एनएमएनएच और राज्य संग्रहालय, लखनऊ ने पर्यावरण शिक्षा और संरक्षण के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये | उत्तर प्रदेश | 15 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
12 अप्रैल, 2023 को राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच), नई दिल्ली और राज्य संग्रहालय, लखनऊ ने जनता के बीच पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण शिक्षा की दिशा में मिलकर कार्य करने के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
प्रमुख बिंदु
- इस समझौता ज्ञापन पर राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय की निदेशक नाज रिजवी और राज्य संग्रहालय, लखनऊ के निदेशक डॉ. आनंद कुमार सिंह ने पर्यटन भवन, गोमती नगर, लखनऊ में हस्ताक्षर किये।
- इस एमओयू के तहत प्रकृति के प्रति जागरूकता जगाने हेतु स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिये कार्यक्रम आयोजित करने के बहुआयामी प्रयास किये जाएंगे।
- राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच):
- इसकी स्थापना देश की प्राकृतिक विरासत पर जागरूकता को चित्रित करने और बढ़ावा देने के लिये भारत की स्वतंत्रता की रजत जयंती समारोह के दौरान राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में से एक के रूप में की गई थी।
- पर्यावरण शिक्षा के लिये समर्पित यह संस्थान मुख्य रूप से विषय-आधारित प्रदर्शनी दीर्घाओं, अनुभवात्मक संसाधन केंद्रों जैसे कि डिस्कवरी कक्ष, गतिविधि कक्ष और शैक्षिक एवं आउटरीच गतिविधियों से संपन्न है।
- इसका उद्देश्य देश की समृद्ध प्राकृतिक विरासत और प्राकृतिक इतिहास (भू-विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और जीव विज्ञान) को चित्रित करना है।
- राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देना है।
- एक राष्ट्रीय संस्थान के रूप में, राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय का दायित्व पूरे देश में पर्यावरण जागरूकता पैदा करना और संरक्षण शिक्षा को बढ़ावा देना है।
- इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये एनएमएनएच ने देश के दक्षिणी, मध्य, पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों में अपने चार क्षेत्रीय संग्रहालयों के माध्यम से अपनी सेवाओं और अपने दृष्टिकोण को एक राष्ट्रव्यापी आउटरीच के लिये विस्तारित किया है। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में एक आगामी क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किया जाएगा।
- राज्य संग्रहालय, लखनऊ
- राज्य का एक प्रतिष्ठित और सबसे पुराना बहुउद्देश्यीय संग्रहालय है जिसमें पुरातत्त्व, प्राकृतिक इतिहास, सजावट, कला और मुद्राशास्त्र से संबंधित कलाकृतियों का अद्भुत संग्रह है।
- कलाकृतियों के संरक्षण, प्रदर्शन, अनुसंधान और प्रकाशन के साथ-साथ, संग्रहालय समय-समय पर अस्थायी/स्थायी प्रदर्शनी दीर्घाओं, तकनीकी अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये कार्यशालाओं, बुद्धिजीवियों/शोधकर्त्ताओं के लिये सेमिनार, कला प्रशंसा पाठ्यक्रम और अन्य शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है।
- राज्य संग्रहालय, लखनऊ देश के अन्य संग्रहालयों के सहयोग से देश और दुनिया की समृद्ध विरासत के संदर्भ में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से कार्य करता है।
शिक्षा के क्षेत्र में देश के टॉप पाँच ज़िलों में शेखपुरा पहले और पूर्णिया दूसरे स्थान पर | बिहार | 15 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नीति आयोग द्वारा जारी आकांक्षी ज़िलों की डेल्टा रेटिंग में शिक्षा सेगमेंट में देश के टॉप पाँच ज़िलों में बिहार का शेखपुरा ज़िला पहले और पूर्णिया ज़िला दूसरे स्थान पर रहा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि शिक्षा के क्षेत्र में देश के टॉप पाँच आकांक्षी ज़िलों की लिस्ट में बिहार और झारखंड के ज़िलों के नाम रहे हैं। झारखंड के गिरीडीह, बोकारो और पूर्वी सिंहभूम क्रमश: तीसरे, चौथे और पाँचवें नंबर पर रहे।
- नीति आयोग द्वारा जारी की जाने वाली आकांक्षी ज़िलों की डेल्टा रेटिंग के शिक्षा सेगमेंट में मुख्य रूप से पढ़ाई, लाइब्रेरी, स्कूलों की संरचना, छात्रों के लिये उपलब्ध सुविधा आदि पर ध्यान दिया जाता है। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र में स्कूलों में उपलब्ध पेयजल और टॉइलेट की सुविधा पर भी ध्यान दिया जाता है।
- हालाँकि, नीति आयोग द्वारा फरवरी 2023 की जारी चैंपियन ऑफ चेंज की डेल्टा रैंकिंग के ओवर ऑल सेगमेंट में बिहार का एक भी ज़िला नहीं है।
- वहीं, स्वास्थ्य और पोषण के टॉप पाँच ज़िलों में झारखंड के साहिबगंज पहले और बोकारो-दूसरे स्थान पर है।
- देश के अल्पविकसित 112 ज़िलों में वर्ष 2018 से चल रहे आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम में बिहार के 13 ज़िले हैं। इन ज़िलों के बीच बेहतर काम हो, इसके लिये प्रति महीना इन ज़िलों के विकास के निर्धारित पैमाने पर रैंकिंग की जाती है।
- विदित है कि केंद्र सरकार देश के आकांक्षी ज़िलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा व वित्तीय स्थिति और आधारभूत अवसंरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों को विकसित करने पर विशेष राशि देती है।
बजट 2023-24 की घोषणाओं के क्रियान्वयन के संबंध में आरटीडीसी की बैठक आयोजित | राजस्थान | 15 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को राजस्थान के जयपुर में पर्यटन भवन स्थित कार्यालय में प्रदेश के बजट 2023-24 की घोषणाओं के क्रियान्वयन के संबंध में राजस्थान पर्यटन विकास निगम की बैठक आयोजित की गई।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन सुविधाओं का निरंतर विस्तार करते हुए पर्यटकों को विशेष पर्यटन सेवाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये ढोला मारू टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स बनाने की घोषणा की अनुपालना में भूमि के चिह्नीकरण और डीपीआर का कार्य पूर्ण हो चुका है। टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स बनने से जैसलमेर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हॉस्पिटैलिटी, डेजर्ट स्टे, होटल, कैम्पिंग साइट्स, नाइट पार्क, मनोरंजन पार्क आदि सुविधाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेंगी।
- प्रदेश में गोल्फ पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु बजट वर्ष 2023-24 घोषणा में उदयपुर, जोधपुर, अजमेर-पुष्कर, माउंट आबू एवं अलवर में बनने वाले गोल्फ कोर्स के लिये आरटीडीसी द्वारा ईओआई जारी की गई। राज्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गोल्फ कोर्ट बनने से राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय गोल्फ प्रतियोगिताओं के लिये डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होने के साथ ही हाई स्पेंडिंग टूरिज्म के क्षेत्र में अग्रणी बन सकेगा।
- बजट घोषणा की अनुपालना में जयपुर, उदयपुर, जोधपुर एवं अजमेर में एमआईसीई (मीटिंग, इन्सेन्टिव, कान्फ्रेंस, एक्जीबिशन) सेंटर्स की स्थापना के लिये आरटीडीसी द्वारा ईओआई जारी की गई है।
- राजस्थान प्रदेश कांफ्रेंस एवं वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है एवं एमआईसीई सेंटर्स की स्थापना से प्रदेश को इस क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।
- राज्य की पर्यटन सुविधाओं में वाटर बेस्ड पर्यटन गतिविधियों के रूप में नया अध्याय जोड़ने की मंशा से 6 स्थानों को ईको-एडवेंचर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें जयपुर का कानोता बांध, भरतपुर का बंध बारेठा बांध, जोधपुर का कायलाना व सुरपुरा बांध, पाली का हेमावास बांध, झुन्झुनु का कोट बांध शामिल हैं। इसके संबंध में भी ईओआई जारी की गई है तथा त्वरित रूप से कार्य पूर्ण करने के लिये निर्देश दिये गए हैं।
- अजमेर की फॉयसागर झील पर वाटर टूरिज्म गतिविधियाँ एवं कोटा के चंबल फ्रंट पर क्रूज संचालित करने की योजना है।
- बैठक में बजट 2023-24 घोषणा में शामिल पुष्कर का अंतर्राष्ट्रीय कैंप सिटी के रूप में विकास एवं पुष्कर विकास प्राधिकरण के लिये कार्ययोजना की भी विस्तृत जानकारी दी गई।
‘एनआरआई क्लब-21’ के निर्माण कार्य हेतु लगभग 30 करोड़ रुपए की प्रशासनिक, वित्तीय तथा तकनीकी स्वीकृति जारी | राजस्थान | 15 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को राजस्थान आवासन आयुक्त और ‘एनआरआई क्लब- 21’ के अध्यक्ष पवन अरोड़ा ने जयपुर में ‘एनआरआई क्लब- 21’ को क्रियाशील करने के लिये गठित कार्यकारी समिति की बैठक में बताया कि प्रदेश के प्रतिष्ठित ‘एनआरआई क्लब- 21’ के निर्माण हेतु लगभग 30 करोड़ रुपए की प्रशासनिक, वित्तीय तथा तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि ‘एनआरआई क्लब- 21’ की मेंबरशिप के लिये लगभग 700 लोगों ने आवेदन किया था, जिससे मंडल को लगभग 25 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।
- क्लब को क्रियाशील करने, आवश्यक निर्माण एवं विकास कार्य सहित अन्य सुविधाओं को विकसित एवं सुसज्जित करने के लिये मंडल स्तर पर प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है तथा आगामी दिनों में इसका तेजी से निर्माण और सुसज्जा का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
- ‘एनआरआई क्लब- 21’ जयपुर ही नहीं प्रदेश का अनूठा और अत्याधुनिक सुविधाओं से युत्त क्लब होगा जहाँ सदस्यों को गुणवत्ता युक्त समय व्यतीत करने का मौका मिलेगा। अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों के आधार पर विकसित होने वाले इस क्लब हाउस में 25 कमरे बनाए जाएंगे, जहाँ बार, ऑल वेदर स्विमिंग पूल के साथ अन्य सुविधाएँ विकसित की जाएंगी।
- निजी सहभागिता के आधार पर ही यहाँ साजसज्जा, फर्नीचर्स सहित जरूरी सुविधाएँ विकसित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री करेंगे यूनेस्को की उप-क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ | मध्य प्रदेश | 15 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यूनेस्को, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, भारतीय पुरातत्त्व संरक्षण और पर्यटन विभाग मध्य प्रदेश शासन द्वारा संयुक्त रूप से भोपाल में विश्व विरासत पर उप-क्षेत्रीय सम्मेलन (सब-रीजनल कॉन्फ्रेंस) का 17 अप्रैल को शुभारंभ करेंगे।
प्रमुख बिंदु
- शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन के लिये भोपाल पहुँच रहे प्रतिनिधि 16 अप्रैल को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल साँची का भ्रमण करेंगे। 17 एवं 18 अप्रैल को कई सत्र आयोजित किये जाएंगे।
- भारत सहित भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका एवं देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि विश्व विरासत स्थलों के संरक्षण के क्षेत्र में उपलब्धियों, चुनौतियों एवं आगामी रणनीति जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।
- कॉन्फ्रेंस में अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर विश्व धरोहरों के संरक्षण की दिशा में पिछले 50 वर्षों की उपलब्धियों और अगले 50 वर्षों के संबंध में मंथन होगा, जिसका केंद्र विश्व विरासत और सतत् विकास, विश्व विरासत और सतत पर्यटन, विश्व विरासत और वैश्विक रणनीति, ऐतिहासिक शहरी परिदृश्य जैसे विषय होंगे।
- सम्मेलन में सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा और स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये एक एकीकृत दृष्टिकोण पर मंथन होगा।
- उल्लेखनीय है कि नवंबर 2022 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज कन्वेंशन की 50वीं वर्षगाँठ मनाई गई थी। गत 50 वर्षो में सांस्कृतिक विरासत का अर्थ ‘स्मारक केंद्रित’से परिवर्तित होकर ‘लोक केंद्रित’(People Centric) एवं ‘समग्र दृष्टिकोण’(Holistic approach) पर केंद्रित हो चुका है। ऐतिहासिक नगर, औद्योगिक विरासत, ऐतिहासिक मार्ग, ऐतिहासिक परिदृश्य इत्यादि नए आयाम जुड़ चुके हैं।
- मध्य प्रदेश ने यूनेस्को के साथ मिलकर इस दिशा में अनेक प्रयास किये हैं जिनमें HUL (ग्वालियर एवं ओरछा) प्रोजेक्ट, 4 ऐतिहासिक/पर्यटन स्थलों का यूनेस्को विश्व धरोहरों की संभावित सूची में चयन आदि मुख्य हैं। HUL प्रोजेक्ट हेतु यूनेस्को द्वारा साउथ एशिया देशों में प्रथम बार ग्वालियर एवं ओरछा का चयन कर अनुशंसा की गई।
राज्यपाल ने रेडक्रॉस के चलित स्वास्थ्य सेवा वाहन का किया शुभारंभ | मध्य प्रदेश | 15 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन में भारतीय रेडक्रास सोसायटी के चलित चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा वाहन का शुभारंभ हरी झंडी दिखाकर किया।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि रेडक्रॉस म.प्र. राज्य शाखा द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर स्वास्थ्य सेवा वाहन का संचालन भोपाल में किया जा रहा है।
- रेडक्रास राज्य शाखा के चेयरमेन डॉ. गगन कोल्हे ने बताया कि चलित स्वास्थ्य सेवा वाहन के उपयोग से भोपाल महानगर के दूरस्थ अंचल की बस्तियों में नियमित स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे।
- सेवा वाहन द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण के साथ संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों के लिये जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
- वाहन से स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु आवश्यक सामग्री का भी वितरण किया जाएगा।
ग्वालियर में स्थापित होगी प्रदेश की पहली हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी और एयरोपोनिक्स लैब | मध्य प्रदेश | 15 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि प्रदेश की पहली हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी और एयरोपोनिक्स लैब की स्थापना ग्वालियर में होगी।
प्रमुख बिंदु
- किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, राज्य कृषि विपणन बोर्ड और उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग की संयुक्त कार्य-योजना में सम्मिलित हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी और एयरोपोनिक्स लैब की स्थापना के बारे में मंत्रालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
- राज्य मंत्री कुशवाहा ने बताया कि उद्यानिकी विभाग के प्रस्ताव पर भोपाल में फ्लावर डोम निर्माण को भी जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसके लिये कार्य-योजना तैयार की गई है।
- राज्य मंत्री कुशवाहा ने कहा कि लैब का कार्य अगले माह के पहले सप्ताह में शुरू किया जाएगा। उन्होनें कृषि, मंडी बोर्ड एवं उद्यानिकी और खाद्य प्र-संस्करण विभाग के समन्वय से योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिये कहा। साथ ही चेन फेंसिंग योजना को भी जल्द शुरू करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने किया सिदोकोफ्ड का शुभारंभ | झारखंड | 15 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिदो-कान्हू जयंती समारोह पर सिदो कान्हू कृषि एवं वन उत्पाद संघ (सिदोकोफ्ड) का विधिवत शुभारंभ किया। यह अभियान 10-12 मई तक चलेगा।
प्रमुख बिंदु
- सिदो कान्हू कृषि एवं वन उत्पाद संघ (सिदोकोफ्ड) के तहत पैक्स-लैम्पस के लिये नए सदस्य बनाए जाएंगे। खेतीबाड़ी करने वाले लोग भी इसका सदस्य बन सकते हैं।
- इस समय पैक्स-लैम्पस में 14 लाख सदस्य हैं। अगले एक महीने में अभियान चलाकर इसकी संख्या 28 लाख करने का लक्ष्य है।
- निबंधन सहयोग समिति के अध्यक्ष मृत्युंजय वर्णवाल ने कहा कि राज्य में पैक्स व लैम्पस को मजबूत करने का काम चल रहा है। 2022 में सदस्यों की संख्या 10 से बढ़ाकर अब 14 लाख किया गया है। 511 प्रज्ञा केंद्र से लैम्पस व पैक्स को जोड़ा गया है। 2 हज़ार पैक्स लैम्पस को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा हैं।
- राज्य के प्रत्येक ज़िले में एक पीडीएस शॉप लैम्पस व पैक्स को दिया जाएगा। लैम्पस-पैक्स के सभी आँकड़े डिजिटल होंगे ताकि गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे।
मुख्यमंत्री ने जगदलपुर में ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’का किया शुभारंभ | छत्तीसगढ़ | 15 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के लाल बाग में आयोजित ‘भरोसे का सम्मलेन’में विशिष्ट अतिथि प्रियंका गांधी की उपस्थिति में ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस योजना के तहत आदिवासी पर्व एवं त्यौहारों के गरिमामय आयोजन के लिये राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को अनुदान दिये जाने का प्रावधान है।
- योजना के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री ने बस्तर संभाग के 1840 ग्राम पंचायतों को प्रथम किश्त के रूप में 5-5 हज़ार रुपए की अनुदान राशि जारी की।
- इस योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष दो किश्तों में 10 हज़ार रुपए की राशि मिलेगी।
- योजना का उद्देश्य:
- ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’के तहत अनुसूचित क्षेत्र के ग्रामों में जनजातियों के उत्सवों, त्यौहारों के मेला, मड़ई, जात्रा पर्व, सरना पूजा, देवगुड़ी, नवाखाई, छेरछेरा, अक्ती, हरेली आदि उत्सवों, त्यौहारों, संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रति वर्ष 10,000 रुपए की अनुदान राशि दो किश्तों में जारी की जाएगी।
- मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि का उद्देश्य आदिवासियों के तीज त्यौहारों की संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करना एवं इन त्यौहारों, उत्सवों को मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परंपराओं का अभिलेखन करना है।
- योजना का क्रियान्वयन: योजना की इकाई ग्राम (गाँव) होंगे। योजना के लिये नोडल एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत होंगे। योजना के क्रियान्वयन के लिये ग्राम स्तरीय शासी निकाय एवं अनुभाग स्तरीय शासी निकाय का गठन किया जाएगा। निकाय का स्वरूप निम्नानुसार होगा-
- ग्राम स्तरीय शासी निकाय में संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच अध्यक्ष होंगे। गायता, पुजारी, सिरहा, गुनिया, बैगा सदस्य होंगे। ग्राम स्तरीय शासी निकाय में ग्राम के दो बुजुर्ग, दो महिला, ग्राम कोटवार, पटेल और ग्राम पंचायत के सचिव सदस्य होंगे।
- जनपद स्तरीय शासी निकाय में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अध्यक्ष होंगे और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत इसके सदस्य सचिव होंगे। जनपद पंचायत के अध्यक्ष, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार इसके सदस्य होंगे।
- ग्राम में कौन-कौन से त्यौहारों में इस राशि का उपयोग किया जाना है इसका निर्धारण ग्राम स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। जनपद स्तर पर इस योजना के क्रियान्वयन की निगरानी एवं समन्वय हेतु जनपद स्तरीय शासी निकाय उत्तरदायी होगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 26 जनवरी, 2023 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर आदिवासी समाज की संस्कृति और पर्वों की परंपरा के संरक्षण के लिये ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’की घोषणा की थी।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में इस योजना के लिये 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह योजना छत्तीसगढ़ के समस्त अनुसूचित क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति विकासखंड) में लागू होगी।
उत्तराखंड में ‘ए-हेल्प’कार्यक्रम की शुरुआत | उत्तराखंड | 15 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
13 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे ऑफ इंडिया ऑडिटोरियम, देहरादून में राज्य में ‘ए-हेल्प’(पशुधन उत्पादन के स्वास्थ्य और विस्तार के लिये मान्यता प्राप्त एजेंट) कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा परिकल्पित ए-हेल्प योजना के अंतर्गत महिलाओं को दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन से संबंधित गतिविधियों को मजबूती प्रदान करने के लिये चुना गया है।
- ‘ए-हेल्प’(A-HELP- Accredited Agent for Health and Extension of Livestock Production) कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित ए-हेल्प कार्यकर्त्ता पशुओं में विभिन्न संक्रामक रोगों की रोकथाम करने, राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) के अंतर्गत कृत्रिम गर्भाधान, पशुओं की टैगिंग और पशु बीमा में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे।
- उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार सामाजिक-आर्थिक उत्थान हेतु महिला शत्ति का समावेशन और भागीदारी सुनिश्चित करने का एक अतुलनीय उदाहरण होगा।
- उत्तराखंड के पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पशुधन क्षेत्र महिलाओं के लिये बहुत ही महत्त्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है लेकिन अभी तक इसमें संस्थागत समर्थन की कमी थी। इस अंतर को ए-हेल्प कार्यक्रम के शुभारंभ के साथ पूरा किया जाएगा।
- समुदाय आधारित कार्यकर्त्ताओं का यह नया बैंड, जिन्हें पशुधन उत्पादन के स्वास्थ्य और विस्तार के लिये मान्यता प्राप्त एजेंट (ए-हेल्प) के रूप में नामित किया गया है, स्थानीय पशु चिकित्सा संस्थानों और पशुधन मालिकों के बीच रित्तता को भरने और प्राथमिक सेवाएँ प्रदान करने के लिये तैयार किया गया है।
- आरजीएम के अंतर्गत, पशुधन नस्ल सुधार कार्यक्रम का आयोजन बड़ी संख्या में प्रशिक्षित ए-हेल्प कार्यकर्त्ताओं की सहायता से किया जाएगा, जो अतिरिक्त प्रशिक्षण प्राप्त कर कृत्रिम गर्भाधान करवाने में दिल्चस्पी रखते हैं।
- ए-हेल्प कार्यकर्त्ता पशुधन बीमा योजना को लागू करने के साथ-साथ अन्य मध्यवर्तनों में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिसके लिये उन्हें योजना के प्रावधानों के अनुसार पारिश्रमिक प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें कुछ आमदनी और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में भी सहायता मिलेगी।
- उल्लेखनीय है कि पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने ग्रामीण विकास विभाग (डीओआरडी), सरकार के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके इस नई पहल की शुरुआत की है।
- ए-हेल्प कार्यकर्त्ताओं की प्राथमिक जिम्मेदारी गाँव में पशुधन आबादी की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करना है।
- इस कार्यक्रम को मध्य प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों और पशु सखियों सहित 500 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।