑडिटोरियम में 13 मई को शुरु हुआ दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल में देश के विभिन्न भाषाओं सहित विश्व के 21 देशों की फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही फिल्म और नाटक के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने वाले युवाओं को इससे जुड़ी जानकारी दी गई।
- इस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में फिलिपींस, इटली, तुर्की, भारत, स्पेन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान की फिल्में डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
- साथ ही छोटे और स्कूली बच्चों के लिये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों को प्रदर्शित किया गया।
- इसके अलावा बहुत से सामाजिक मुद्दों पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री को भी दिखाया गया।
- सारण अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में भारत की दो फिल्मों ने अलग-अलग वर्गों में बेस्ट फिल्म अवार्ड जीता।
- बाल फिल्म इंस्पेशन ऑफ परसुइट और शॉट फिक्शन फिल्म वाशिंग मशीन को नेशनल वर्ग में बेस्ट फिल्म का खिताब दिया गया।
- वहीं अंतर्राष्ट्रीय कैटेगरी में तुर्की की फिल्म इक्रॉन एंड युशू को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री - इंटरनेशनल अवार्ड दिया गया।
- उल्लेखनीय है कि मयूर कला केंद्र के तत्वावधान व युवा कला व खेल मंत्रालय के सौजन्य से आयोजित दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन करीब डेढ़ दर्जन फिल्में दिखाई गईं। उसके बाद ज्यूरी ने परिणामों की घोषणा की।
- वहीं पैनल डिस्कशन में देश-विदेश से आए कलाकरों ने लोगों के साथ अपना अनुभव साझा करते हुए नाटक साहित्य और सिनेमा के बारे में जानकारी दी।
- विदित कि सारण इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल बिहार का पहला और एकमात्र इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल है।
राजस्थान Switch to English
बीकानेर में 1 नवीन संस्कृत विद्यालय और प्रदेश के 18 संस्कृत विद्यालय होंगे क्रमोन्नत
चर्चा में क्यों?
14 मई, 2023 राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीकानेर ज़िले में 1 नवीन संस्कृत विद्यालय खोलेने और राज्य के विभिन्न ज़िलों के 18 संस्कृत विद्यालयों के क्रमोन्नयन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
प्रमुख बिंदु
- इसमें विभिन्न ज़िलों के 5 संस्कृत प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में, 8 संस्कृत उच्च प्राथमिक विद्यालयों तथा 5 प्रवेशिका (माध्यमिक) संस्कृत विद्यालयों को वरिष्ठ उपाध्याय में क्रमोन्नत किया जाएगा।
- विदित है कि राज्य सरकार संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये नए विद्यालय की स्थापना और विभिन्न विद्यालयों को क्रमोन्नत करने का प्रयास कर रही है।
- राज्य सरकार के इस निर्णय से संस्कृत शिक्षा के अधिक केंद्र खुलने के साथ ही विद्यार्थियों को नज़दीक ही पढ़ने के अवसर मिलेंगे।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में बजट-2023-24 में घोषणा की गई थी।
राजस्थान Switch to English
जोधपुर शहर का 565वाँ स्थापना दिवस
चर्चा में क्यों?
12 मई, 2023 को राजस्थान के शौर्य, पराक्रम, अनुपम लोक संस्कृति और मनोहारी परंपराओं के साथ ही कई विलक्षण थातियों से भरे जोधपुर शहर का 565वाँ स्थापना दिवस विभिन्न मनोहारी एवं आकर्षक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया।
प्रमुख बिंदु
- जोधपुर स्थापना दिवस की शुरुआत रन फॉर जोधपुर के साथ हुई। इस दौरान विभिन्न लोक कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से स्थापना दिवस दौड़ को सांस्कृतिक रस-रंगों से भर दिया।
- इस अवसर पर अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने के लिये 2 अंतरराष्ट्रीय, 5 राष्ट्रीय, 11 राज्य स्तरीय और 1 लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान से हस्तियों को सम्मनित किया गया।
- रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को राव सीहाजी सम्मान से नवाज़ा गया। वहीं मिस एनी विसेंट को महाराजा सरप्रताप सिंह सम्मान से नवाज़ा गया।
- समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये रावल किशन सिंह को एवं श्रीरानी भटियाणी मंदिर संस्थान जसोल को राव जोधा जी सम्मान दिया गया।
- इस अवसर पर विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये डॉक्टर रमेश रलिया को महाराजा हनुवंत सिंह सम्मान से सम्मानित किया गया, साथ ही सामान्य नागरिकों और रक्षा कर्मों के लिये असाधारण बहादुरी के क्षेत्र में मदन सिंह को मेजर दलपत सिंह सम्मान से नवाज़ा गया।
- पारंपरिक कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये अनूप शाह को कुँवर करणी सिंह जसोल सम्मान दिया गया।
- इसी कड़ी में राजस्थानी लोक संगीत और पारंपरिक कालबेलिया क्षेत्र में कालू नाथ कालबेलिया को पदमश्री कोमल कोठारी सम्मान ,लोक संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये मरणोपरांत स्वर्गीय लीलादेवी सोमानी को महाराजा विजय सिंह सम्मान, धरोहर संरक्षण के क्षेत्र में ओंकार सिंह लखावत महाराजा मानसिंह सम्मान दिया गया।
- वहीं प्राकृतिक विरासत संरक्षण के क्षेत्र में डॉक्टर सरवन सिंह राठौड़ को महाराजा उम्मेदसिंह सम्मान, महिला सशक्तीकरण में ऐश्वर्या भाटी को राजदादीसा बदन कँवर भटियाणी सम्मान, अजीम प्रेम जी फाउंडेशन को राजमाता कृष्ण कुमारी सम्मान ,रतन सिंह राजपुरोहित को गजसिंह द्वितीय सम्मान से नवाज़ा गया, राजस्थान के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी रवि विश्नोई को युवराज शिवराज सिंह सम्मान से सम्मानित किया गया।
- इसके अलावा पत्रकारिता के क्षेत्र में मारवाड़ मैगजीन को मुथा नैंसी सम्मान प्रदान किया गया।
- राजस्थानी भाषा साहित्य को बढ़ावा देने के लिये भँवरलाल सुथार को पदमश्री सीताराम लालस सम्मान, राजस्थानी भाषा काव्य साहित्य क्षेत्र में बीकानेर के हनुमंत सिंह कीकर को नारायण सिंह भाटी मालूंगा सम्मान तथा सुरेंद्र सिंह को मरणोपरांत राजाराम मेघवाल सम्मान से सम्मानित किया गया।
- आज़ादी से पहले कानून और न्याय क्षेत्र में योगदान के लिये वरिष्ठ अधिवत्ता लेखराज नेता को लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान दिया गया।
- उल्लेखनीय है कि राठौर वंश के प्रमुख राव जोधा ने वर्ष 1459 में जोधपुर की स्थापना की थी। इस शहर का नाम उनके नाम पर ही रखा गया है। इसे पहले मारवाड़ के नाम से जाना जाता था।
- जोधपुर में ज्यादातर घर नीले रंग से रंगे हुए है. इसलिये इस शहर को ‘ब्लू सिटी’या ‘सन सिटी’भी कहा जाता है।
- जोधपुर शहर के स्थापना दिवस को लेकर हर साल भव्य कार्यक्रम का आयोजन के साथ सम्मान समारोह व अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। इन कार्यक्रमों में अलग-अलग क्षेत्रों में विशेष व उल्लेखनीय काम करने वालों को सम्मानित किया जाता है। इस कार्यक्रम का आयोजन जोधपुर के महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थानों में से एक मेहरानगढ़ दुर्ग में किया जाता है।
मध्य प्रदेश Switch to English
‘एक सप्ताह-एक प्रयोगशाला’कार्यक्रम का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
14 मई, 2023 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कॉउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के एडवांस्ड मैटेरियल्स एंड प्रोसेस रिसर्च इंस्टिट्यूट (सी.एस.आई.आर.-एंम्प्री) के सभागार में ‘एक सप्ताह-एक प्रयोगशाला’का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- एक सप्ताह-एक प्रयोगशाला कार्यक्रम उद्देश्य प्रयोगशाला के शोध को आमजन तक पहुँचाना है।
- एक सप्ताह-एक प्रयोगशाला कार्यक्रम आत्म-निर्भर भारत निर्माण की सार्थक पहल है। कार्यक्रम से भावी पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में योगदान की प्रेरणा मिलेगी।
- इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सी.एस.आई.आर एंम्प्री की गतिविधियों पर केंद्रित फिल्म का प्रदर्शन और वन वीक वन लैब पुस्तिका का लोकार्पण किया साथ ही संस्थान द्वारा उद्यम के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिये दस्तावेज़ का विनिमय भी किया गया।
- सी.एस.आई.आर. एंम्प्री के इस सप्ताह के दौरान 14 से 18 मई तक अलग-अलग तरह के 10 कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि रीजनल रिसर्च लेबोरेटरी के रूप में 14 मई 1981 को सी. एफ.आई.आर.एम्प्री संस्थान की नई दिल्ली में स्थापना हुई थी, जिसे वर्ष 1983 में भोपाल स्थानांतरित कर दिया गया। वर्ष 2007 में भविष्यवादी दृष्टिकोण के साथ संस्थान का पुनर्गठन किया गया।
मध्य प्रदेश Switch to English
गौ-रक्षा संकल्प सम्मेलन
चर्चा में क्यों?
12 मई, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर गौ-रक्षा संकल्प सम्मेलन का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शहरी क्षेत्रों एवं सभी विकासखंड के लिये 406 पशु चिकित्सा एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
- इन एम्बुलेंस में एक पशु चिकित्सक और सहायक उपलब्ध होंगे। आपात स्थिति में पशुओं के इलाज के लिये टोल फ्री नं. 1962 जारी किया गया है।
- विदित है कि पूर्व में बीमार पशुओं को अस्पताल तक ले जाना बड़ी समस्या होती थी। एम्बुलेंस के आने से पशु चिकित्सालय स्वयं पशुपालक के द्वार पर उपस्थित होगा।
- गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में गौ-वंश की हत्या पर प्रतिबंध लगाया गया है। गौ-हत्या करने वाले को 7 साल की सजा और अवैध परिवहन पर कारावास का प्रावधान है। गौ-वंश के अवैध परिवहन में लिप्त वाहनों को राजसात किया जाएगा।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को गाय पालने के लिये 900 रुपए प्रतिमाह दिये जाएंगे। इस माह 22 हज़ार किसानों को योजना की किस्त जारी की जाएगी। जनजातीय भाई-बहनों को गौ-पालन के लिये गाय खरीदने पर 90 प्रतिशत सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी।
- विदित है कि गाय के गोबर से सीएनजी बनाने के प्रोजेक्ट पर जबलपुर में कार्य जारी है। प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर गोवर्धन प्लांट स्थापित कर गोबर खरीदने की व्यवस्था की जाएगी, इससे सीएनजी निर्मित होगी।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ-शालाओं में बनाए जाने वाले प्राकृतिक पेंट का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर के शासकीय भवनों में करने की नीति बनाई जाएगी। इससे गोबर और गौ-मूत्र के व्यवसाय को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रदेश में 8 गौ-सदन और दो गौ-वंश वन्य विहार विकसित किये जाएंगे। इनके संचालन का जिम्मा गौ-सेवक संस्था को सौंपा जाएगा।
- गौ-शालाओं के सुचारू प्रबंधन के उद्देश्य से 4-5 ग्राम पंचायतों के लिये एक बड़ी गौशाला विकसित की जाएगी। प्राथमिक तौर पर प्रदेश में कुछ स्थानों पर मॉडल के रूप में ऐसी गौ-शालाएँ विकसित की जाएंगी। इन गौ-शालाओं की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी कोई संस्था ले सकती है और संस्था को राज्य शासन द्वारा वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
- गौ-शालाओं की समस्याओं के त्वरित समाधान और उनके बेहतर प्रबंधन के लिये ज़िला स्तर पर अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
हरियाणा Switch to English
डबवाली बनेगा हरियाणा का अब नया पुलिस ज़िला
चर्चा में क्यों?
14 मई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नशे की बुरी आदत पर रोक तथा नशा तस्करों पर सख्ती के लिये आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में राज्य के सिरसा ज़िले का उपमंडल डबवाली का नया पुलिस ज़िला बनाने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि ज़िला पुलिस के प्रमुख वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) होते हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के अतिरित्त पुलिस प्रशासन में कई पुलिस अधीक्षक (एसपी)/अतिरित्त पुलिस अधीक्षक (एडीएल एसपी) भी सम्मिलित होते हैं। ज़िले को कई पुलिस क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जिसका नेतृत्व क्षेत्राधिकारी द्वारा किया जाता है।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डबवाली की अनाज मंडी को विस्तार देने के लिये हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की 6.8 एकड़ भूमि भी हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड को देने के लिये स्वीकृति प्रदान की।
हरियाणा Switch to English
राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति की बैठक का आयोजन
चर्चा में क्यों?
- 12 मई, 2023 को हरियाणा कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के अतिरित्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- अतिरित्त मुख्य सचिव ने बैठक में ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ को किसान हितैषी बनाने के लिये खरीफ 2023 से रबी 2025-26 तक लागू करने हेतु महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए, जिससे योजना को प्रदेश के लोगों के लिये अधिक सरल तथा पारदर्शी बनाया जा सके।
- बैठक में तकनीकी के प्रयोग को महत्त्वता देते हुए तकनीकी समर्थन हेतु हरसैक को विभाग का तकनीकी भागीदार नियुत्त करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया तथा आगामी सत्र के लिये जारी होने वाले टेंडर में किसानों की शिकायतें पोर्टल के माध्यम से लेने का प्रावधान किया जाएगा।
- योजना की पारदर्शिता को मद्देनजर रखते हुए अतिरित्त मुख्य सचिव द्वारा फसल कटाई प्रयोगों की विडियोग्राफी तथा स्थानीय आपदा के सर्वे/फसल कटाई प्रयोगों में आपत्ति करने का समय 72 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे तथा बीमा कंपनी के लिये 48 घंटे से बढ़ाकर 96 घंटे करने की सिफारिश की।
- इस बैठक में योजना के तहत सम्मिलित फसलों की बीमित राशि भी तय की गई। जिसका विवरण प्रकार निम्न दिया गया है:&
राशि रुपए प्रति हैक्टेयर |
|||||||
खरीफ |
रबी |
||||||
फसल |
2023-24 |
2024-25 |
2025-26 |
फसल |
2023-24 |
2024-25 |
2025-26 |
धान |
96371 |
101190 |
106249 |
गेंहूँ |
72896 |
76541 |
80368 |
बाजरा |
46456 |
48779 |
51218 |
सरसों |
48927 |
51373 |
53942 |
मक्का |
49421 |
51892 |
54487 |
जौं |
46456 |
48779 |
51218 |
कपास |
98595 |
103525 |
108701 |
चना |
35830 |
37682 |
39503 |
मूंग |
43243 |
45405 |
47675 |
सूरजमूखी |
49421 |
51892 |
54487 |
झारखंड Switch to English
झारखंड की 50 पंचायतें बनेंगी मॉडल
चर्चा में क्यों?
14 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड की 50 पंचायतों को मॉडल बनाने के लिये राज्य के पंचायती राज विभाग ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।
प्रमुख बिंदु
- इन पंचायतों को मॉडल बनाने के लिये झारखंड सरकार का पंचायती राज विभाग केरला इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन (कीला) के साथ एमओयू करेगा।
- इस कार्य में पंचायती राज विभाग, झारखंड सिविल सोसाइटी (सीएसओ) का भी सहयोग लेगा।
- गौरतलब हे कि ‘कीला’पंचायतों को आइएसओ सर्टिफिकेट भी देता है। केंद्र सरकार ने इसके लिये कीला को अधिकृत किया है।
- इसके अतिरित्त कीला द्वारा पंचायती राज के जन प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के लिये कोर्स और मॉड्यूल भी डिजाइन किया जाएगा।
- पंचायतों की प्राथमिक सुविधा का आकलन किया जाएगा। कीला डाटा कलेक्शन, जल सुविधा, स्वास्थ्य सुविधा और आंगनबाड़ी सेंटर में उपलब्ध सुविधा की जानकारी लेगा। इसके सुधार के उपाय की जानकारी देगा।
- क्षमता विकास के लिये संयुत्त रूप से कार्यशाला, सेमिनार और फैकल्टी विकास कार्यक्रम का आयोजन होगा। चयनित जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों का एक्सपोजर विजिट कराया जाएगा। पंचायतों में जल संरक्षण, आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा आदि क्षेत्र में सहयोग किया जाएगा।
- केरल में पर्यावरण, सामाजिक, आर्थिक सुविधा व तकनीकी पर उपलब्ध संसाधन के उपयोग की जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दी जाएगी।
- कीला पंचायतों को आइएसओ प्रमाणपत्र दिलाने लायक तैयार करने के लिये 30 हज़ार रुपए लेता है। यह प्रमाणपत्र तीन साल तक मान्यता प्राप्त रहता है। इसमें पंचायतों की पूरी व्यवस्था दुरस्त की जाती है। पंचायतों में उपलब्ध सेवा को सुदृढ़ किया जाता है। कार्यालय रखरखाव को दुरुस्त किया जाता है। फाइलों और अन्य सामानों के रखरखाव की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाता है।
- पहले चरण में 50 पंचायतों को आइएसओ प्रमाणपत्र दिलाने के लिये चिह्नित किया जा रहा है। इसमें वैसे पंचायतों को चुना जा रहा है, जहाँ मुखिया या उनकी व्यवस्था एक्टिव हो। इसके लिये सीएसओ से भी सहयोग का आग्रह किया गया है। दूसरे चरण में इसकी संख्या बढ़ायी जाएगी। इसमें कीला का सहयोग लिया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि झारखंड के विधायकों और सीएसओ फोरम के सदस्यों ने हाल ही में केरल का दौरा किया था और वहाँ की पंचायती राज व्यवस्था की जानकारी ली थी
झारखंड Switch to English
झारखंड नेत्र सोसाइटी को देश की सर्वश्रेष्ठ नेत्र सोसाइटी का सम्मान
चर्चा में क्यों?
14 मई, 2023 को केरल के कोच्चि शहर में स्थित लूलू बोल्गटेी इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित 80वें वार्षिक सम्मेलन में ऑल इंडिया नेत्र सोसाइटी ने झारखंड नेत्र सोसाइटी को बेस्ट स्टेट सोसाइटी के राष्ट्रीय अवार्ड से नवाज़ा है।
प्रमुख बिंदु
- मेट्रोमैन ई श्रीधरन और ऑल इंडिया नेत्र सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ हरबंश लाल एवं पूर्व अध्यक्ष डॉ ललित वर्मा के हाथों से झारखंड नेत्र सोसाइटी की साइंटिफिक कमेटी की मैनेजिंग कमेटी मेंबर सह चेयरपर्सन डॉ. भारती कश्यप ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
- झारखंड नेत्र सोसाइटी को अति विशिष्ट ट्रॉफी वैज्ञानिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों के लिये प्रदान की गई है।
- डॉ. भारती कश्यप ने बताया कि इसके लिये झारखंड से मैनेजमेंट कमेटी सदस्यों को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नेत्र चिकित्सा के पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के प्रशिक्षण, ग्लूकोमा, नेत्रदान, मोतियाबिंद, डायबिटिक रेटिनोपैथी आदि के लिये जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया।
- राज्य के जिन संस्थानों एवं नेत्र चिकित्सकों ने अपने कार्यों से देश भर की संस्थाओं को प्रभावित किया है, उनमें कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल, बोकारो जेनरल हॉस्पिटल, गांधीनगर हॉस्पिटल, सीसीएल और राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) राँची शामिल हैं। डॉ एनडी मिश्रा, डॉ पिंकी पाल, डॉ. राशि श्याम, डॉ. विवेक केडिया, डॉ. विनय गुप्ता ने सराहनीय काम किये हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
द्वितीय विश्व मल्लखंब चैंपियनशिप में अबूझमाड़ के तीन खिलाड़ियों ने जीता स्वर्ण पदक
चर्चा में क्यों?
13 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के नारायणपुर ज़िले के अबूझमाड़ के 3 मल्लखंब खिलाड़ियों-संतोष शोरी, संताय पोटाई व जयंती कचलाम ने भूटान में आयोजित द्वितीय वर्ल्ड मल्लखंब चैंपियनशिप में भारत की राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलते हुए स्वर्ण पदक जीते हैं।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि इस चैंपियनशिप का आयोजन 9 से 12 मई, 2023 तक भूटान में किया गया।
- इस चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ के तीनों ही खिलाड़ियों ने बालक और बालिका वर्ग की टीम चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। संतोष शोरी ने राष्ट्रीय बालक टीम और संताय पोटाई व जयंती कचलाम ने राष्ट्रीय बालिका टीम की ओर से चैंपियनशिप में हिस्सा लिया।
- विदित है कि अबूझमाड़ भारत का ऐसा जनजातीय क्षेत्रों से एक है जिसे आज भी अनछुआ माना जाता हैं, यहाँ के लोगों की जीवनशैली जंगल से जुड़ी है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ल्ड मल्लखंब चैंपियनशिप में भारत, जापान, अमरीका, साउथ अफ्रीका, ब्राज़ील, बहरीन आदि कई देशों के 200 से ज्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
- संतोष शोरी ने नारायणपुर के देवगाँव, पोर्टा केबिन स्कूल में कक्षा पाँचवी (2017) से मल्लखंब का अभ्यास शुरू किया, 2020 बिलासपुर इन्विटेशनल नेशनल चैंपियनशिप में उन्हें पहला स्वर्ण पदक मिला। इसके बाद सितंबर 2021 में उज्जैन में आयोजित प्रतियोगिता में 2 मेडल भी प्राप्त किये।
- इन्होनें 2022 जून को आयोजित खेलो इंडिया में 1 काँस्य पदक, 2022 अक्टूबर को गुजरात में आयोजित नेशनल गेम्स में 1 काँस्य पदक, 2023 फरवरी को आयोजित खेलो इंडिया में 2 काँस्य पदक भी प्राप्त किये। संतोष शोरी ने अब तक राज्य व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कुल 18 पदक जीते हैं।
- इसी तरह संताय पोटाई राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर 17 पदक जीत चुकी हैं। जयंती कचलाम कक्षा 12वीं की छात्रा हैं, वे पिछले 4 वर्षों से मल्लखंब का अभ्यास कर रही हैं और अब तक राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर कुल 14 पदक जीत चुकी हैं।
- इन खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर भारत की राष्ट्रीय टीम में उनका चयन हुआ।
छत्तीसगढ़ Switch to English
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के सात अस्पतालों को प्रदान किया एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन
चर्चा में क्यों?
12 मई, 2023 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के दूरस्थ वनांचल में स्थित सुकमा ज़िला अस्पताल को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं के लिये राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण पत्र तथा बेहतर प्रसूति सुविधाओं के लिये लक्ष्य (LaQshya) प्रमाण पत्र से नवाज़ा है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य के 7 शासकीय अस्पतालों को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र प्रदान किया है। इनमें 3 ज़िला चिकित्सालय, 2 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 1 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 1 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर शामिल है।
- गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम द्वारा इस वर्ष जनवरी से अप्रैल माह के बीच इन अस्पतालों का निरीक्षण कर मरीजों के लिये उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘मुस्कान’कार्यक्रम के अंतर्गत कवर्धा ज़िला चिकित्सालय और ‘एनक्यूएएस’कार्यक्रम के तहत दुर्ग ज़िला चिकित्सालय को भी राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र जारी किया है।
- मुंगेली ज़िले के खपरीकला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और गरियाबंद के खड़मा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ बिलासपुर के राजकिशोर नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी यह प्रमाणपत्र जारी किया गया है।
- बस्तर अंचल में ही स्थित देश के पहले हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बीजापुर ज़िले के जांगला को भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिये राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है। पाँच साल पहले इस हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का शुभारंभ किया गया था।
- उल्लेखनीय है कि सुकमा और बीजापुर जैसे दूरस्थ अंचलों में स्थित शासकीय अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाणपत्र एवं लक्ष्य प्रमाणपत्र मिलना इस बात का संकेत है कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ सभी क्षेत्रों तक पहुँच रही हैं।
- सुकमा ज़िला चिकित्सालय को ‘एनक्यूएएस’कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में 93 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं, वहीं ‘लक्ष्य’कार्यक्रम के तहत लेबर रूम के मूल्यांकन में 93 प्रतिशत और मैटरनिटी ओटी के मूल्यांकन में 87 प्रतिशत अंक मिले हैं।
- जांगला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को 80 प्रतिशत, खपरीकला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 81 प्रतिशत, खड़मा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 84 प्रतिशत और राजकिशोर नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 85 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं।
- स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में दुर्ग ज़िला अस्पताल ने 88 प्रतिशत और कवर्धा ज़िला अस्पताल ने 93 प्रतिशत अंक हासिल किये हैं।
- ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व भारत सरकार के विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है।
- इनमें उपलब्ध सेवाएँ, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।
उत्तराखंड Switch to English
मुख्यमंत्री ने किया हाथीबड़कला में श्री अन्न महोत्सव 2023 का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
13 मई, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून ज़िले के हाथीबड़कला स्थित सर्वे स्टेडियम में श्री अन्न महोत्सव 2023 का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- चार दिन तक चलने वाले श्री अन्न महोत्सव में प्रदेशभर से हज़ारों किसान प्रतिभाग कर रहे हैं।
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मिलेट्स पर आधारित विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया एवं कृषि विभाग उत्तराखंड की पौष्टिक फसलों पर आधारित पुस्तक ‘स्वाद के साथ स्वास्थ्य’ का विमोचन किया।
- यह आयोजन ‘श्री अन्न’को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा। इस तरह के आयोजनों से न केवल मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे किसानों को भी मोटे अनाजों से संबंधित आवश्यक जानकारियाँ प्राप्त होंगी।
- उल्लेखनीय है कि देश में वर्ष 2023 को ‘मिलेट्स ईयर’के रूप में मनाया जा रहा है तथा भारत के प्रस्ताव पर ही ‘संयुत्त राष्ट्र संघ’ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है।
- उत्तराखंड राज्य सरकार प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र में मिलेट की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये सरकारी योजनाओं के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित करने और रोज़गार उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है।
- राज्य के पर्वतीय ज़िलों के कृषकों से मंडवा, झिंगोरा, चौलाई जैसे मोटे अनाजों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही है साथ ही, किसानों को इसका ऑनलाइन भुगतान भी किया जा रहा है। इससे न सिर्फ किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है बल्कि मिलेट उत्पादों के उत्पादन हेतु किसान प्रोत्साहित भी हो रहे हैं।
- प्रदेश में सरकार द्वारा मिलेट फसलों को प्रोत्साहन तथा आम जनमानस के भोजन में सम्मिलित करने हेतु लगभग 73 करोड़ रुपए की धनराशि स्टेट मिलेट मिशन को दी गई है।
- जैविक कृषि के साथ-साथ राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन योजना का क्रियान्वयन प्रदेश के 11 जनपदों में इस वर्ष से आरंभ किया जा रहा है। इसके लिये भारत सरकार द्वारा 6400 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 796 लाख के कृषि मिशन कार्यक्रम के संचालन की स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है।
- जैविक खेती के क्षेत्र में भी राज्य में अच्छा कार्य करने के लिये उत्तराखंड को लगातार दो साल प्रथम पुरस्कार मिला है।
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मुख्यमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र से जुडे उद्यमियों एवं व्यापारियों को प्रदान किया ‘हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म एक्सीलेंस अवार्ड’
चर्चा में क्यों?
13 मई, 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक न्यूज चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों एवं व्यापारियों को ‘हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म एक्सीलेंस अवार्ड’प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न पर्यटन व्यवसायियों के साथ मीडिया से बेहतर समन्वय तथा जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी प्रचार-प्रसार में योगदान के लिये महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी तथा वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में योगदान के लिये सुशांत पटनायक को भी सम्मानित किया।
- विदित है कि पर्यटन की दृष्टि से पूरा उत्तराखंड ही एक डेस्टिनेशन है तथा राज्य को विभिन्न सर्किटों के माध्यम से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। यहाँ पर्यटन के साथ एडवेंचर टूरिज्म एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों में भी प्रदेश में अनेक संभावनाएँ हैं।
- राज्य के नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटन, उद्योग एवं व्यापार की यहाँ अपार संभावनाएँ हैं। हेमकुंट साहिब एवं गौरीकुंड से केदारनाथ तक के रोपवे का शिलान्यास कर दिया गया है इससे आने वाले समय में यात्रा और सुगम होगी। ऑल वेदर रोड के निर्माण तथा ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाईन निर्माण से पहले के मुकाबले यात्री बेहद कम समय में ऋषिकेश से चार धाम पहुँचेंगे।
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