नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 15 Mar 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
राजस्थान Switch to English

जयपुर में लो कॉस्ट सेंसर नेटवर्क और मोबाइल एप लॉन्च

चर्चा में क्यों?

  • 14 मार्च, 2022 को राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की अध्यक्ष वीनू गुप्ता ने मंडल कार्यालय से जयपुर शहर में लो कॉस्ट सेंसर नेटवर्क और इसके मोबाइल ऐप को लॉन्च किया।

प्रमुख बिंदु

  • राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल तथा आईआईटी कानपुर के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर शहर में 40 अलग-अलग स्थानों पर लो कॉस्ट सेंसर्स स्थापित किये गए हैं।
  • इन सेंसर्स से न केवल शहर में प्रदूषण के हॉट स्पॉट के बारे में पता चलेगा, बल्कि उस स्थान विशेष पर प्रदूषण के कारणों की भी मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
  • इन सेंसर्स के माध्यम से शहर की हवा की गुणवत्ता के बारे में बृहद् जानकारी मिलेगी, जिसके आधार पर अन्वेषण कर वायु प्रदूषण कम करने के लिये बेहतर योजनाएँ बनाई जा सकेंगी।
  • इन सेंसर्स से प्राप्त डाटा वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के माध्यम से आमजन को भी उपलब्ध होगा। इस डाटा को नियमित रूप से संबंधित विभागों को भी भेजा जाएगा, ताकि सभी के समन्वय से शहर में प्रदूषण नियंत्रण के लिये उपयुक्त निर्णय लिये जा सकें और दीर्घकालिक विकास के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
  • जयपुर में 5 जगहों- यादगार, राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल क्षेत्रीय कार्यालय वीकेआई, सचिवालय, सांगानेर एयरपोर्ट तथा प्रदूषण नियंत्रण मंडल कार्यालय परिसर झालाना में सेंसर्स के साथ डिस्प्ले बोर्ड भी स्थापित किये जाएंगे। इन बोर्ड्स पर धूल कण, सूक्ष्म धूल कण एवं वायु गुणवत्ता सूचकांक आमजन के लिये प्रदर्शित किया जाएगा।
  • ये सेंसर्स कम लागत के होने के साथ-साथ आकार में छोटे तथा इन्स्टॉलेशन में आसान हैं। इनकी मॉनिटरिंग भी आसान होती है, जबकि मैन्यूअल स्टेशन आकार में बड़े होने के अलावा लागत में अधिक होते हैं तथा उनके संचालन एवं रखरखाव में भी अधिक सावधानी रखनी पड़ती है।
  • उल्लेखनीय है कि आईआईटी कानपुर द्वारा एरिक्सन इंडिया के वित्तीय सहयोग से लार्ज स्केल मल्टी सिटी डेन्स अरबन आईओटी रीयल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग नेटवर्क इन इंडिया प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। इसके तहत जयपुर के अतिरिक्त कन्याकुमारी, चेन्नई तथा गुवाहाटी में लो कॉस्ट सेंसर्स लगाए गए हैं।

मध्य प्रदेश Switch to English

मातृ एवं शिशु मृत्यु दर एवं कुपोषण को कम करने हेतु टास्क फोर्स गठित

चर्चा में क्यों?

  • 14 मार्च, 2022 को मध्य प्रदेश राज्य शासन द्वारा मातृ मृत्यु दर, नवजात शिशु मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर एवं कुपोषण को कम करने के उद्देश्य से पूर्व में गठित टास्क फोर्स के स्थान पर नई टास्क फोर्स गठित की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • अर्थशास्त्री एवं प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद की पूर्व सदस्य प्रो. शमिका रवि नवगठित टास्क फोर्स की अध्यक्ष होंगी, जबकि अपर मुख्य सचिव (लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) टास्क फोर्स के सचिव होंगे।
  • टास्क फोर्स में अपर मुख्य सचिव महिला एवं बाल विकास, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रोफेसर हेड कम्युनिटी न्युट्रिशन इंटरमीडिएट फेलो, डीबीटी/वेलकम ट्रस्ट इंडिया एलायंस इंडियन आईआईपीएच दिल्ली और डॉ. रमेश अग्रवाल एम्स, नई दिल्ली को सदस्य बनाया गया है।
  • अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी लोकेश शर्मा को सदस्य सचिव नियक्त किया गया है।
  • टास्क फोर्स मध्य प्रदेश राज्य नीति आयोग एवं योजना आयोग के साथ समन्वय कर कार्य करेगी।
  • टास्क फोर्स की बैठक माह में एक बार अथवा आवश्यकतानुसार आयोजित की जाएगी।
  • टास्क फोर्स मातृ नवजात शिशु मृत्यु दर एवं कुपोषण (स्टंटिंग) में कमी लाने के लिये प्रस्तावित हस्तक्षेप तथा संभावित प्रभाव की रिपोर्ट राज्य शासन को 30 जून, 2022 तक प्रस्तुत करेगी।
  • टास्क फोर्स को आवश्यक सहयोग प्रदान करने के लिये अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान तकनीकी सचिवालय के रूप में कार्य करेगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

एशिया का सबसे बड़ा समुद्री फॉसिल्स पार्क मनेंद्रगढ़ में बनेगा

चर्चा में क्यों?

  • 14 मार्च, 2022 को राज्य वन विभाग ने बताया कि एशिया का सबसे बड़ा और छत्तीसगढ़ का पहला समुद्री फॉसिल्स पार्क कोरिया ज़िले के मनेंद्रगढ़ में बनाया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस पार्क की नींव रखेंगे। इस पार्क को मेरिन फॉसिल्स पार्क नाम दिया गया है।
  • प्रस्तावित पार्क आमाखेरवा इलाके में हसदेव और हसिया नदी के संगम पर लगभग 1 किमी. क्षेत्र में विकसित किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि आमाखेरवा में समुद्री फॉसिल्स होने की जानकारी वर्ष 2012 में मिली थी। वर्ष 2015 में बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पैलियोबॉटनी, लखनऊ के विशेषज्ञों ने यहाँ 25 करोड़ साल पुराने समुद्री फॉसिल्स की पुष्टि की थी।
  • वन विभाग द्वारा 2015 में ही फॉसिल्स वाले हिस्सों की घेराबंदी कर हेरिटेज के रूप में विकसित कर दिया गया था।
  • आमाखेरवा क्षेत्र में हसदेव नदी के बीच करीब एक किमी. का क्षेत्र समुद्री जीवों और वनस्पतियों के जीवाश्म से भरा हुआ है। यहाँ बाइवाल्व मोलस्का, युरीडेस्मा और एवीक्युलोपेक्टेन आदि समुद्री जीवों के जीवाश्म मौजूद हैं। इनके अलावा पेलेसिपोड्स, गैस्ट्रोपोड्स, ब्रेकियोपोड्स, ब्रायोजोअन्स और क्रिएनड्स प्रजाति के जीव भी हैं।

उत्तराखंड Switch to English

बंशीधर भगत प्रोटेम स्पीकर नियुक्त

चर्चा में क्यों?

  • 14 मार्च, 2022 को उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने चौथी विधानसभा को भंग कर नवनिर्वाचित विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत को पांचवी निर्वाचित विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया।

प्रमुख बिंदु

  • राज्यपाल ने संविधान के अनुच्देद 180 (1) के तहत बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है।
  • प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत नई विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे तथा सदन के निर्वाचित सदस्यों में से एक नए अध्यक्ष के चुने जाने तक अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे।
  • उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बंशीधर भगत कालाढूंगी से विधायक निर्वाचित हुए हैं तथा सातवीं बार विधायक बने हैं।
  • बंशीधर भगत राज्य के छठे प्रोटेम स्पीकर होंगे। ये पहली बार 1991 में अविभाजित उत्तर प्रदेश विधानसभा में नैनीताल से विधायक बने थे।
  • बंशीधर भगत ने उत्तर प्रदेश सरकार में खाद्य व रसद राज्यमंत्री, पर्वतीय विकास मंत्री तथा वन राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला था।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow